कुत अव्यय शब्द का सही अर्थ क्या होगा? - kut avyay shabd ka sahee arth kya hoga?

Sanskrit Vyakaran Avyay PDF ( संस्कृत व्याकरण अव्यय ) : दोस्तो आज इस पोस्ट मे संस्कृत व्याकरण (Sanskrit Grammar) के अव्यय  टॉपिक का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे । यह पोस्ट सभी शिक्षक भर्ती परीक्षा व्याख्याता (School Lecturer), द्वितीय श्रेणी अध्यापक (2nd Grade Teacher), REET 2021, RPSC, RBSE REET, School Lecturer, Sr. Teacher, TGT PGT Teacher, 3rd Grade Teacher आदि परीक्षाओ के लिए महत्त्वपूर्ण है । अगर पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे ।

RBSE REET 2021 : Important Links
RBSE REET 2021 Notification Click Here
RBSE REET 2021 Syllabus Click Here
RBSE REET 2021 Admit Card Click Here
RBSE REET Question Papers Click Here
RBSE REET Answer Key Click Here
RBSE REET Study Materials Click Here
REET 2021 Telegram Group Click Here

Sanskrit Vyakaran Avyay PDF ( संस्कृत व्याकरण अव्यय )

संस्कृत भाषा में शब्द के दो प्रकार हैं- विकारी और अविकारी। जो शब्द विभक्ति-प्रत्यय-उपसर्ग से मिलकर रूप परिवर्तन करते हैं वे ‘विकारी’ इस शब्द से निर्देशित किये जाते हैं। अविकारी तो कभी भी रूप परिवर्तन नहीं करते हैं। ये अव्यय शब्द कहे जाते हैं। अर्थात् इन शब्दों में लिङ्ग, वचन, कारक आदि के सम्बन्ध से रूप परिवर्तन नहीं होता है, वे अव्यय पद हैं।

अव्ययों के अन्त में आये हुए ‘र’ और ‘स्’ वर्गों के स्थान पर विसर्ग प्रयुक्त किया जाता है ।

अव्ययों के दो प्रकार हैं-

  1. पहला अधिकार रूढम् अथवा अव्युत्पन्नम् है। जैसे- च, वा, विना, पृथगादीनि धातु से अव्युत्पन्न हैं।
  2. दूसरा अधिकार यौगिक अथवा व्युत्पन्न है। पठितुम् आदि धातु से व्युत्पन्न कृदन्त अव्यय हैं।

तद्धित अव्ययों के भेद

  • विभक्ति बोधकानि – कुतः, ग्रामतः, कुत्र अत्रादीनि ।
  • कालबोधकानि – यदा, कदा, सर्वदादीनि ।
  • प्रकोरबोधकानि – यथा, तथा, कथम्, इत्थम्, द्वेधादीनि।
  • विविधानि – अनेकशः पञ्चत्व आदीनि ।

Sanskrit Vyakaran Avyay PDF ( संस्कृत व्याकरण अव्यय )

1. कालवाचक अव्यय एवं उनके उदाहरण भेद एवं अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. यदा जब
2. तदा तब
3. कदा कब
4. सदा / सर्वदा हमेशा
5. अधुना अब / आजकल
6. इदानीम इस समय
7. सम्प्रति अब
8. साम्प्रतम् इन दिनों
9. अद्य आज
10. ह्य: बीता कल
11. स्व: आनेवाला कल
12. ऐसम् इस साल
13. परुत् परसाल(Last Year)
14. सायम् संध्या के समय / शाम को / शाम में
15. प्रात: सुबह
16. शीघ्रम् जल्द ही
17. दिवा दिन में
18. नक्तम् रात में
19. परश्व: परसों
20. बहुधा अक्सर
21. संभवत: शायद
22. चिरम् / चिरात् / चिरेण / चिराय / चिरस्य देर से
23. एकदा एक बार / एक दिन
24. कदाचित् कभी

2. स्थान वाचक अव्यय एवं उनके उदाहरण भेद एवं अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. यत्र यहां
2. तत्र वहाँ (there)
3. कुत्र / क्व कहाँ
4. अत्र यहाँ
5. सर्वत्र सब जगह
6. अन्त: भीतर
7. बहि: बाहर
8. अंतरा मध्य
9. उच्चै जोर से
10. नीचै: / अध: नीचे
11. समया /
निकषा / पार्श्वे
नजदीक
12. अन्यत्र दूसरी जगह
13. आरात् पास या दूर
14. तत: वहाँ से
15. इतस्तत: इधर – उधर
16. अभित: सामने
17. अग्रे / पुरत: आगे
18. परित: चारो ओर

Sanskrit Vyakaran Avyay PDF ( संस्कृत व्याकरण अव्यय )

3. रीति वाचक अव्यय एवं उनके उदाहरण भेद एवं अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. शनै: धीरे
2. पुन:/
भूय:/ मुहु:
फ़िर
3. यथा जैसे
4. तथा वैसे
5. सहसा /
अकस्मात्
अचानक
6. सम्यक् ठीक से
7. असक्रत बार-बार
8. कथञ्चित् /
कथञ्चन
किसी प्रकार
9. अजस्रम् लगातार
10. इत्यम् इस प्रकार
11. एवम् इस प्रकार

4. परिमाण वाचक अव्यय एवं उनके उदाहरण भेद एवं अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. किञ्चित् थोडा
2. यावत् जितना
3. तावत् उतना
4. न्यूनतम् थोडा
5. प्रकामम् अधिक
6. सामि आधा-आधी
7. नाना अनेक
8. ईषत् थोडा / कुछ
9. अलम् पर्याप्त / बेकार
10. केवलम् केवल
11. क्रतम् वस / काफी
12. भ्रशम् अधिकाधिक

5. प्रश्न वाचक अव्यय एवं उनके उदाहरण भेद एवं अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. कदा कब
2. अथ् किम् हाँ तो क्या
3. किमर्थम् किसलिये
4. क्व / कुत्र कहाँ
5. कुत: कहाँ से
6. कथम् क्यों
7. किम् क्या

2. समुच्चयबोधक अव्यय (Conjunction)

समुच्चयवोधक अव्यय वे शब्द होते हैं जो अव्यय शब्द, पदों या वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं।

कुछ समुच्चयबोधक अव्यय एवं उनके अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. च / तथा और
2. हि /यत: क्योंकि
3. वा / अथवा या
4. यत् कि
5. अपि भी
6. अत: इसलिए
7. तु तो
8. यदि / चेत् अगर
9. तदा तो
10. परम् / परन्तु / किन्तु लेकिन
11. यद्यपि हालाँकि
12. तथापि फिर भी
13. अपितु बल्कि
14. अन्यथा नहीं तो
15. किंवा अथवा
16. अपरञ्च और भी
17. तर्हि तो

Sanskrit Vyakaran Avyay PDF ( संस्कृत व्याकरण अव्यय )

3. संबन्धबोधक अव्यय (Preposition)

संबन्धबोधक अव्यय वे शब्द होते हैं जो वाक्य के अन्तर्गत संबन्ध भाव को दर्शाते हैं।

कुछ संबन्धबोधक अव्यय एवं उनके अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. यावत् जतक
2. तावत् तबतक
3. पर्यन्तम् पर्याप्त तक
4. अन्तरा / बिना बिना (without)
5. यथा-यथा जैसे-जैसे
6. तथा-तथा वैसे-वैसे
7. प्रत्युत् उल्टे
8. युगपत् एक साथ
9. समन्तात् चारो ओर से

4. विस्मयाधिबोधक अव्यय (Interjection)

विस्मयाधिबोधक अव्यय वे शब्द होते हैं जो वाक्य में विस्मय, निराशा, घ्रणा, आदर, सुख-दुख, हर्ष-विषाद आदि भावो को दर्शाते हैं।

कुछ विस्मयाधिबोधक अव्यय एवं उनके अर्थ

# अव्यय अर्थ
1. हा, हा-हा, अहह अवसादसूचक
2. अहो, बत् निराशा और आश्चर्यसूचक
3. अरे, रे, रे-रे अनादर या सामान्य सूचक संबोधन
4. हा, हन्त, धिक् घ्रणाबोधक
5. साधु, अतीव शोभनम् वाह / बहुत अच्छा
क्र.सं. विषय-सूची Download PDF
1 वर्ण विचार व उच्चारण स्थान Click Here
2 संधि – विच्छेद Click Here
3 समास Click Here
4 कारक एवं विभक्ति Click Here
5 प्रत्यय Click Here
6 उपसर्ग Click Here
7 शब्द रूप Click Here
8 धातु रूप Click Here
9 सर्वनाम Click Here
10 विशेषण – विशेष्य Click Here
11 संख्या ज्ञानम् Click Here
12 अव्यय Click Here
13 लकार Click Here
14 माहेश्वर सूत्र Click Here
15 समय ज्ञानम् Click Here
16 विलोम शब्द Click Here
17 संस्कृत सूक्तय Click Here
18 छन्द Click Here
19 वाच्य Click Here
20 अशुद्धि संषोधन Click Here
21 संस्कृत अनुवाद Click Here
22 संस्कृत शिक्षण विधियां Click Here
23 Download Full PDF Click Here

“दोस्तों यदि आपको हमारे द्वारा उपलब्ध करवाई गई पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करना ।। ये पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताए। ।।। धन्यवाद”

अव्यय का दूसरा नाम क्या है?

अविकारी शब्द वे होते हैं जिनमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण परिवर्तन नहीं होता। इसी कारण इन शब्दों को 'अव्यय' भी कहा जाता है।

संस्कृत में अव्यय शब्द क्या है?

अव्यय संस्कृत में – Avyay In Sanskrit वचनेषु च सर्वेषु यन्न व्येति तदव्ययम्॥ अर्थात् तीनों लिंगों में, सभी विभक्तियों और सभी वचनों में जो समान ही रहता है, रूप में परिवर्तन नहीं होता, वह अव्यय होता है।

अव्यय को क्या कहते हैं?

अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो'। हिन्दी अव्यय: जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।

आम् अव्यय का क्या अर्थ हैं?

आम् अव्य॰ [सं॰] अंगीकार, स्वीकृति और निश्चयसूचक शब्द । हाँ ।