Chapter 1 Vah Chidiya Jo Class 6th Important (Extra) Questions and Answer from Vasant Bhaag I1. वह चिड़िया जो... Show मुझे अन्न से बहुत प्यार है| 1. चिड़िया रूचि से क्या खाती है? उत्तर चिड़िया रूचि से दूध भरे जुंडी के दाने खाती है| 2. कवि ने चिड़िया को क्या कहा है और क्यों? उत्तर कवि ने चिड़िया को संतोषी कहा है क्योंकि थोड़े-से दानों में संतोष कर लेती है| 3. चिड़िया के पंख कैसे हैं? उत्तर चिड़िया के पंख नीले हैं| 4. चिड़िया को किससे प्यार है? उत्तर चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है| 2. वह चिड़िया जो... मुझे विजन से बहुत प्यार है| 1. चिड़िया किसके लिए गाती है? उत्तर चिड़िया बूढ़े वन बाबा के लिए गाती है| 2. इन पंक्तियों में चिड़िया ने अपनी क्या विशेषता बताई है? उत्तर इन पंक्तियों में चिड़िया ने बताया है कि वह मधुर स्वर में गाती है| 3. चिड़िया को किससे प्यार है? उत्तर चिड़िया को विजन से प्यार है| 3. वह चिड़िया जो... मुझे नदी से बहुत प्यार है| 1. 'जल का मोती' का प्रयोग यहाँ किसके लिए किया गया है? उत्तर 'जल का मोती' का प्रयोग यहाँ जल की बूँद के लिए किया गया है| 2. चिड़िया जल का मोती कैसे लाती है? उत्तर चिड़िया जल का मोती चोंच में लाती है| 3. चिड़िया को गर्वीली क्यों कहा गया है? उत्तर चिड़िया जल से भरी उफनती नदी के बीच से भी पानी की बूंदो को चोंच में भर कर ले आती है। यह साहसिक काम के कारण चिड़िया को गर्वीली कहा गया है| (क) बूढ़े वन-बाबा की खातिर उत्तर छोटी चिड़िया जंगल में घूम-घूम कर ऊँचे और मधुर स्वर में गाने गाती है| उसके सारे गीत अपने वन यानी अपने घर को समर्पित हैं जहाँ वह स्वछंदता से रहती है| (ख) चढ़ी नदी का दिल टोटलकर छोटी चिड़िया जल से भरी उफनती नदी के बीच से जल का मोती यानी पानी की बूंदों को अपने चोंच में भरकर लाती है और अपनी प्यास को शांत करती है| प्रश्नोत्तर उत्तर चिड़िया खाने में दूध भरे ज्वार के दाने पसंद करती है| 2. चिड़िया किसका दिल टोटलती है? उत्तर चिड़िया जल से भरी उफनती नदी का दिल टोटलती है| 3. कविता में कैसी चिड़िया का वर्णन किया गया है? उत्तर कविता में छोटी नील पंखो वाली चिड़िया का वर्णन है जो संतोषी और साहसी है| उसे स्वछंदता से घूमना बहुत पसंद है| 4. कविता में चिड़िया की क्या-क्या विशेषता बताई गई है? उत्तर नीले पंखो वाली छोटी चिड़िया संतोषी है जिसे अन्न से बहुत प्यार है| वह वन में घूमकर ऊँचे
और मधुर स्वर में गाती है, उसे स्वछंदता पसंद है| वह उफनती नदी से पानी पीने जैसा साहसी कार्य भी करती है जिसके लिए उसे स्वयं पर गर्व है| उत्तर इस कविता के माध्यम से कवि यह सन्देश देना चाहता है कि हमें संतोषी स्वभाव का होना चाहिए, ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए| अकेले में भी हमें ख़ुशी से रहना चाहिए| साथ ही कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए और उसका डट कर मुकाबला करना चाहिए। NCERT Solutions of पाठ - 1 वह चिड़िया जो NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ (नागार्जुन) are part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter
3 हिमालय की बेटियाँ (नागार्जुन) पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास लेख से प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. इतनी कल्याणकारी होने पर भी नदियों को कल-कारखानों से निकलने वाले विष रूपी प्रदूषित जल, गंदे रसायन पदार्थ, लोगों द्वारा दूषित किया गया जल जैसे-कपड़े धोना, पशु नहलाना व अन्य कूड़ा-करकट भी अपने आँचल में ही समेटना पड़ता है। लेकिन फिर भी ये नदियाँ कल्याण ही करती हैं। ‘अपार दुख सहकर भी कल्याण’ केवल ‘माता’ ही कर सकती है। इसीलिए हम कह सकते हैं कि
काका कालेलकर का नदियों को लोकमाता की संज्ञा देना कोई अतिशयोक्ति नहीं। प्रश्न 4. लेख से आगे प्रश्न 1. प्रस्तुत कविता में नदी की गति, रूप, रंग और स्वभाव का अत्यंत सुंदर चित्रण हुआ है। नदी हिमालय से निकलती है, इसलिए इसका जल धवल, निर्मल एवं शीतल होता है। यह कलकल स्वर में गाती, बाधा विघ्नों में संघर्ष करती हुई आगे बढ़ती जाती है। समतल भूमि पर भी इसके कोमल पैर को कंकड़ पर पैदल चलना पड़ता है, फिर भी यह सदानीरा
कभी विश्राम नहीं करती। सूर्य की गरमी में जलकर भी यह हमें शीतलता प्रदान करती है। नदी की चंचलता और शीतलता देखकर कवि को आश्चर्य होता है। नदियों के जीवन का मूल उद्देश्य प्राणी मात्र का पालन करना है और एक माँ के समान समस्त जीवों का बिना किसी भेदभाव के पालन-पोषण करती हुई अपना कर्तव्य पूरा करना है। इस कविता को पढ़कर सुंदरता का आनंद तो मिलता ही है, साथ ही मानव के लिए संदेश है कि वह सदैव कार्यरत रहे। हिमालय पर कविता खड़ा हिमालय बता रहा है। उपरोक्तं कविता में हिमालय द्वारा मुसीबतों से न घबराते हुए जीवन में आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दे रहे हैं जबकि इस कविता में अपनी बेटियों द्वारा घर का त्याग कर जाने से हिमालय पछताता रहता है। प्रश्न
2. कविता-हिमालय और हम
इस कविता की तुलना यदि हम पाठ हिमालय से करें तो पाएँगे कि गोपाल सिंह नेपाली ने इस कविता में यह दर्शाया है कि हिमालय का भारतवासियों से प्राचीन काल से ही अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। भारत-धरती का मुकुट हिमालय पर्वत अपनी जड़ों को पाताल तक ले जाए हुए है। उसके धवल शिखर आकाश का चुंबन करते हैं। सुबह और शाम के समय सूर्य की लालिमा इसे चूम कर निखर उठती है। इसकी छाया सागर और गंगा के समान लंबी है। यह अचल और अडिग है। बादल और तूफ़ान इससे टकराकर अपनी हार मान लेते हैं। भारतवासियों के जीवन पर हिमालय का स्पष्ट प्रभाव है क्योंकि वे भी हिमालय की तरह आत्माभिमानी और दृढ़निश्चयी है। हिमालय से निकलने वाली गंगा की पावनधारा सभी के दुखों को समाप्त कर देती है। यही कारण है कि यहाँ गांधी जैसे कर्मठ और युगचेता महापुरुषों ने जन्म लिया है। जबकि पाठ हिमालय में लेखक नागार्जुन ने यह दर्शाया है कि हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ किस स्वरूप से हिमालय की गोद से निकलती हैं? हिमालय उनका पिता और निकलने वाली नदियाँ उसकी बेटियाँ प्रतीत होती हैं। प्रश्न 3. प्रश्न 4. अनुमान और कल्पना प्रश्न 1.
नोट-इस हेतु अधिक जानकारी इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करें व नदियों की सुरक्षा हेतु अपने सुझाव सोचिए। प्रश्न 2. भाषा की बात प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3. उत्तर- प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6. उत्तर प्रश्न 7.
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कवि ने वसंत को क्या बताया है?Answer: कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर करने के लिए अपने स्वप्निल तथा कोमल हाथ फेरना चाहता है, जिससे पुष्प चुस्त, सजग तथा महक बिखेरते हुए पुष्पित-पल्लवित हो सकेंवह उनको वसंत के मनोहर प्रभात का संदेश देना चाहता हैऐसा करते हुए कवि चाहता है कि फूल खिलकर वसंत के सौंदर्य को और भी मनोहारी बना दें।
कवि ने बनारस कविता में किसकी विशेषता का वर्णन किया है?बनारस कविता में प्राचीनतम शहर बनारस के सांस्कृतिक वैभव के साथ ठेठ बनारसीपन पर भी प्रकाश डाला गया है। बनारस शिव की नगरी और गंगा के साथ विशिष्ट आस्था का केंद्र है। बनारस में गंगा, गंगा के घाट, मंदिर तथा मंदिरों और घाटों के किनारे बैठे भिखारियों के कटोरे जिनमें वसंत उतरता है - का चित्र बनारस कविता में अंकित हुआ है।
कवि को वसंत के आने का पता कैसे चला?कवि फुटपाथ पर चलते हुए प्रकृति में आए परिवर्तनों को देखता है, तब उसे ज्ञात होता है कि वसंत आ गया है। उसे चिड़िया के कूक, पेड़ों से गिरे पीले पत्ते तथा गुनगुनी ताज़ा हवा वसंत के आगमन की सूचना देते हैं।
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