क्या आपको एंग्जायटी मेड रोज लेनी पड़ती है? - kya aapako engjaayatee med roj lenee padatee hai?

एंग्जायटी (Anxiety) इंसान के लिए घातक है! यह मस्तिष्क को चोट देने के साथ ही शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है। इस दौड़-भाग में हम लोगों की जिंदगी जैसी हो गई है उसमें एंग्जायटी (Anxiety) का होना बहुत आम बात है। रिश्तों में विश्वास की कमी, एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़, असुरक्षित महसूस करना, लड़ाई-झगड़ा, ग़लत व्यवहार, अनियमितता, समाज से दूर रहना, अपनी ही जिंदगी में लीन रहना यह सब बेचैनी के कारण हैं। एंग्जायटी (Anxiety) तो हर किसी को होती है परन्तु इसे बीमारी के तौर पर पहचानना मुश्किल है।

अगर कोई विशेष नकारात्मक विचार या परेशानी बहुत लंबे वक्त तक बनी रहे और उससे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ने लगे तो ये वाकई खतरनाक है। 

एंग्जायटी (Anxiety) अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेती है। जब हम अपनी भावनाओं को अनदेखा करते हैं तो वे हमारे दुःख का कारण बनती हैं। ठीक इसी प्रकार, नजरअंदाज किए जाने पर अवसाद एंग्जायटी (Anxiety) का रूप ले सकता है। 

इस स्थिति में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। यह घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) होते हैं। एंग्जायटी (Anxiety) के दौरे में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर व घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा उलटी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है। अगर ऐसा बार बार होता है तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें अन्यथा ये जानलेवा भी हो सकता है।

जब भी कोई विचार अपने निश्चित स्तर से आगे बढ़ जाता है तो उसे एंग्जायटी (Anxiety) कहते हैं।

विचार हमेशा एक निश्चित स्तर तक ही किये जाने चाहिए। सीमा से अधिक विचार कभी नहीं करना चाहिए। जब तक कोई भी विचार आपको परेशान ना करें तब तक वह सामान्य हैं परन्तु जब कोई विचार या सोच निश्चित स्तर से ऊपर जाकर आपको हैरान या परेशान करने लगे तब यह चिंता का विषय है।

एंग्जायटी (Anxiety) के सामान्य लक्षण- 

इस विषय पर और जानकारी के लिए आप हमारा यह वीडियो भी देख सकते है - https://bit.ly/3ykPQ1y

1.) बेवजह की चिंता करना

2.) हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना

3.) छाती में खिंचाव महसूस होना

4.) सांस फूलना

5.) लोगों के सामने जाने से डरना

6.) लोगों से बातचीत करने से डरना

7.) लिफ्ट वग़ैरह में जाने का डर कि वापस नहीं निकल पाएंगे

8.) जुनून की हद तक सफाई करना

9.) बार-बार चीजों को सही करते रहना

10.) जीवन से निराश हो जाना

11.) ये सोचने कि आप मरने वाले हैं या कोई आपको मार देगा

12.) पुरानी बातों को याद करके बेचैन होना

13.) मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना

14.) फालतू विचारों में बढ़ोतरी होना

15.) बिना कारण के बेचैनी महसूस करना

16.) गैरजरूरी चीज के प्रति बहुत लगाव होना

17.) जल्दी निराश हो जाना

18.) किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना आदि

एंग्जायटी (Anxiety) के प्रकार-

1.) सामान्य एंग्जायटी (Anxiety)

2.) अनियंत्रित जुनूनी प्रकार

3.) सामाजिक चिंता प्रकार

4.) डर या फोबिया

5.) पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर

6.) घबराहट

एंग्जायटी (Anxiety) के कारण- 

1. ज़्यादा चिंता करने लगना

छोटी सी छोटी बातों को ज़्यादा सोचना और ऐसा आप की जिंदगी में बार बार होना एंग्जायटी (Anxiety) का ही लक्षण है। इसके चलते आप खुद के महत्वपूर्ण कामों को अच्छे से नहीं कर पाते।

2. तनावपूर्ण घटनाएं 

कार्य का बोझ, तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन अथवा प्रेमिका से ब्रेकअप जैसी अविश्वसनीय घटनाएँ आदि।

3. परिवार का इतिहास

जिन व्यक्तियों के परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएँ होती रही हैं, उन्हें चिंता विकार की समस्या जल्दी हो सकती है जैसे ओसीडी विकार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकता है।

4. स्वास्थ्य से जुड़े मामले

थायरॉयड की बीमारी, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग आदि। अवसाद से पीड़ित लोग भी एंग्जायटी (Anxiety) की चपेट में आ सकते हैं। जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है। इससे कामकाज से जुड़ा तनाव बढ़ने लगता है और फिर एंग्जायटी (Anxiety) का जन्म होता है।

5. नशे का इस्तेमाल

पीड़ा, ग़म, मायूसी, उदासी व तकलीफ़ को भुलाने के लिए बहुत से लोग शराब, नशीली दवाओं और दूसरे नशों का सहारा लेने लगते हैं। यकीन मानें कभी भी ये चीज़ें एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज नहीं हो सकते हैं। नशे का इस्तेमाल समस्याओं को और बढ़ा देता है। नशे का असर खत्म होते ही फिर से वही परेशानियां बढ़ने लगती हैं। 

6. व्यक्तिव से जुड़े विकार 

कुछ लोगों को पूर्णतः के साथ काम करने की आदत होती है लेकिन जब ये पूर्णतः की जिद सनक बन जाए तो ये एंग्जायटी (Anxiety) के अधीन आ जाता है। यही जिद उन लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है। 

एंग्जायटी (Anxiety) के परिणाम-

1. उत्तेजित हो जाना

जब कोई बहुत ज्यादा परेशान होता है तो उसका सहानुभूति तंत्रिका तंत्र बहुत तेज़ काम करने लगता है जिसके कारण दिल की धड़कन बहुत तेजी से बढने लगती है, पसीना आने लगता है, हाथ पैर कांपने लगते हैं और मुंह सूखना शुरू हो जाता है।

2. घबराहट हो जाना

ज्यादा कुछ सोचने पर असहजता और घबराहट होने लगती है जो कि एंग्जायटी (Anxiety) का ही एक लक्षण है। यह बहुत हानिकारक हो सकता है। इससे पहले कि यह बढ़े, डाक्टर से मिलना ज़रूरी है। 

3. थकान हो जाना

जब हमें ज्यादा थकान महसूस होने लगे तो सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि ये सामान्य फ़ीलिंग है या किसी चिंता की वजह से हो रहा है। यदि इस थकान के कारण सिर दर्द या घबराहट है तो ये एंग्जायटी (Anxiety) का एक लक्षण है। ज़्यादा चिंता करने से नींद नही आती और तनाव बढ़ने लगता है।

4. ध्यान देने में मुश्किल होना 

शोध से पता चला है कि जो लोग ज्यादा चिंता करते हैं, उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और चिंता से याद्दाश्त पर भी असर पड़ता है।

5. चिड़चिड़ापन होना 

एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित लोग बहुत ज़्यादा चिड़चिड़े होते हैं। वे बात बात पर गुस्सा और चिड़चिड़ापन दिखाते हैं जिससे उनका सामाजिक स्तर निम्न हो जाता है। इसी वजह से वे लोगों से दूर हो जाते हैं।

6. मांसपेशियों में तनाव

मांसपेशियों में तनाव रहने लगता है। व्यक्ति को चिंता के दौरे पड़ने लगते हैं वह खुद को हर जगह असुरक्षित पाता है।

7. सोने में समस्या होना

एंग्जायटी (Anxiety) का एक लक्षण यह है कि व्यक्ति सही से सो नहीं पाता। नींद पूरी तरीके से नहीं ले पाने के कारण नींद में सोते हुए गिर जाना या आधी रात में जग जाना यह सब भी एंग्जायटी (Anxiety) के लक्षण हैं। 

8. घबराहट का दौरा पड़ना

एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित लोगों को घबराहट का दौरा पड़ने लगता है जिसके कारण दिल की धड़कन बढ़ने लगती है व पसीना आने लगता है। 

गर्भवती महिलाओं में बच्चे (भ्रूण) को सांस लेने में परेशानी होती है जिससे गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है। पीड़ित व्यक्ति सीने में जकड़न, उल्टी और ख़ुद पर संतुलन खो बैठने जैसी समस्याओं से घिर जाता है।

9. समाज से कटे रहना

जिन लोगों को ज्यादा बेचैनी होती है वो सामाजिक स्थितियों से डरते रहते हैं। उन्हें समाज में उठना बैठना अच्छा नहीं लगता है। ऐसे लोगों को लगता है कि समाज उन्हें और उनकी बातों को अहमियत नहीं देगा।

10. संतुष्टि का अभाव 

एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित इंसान कभी भी संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाता है। उसे सदा दुख का एहसास होता रहता है और वह संतुष्ट जीवन का आनंद लेने में असक्षम होता है।

एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज-

1.) व्यक्ति को चिंता किसी भी चीज से किसी भी समय हो सकती है लेकिन अगर सही समय पर उसका इलाज न किया जाए तो यह अवसाद का रूप ले सकती है और पीड़ित व्यक्ति को घबराहट और चिंता के दौरे पड़ सकते हैं।

2.) हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते है परन्तु इस समस्या की गंभीरता को कम नहीं समझना चाहिए। अगर एंग्जायटी (Anxiety) के एक भी लक्षण से आप, आपके परिवार का कोई व्यक्ति या जान पहचान का कोई इंसान पीड़ित है तो सबसे अच्छा यही है कि इलाज के लिए आप किसी अच्छे  चिकित्सक, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की मदद लें।

3.) एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज दवाओं और काउंसलिंग दोनों के मिले-जुले इस्तेमाल से बेहद आसानी से किया जा सकता है।

4.) एंग्जायटी (Anxiety) की समस्या होने पर उसका हल ये नहीं है कि आप उसे अंतिम सत्य मानकर बैठ जाएं। हिम्मत करके समस्या का सामना करें। एक न एक दिन ये एंजाइटी (Anxiety) आपसे जरूर दूर हो जाएगी।

5.) सावधान रहने और चिंता करने में बहुत अंतर है! सावधान रहने का मतलब जागृत होना है जबकि चिंता करने का मतलब विचारों को गहराई से सोचते रहना है जो आपको अंदर ही अंदर से खा जाती हैं इसलिए सावधान रहिए चिंतित नहीं।

एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने के लिए क्या खायें?

1.) पालक का सेवन करने से एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने में सहायता मिलती है। आप पालक को पीसकर उसका जूस निकालकर सेवन कर सकते हैं। पालक को सब्ज़ी के तौर पर भी खा सकते हैं। पालक में एंटी स्ट्रेस और एंटी डिप्रेसिव गुण होता हैं जो चिंता और एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने में मदद करता है।

2.) गाजर का सेवन भी चिंता को दूर करने के लिए किया जा सकता है। आप गाजर को सलाद के रूप में खा सकते हैं या उसका जूस निकाल कर भी सेवन कर सकते हैं। गाजर में विटामिन ए, सी और के पाया जाता है साथ ही पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है जो चिंता और एंग्जायटी (Anxiety) से निजात दिलाने में सहायता करता है।

3.) बादाम, लैवेंडर और मिशेलिया, अल्बा लीफ आदि के तेलों को मिलाकर सिर की मालिश करने से भी बेचैनी की परेशानी दूर होती है। तेलों के इस मिश्रण में चिंता निवारक गुण होते हैं जो घबराहट व बेचैनी को दूर करने में सहायता करते हैं।

4.) एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने के लिए जायफल भी काफी सहायता करता है। इसका पाउडर के रूप में नाश्ते व खाना बनाने के दौरान इस्तेमाल करें। जायफल का तेल मूड ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जायफल के तेल की कुछ बूंदों को रूमाल पर डालकर इसको सूंघते रहें। इससे काफी आराम मिलेगा।

“चिंता से चतुराई घटे,

दुःख से घटे शरीर,

पाप से लक्ष्मी घटे,

कह गए दास कबीर”

एंग्जायटी (Anxiety) और चिंता दोनों ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक होते हैं इसलिए ऐसी चीज़ों से दूर रहें जो एंग्जायटी (Anxiety) का कारण बनते हैं।

एंग्जायटी की दवा कितने दिन तक चलती है?

सवाल- अवसाद की दवा कितने दिन चलती है? जवाब- पहली बार अवसाद हुआ है तो दो माह में ठीक हो जाता है, लेकिन दवा लगभग नौ माह चलती है। इस बीच दवा छोडऩी नहीं चाहिए। दोबारा होगा तो दवा लंबी चल सकती है।

क्या एंजाइटी का इलाज संभव है?

हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते है परन्तु इस समस्या की गंभीरता को कम नहीं समझना चाहिए। अगर एंग्जायटी (Anxiety) के एक भी लक्षण से आप, आपके परिवार का कोई व्यक्ति या जान पहचान का कोई इंसान पीड़ित है तो सबसे अच्छा यही है कि इलाज के लिए आप किसी अच्छे चिकित्सक, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की मदद लें।

एंजायटी कैसे ठीक होती है?

एंग्‍जायटी अटैक आने पर अपनाएं ये तरीके, पल में दूर होगी मुश्किल.
​एंग्जायटी के लक्षण एंग्जायटी में आशंका या भय, किसी चीज से डर लगना, हर समय तनाव में रहना, काम में ध्यान न लग पाना, चिड़चिड़ापन महसूस होता है। ... .
एरोमाथेरेपी ... .
गिनती करें ... .
हल्के व्यायाम करें ... .
सैर करें ... .
मंत्र जाप ... .
अकेलेपन से दूर रहें ... .
एकांत जगह पर जाकर बैठ जाएं.

एंग्जायटी में क्या खाना चाहिए?

अगर कोई व्यक्ति एंग्जाइटी या डिप्रैशन से जूझ रहा है तो आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप उसे अकेला न छोड़ें । पूरी नींद लें क्योंकि आधी-अधूरी नींद भी एंग्जाइटी का कारण बन सकती है । भरेपूरे और ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फैट वाले आहार का सेवन करें । इसके अलावा अपना भोजन नियमित समय पर खाएं और पूरा खाएं, भोजन छोड़ें नहीं ।