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गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए ? ( Which God should a pregnant woman worship? )गर्भवती होना या माँ बनना किसी भी महिला के लिए एक सपने से कम नहीं होता है. सभी माताएं चाहती हैं कि उनकी संतान बहुत योग्य होता तथा आने वाले समय में उनका नाम रोशन करें. इसी कारण गर्भ धारण करने के बाद उनके मन में कई सवाल पैदा होते हैं. जैसे कि गर्भवती होने के बाद उनको कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिएं. जिससे की उनकी होने वाली संतान श्रेष्ट पैदा हो. अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएगें. किस भगवान की पूजा करनी चाहिए-भगवान की पूजा करना एक आस्था की विषय होता है. किसी भी इंसान की आस्था उसके व्यक्तिगत मत पर निर्भर करती है. आमतौर पर गर्भवती महिला के लिए शिव की पूजा को भी बहुत अच्छा माना जाता है. ऐसा बताया जाता है कि स्वामी विवेकानंद की माता जी ने भी भगवान शिव की पूजा की थी. इसके साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि शंकराचार्य के पिता ने शिव जी की तपस्या की थी. इसके बाद भगवान शिव ने प्रसन्न होकर पूछा, तुम कैसा पुत्र चाहते हो? मैं तुम्हें दीर्घायु पुत्र दूंगा, पर वह मूर्ख होगा और विद्वान पुत्र चाहते हो, तो वह अल्पायु होगा. शिवगुरु ने कहा कि उन्हें अल्पायु पुत्र मंजूर है, पर उसे विद्वान होना चाहिए. बाद में उनके घर शंकराचार्य का जन्म हुआ. गर्भवती महिला के लिए गर्भ धारण करने के बाद कई बातों को ध्यान भी रखना आवश्यकत होता है. ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिला के कमरें में कृष्ण के बाल रूप की फोटों या फिर किसी मुस्कुराते हुए छोटे बच्चे की फोटो लगाने से भी उनके घर में भी ऐसा ही बच्चा पैदा होता है. यह मनोवैज्ञानिक तौर पर भी काम करता है. यह भी पढ़ें: हिन्दू धर्म में सावन के महीने में हरा वस्त्र क्यों पहना जाता है?इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को धार्मिक किताबों के साथ साथ महापुरूषों की जीवनियों का भी अध्ययन करना चाहिएं. जिसके कारण उनकी होने वाली संतान के उपर इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc. प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं / गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए – प्रेगनेंट होना किसी भी महिला के लिए सपने से कम नहीं हैं. इस समय को महिला जी भर के जीती हैं. लेकिन हिंदू धर्म में कुछ ऐसे नियम हैं. जो प्रेगनेंट महिला के लिए वर्जित माने जाते हैं. जो भी प्रेगनेंट महिला होती हैं. वह यह चाहती है की उनकी आने वाली संतान योग्य और नाम रोशन करने वाली हो. इसलिए उनके मन में काफी सारे सवाल पैदा होते है. की उन्हें मंदिर जाना चाहिए या नहीं या फिर उन्हें भगवान की पूजा करनी चाहिए या नहीं. आदि सवाल पैदा होते हैं. इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं तथा गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगे. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहींप्रेगनेंसी में महिलाओं को मंदिर जाना चाहिए या नहीं यह एक श्रद्धा का विषय हैं. जो महिला ऐसा मानती है. की प्रेगनेंसी में मंदिर नहीं जाना चाहिए. तो वह महिला प्रेगनेंसी में मंदिर नहीं जाती हैं. और जो महिला ऐसी बातों को नहीं मानती हैं. वह प्रेगनेंसी में भी मंदिर जाती हैं. इसलिए प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं यह एक महिला के लिए श्रद्धा और विश्वास का विषय हैं. गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिएभगवान की पूजा करना एक आस्था का विषय माना जाता हैं. गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए यह उस महिला का व्यक्तिगत मामला हैं. आमतौर पर कुछ महिलाएं गर्भवती होने पर पूजा आदि करना छोड़ देती हैं. तो कुछ महिलाएं गर्भवती होने पर भी अपनी आस्था अनुसार भगवान की पूजा करती हैं. इसलिए आप भी बीना संकोच अपनी इच्छा अनुसार किसी भी भगवान की पूजा कर सकते हैं. गर्भवती महिला को शिव मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिएऐसा किसी भी धर्म ग्रंथ या पुस्तक में नहीं लिखा है की गर्भवती महिला को शिव मंदिर नहीं जाना चाहिए. अगर महिला चाहे तो वह शिव मंदिर जा सकती हैं. आमतौर पर देखा जाए तो ऐसा माना जाता है. की गर्भवती महिला को शिव मंदिर जाना चाहिए. और भगवान शिव के आशीर्वाद लेने चाहिए. गर्भवती महिला के लिए भगवान शिव के मंदिर जाना अच्छा माना जाता हैं. गर्भवती महिला हवन कर सकती है या नहींवैसे तो गर्भवती महिला अगर चाहे और उनकी तबियत साथ दे रही हैं. तो हवन में बैठ सकती हैं. कुछ महिलाएं गर्भवती होने के बाद शारीरिक रूप से कमजोर हो जाती हैं. और इस कारण लंबे समय चलने वाले हवन में बैठ नहीं पाती हैं. अगर आप गर्भवती हैं. और आपका शरीर काम कर रहा है. आप शारीरिक रूप से मजबूत हैं. तो हवन कर सकती हैं. लेकिन आप प्रेगनेंसी के कारण अपने आप को कमजोर महसूस कर रही हैं. तो हवन में नहीं बैठना चाहिए. क्योंकि हवन एक ऐसी प्रक्रिया है. जिसमें लंबे समय तक बैठना होता हैं. अगर आप लंबे समय तक बैठ सकते है. तो हवन कर सकते हैं. गर्भवती महिला को सांप क्यों नहीं काटते हैंयह एक अंधश्रद्धा है की गर्भवती महिला को सांप नहीं काटते हैं. सांप हर किसी को काट सकते हैं. इसलिए गर्भवती महिला को कभी भी ऐसा नहीं सोचना चाहिए की उन्हें सांप नहीं काटेगे. उल्टा गर्भवती महिला को सांप से बचके रहना चाहिए. इसमें मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता हैं. अगर किसी गर्भवती महिला को सांप काट ले तो बीना देरी किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं तथा गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं / गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद क्या गर्भवती महिला शिवलिंग की पूजा कर सकती है?इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने के साथ ही पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। इस व्रत को करवाचौथ से ज्यादा मुश्किल माना जाता है। ऐसे में अगर प्रेगनेंट महिला को व्रत के दौरान ज्यादा सावधानियां बरतनी चाहिए।
गर्भवती महिला को किसकी पूजा करनी चाहिए?आप गर्भवती महिला के कमरे में भगवान कृष्ण की बांसुरी और शंख भी रख सकते हैं। ऐसा करने से बच्चा शांत और हंसमुख स्वभाव का होता है।
क्या प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए?ऐसे में घर के मंदिर या गर्भवती महिला के कमरे में मोर पंख रखना ,मां और बच्चे दोनों के लिए अच्छा माना जाता है. कमरे में अगर लड्डू गोपाल जी की कोई मूर्ति होती है, तो यह भी काफी शुभ माना जाता है। उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।
गर्भवती स्त्री को कौन सा पाठ करना चाहिए?कहा कि भक्त प्रह्लाद की कथा से शिक्षा मिलती है की गर्भवती नारी जैसी वातावरण में रहती है उसी प्रकार पुत्र का संस्कार होता है। गर्भवती नारी में जबतक बालक गर्भ में रहे तबतक रामायण, भागवत,गीता आदि का अध्ययन करना चाहिए।
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