लैप्रोस्कोपी के माध्यम से गर्भाशय को कैसे हटाया जाता है? - laiproskopee ke maadhyam se garbhaashay ko kaise hataaya jaata hai?

लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy in Hindi) का उपयोग बांझपन का निदान और इलाज करने के लिए किया जाता है। साथ ही बांझपन की समस्या में लेप्रोस्कोपी की मदद से गर्भधारण होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

  • लेप्रोस्कोपी क्या है?
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कब की जाती है?
  • बांझपन के लिए लेप्रोस्कोपी
  • लप्रोस्कोपिक सर्जरी कैसे की जाती है?
  • लेप्रोस्कोपी के साइड इफेक्ट्स
  • लेप्रोस्कोपी सर्जरी के लिए मेडिकवर फर्टिलटी एक अच्छा विकल्प है।
  • क्या लेप्रोस्कोपी से आई वी एफ की सफलता में वृद्धि होती है?
  • बांझपन के लिए लेप्रोस्कोपी क्यों की जाती है?
  • लेप्रोस्कोपी की लागत कितनी है?

लेप्रोस्कोपी क्या है? (What is Laparoscopy in Hindi)

लेप्रोस्कोपी एक सर्जिकल प्रक्रिया है (Laparoscopy Meaning in Hindi) जिसमें डॉक्टर एक लेप्रोस्कोप और विशेष सर्जिकल उपकरणों को पेट में छोटा सा चीरा लगाकर अंदर डालते है।

इस सर्जरी को लेप्रोस्कोप या दूरबीन के द्वारा किया जाता है। लेप्रोस्कोप लाइट और कैमरे के साथ जुडी एक पतली फाइबर-ऑप्टिक ट्यूब होती है। यह आपके डॉक्टर को पेट के अंगों को देखने और समस्या का इलाज करने में मदद करती है।

यदि किसी महिला को बांझपन की समस्या के साथ-साथ पेल्विक दर्द हो रहा है तो ऐसे में लेप्रोस्कोपी की सलाह दी जा सकती है।

बांझपन के कारण का निदान करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery Meaning in Hindi) का सुझाव दिया जाता है। आमतौर पर, यह केवल अन्य बांझपन के टेस्ट पुरे होने के बाद किया जाता है।

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कब की जाती है?

निम्नलिखित कारणों से डॉक्टर लेप्रोस्कोपी की सलाह दे सकते हैं:

  • यौन-संबंध के दौरान दर्द होना
  • पीरियड्स के दौरान ऐंठन या पेल्विक दर्द होना
  • एंडोमेट्रियोसिस
  • पैल्विक हिस्से में किसी प्रकार की सूजन
  • अस्थानिक गर्भावस्था यानि एक्टोपिक प्रेगनेंसी
  • रसौली या अल्सर का पता लगाना
  • पेट में कैंसर का पता लगाना
  • हर्निया का इलाज

बांझपन के इलाज के लिए लेप्रोस्कोपी

बांझपन के कुछ कारणों का निदान केवल लेप्रोस्कोपी के माध्यम से किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपी टेस्ट (Laparoscopy Test in Hindi) आपके डॉक्टर को ना केवल यह देखने की अनुमति देता है कि आपके पेट के अंदर क्या है, बल्कि सिस्ट और अल्सर का पता लगाने में सहायक है।

इसके अलावा, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बांझपन के कुछ कारणों का इलाज कर सकती है, जिससे आपको स्वाभाविक रूप से या आई यू आई, आई वी एफ, आई सी एस आई जैसी असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक के साथ लेप्रोस्कोपी के बाद गर्भवती (Laparoscopy Ke Bad Pregnancy in Hindi) होने का बेहतर मौका मिल सकता है।

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग महिला बांझपन के कुछ कारणों के निदान और उपचार के लिए किया जा सकता है। उनमें से कुछ है-

  • फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज - फैलोपियन ट्यूब में किसी भी प्रकार की रूकावट का इलाज किया जाता है। जिससे आई वी एफ की सफलता दर में सुधार हो सकता है।
  • एंडोमेट्रियोसिस - इस समस्या में एंडोमेट्रियल टिशूओं में असामान्य बढ़ोतरी होने लगती है और वह गर्भाशय से बाहर फैलने लगते हैं। आई वी एफ को सफल बनाने के लिए इन टिशुओं को लेप्रोस्कोपी की मदद से हटाया जाता है।
  • फाइब्रॉएड - फाइब्रॉएड के कारण भी होने वाली बांझपन की समस्या में लेप्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है।
  • पीसीओएस - पीसीओएस की समस्या में अंडाशयों पर सिस्ट बन जाते है, जिन्हें लेप्रोस्कोपी की मदद से हटाया जाता है।

लप्रोस्कोपिक सर्जरी कैसे की जाती है?

सर्जरी के लिए आपको अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपी प्रक्रिया (Laparoscopy Process in Hindi) के दौरान मरीज़ को एनेस्थीसिया की मदद से बेहोश किया जाता है। किसी भी व्यक्ति को एनेस्थीसिया इसलिए दिया जाता है, ताकि उसे इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी तरह का दर्द महसूस ना हो।

एनेस्थीसिया को देने के बाद दवाई दी जाती है, जो मरीज़ के शरीर को इस सर्जरी के अनुकूल बनाती हैं। ये दवाईयां मुख्य रूप से किसी भी तरह के जोखिमों की संभावना को कम करने का कार्य करती हैं। फिर डॉक्टर आपके पेट पर नाभि के नीचे चीरा लगाकर एक ट्यूब डालते हैं। इस ट्यूब की मदद से पेट में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी जाती है, जिससे पेट फूल जाता है। गैस की मदद से डॉक्टर को पेट के अंगों को स्पष्ट रूप से देखने में मदद मिलती है।

इसके बाद ट्यूब के माध्यम से लेप्रोस्कोप डाला जाता है। डॉक्टर लेप्रोस्कोप के द्वारा कंप्यूटर पर दिखाई जाने वाली तस्वीर को देख कर बीमारी का इलाज करते हैं।

लेप्रोस्कोपी के साइड इफेक्ट्स (Laparoscopy Ke Side Effects in Hindi)

किसी भी शल्य प्रक्रिया की तरह, लेप्रोस्कोपी के भी कुछ जोखिम यानि साइड इफेक्ट्स हो सकते है, हालाँकि, यह जोखिम बहुत ही मामूली होते है, जैसे-

  • संक्रमण
  • कमजोरी या उल्टी जैसा महसूस होना
  • चीरा के आसपास जलन
  • बुखार
  • नस में ब्लड क्लोट्स होना

बाँझपन के लिए लेप्रोस्कोपी की सफल कहानी

मेरी शादी को 6 साल से भी ज़्यादा समय हो गया था। लेकिन फिर भी मेरा माँ बनने का सपना अधूरा था। फिर एक दिन यूट्यूब से मुझे मेडीकवर फर्टिलिटी के बारे में पता चला। अगले दिन ही हम वहां गए और डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर ने कुछ टेस्ट करवाए। उसके बाद पता चला की मुझे एंडोमेट्रियोसिस की समस्या थी जिससे गर्भधारण होने में समस्या आ रही थी। डॉक्टर ने मेरा इलाज शुरू किया। आई वी एफ ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर ने लेप्रोस्कोपी से सिस्ट को हटाया। मेडिकवेर फर्टिलिटी की मदद से मेरे माँ बनने का सपना पूरा हुआ।

लेप्रोस्कोपी सर्जरी के लिए मेडिकवर फर्टिलटी एक अच्छा विकल्प है।

मेडीकवर फर्टिलिटी यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फर्टिलिटी क्लीनिकों में से एक है। यहाँ के डॉक्टर सभी तरह के ट्रीटमेंट करने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। मेडीकवर फर्टिलिटी ने आई वी एफ और लेप्रोस्कोपी सर्जरी के संयोग से बहुत सी महिलाओं के माँ बनने के सपने को पूरा किया है।

मेडीकवर फर्टिलिटी में आपकी जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है। यदि आपको इस विषय से सबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप इस नंबर पर +917862800700 संपर्क कर सकते हैं।

FAQs

प्रश्न: क्या लेप्रोस्कोपी से आई वी एफ की सफलता में वृद्धि होती है? (Does Laparoscopy improves IVF success chances?)

उत्तर: हाँ, लेप्रोस्कोपी की मदद से गर्भाशय में किसी भी प्रकार के बांझपन के कारण का निदान व इलाज किया जा सकता है जिससे आई वी एफ की सफलता में वृद्धि होती है।

प्रश्न: बांझपन के लिए लेप्रोस्कोपी क्यों की जाती है? (Why Laparoscopy is done for infertility?)

उत्तर: लेप्रोस्कोपी से फर्टिलिटी डॉक्टर एक महिला के गर्भधारण होने में बाधा करने वाले बांझपन के कारण का पता लगा सकते हैं। सबसे आम समस्याएं हैं एंडोमेट्रियोसिस, पैल्विक आसंजन, ओवेरियन सिस्ट और गर्भाशय फाइब्रॉएड।

प्रश्न: लेप्रोस्कोपी की लागत कितनी है? (Laparoscopy Cost in Hindi)

उत्तर: भारत में लेप्रोस्कोपी की कीमत लागत ₹ 55 हज़ार से ₹ 1 लाख तक हो सकती है। इलाज की कीमत एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है क्योंकि यह समस्या की गंभीरता और उपचार के प्रकार पर निर्भर करती है।

लैप्रोस्कोपी द्वारा गर्भाशय को कैसे हटाएं?

What is laparoscopic hysterectomy in hindi? यह एक उन्नति एवं नवीनतम सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर लेप्रोस्कोप की मदद से बहुत ही छोटे आकार के कट के जरिए गर्भाशय को हटाते हैं। बच्चेदानी निकालने के लिए महिला के पेट के निचले हिस्से में आधा इंच से भी कम आकार के 3 या 4 छोटे कट किये जाते हैं।

अगर गर्भाशय को हटा दिया जाता है तो क्या होता है?

गर्भाशय निकलने के बाद इसके आसपास के अंगों में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, महिला का गर्भाशय फैलोपियन ट्यूब , आंतों, पेल्विक मसल और अंडाशय जैसे अंगों से घिरा होता है। ऐसे में शरीर से यूटरस को हटाने की प्रक्रिया में आसपास के अंगों को कुछ नुकसान हो जाता है।

गर्भाशय हटाने की सर्जरी में कितना समय लगता है?

पेट की हिस्टेरेक्टोमी (abdominal hysterectomy) आपके गर्भाशय (बच्चेदानी) हटाने के उपरांत चीरा स्टिच कर दिया जाता है। ऑपरेशन करने में लगभग एक घंटा समय लगता है और इसके लिए जनरल एनेस्थेटिक का उपयोग किया जाता है।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कैसे होती है?

-लेप्रोस्कोपी एक इनवेसिव विधि है जिसका उपयोग रोग के निदान और बांझपन की समस्या का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया में डॉक्टर महिला के पेट में दो से तीन छोटे कट लगाता है। इस प्रक्रिया के लिए एक लेप्रोस्कोप का उपयोग किया जाता है, जो बहुत ही पतला सर्जिकल उपकरण होता है जिसमें कैमरा और प्रकाश होता है।