मैं क्यों लिखता हूँ के आधार पर बताइए कि लेखक को कौन सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं? - main kyon likhata hoon ke aadhaar par bataie ki lekhak ko kaun see baaten likhane ke lie prerit karatee hain?

मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-
किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?


किसी रचनाकार को उसकी आंतरिक विवशता रचना करने के लिए प्रेरित करती है। परन्तु कई बार उसे संपादकों के दवाब व आग्रह के कारण रचना लिखने के लिए उत्साहित होना पड़ता है। कई बार प्रकाशक का तकाज़ा व उसकी आर्थिक विवशता भी उसे रचना, रचने के लिए उत्साहित करती है।

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लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?


लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता है। तो हम घटित होते हुए देखते हैं परन्तु अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात् कर लेते हैं, यह वास्तव में कृतिकार के साथ घटित नहीं होता है। वह आँखों के आगे नहीं आया होता अनुभव की तुलना में अनुभूति उसके हृदय के सारे भावों को बाहर निकालने में उसकी मदद करती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन का कार्य करना संभव नहीं है। क्योंकि यही हृदय में संवेदना जागृत करती है और लेखन के लिए मजबूर करती है। लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए लेखक, लेखन के लिए अनुभूति को अधिक महत्व देता है।

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मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?


लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है।

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लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?


लेखक हिरोशिमा के बम-विस्फोट के परिणामों को अख़बारों में पढ़ चुका था। लेखक ने अपनी जापान यात्रा के दौरान हिरोशिमा का दौरा किया था। वह उस अस्पताल में भी गया जहाँ आज भी उस भयानक विस्फोट से पीड़ित लोगों का इलाज हो रहा था। इस अनुभव द्वारा लेखक को, उसका भोक्ता बनना स्वीकारा नहीं था। कुछ दिन पश्चात् जब उसने उसी स्थान पर एक बड़े से जले पत्थर पर एक व्यक्ति की उजली छाया देखी, विस्फोट के समीप कोई व्यक्ति उस स्थान पर खड़ा रहा होगा। विस्फोट से विसर्जित रेडियोधर्मी पदार्थ ने उस व्यक्ति को भाप बना दिया और पत्थर को झुलसा दिया। इस प्रकार जैसे समूची ट्रेजडी जैसे पत्थर लिखी गई है। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय को झकझोर दिया। इस प्रकार लेखक हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बन गया।

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कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन-से हो सकते हैं?


कोई आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव, उसे हमेशा लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। फिर चाहे कुछ भी हो परन्तु इनके साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होते हैं। यह लेखक को लिखने के लिए प्रेरित करते है। यह इस प्रकार है:
1) आर्थिक लाभ की आकांक्षा
2) सामाजिक परिस्थितियाँ
3) संपादकों का आग्रह
4) विशिष्ट के पक्ष में प्रस्तुत करने का दबाव

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मैं क्यों लिखता हूँ के आधार पर बताइए कि लेखक को कौन सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती है?

वास्तव में सच्चा उत्तर यही है। लिखकर ही लेखक उस आभ्यंतर विवशता को पहचानता है जिसके कारण उसने लिखा- और लिखकर ही वह उससे मुक्त हो जाता हैमैं भी उस आंतरिक विवशता से मुक्ति पाने के लिए, तटस्थ होकर उसे देखने और पहचान लेने के लिए लिखता हूँ

मैं क्यों लिखता हूं के लेखक का क्या नाम है?

लेखक अज्ञेय ने प्रत्यक्ष अनुभव और अनुभूति में अंतर बताते हुए कहा है कि अनुभव तो घटित का होता है, पर अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उसे सत्य को मिला लेता है जो कृतिकार के साथ घटित नहीं हुआ है। आइए मैं क्यों लिखता हूं पाठ के बारे में विस्तार से जानते हैं। मैं क्यों लिखता हूँ?

लेखक िे अपिे आप को हिरोमिमा विस् फोट का भोक् ता कैसे मिसूस ककया?

रेडियम-धर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाकर उसकी छाया पत्थर पर डाल दी थी। उसे देखकर लेखक के मन में अनुभूति जग गई। उसके मन में विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य साकार हो उठा। उस समय वह विस्फोट का भोक्ता बन गया।

हिरोशिमा जाने पर लेखक को क्या प्रत्यक्ष अनुभव हुआ?

हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था परन्तु इस ज्वलंत उदाहरण ने उसके हृदय में वो अनुभूति जगाई कि लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। ये अनुभव उसका बाह्य दबाव था और अनुभूति उसका आंतरिक दबाव जो उसके प्रेरणा सूत्र बने और उस प्रेरणा ने एक कविता लिखने के लिए लेखक को प्रेरित किया।