ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को सभी 9 ग्रहों मे सेनापति का दर्जा प्राप्त है। मंगल भूमि पुत्र हैं। मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी है। आइए जानते हैं मंगल के कुंडली में होने से जातक के स्वभाव और भविष्य में क्या असर पड़ता है। Show
मंगल ग्रह से जुड़े कुछ तथ्य - मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है। - जिन लोगों की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें और बारहवें भाव में मंगल स्थित होता है ऐसे लोग मंगली होते हैं। - कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर कर्ज का बोझ बढ़ता है। जमीन से संबंधित मामलों में परेशानियां आती हैं। - मंगल के अशुभ होने से जातक के विवाह में देरी होती है। -मंगल के शुभ नहीं होने पर व्यक्ति को रक्त संबंधित बीमारियां हमेशा रहती है। कुंडली में मंगल को शुभ करने के उपाय - कुंडली से मंगल दोष को कम करने के लिए लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, लाल गुलाल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से पूजा करनी चाहिए। -कुंडली में मंगल को बली बनाने के लिए ऊँ भौमाय नम: और ऊँ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप
मंगल देव - फोटो : अमर उजाला मंगल एक क्रूर ग्रह है। यह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। इसलिए मेष और वृश्चिक राशि के लोगों को क्रोध अधिक आता है। वैदिक ज्योतिष में इसे जोश, उत्साह, ऊर्जा, क्रोध, भूमि, रक्त, लाल रंग, सैन्य शक्ति, खेलकूद आदि का कारक माना जाता है। मंगल ग्रह के कारण ही कुंडली में मांगलिक दोष पैदा होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, मंगल देव भगवान शिव के अंश हैं। मंगल देव का जन्म सृष्टि के संहारक भगवान शिव के पसीने से हुआ था। इस संबंध पौराणिक कथा इस प्रकार है। मंगल देव की उत्पत्ति से जुड़ी पौराणिक कथा भगवान शिव के अंश हैं मंगल देव उज्जैन में हुआ था मंगल देव का जन्म मंगल को ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के साहस, छोटे भाई-बहन, आन्तरिक बल, अचल सम्पति, रोग, शत्रुता, रक्त शल्य चिकित्सा, विज्ञान, तर्क, भूमि, अग्नि, रक्षा, सौतेली माता, तीव्र काम भावना, क्रोध, घृ्णा, हिंसा, पाप, प्रतिरोधिता, आकस्मिक मृत्यु, हत्या, दुर्घटना, बहादुरी, विरोधियों, नैतिकता की हानि का कारक ग्रह है. मंगल ग्रह से संबंधित अन्य तथ्य | Other important facts related to Marsमंगल के मित्र ग्रह सूर्य, चन्द्र और गुरु है. मंगल से शत्रु संम्बन्ध रखने वाला ग्रह बुध है. मंगल के साथ शनि और शुक्र सम सम्बन्ध रखते है. मंगल मेष व वृश्चिक राशि का स्वामी है. मंगल की मूलत्रिकोण राशि मेष राशि है, इस राशि में मंगल 0 अंश से 12 अंशों के मध्य होने पर अपनी मूलत्रिकोण राशि में होता है. मंगल मकर राशि में उच्च स्थान प्राप्त करता है. मंगल कर्क राशि में स्थित होने पर नीचस्थ होता है. मंगल पुरुष प्रधान ग्रह है. मंगल दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल के सभी शुभ फल प्राप्त करने के लिए मूंगा, रक्तमणी जिसे तामडा भी कहा जाता है, इनमें से किसी एक रत्न को धारण किया जा सकता है. मंगल के लिए लाल रंग धारण किया जाता है. मंगल का भाग्य अंक 9 है. मंगल के लिए गणपति, हनुमान, सुब्रह्मामन्यम, कार्तिकेय आदि देवताओं की उपासना करनी चाहिए. मंगल के कारण व्यक्ति को कौन से रोग हो सकते है | Diseases caused by the influence of Marsमंगल के खराब होने या पिडी़त होने से व्यक्ति को शरीर के किसी भाग का कटना, घाव, दु:खती आंखें, पित्त, रक्तचाप. बवासीर, जख्म, खुजली, हड्डियों का टूटना. पेशाब संबन्धित शिकायतें, पीलिया, खून गिरना, ट्यूमर, मिरगी जैसे रोग प्रभावित कर सकते हैं. मंगल व्यक्ति को यौद्धाओं का गुण देता है, निरंकुश, तानाशाही प्रकृति का है. मंगल के लिए दान की जाने वाली वस्तुएं कौन सी है | What are the things that can be donated for Marsमंगल के दुष्प्रभावों से बचने के लिए तथा शुभ फलों की प्राप्ति के लिए मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान किया जा सकता है. तांबा, गेहूं, घी, लाल वस्त्र, लाल फूल, चन्दन की लकडी, मसूर की दाल. मंगलवार को सूर्य अस्त होने से 48 मिनट पहलें और सूर्यास्त के मध्य अवधि में ये दान किये जाते है. मंगल के बीज मंत्र कौन सा है | Mars’s Beej Mantra" ॐ क्रां क्रौं क्रौं स: भौमाय नम: मंगल का वैदिक मंत्र कौन सा है | Mars’s Vedic Mantra"ॐ घरणीगर्भसंभूतं विद्युत कन्ति सम प्रभम। कुमार भक्तिहस्तं च मंगल प्रणामाभ्यहम।। " मंगल का रंग-रुप कैसा है | Physical features of a person with Mars signमंगल लग्न भाव में अपनी उच्च राशि में हो या लग्न में मंगल की राशि हो, अथवा किसी व्यक्ति की जन्म राशि मंगल की राशियों में से कोई एक हो, तो व्यक्ति के रंग रुप पर मंगल का प्रभाव रहता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति मध्यम कदकाठी, क्रोधी, पतला-दुबला, क्रूर, चंचल बुद्धि, पित्तीय प्रकृ्ति का होता है. मंगल शरीर में पित्त, हाथ, आंखें, गुदा और रक्त का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल ग्रह के देवता कौन है?अर्थ- भूमिपुत्र मंगल देवता चतुर्भुज अर्थात इनके चार हाथ हैं। शरीर के रोए लाल रंग के हैं। हाथों में शक्ति, त्रिशूल और गदा है।
मंगल ग्रह किसका पुत्र है?मंगल
मंगल को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?मंगल को अनुकूल बनाने के लिए मूंगा रत्न धारण किया जा सकता है। अगर इनमें से कोई उपाय नहीं कर पाते हैं तो कम से कम मंगलवार के दिन लाल कपड़ा पहनिए और सिंदूर का तिलक लगाईए। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ भी मंगल को शुभ बनाने में सहायक होता है।
मंगल ग्रह पर किसका घर है?इस कहानी के अनुसार मंगल ग्रह पर कभी आम जन-जीवन था ।
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