माइग्रेन का दर्द कितने दिन तक रहता है? - maigren ka dard kitane din tak rahata hai?

Migrain vs Headache: सिर में दर्द होना आम बात है. आज की लाइफ में इसका महत्वपूर्ण कारण बदलती दिनचर्या है, जिसमें ना तो सोने का समय है, ना ही जागने का. आमतौर पर लोग सिर में होने वाले किसी भी किस्म के दर्द को माइग्रेन मान लेते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि माइग्रेन और सामान्य सिर दर्द अलग-अलग हैं. माइग्रेन का मुख्य लक्षण सिरदर्द ही है लेकिन ये सामान्य रूप से होने वाले सिरदर्द से काफी अलग होता है. 

आपकी सेहत ही नहीं दिल का भी ख्याल रखती है ब्रोकली, जानिए इसके लाजवाब फायदे

यह कतई जरूरी नहीं है कि आपके सिर में होने वाला दर्द माइग्रेन का ही हो. माइग्रेन में आमतौर पर सिर के दाएं या बाएं दोनों में से एक हिस्से में दर्द होता है. माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार आसानी से नहीं होता है. माइग्रेन की पीड़ा कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रहती है. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि आप सिरदर्द और माइग्रेन के बीच का अंतर समझें और ऐसा होने पर अपना सही तरह से इलाज कर सकें. तो चलिए आज हम आपको माइग्रेन और सिरदर्द के बीच का अंतर बता रहे हैं.

कई रोगों को मिनटों में करेगा दूर तेजपत्ते का काढ़ा, जानें बेशुमार फायदे और बनाने की विधि

क्या है सिरदर्द
सिर में होने वाले सामान्य दर्द की वजह भी अलग होती है. यह थकान, भूख लगने, नींद न आने जैसे कारणों से होता है. यह दर्द अस्थाई होता है, जो थोड़ी देर में ठीक भी हो जाता है. सामान्य सिर दर्द में सिर के दोनों हिस्सों में आंखों के आसपास दर्द होता है, जबकि माइग्रेन में सिर के पिछले हिस्से में या फिर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है. यह दर्द हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है. एक सिरदर्द 30 मिनट से एक सप्ताह तक कहीं भी रह सकता है. एक्सपर्ट्स नुसार, सबसे आम सिरदर्द का कारण तनाव है. तनाव, मांसपेशियों में खिंचाव और चिंता के कारण इस तरह सिरदर्द होता है. अब जानते है माइग्रेन के बारे में...

इस तरह न करें तुलसी के पत्तों का सेवन, सेहत को हो सकता है खतरा, जानिए सही तरीका

क्या है माइग्रेन
आपके सिर के एक हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द होने लगता है और ऐसा लगने लगता है जैसे कोई हथौड़े से मार रहा हो. यह दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है, लेकिन कभी-कभी यह पूरे हिस्से में भी हो सकता है. दर्द की यह स्थिति कुछ घंटों से लेकर कुछ दिन तक रह सकती है. इस दर्द को माइग्रेन, अधकपारी या अर्धशीशी कहते हैं. माइग्रेन सिरदर्द के पीछे रक्‍तवाहिनियों का बड़ा होना और नर्व फाइबर्स की ओर से केमिकल का स्राव करने के संयुक्‍त कारण उत्‍तरदायी होते है.

सिरदर्द के दौरान, खोपड़ी के बिलकुल नीचे स्थित धमनी बड़ी हो जाती है. इसकी वजह से एक केमिकल का स्राव होने लगता है, जो जलन, दर्द और रक्‍तवाहिनी को और चौड़ा करने का काम करता है. वैसे तो माइग्रेन के बहुत से प्रकार हैं, लेकिन मुख्यतौर लोग आप दो तरह के माइग्रेन क्लासिकल और नॉन-क्लासिकल से ज्यादा प्रभावित होते हैं.

माइग्रेन के कारण 
माइग्रेन का सटीक कारण तो अभी तक अज्ञात है, लेकिन यह मस्तिष्क में असामान्य रूप से तंत्रिका संकेतों, केमिकल और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली असामान्य गतिविधि का परिणाम माना जाता है. अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि मस्तिष्क की गतिविधि में इस बदलाव के क्या कारण हैं.  

कौन सा मास्क है बेहतर- कपड़े का मास्क, सर्जिकल मास्क या N95, जानिए इनमें अंतर?

माइग्रेन के लक्षण क्या हैं? 
माइग्रेन की स्थिति में सिर में बहुत तेज दर्द होता है, जो सिर के एक या दोनों ओर हो सकता है. मतलब आसान शब्दों में कहें तो माइग्रेन का दर्द ऐसा होता है जैसे सिर पर कोई जोर से हथौड़ा मार रहा हो. इसका दर्द चार से 72 घंटों तक रह सकता है. माइग्रेन में जी मिचलाने की समस्या होती है, जिससे उल्टी भी हो सकती है. माइग्रेन आपका पाचन खराब कर सकता है और कुछ लोगों में तो माइग्रेन के दौरान ब्लड प्रेशर भी लो हो जाता है.  ऐसे लोग जिनके परिवार में माइग्रेन का इतिहास है, उन्‍हें यह बीमारी होने का खतरा तीन चौथाई अधिक होता है.

माइग्रेन के इलाज के लिए प्रिवेंशन को ही सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. दरअसल, माइग्रेन के दर्द के कुछ टि्रगर होते हैं और उन पर ध्यान दिया जाए तो माइग्रेन के दर्द से काफी हद तक निपटा जा सकता है. 

डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के तौर पर नहीं देखना चाहिए. यहां बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं. यहां दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

बुखार में कमजोरी दूर करने के लिए खाएं ये 5 चीजें, मिलेगी ताकत और जल्दी होंगे ठीक

इन चीजों को खाने के तुरंत बाद भूलकर भी न पीएं पानी, हो सकते हैं बड़े नुकसान

WATCH LIVE TV

क्यों होता है माइग्रेन? जानिए लक्षण, कारण, बचाव के उपाय

आज के इस दौर में हमें कई तरह की बीमारियों के बारे में सुनने को मिल रहा है। उन्हीं में से एक है माइग्रेन या अधकपारी। आपने सिरदर्द के बारे में तो सुना ही होगा। मुमकिन है कि आपने अनुभव भी किया होगा। माइग्रेन एक ऐसी अवस्था है जिसमें इंसान को बार-बार गंभीर सिरदर्द का अहसास होता है। आमतौर पर इसका प्रभाव आधे सिर में देखने को मिलता है और दर्द आता-जाता रहता है। हांलाकि कई लोगों में यह दर्द पूरे सिर में भी होता है। माइग्रेन साधारण सिरदर्द से हटकर एक विशेष तरह का सिरदर्द है और इससे पूरी दुनिया में कई लोग पीड़ित हैं। ऐसा हो सकता है कि लोग इसे आम सिरदर्द समझकर नज़रअंदाज कर दें। लेकिन ध्यान रहे, अगर आपको बार-बार इस तरह का दर्द होता है तो आप ज़रूर किसी अच्छे डाॅक्टर से सलाह लें। ऐसे समय में मेवाड़ हाॅस्पिटल अपनी सुविधाओं के साथ आपकी सहायता करने के लिए उपस्थित है।

माइग्रेन से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु –

1. इस तरह की परेशानी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में ज़्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा यह बीमारी बच्चों में भी पाई जाती है।
2. आमतौर पर इसका असर कुछ घंटों तक होता है लेकिन यह कुछ दिन तक भी रह सकता है।
3. काफी लोगों में उम्र बढ़ने के साथ ही इसका प्रभाव कम होने लग जाता है।

माइग्रेन के विभिन्न चरण

यहां हम बात करेंगे माइग्रेन के चार चरणों के बारे में, जिनके नाम हैं प्रोड्रोम, ओरा, अटैक, और पोस्ट ड्रोम।

1. प्रोड्रोम- माइग्रेन होने से कुछ दिन पूर्व, यानि लगभग दो से तीन दिन पहले शरीर में कुछ बदलाव दिखाई देते हैं। जैसे कि बार-बार पेशाब आना, कब्ज़ की शिकायत, गर्दन अकड़ना, ज़्यादा प्यास लगना या तीव्र मिजाज़ होना आदि।
2. औरा- यह अवस्था आमतौर पर माइग्रेन के दौरान या उससे पहले होती है। इसमें कई ऐसे लक्षण होते हैं जिसकी वजह से इंसान को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि ज़िगज़ैग विजन, लाइट विज़न या प्रकाश की चमक। इस तरह के लक्षण कुछ मिनटों से लेकर लगभग एक घंटे तक दिखाई दे सकते हैं। औरा या अन्य चरणों के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारे डाॅक्टर्स से संपर्क कर सकते हैं।
3. अटैक- इलाज ना होने पर माइग्रेन के इस चरण का प्रभाव लगभग चार घंटे से लेकर तीन दिन तक रह सकता है। स्थिति के अनुसार इसका असर सिर के एक तरफ या दोनों तरफ भी हो सकता है। ऐसी अवस्था को पहचानने के लिए कुछ संकेत हैं, जैसे मतली, उल्टी, बेहोशी, या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।
4. पोस्ट ड्रोम- माइग्रेन के इस अंतिम चरण में इंसान को कमज़ोरी और थकान महसूस होती है। इसके साथ ही चक्कर आना, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता, और भ्रम जैसी परिस्थितियों का अनुभव हो सकता है। इसलिए याद रहे, अगर आपको या आपके किसी करीबी को बार-बार सिरदर्द की परेशानी हो रही हो तो जल्द ही किसी स्पेशलिस्ट डाॅक्टर को ज़रूर दिखाएं।

माइग्रेन के प्रकार

माइग्रेन भी विभिन्न प्रकार का होता है। जैसे किः

1. दृष्टि संबंधी माइग्रेन- इसे आप क्लासिकल माइग्रेन के नाम से भी समझ सकते हैं। ऐसी अवस्था में आंखों से संबंधित परेशानियां, जैसे रोशनी में चकाचैंध या रोशनी में काले धब्बे की दिक्कतें आ सकती हैं।
2. दृष्टि रहित माइग्रेन- इस तरह के माइग्रेन को काॅमन माइग्रेन भी कहा जाता है। तेज़ सिरदर्द के साथ ही लोगों को कुछ परेशानियां होती हैं, जैसे कि उल्टी आना, मूड स्विंग, आदि।
3. क्राॅनिक माइग्रेन- इस तरह के माइग्रेन की शिकायत उन लोगों में ज़्यादा पाई जाती है जो दवाईयों का अधिक सेवन करते हैं। क्राॅनिक माइग्रेन को मिश्रित सिरदर्द भी कहा जाता है क्योंकि इसमें माइग्रेन और तनावपूर्ण सिरदर्द के टिशू की उपस्थिति होती है।
4. ऑप्टिकल माइग्रेन- इसे आई माइग्रेन के नाम से भी जाना जाता है जिसका किसी एक आंख पर असर दिखाई देता है। इस तरह के माइग्रेन में आंख खराब होने की आशंका रहती है। इसलिए ज़रूरी है कि जल्द से जल्द मेडिकल सहायता ली जाए।

सिरदर्द और माइग्रेन में अंतर

कई बार हमें हल्के से मध्यम रूपी सिरदर्द होता है। इसकी वजह है सिर और गर्दन के बीच की मांसपेशियों का संकुचन। सामान्य तौर पर सिरदर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है। कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां इंसान को कई दिनों तक भी सिरदर्द की परेशानी रहती है।
लेकिन अगर बात की जाए माइग्रेन की, इसका असर मध्यम से लेकर गंभीर होता है। कभी-कभी तो इसका असर इतना बढ़ जाता है कि इंसान कुछ समय के लिए अपना दैनिक कार्य भी ढंग से नहीं कर पाता। जब किसी को सिरदर्द की समस्या होती है, तो उसके साथ कोई चेतावनी के संकेत नहीं होते हैं। वहीं दूसरी ओर, माइग्रेन में औरा जैसे कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसा कम ही होता है कि नींद के दौरान आपको साधारण सिरदर्द हो, लेकिन अगर बात की जाए माइग्रेन की, तो यह आमतौर पर नींद के दौरान ही शुरू होता है।

माइग्रेन के लक्षण

माइग्रेन के कुछ लक्षण इस प्रकार हैंः

1. दृष्टि संबंधी परेशानियां होना (विजुअल डिस्टरबेंस)
2. बोलने में परेशानी होना
3. चक्कर आना या असंतुलित महसूस करना
4. जी मचलाना
5. उल्टी होना
6. चिड़चिड़ापन, गुस्सा होना
7. लो ब्लड प्रेशर
8. आवाज़ से परेशान होना
9. गर्दन में अकड़न होना
10. ज़्यादा प्यास लगना
11. बार-बार पेशाब आना
12. भूख लगना
13. कब्ज़ का होना

माइग्रेन के कारण

माइग्रेन के दौरान इंसान के खून की नलियां (ब्लड वैसल्स) फैल जाती हैं और उसके पश्चात् उनमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्त्राव होता है। इस तरह के केमिकल्स तांत्रिका रेशों (नर्व फाइबर्स) की वजह से होने वाले दबाव के कारण उत्पन्न होते हैं। जब सिरदर्द की अनुभूति होती है और उस दौरान कोई आर्टरी या खून की नली फैल जाती है तो इससे तांत्रिका रेशों पर दबाव पड़ता है। इस दबाव के कारण केमिकल निकलते हैं जिस वजह से खून की नलियों में दर्द, सूजन और फैलाव होने लगता है। इन कारणों से इंसान को बहुत तेज़ सिर में दर्द होने लगता है।
याद रहें, इन कारणों से आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है।

1. टेंशन
2. तेज़ आवाज़
3. तेज़ रोशनी
4. तेज सुगंध
5. एलर्जी
6. धुआं
7. सोने में अनियमितता
8. एल्कोहोल का सेवन
9. हाॅर्मोनल चेंज
10. बर्थ कंट्रोल पिल्स
11. अनियमित पीरियड्स
12. थकावट
13. दवाईयों का अत्यधिक सेवन

माइग्रेन से बचाव के उपाय

माइग्रेन से जुड़ी कुछ ऐसी ज़रूरी बातें हैं जो हमें जानना ज़रूरी है, जैसे कि इससे बचाव के उपाय। आइए बात करते हैं ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में।

1. पर्याप्त नींद लेना- एक्सपटर््स के अनुसार दिनभर में हमें कम से कम 6 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। ऐसा ना करने पर हमारी सेहत पर गलत असर पड़ सकता है। खासतौर से माइग्रेन वाले व्यक्तियों के लिए ज़रूरी है कि वे पर्याप्त नींद लें।
2. व्यायाम (एक्सरसाइज)- अगर आप अपने जीवन में दैनिक व्यायाम को महत्त्व देते हैं, तो यह गतिविधि आपके स्वस्थ जीवन लिए बहुत ही लाभकारी हो सकती है। खासतौर से अगर बात की जाए माइग्रेन की, तो नियमित रूप से व्यायाम करना माइग्रेन की संभावना को कम करता है। इसलिए आदत बनाएं प्रतिदिन व्यायाम करने की।
3. दिनचर्या को संतुलित रखना- माइग्रेन से बचाव का एक उपाय यह भी है आपकी दिनचर्या व्यवस्थित हो। जिस तरह हमने बताया कि पर्याप्त नींद ज़रूरी है, उसी तरह समय पर सोने और जागने का एक रूटीन होना भी जरूरी है। इसके साथ ही कई ऐसे दिनचर्या के काम हैं जिन्हें हमें संतुलित रखने की ज़रूरत है।

माइग्रेन में क्या खाएं!

आप चाहें तो सेब का सिरका (ऐपल साइडर विनेगर) का प्रयोग माइग्रेन के दौरान कर सकते हैं। एक गिलास पानी में इसका एक छोटा चम्मच और एक चम्मच शहद मिलाकर कुछ दिन तक पीएं। आपको लगे कि माइग्रेन होने वाला हो या हो रहा हो तो इसकी मात्रा बढ़ाकर दो से तीन चम्मच करदें। सिरका ना होने पर आप सेब का सेवन भी कर सकते हैं।
अदरक भी माइग्रेन के समय एक बहुत फायदेमंद औषधि है। इससे आपको सिरदर्द में काफी फायदा पहुंच सकता है। चाहें तो इसे शहद के साथ, चाय में मिलाकर या कोरा भी खा सकते हैं।
ताज़ा और सूखे फल, प्रोटीन युक्त आहार, डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध, दही, पनीर, और दालें, मांस, सलाद, स्टार्च वाली चीज़ें ऐसी परिस्थिति में खाने योग्य हैं और आपके शरीर को फायदा पहुंचाती हैं।

माइग्रेन में क्या ना खाएं?

माइग्रेन की समस्या होने पर कोशिश करें कि जंक फूड से दूर रहें। इसके साथ ही आपको डिब्बाबंद आइटम के सेवन से भी परहेज़ करने की ज़रूरत है। इन चीज़ों को उपयोग करने से माइग्रेन खतरनाक सिद्ध हो सकता है। साथ ही कोशिश करें कि ज्यादा मिर्च मसाले वाली चीज़ों से भी परहेज़ करें। ऐसा भी बताया गया है कि चाय, काॅफी, और काॅल्ड ड्रिंक पीना भी इन परिस्थितियों में सही नहीं। और बेहतर जानकारी के लिए आप डाॅक्टर से सलाह ले सकते हैं।

माइग्रेन के जोखिम

इंसान के लिए माइग्रेन जैसी बीमारी घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए ध्यान रहे, समय पर इसका इलाज आपको कई सारी स्वास्थ्य-संबंधी परेशानियों से बचा सकता है। अगर किसी को माइग्रेन के लक्षण दिखाई देने लगे हैं और उन्हें समय≤ पर सिरदर्द की परेशानी होने लगी है, तो वो आज ही मेवाड़ हाॅस्पीटल में आकर हमारे एक्टपर्ट डाॅक्टर्स से सलाह ले सकते हैं। अब हम बात करने जा रहे हैं कुछ ऐसी परेशानियों की, जो माइग्रेन के ज़्यादा पनपने और समय रहते इलाज ना होने पर हो सकती हैं।

1. नींद की परेशानी- माइग्रेन के अत्यधिक प्रभाव पर काफी लोगों को नींद आने में समस्या होने लग जाती है जिस वजह से उन्हें नींद की गोली का सहारा लेना पड़ता है।
2. ब्रेन स्ट्रोक- अगर लंबे अंतराल तक भी कोई माइग्रेन का इलाज नहीं कराता है, तो ऐसी स्थिति में बे्रन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है जो कि बहुत ही घातक है। ऐसे हालात में इंसान को सर्जरी कराने की आवश्यकता पड़ जाती है।
3. पेट में दर्द- हमारा दिमाग पूरे शरीर को कंट्रोल करता है। माइग्रेन की परिस्थिति में अगर मस्तिष्क सुचारू रूप से काम नहीं करता है, तो उसका उल्टा असर हमारे शरीर पर भी पड़ता है। ऐसे हालात में कुछ लोगों को पेट दर्द की शिकायत भी हो जाती है।
4. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां- कुछ लोगों में माइग्रेन का इलाज समय पर ना होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां नज़र आने लगती है, जैसे कि अवसाद, दुविधा आदि।
5. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन- याद रखें, शरीर में पानी की कमी होने पर आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए ज़रूरी है कि प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
6. धूम्रपान- आज के युग में बच्चों से लेकर बड़े, कई लोग धूम्रपान की आदत का शिकार बने बैठे हैं। चाहे वो कोई भी व्यक्ति हो, यह आदतें बेहद नुकसानदायक होती हैं। इसलिए कोशिश करें धूम्रपान की आदत को छोड़ने की, ताकि आपको माइग्रेन जैसी बीमारियों का सामना ना करना पड़े।

माइग्रेन का इलाज

अगर आप माइग्रेन जैसी समस्या को अपने आप से दूर रखना चाहते हैं, तो उसका सबसे बेहतरीन उपाय है स्व-देखभाल। और यदि आप इस परेशानी से जूझ रहे हैं, जो इसके इलाज के विभिन्न तरीके हैं। आमतौर पर डाॅक्टर मरीज़ की स्थिति के अनुसार दवाईयों का सेवन करने के लिए कहते हैं। बताए गए कई महत्त्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से आप माइग्रेन का अंदाज़ा लगा सकते हैं। इसलिए कोशिश कीजिए कि ऐसी परिस्थितियों में जल्द से जल्द किसी अच्छे डाॅक्टर से इलाज करवाएं।

इन परिस्थ्तिियों में डाॅक्टर से संपर्क करें

1. अगर आपको इतना तेज़ सिरदर्द हो रहा है जो पहले कभी ना हुआ हो
2. सिरदर्द की वजह से आपको सोने में परेशानी हो
3. दर्द धीर-धीरे बढ़ रहा हो
4. दर्द के दौरान शरीर का संतुलन बिगड़े, बेहोशी लगे, आवाज़ लड़खड़ाए, देखने में परेशानी हो, या जीभ लपलपाए
5. अगर दर्द होने से पहले उल्टी हुई हो फिर सिरदर्द हुआ हो

माइग्रेन के दौरान इन नुस्खों को आज़माएं

माइग्रेन के प्रभाव को कम करने के लिए बर्फ का सेक कर सकते हैं। यह नुस्खा मांसपेशियों को आराम देने में फायदेमंद है। बर्फ के कुछ टुकड़ों को साफ कपड़े में बांधकर सिर और गर्दन के पीछे कुछ मिनट तक सेक करें। इसके साथ ही आप सिर की मालिश से भी फायदा हासिल कर सकते हैं।
मेवाड़ हाॅस्पिटल की सेवाओं का लाभ उठाएं

माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है जो हमारे जीवन में बहुत बड़ी समस्या बन सकती है। अगर आप या आपके करीबी को माइग्रेन की शिकायत है या इससे जुड़े लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो परामर्श के लिए मेवाड़ हाॅस्पिटल आ सकते हैं। हमारे अनुभवी और कुशल डाॅक्टर्स ऐसी परिस्थतियों में आपकी सहायता करने की पूरी कोशिश करेंगे। अधिक जानकारी के लिए दिए गए हैल्पलाइन नम्बर्स पर फोन करें, अथवा हमारी ब्रांच पर विजिट करें।

आप हमसे Facebook, Instagram, Twitter, Linkedin, Youtube Pinterest पर भी जुड़ सकते हैं।

अपने ट्रीटमेंट्स से जुड़े सवाल पूछने के लिए आज ही देश की सर्वश्रेष्ठ ऑर्थोपेडिक टीम से बात करें।

Call now 0294 6633330

माइग्रेन कितने दिनों में ठीक होता है?

इसका दर्द चार से 72 घंटों तक रह सकता है. माइग्रेन में जी मिचलाने की समस्या होती है, जिससे उल्टी भी हो सकती है. माइग्रेन आपका पाचन खराब कर सकता है और कुछ लोगों में तो माइग्रेन के दौरान ब्लड प्रेशर भी लो हो जाता है.

माइग्रेन की बीमारी में क्या क्या होता है?

माइग्रेन एक प्रकार का तेज सिरदर्द है। यह घबराहट, उल्टी, या प्रकाश और आवज के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षणों के साथ हो सकता है। कई लोगों में यह दर्द सिर के एक तरफ ही महसूस होता है। माइग्रेन एक सामान्य अक्षम मस्तिष्क विकार है।

माइग्रेन को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?

माइग्रेन से राहत:आधे सिर के दर्द से हैं परेशान तो इन घरेलू नुस्खों को अपनाएं, तेजी से मिलेगी आराम.
गुड़ और दूध का सेवन: माइग्रेन के लिए गुड़ के साथ दूध का सेवन सटीक उपाय है। ... .
अदरक का सेवन: अदरक कई चीजों के लिए फायदेमंद है। ... .
दालचीनी: ... .
लौंग का सेवन: ... .
सिर की मालिश: ... .
तेज रोशनी से बचें: ... .
नींद पूरी करें:.

माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है?

कई बार माइग्रेन से जूझ रहे व्यक्ति को तेज सिरदर्द के साथ शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होती है. हालांकि, कुछ घंटे के बाद शरीर की कंडीशन नॉर्मल हो जाती है. अगर आपको 2 सप्ताह से ज्यादा समय तक इस तरह की समस्या रहती है, तो यह माइग्रेन हो सकता है. आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.