भूगर्भ में पर्पटी के नीचे के भाग को मैंटल कहते है | Show
यह लगभग 30-2900 किमी गहराई तक विस्तृत होता है यह पृथ्वी के क्रोड़ को चारों ओर से घेरता है। मेंटल पृथ्वी के आयतन के अधिकांश भाग का निर्माण मेंटल द्वारा किया जाता है। यह सिलिकेट रॉक आयरन और मैग्नीशियम से बना होता है। इस परत को गुटेनबर्ग-विएचर्ट डिसकंटुइटी द्वारा कोर से अलग किया गया है। बाहरी और भीतरी मेंटल को रेपट्टी डिसकंटुइटी नाम के एक और असातत्य द्वारा अलग किया जाता है। मैंटल का ऊपरी भाग दुर्बलतामंडल (Asthenosphere) कहा जाता है। ‘एस्थेनो’ (Astheno) शब्द का अर्थ दुर्बलता से है। इसका विस्तार 400 कि0मी0 तक आँका गया है। ज्वालामुखी उद्गार के दौरान जो लावा धरातल पर पहुँचता है, उसका मुख्य स्रोत यही है। इसका घनत्व भूपर्पटी की चट्टानों से अधिक है। (अर्थात् 3.4 ग्राम प्रति घन से0मी0 से अधिक है।) भूपर्पटी एवं मैंटल का ऊपरी भाग मिलकर स्थलमंडल (Lithosphere) कहलाते हैं। इसकी मोटाई 10 से 200 कि0 मी0 के बीच पाई जाती है। निचले मैंटल का विस्तार दुर्बलतामंडल के समाप्त हो जाने के बाद तक है। यह ठोस अवस्था में है। पृथ्वी की आतंरिक संरचना – पृथ्वी की भूपर्पटी की ऊपरी परत जो जीवन का समर्थन करने में सक्षम है, उसे लिथोस्फीयर या स्थलमंडल कहा जाता है। पृथ्वी के आंतरिक भाग की तीन अलग-अलग परतें हैं वे हैं- (a) भूपर्पटी (b) मेंटल (c) क्रोड़ (a) भूपर्पटी (The Crust)- यह ठोस पृथ्वी का सबसे बाहरी भाग है। यह बहुत भंगुर (Brittle) भाग है जिसमें जल्दी टूट जाने की प्रवृत्ति पाई जाती है। भूपर्पटी की मोटाई महाद्वीपों व महासागरों के नीचे अलग-अलग है। महासागरों में भूपर्पटी की मोटाई महाद्वीपों की तुलना में कम है। महासागरों के नीचे इसकी औसत मोटाई 5 कि0 मी0 है, जबकि महाद्वीपों के नीचे यह 30 कि0 मी0 तक है। मुख्य पर्वतीय शृंखलाओं के क्षेत्र में यह मोटाई और भी अधिक है। हिमालय पर्वत श्रेणियों के नीचे भूपर्पटी की मोटाई लगभग 70 कि0मी0 तक है। भूपर्पटी भारी चट्टानों से बना है और इसका घनत्व 3 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है। महासागरों के नीचे भूपर्पटी की चट्टानें बेसाल्ट निर्मित हैं। महासागरों के नीचे इनका घनत्व 2.7 ग्राम प्रति घन से0मी0 है। पृथ्वी की सभी भू-आकृतियाँ जैसे; पर्वत, पठार मैदान, महासागरों, समुद्रों, झीलों और नदियों के साथ, इसी के ऊपर स्थित हैं । भूपर्पटी को दो भागों में विभाजित किया गया है: पहला पतला महासागरीय भूपर्पटी, जो महासागरीय बेसिनों के नीचे स्थित है और दूसरा अपेक्षाकृत मोटी ‘महाद्वीपीय भूपर्पटी’ जिसपर सारे महाद्वीप स्थित हैं। भूपर्पटी और मेंटल के बीच की सीमा को मोहरोविविक असातत्य कहा जाता है। (b) मेंटल- भूगर्भ में पर्पटी के नीचे के भाग को मैंटल कहते है | (c) पृथ्वी का क्रोड़ –पृथ्वी का क्रोड़ मुख्य रूप से लोहा एवं निकल से बना होता है। क्रोड़ की मोटाई लगभग 3400 किमी है। भूकंपीय तरंगों के वेग ने पृथ्वी के क्रोड को समझने में सहायता की है। बाह्य क्रोड (Outer core) तरल अवस्था में है जबकि आंतरिक क्रोड (Inner core) ठोस अवस्था में है। मैंटल व क्रोड की सीमा पर चट्टानों का घनत्व लगभग 5 ग्राम प्रति घन से0 मी० तथा केंद्र में 6,300 कि0मी0 की गहराई तक घनत्व लगभग 13 ग्राम प्रति घन से0मी0 तक हो जाता है। इससे यह पता चलता है कि क्रोड भारी मुख्यत: निकिल (Nickle) व लोहे (Ferrum) का बना है। इसे ‘निफे’ (Nife) परत के नाम से भी जाना जाता है। mental math meaning in Hindi, mental math का अर्थ हिंदी में Other
mental math meaning in Hindi, mental math का अर्थ हिंदी में, mental math definition in Hindi, mental math की परिभाषा हिंदी में, mental math का मतलब, mental math माने क्या, mental math mane kya, mental math ka matlab This page is showing answer of : What is meaning of mental math in Hindi? इस पेज पर प्रश्न : mental math का मतलब हिंदी में क्या होता है? का उत्तर दिया गया है| Try other related words:
Quizzes for various competition exams... General English Grammar General Knowledge in Hindi General Knowledge in Gujarati General Knowledge in English Learning License Test for Driving Learning License Test for Driving in Hindi खोजे गए परिणाम सहेजे गए शब्द "मेंटल-पीस" शब्द से संबंधित परिणाममेंटल-पीसपीस लूँ तो रोऊँरोज़ी की फ़िक्र मर्दे के मातम से मुक़द्दम है, तलाश-ए-मुआश सब कामों से मुक़द्दम है पीस लूँ तो पीटूँ۔मिसल (ओ) रोज़ी की फ़िक्र सब कामों पर मुक़द्दम है जस्टिस-ऑफ़-दी-पीसकोर्ट-पीसकट-पीसथान से उतारे जाने वाले या तराशे जाने के बाद कपड़े का बचा हुआ टुकड़ा या पारचा, थान से उतारा हुआ कपड़े का नमूना, थानों के वो टुकड़े जिनमें कोई चीज़ तैय्यार नहीं हो सकती और ताजिर के वास्ते बेकार हो जाता हैं कट-पीस कहलाता हैं मस्टर-पीसपीस-पासपीस-पिसाकोट-पीसताश का एक प्रसिद्ध खेल जिसमें चार आदमी दो पक्ष बनाकर खेलते हैं दाँत पीस पीस कर रह जानाग़ुस्से को पी जाना बदला लेने पर आमादा होना मगर कुछ ना करना ( पीस की तकरार से सूरत-ए-हाल की अहमियत बढ़ी है) पीस-पास केपत्थर से चक्की भली पीस खाए संसारबेफ़ैज़ बड़े आदमी से वो ग़रीब ही अच्छा है जिस से ख़लक़-उल-ल्लाह को नफ़ा हो पीस मूई पका मूई आए लौठे खा गएमेहनत मशक़्क़त करने वाला महरूम रहा दूसरों ने फ़ायदा उठाया तुलसी पीस पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोएरुपया वही अच्छा है जो अपने पास हो, बहन और बाप तभी तक हैं जब तक पैसा है, निर्धनता में मात्र पत्नी ही साथ देती है चक्की पीस कर गुज़ारा करनाबहुत निर्धन होना, निहायत ग़रीब होना पीस पास मिनहाज मरे , करामत मोहम्मद झंडे कोजब मेहनत कोई करे और ख़ुशक़िसमती से बला मेहनत दूसरा इस का सिला पाए तो ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मेंटल-पीस के अर्थदेखिएमेंटल-पीसmental-peace•مَینٹَل پِیسस्रोत: अंग्रेज़ी مَینٹَل پِیس کے اردو معانیاسم, مذکر
सूचनार्थ: औपचारिक आरंभ से पूर्व यह रेख़्ता डिक्शनरी का बीटा वर्ज़न है। इस पर अंतिम रूप से काम जारी है। इसमें किसी भी विसंगति के संदर्भ में हमें पर सूचित करें। या सुझाव दीजिए संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें . चित्र संलग्न कीजिए चित्र चुनिए (format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images) मैं रेख़्ता को अपने चित्रों को उपयोग करने के लिए अधिकृत करता/करती हूँ और उसके कॉपीराइट के लिए स्वयं उत्तरदायी हूँ। Recent Wordsमेंटल को हिंदी में क्या बोलता है?सज्जन 2. सभ्य; प्रतिष्ठित 3. सौम्य; सुशील 4. कोमल; हलका।
मेंटल एज को हिंदी में क्या कहते हैं?मानसिक उम्र का मतलब बुद्धिमत्ता की गणना से है जो यह बताता है कि कोई व्यक्ति अपनी आयु के अनुसार कैसा प्रदर्शन कर रहा है. वैसे तो मानसिक आयु को चेक करने के लिए मनोविज्ञान में एक फॉर्मूला होता है, जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति की मेंटल एज पता चल जाती है.
मेंटल का स्पेलिंग क्या होता है?A gentle person is kind, mild, and calm.
मेंटली और फिजिकली क्या होता है?डॉ. सैयद जफर सुल्तान रिजवी कहते हैं, "हमारे विचार फिजिकल और मेंटल हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब हम उदास, क्रोधित या दूसरों के प्रति जलन महसूस करते हैं, तो हमारे मन में वैसे ही नकारात्मक विचार और भाव उत्पन्न होते हैं। इससे स्ट्रेस हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो शारीरिक उत्तेजना का कारण बनते हैं।
|