Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी व्रत शुक्रवार 10 जून को है। इस व्रत को करने से व्रती को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। इस व्रत को धारण करने से भीम को दस हजार हाथियों को बल प्राप्त हुआ था। Show जेष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी व भीमसेनी
एकादशी भी कहते हैं। इस वर्ष इस एकादशी के दिन शुक्रवार को चित्रा नक्षत्र व वरीयान योग है। पूरे साल की 24 एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सर्वोत्तम मानी जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को धारण करके भीमसेन ने दस हजार हाथियों का बल प्राप्त कर दुर्योधन के ऊपर विजय प्राप्त की थी। यह व्रत गर्भवती बाल, वृद्ध व रोगी को नहीं करना चाहिए। अगर आप बिना पानी के नहीं रह पा रहे हैं या व्रत धारण करने पर प्राण संकट में हैं तो ॐ नमो नारायणाय मंत्र का 21 बार जप करके चांदी या पीतल की स्वच्छ थाली में गंगाजल मिला हुआ पानी डालकर घुटने और हाथों को जमीन पर रख पशुवत जल पी लेना चाहिए। इससे व्रत भंग नहीं माना जाता है। दूसरे दिन द्वादशी तिथि शनिवार को रात्रि 11.43 बजे तक है। अतः द्वादशी तिथि शनिवार को पूरे दिन कभी भी पारण किया जा सकता है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 10 जून को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर प्रारंभ होगी निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय- News Nation Bureau | Edited By : Gaveshna Sharma | Updated on: 10 Jun 2022, 11:36:18 AM निर्जला एकादशी के दौरान इस तरह से पिएं पानी, नहीं टूटेगा व्रत (Photo Credit: News Nation) नई दिल्ली : Nirjala Ekadashi 2022 How To Drink Water: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है. वहीं, सालभर में आने वाली 24 एकादशियों में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन माना जाता है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के शेषशयिया रूप की पूजा का विधान है. इस दिन बिना जल, अन्न और फलाहार के व्रत किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से सभी 24 एकादशियों जितना फल मिलता है. इस साल निर्जला एकादशी 10 जून 2022 शुक्रवार यानी कि आज के दिन मनाई जा रही है. निर्जला एकादशी के दिन पानी पीना तक वर्जित होता है. लेकिन गर्मी के कारण अक्सर कई लोग बहुत ज्यादा प्यास लगने पर खुद को रोक नहीं पाते और पानी पी लेते हैं जिससे उनका व्रत टूट जाता है. ऐसे में अगर आप हमारे बताए गए तरह ये पानी पिएं, तो आपका व्रत खंडित भी नहीं होगा और आपकी प्यास भी बुझ जाएगी. यह भी पढ़ें: Nirjala Ekadashi 2022 Aarti: निर्जला एकादशी पर इस आरती से घर में आएगी सुख समृद्धि, समाज में बढ़ेगी मान प्रतिष्ठा धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. साथ ही, इस दिन व्रत करने से भीम को दस हजार हाथियों जितने बल की प्राप्ति हुई थी, जिससे वे दुर्योधन पर विजय प्राप्त कर सका था. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये व्रत बाल, वृद्ध और रोगी व्यक्तियों को नहीं रखना चाहिए. वहीं, अगर व्रत के दौरान पानी के बिना बिल्कुल ही न रहा जाए, या फिर प्राण संकट में आने वाली स्थिति हो तो जल ग्रहण कर लेना चाहिए. लेकिन इसे ग्रहण करने की एक विधि बताई गई है. इस तरह से ग्रहण कर सकते हैं जल यह भी पढ़ें: Nirjala Ekadashi 2022 Way and Significance Of Daan: निर्जला एकादशी के दिन सिर्फ इन वस्तुओं का दान देता है 1000 यज्ञों के बराबर पुण्य, इन गलतियों से नहीं मिलता पूर्ण फल शुभ मुहूर्त में करें पारण संबंधित लेखFirst Published : 10 Jun 2022, 11:36:18 AM For all the Latest Religion News, Dharm News, Download News Nation Android and iOS Mobile Apps.Home » सालभर की एकादशी पर भारी यह Nirjala Ekadashi Vrat, जाने लें पानी से जुड़े इस व्रत के नियम नई दिल्ली। कहते हैं कि सालभर की 24 एकादशी का फल मात्र सिर्फ एक एकादशी निर्जला एकादशी व्रत को करने से ही मिल जाता है। इसलिए सालभर की एकादशी व्रत एक तरफ और निर्जला एकादशी व्रत एक तरफ। इस साल यह व्रत 10 जून को किया जाएगा। निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है। महिलाएं और पुरुष जो भी इस व्रत को करते हैं, उनके पूर्वज भी इस व्रत से प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। कहा जाता है कि इस दिन विश्वामित्र ने सभी को गायत्री मंत्र भी सुनाया था। इसीलिए इसे महा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन श्री नारायण का पूजन होता है। ओउम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र के जाप से संकट मिट जाते हैं। इस दिन जो जल दान दिया जाता है उसका करोड़ों गुणा फल मिलता है। इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। लेकिन अगर बीमार हैं तो पानी पी सकते हैं, वरना अगले दिन सुबह व्रत के पारण के समय ही पानी पी सकते हैं। कमजोर और बीमार लोग व्रत के एक समय फलाहार भी ले सकते हैं। एकादशी पर जो लोग व्रत नहीं रखते, उन्हें भी चावल, दाल, बैंगन, मूली और सेम भी नहीं खाना चाहिए। एकादशी के दिन तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस, मदिरा, प्याज लहसुन ये सभी तामसिक पदार्थों में शामिल हैं। एकादशी की रात सोना नहीं चाहिए बल्कि रात में भगवान विष्णु के भजन कीर्तन करने चाहिए। Share: Next Post
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निर्जला एकादशी में पानी पीने से क्या होता है?निर्जला एकादशी के दिन पानी पीना तक वर्जित होता है. लेकिन गर्मी के कारण अक्सर कई लोग बहुत ज्यादा प्यास लगने पर खुद को रोक नहीं पाते और पानी पी लेते हैं जिससे उनका व्रत टूट जाता है. ऐसे में अगर आप हमारे बताए गए तरह ये पानी पिएं, तो आपका व्रत खंडित भी नहीं होगा और आपकी प्यास भी बुझ जाएगी.
निर्जला एकादशी में प्यास लगे तो क्या करें?शुभ मुहूर्त में करें पारण
सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु को प्रणाम करें और पूजा पाठ करें. फिर ब्राह्मण को भोजन कराएं. उन्हें दान-दक्षिणा देकर सम्मान से विदा करें. इसके बाद खुद व्रत का पारण करें.
निर्जला एकादशी में क्या पीना चाहिए?शुक्रवार, 10 जून को ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस दिन बिना पानी पिए उपवास करने का विधान ग्रंथों में है। इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से किए जाने की मान्यता है।
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