Home » Class 10 Hindi » NCERT Solutions for Class X Chhitij Part 2 Hindi Chapter 12 – Yashpal छितिज भाग -2 यशपाल प्रश्न 1: लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं? प्रश्न 2: नवाब साहब ने बहुत ही
यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने प्रश्न 3: बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक
सहमत प्रश्न 4: आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे? प्रश्न 5: (ख) (1) हम हलवे का रसास्वादन करने के लिए उसे अच्छी तरह से एक प्लेट में रखते हैं तथा उसके ऊपर काजू, किशमिश डालकर अच्छी तरह से उसकी सजावट करते हैं फिर उसे खाने के लिए परोसते हैं। (2) आम के अचार का रसास्वादन करने के लिए हम पहले उसे करीने से निकाल कर उसे उलट-पुलट कर देखते हैं। फिर उसे खाने के लिए धीरे-धीरे अपने मुँह के पास लाते हैं और उसके खट्टे स्वाद का आनंद लेते हुए उसे खाते हैं। प्रश्न
6: खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और प्रश्न 7: क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए। प्रश्न 8:निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए – नवाब साहब ने खीरा क्यों नहीं खाया अगर वे खीरा खा लेते तो क्या होता?Solution : नवाब साहब अपनी नवाबी का दिखावा कर रहे थे। नवाब साहब की नवाबी पर व्यंग्य किया गया है उन्होंने खीरे को पहले धोया, सुखाया, छीला और फिर फाँकों में काटकर सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया इससे उनके दिखावटी पूर्ण जीवन का पता चलता है कि वे खीरे को अपदार्थ और तुच्छ समझते हैं।
लेखक ने खीरा क्यों नहीं खाया?इससे लेखक को लगा कि नवाब साहब उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं।
नवाब साहब ने आम आदमियों की तरह खीरा क्यों नहीं खाया?खीरे को खिड़की के बारह फेंक दिया। <br> (ख) नवाब साहब अपनी नवाबी शान, खानदानी तहजीब, लखनवी नफासत दिखाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने आम आदमियों की तरह खीरा खाया नहीं, बल्कि उसकी गंध और स्वाद से ही पेट भर लिया। इसी से वे औरों से ऊँचे सिद्ध हो सकते थे।
लेखक ने नवाब साहब को खीरा खाने के आग्रह को क्यों नकार दिया था?उत्तर: नवाब साहब द्वारा दिए गए खीरा खाने के प्रस्ताव को लेखक ने अस्वीकृत कर दिया। खीरे को खाने की इच्छा तथा सामने वाले यात्री के सामने अपनी झूठी साख बनाए रखने के कश्मकश में नवाब ने खीरे को काटकर खाने की सोची तथा फिर अन्तत: जीत नवाब के दिखावे की हुई। अत: इसी इरादे से उसने खीरे को फेंक दिया।
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