अभ्यास – 2 पूर्ण संख्याएँ : इस लेख में ” पूर्ण संख्या की परिभाषा , पूर्ण संख्याओं के गुणधर्म , क्रमागत पूर्ण संख्याएँ , अभ्यास का सारांश आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है तथा अभ्यास – 2 ( a ) ,अभ्यास – 2 ( b ), अभ्यास – 2 ( c ), अभ्यास – 2 ( d ) का हल भी दिया गया है l Show
पूर्ण संख्या की परिभाषा. ( Whole Numbers Definition )शून्य ( 0 ) को भी प्राकृतिक संख्याओं के साथ सम्मिलित करलेने पर प्राप्त संख्याओं का समूह पूर्ण संख्याएँ कहलाती हैं l जैसे – 0, 1, 2, 3, 4, 5, ……………..अनन्त तक l पूर्ण संख्या किसे कहते हैं ( What is whole Numbers ) :प्राकृतिक संख्याओं के समूह में शून्य ( 0 ) को भी सम्मिलित कर देने पर संख्याओं का जो समूह बनता है / प्राप्त होता है उसे पूर्ण संख्या कहते हैं l पूर्ण संख्याओं को “ W ” से दर्शाया जाता है l W = 0, 1, 2, 3, 4, …………..अनन्त तक l शून्य ( 0 ) सबसे छोटी पूर्ण संख्या है l कोई भी पूर्ण संख्या सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं होती है l सभी प्राकृतिक संख्याएँ , पूर्ण संख्या होती हैं l लेकिन सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृतिक संख्याएँ नहीं होती हैं l पूर्ण संख्या in English – Whole number
पूर्ण संख्या तथा प्राकृतिक संख्या में अन्तर :
पूर्ण संख्या तथा पूर्णांक संख्या में अन्तर :
पूर्ण संख्याओं के गुणधर्म :
क्रमागत पूर्ण संख्याएँ –एक क्रम में लिखीगयी पूर्ण संख्याओं को क्रमागत पूर्ण संख्याएँ कहते हैं l दो क्रमागत पूर्ण संख्याओं का अन्तर सदैव 1 होता है l तीन क्रमागत पूर्ण संख्याओं में पहली और तीसरी संख्याओं के योगफल का आधा बीच की संख्या होती है उदाहरण -1 : Q. – तीन क्रमागत पूर्ण संख्याएँ लिखिए A. – 5,6,7 क्रमागत पूर्ण संख्याएँ हैं l उदाहरण – 2 : Q. – तीन क्रमागत पूर्ण संख्याओं में पहली और तीसरी का योगफल 40 है l संख्याएँ ज्ञात कीजिए l A. – पहली और तीसरी संख्या का योगफल = 40 ؞ पहली और तीसरी संख्या के योगफल का आधा = 40 / 2 = 20 होगा ؞ बीच की संख्या = 20 अतः क्रमागत संख्याएँ = 19, 20, 21 होंगीं l FAQ ( महत्वपूर्ण प्रश्न ) :Q. – पूर्ण संख्या किसे कहते हैं ?A. – प्राकृतिक संख्याओं के समूह में शून्य ( 0 ) को सम्मिलित करने पर संख्याओं का जो समूह प्राप्त होता है उसे पूर्ण संख्याएँ कहते हैं l Q. – पूर्ण संख्या कहाँ से शुरू होती है ?A. – पूर्ण संख्या शून्य ( 0 ) से शुरू होती है l Q. – कौन सी पूर्ण संख्या प्राकृतिक संख्या नहीं है ?A. – पूर्ण संख्या शून्य ( 0 ) प्राकृतिक संख्या नहीं है l Q. – सबसे बड़ी पूर्ण संख्या कौन सी है ?A. – कोई भी पूर्ण संख्या सबसे बड़ी नहीं होती है, क्योकि किसी भी पूर्ण संख्या में एक जोड़ने पर उसके आगे की पूर्ण संख्या प्राप्त होती है l Q. – सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन सी है ?A. – सबसे छोटी पूर्ण संख्या शून्य ( 0 ) है l Q. – क्या सभी प्राकृतिक संख्या पूर्ण संख्या हैं ?A.–हाँ, सभी प्राकृतिक संख्याएँ पूर्ण संख्या होती हैं l A. – प्राकृतिक संख्याओं के समूह में शून्य ( 0 ) को सम्मिलित करने पर संख्याओं का जो समूह प्राप्त होता है उसे पूर्ण संख्याएँ कहते हैं l Q. – पूर्ण संख्या क्या है ? A. – प्राकृतिक संख्याओं के समूह में 0 को मिला लेने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, उसे पूर्ण संख्या कहते हैं l Q. – 32 और 53 के बीच कितनी पूर्ण संख्याएँ हैं ? A. – 32 और 53 के बीच दोनों को छोड़ते हुए 20 पूर्ण संख्याएँ हैं l Q. – पूर्ण संख्या को इंग्लिश में क्या कहते हैं ? A. – पूर्ण संख्या को इंग्लिश में Whole Number कहते हैं l Q. – What is Whole numbers in hindi ? A. – प्राकृतिक संख्याओं के साथ शून्य ( 0 ) को मिला लेने पर Whole numbers प्राप्त होता है l Q. – Is 10 a whole number ? A. – Yes 10 is a whole number. Q. – Can whole numbers be negative ? A. – No, पूर्ण संख्या कभी ऋणात्मक नहीं होती है l Q. – क्या 75 पूर्ण संख्या है ? A. – हाँ, 75 एक पूर्ण संख्या है l Q. – प्राकृतिक संख्या पूर्ण संख्या में क्या अंतर है ? A. – प्राकृतिक संख्या और पूर्ण संख्या में निम्नलिखित अंतर है – प्राकृतिक संख्या में शून्य नहीं होता है जबकी पूर्ण संख्या में शून्य भी होता है l Q. – वह कौन सी पूर्ण संख्या है जो प्राकृत संख्या नहीं है ? A. – पूर्ण संख्या शून्य ( 0 ) है जो प्राकृत संख्या नहीं है l Q. – सबसे बड़ी पूर्ण संख्या क्या है ? A. – सबसे बड़ी पूर्ण संख्या कोई नहीं है l Q. – क्या प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या होती है ? A. – नहीं , ऋणात्मक पूर्णांक, पूर्ण संख्या नहीं होते हैं l Q. – धन पूर्ण संख्या क्या है ? A. – शून्य ( 0 ) के बाद की सभी धन पूर्ण संख्याओं को धन पूर्ण संख्या कहते हैं l अभ्यास – 2 ( a )1.– सबसे छोटी पूर्ण संख्या बताइए l हल – सबसे छोटी पूर्ण संख्या शून्य ( 0 ) है l 2. – संख्या रेखा पर निम्नांकित पूर्ण संख्याओं को प्रदर्शित कीजिए l 3.- तीन क्रमागत पूर्ण संख्याओं में पहली और तीसरी का योगफल 28 है l संख्याएँ ज्ञात कीजिए l हल- पहली और तीसरी संख्या का योगफल = 28 ؞ पहली और तीसरी संख्या के योगफल का आधा = 28 / 2 = 14 होगा ؞ बीच की संख्या = 14 अतः क्रमागत संख्याएँ = 13, 14, 15 होंगीं l उत्तर 4.- यदि तीन क्रमागत पूर्ण संख्याओं में मध्य की संख्या 39 हो तो तीनों संख्या ज्ञात कीजिए l हल- हम जानते हैं कि क्रम से लिखी गयी संख्याओं को क्रमागत संख्या कहते हैं अतः पहली क्रमागत पूर्ण संख्या = मध्य की संख्या – 1 = 39 – 1 = 38 होगी तीसरी क्रमागत पूर्ण संख्या = मध्य की संख्या + 1 = 39 + 1 = 40 होगी अतः तीन क्रमागत पूर्ण संख्याएँ 38,39,40 होंगीं l उत्तर 5.- प्राकृतिक संख्याओं के समूह में किस संख्या के सम्मिलित कर लेने पर वह पूर्ण संख्याओं का समूह बन जाता है l हल- प्राकृतिक संख्याओं के समूह में शून्य ( 0 ) को सम्मिलित कर लेने पर वह पूर्ण संख्याओं का समूह बन जाता है l अभ्यास – 2 ( a ) का हल pdf :पूर्ण संख्याओं का गुणधर्म :पूर्ण संख्याओं में योग का प्रगुण :( i ) योग का संवरक प्रगुण :दो पूर्ण संख्याओं का योगफल सदैव पूर्ण संख्या होता है l यह पूर्ण संख्याओं के योग का संवरक प्रगुण कहलाता है l जैसे – 5 ( पूर्ण संख्या ) + 7 ( पूर्ण संख्या ) = 12 ( पूर्ण संख्या ) 3 ( पूर्ण संख्या ) + 4 ( पूर्ण संख्या ) = 7 ( पूर्ण संख्या ) 0 ( पूर्ण संख्या ) + 6 ( पूर्ण संख्या ) = 6 ( पूर्ण संख्या ) 4 ( पूर्ण संख्या ) + 0 ( पूर्ण संख्या ) = 4 ( पूर्ण संख्या ) ( ii ) योग का क्रम – विनिमेय प्रगुण :दो पूर्ण संख्याओं के योगफल पर संक्ग्याओं के क्रम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है l अर्थात दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ते समय संख्याओं का क्रम बदल देने पर भी प्राप्त योगफल पूर्ण संख्या होती है जैसे – 2 ( पूर्ण संख्या ) + 3 ( पूर्ण संख्या ) = 3 ( पूर्ण संख्या ) + 2 ( पूर्ण संख्या ) =5 ( पूर्ण संख्या ) 7 ( पूर्ण संख्या ) + 5 ( पूर्ण संख्या ) = 5 ( पूर्ण संख्या ) + 7 ( पूर्ण संख्या ) = 12 ( पूर्ण संख्या ) 0 ( पूर्ण संख्या ) + 4 ( पूर्ण संख्या ) = 4 ( पूर्ण संख्या ) + 0 ( पूर्ण संख्या ) = 4 ( पूर्ण संख्या ) ( iii ) योग का तत्समक अवयव : ( Additive Identity )कसी पूर्ण संख्या में यदि शून्य को जोड़ा जाता है तो योगफल वही संख्या होती है l इसी कारण ‘ 0 ‘ को पूर्ण संख्याओं में योग का तत्समक अवयव कहते हैं l शून्य को पूर्ण संख्याओं के लिए ‘ योज्य तत्समक ‘ भी कहते हैं जैसे – 0 + 1 = 1 0 + 3 = 3 + 0 = 3 0 + 5 = 5 + 0 = 5 ( iv) योग का साहचर्य प्रगुण :तीन पूर्ण संख्याओं को क्रम में जोड़ते समय किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं का समूह पहले बना लेने से योगफल में अन्तर नहीं पड़ता है l यह योग संक्रिया का साहचर्य प्रगुण है l जैसे – ( 2 + 3 ) + 4 = 2 + ( 3 + 4 ) = 9 ( 8 + 4 ) + 9 = 8 + ( 4 + 9 ) = 21 ( v) पूर्ण संख्याओं पर घटाने का संवरक प्रगुण :किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं को आपस में घटाने पर हमेसा पूर्ण संख्या प्राप्त नहीं होती है l अतः घटाने की संक्रिया पूर्ण संख्याओं के लिए संवरक नहीं है l जैसे – 8 – 5 = 3 ( पूर्ण संख्या है ) 6 – 9 = -3 ( पूर्ण संख्या नहीं है ) 0 – 7 = -7 ( पूर्ण संख्या नहीं है ) अभ्यास – 2 ( b )1.- संख्या रेखा पर अंकित योग तथ्यों को लिखिए : 4.- पूर्ण संख्याओं के लिए घटाने की संक्रिया क्रम – विनिमेय नहीं हैं l तीन विभिन्न युग्म लेकर इसकी जाँच कीजिए l हल – ( i ) 3 – 2 ≠ 2 – 3 ( क्रम बदलने पर वही संख्या प्राप्त नहीं हो रही है ) ( ii ) 5 – 0 ≠ 0 – 5 ( क्रम बदलने पर वही संख्या प्राप्त नहीं हो रही है ) ( iii ) 7 – 5 ≠ 5 – 7 ( क्रम बदलने पर वही संख्या प्राप्त नहीं हो रही है ) अभ्यास -2 ( b ) का हल pdf :पूर्ण संख्याओं में गुणा के प्रगुण :( i ) गुणन का संवरक प्रगुण :दो या दो से अधिक पूर्ण संख्याओं का गुणनफल सदैव पूर्ण संख्या होता है l यह गुणन संक्रिया का संवरक प्रगुण कहते हैं l उदाहरण : 2 ( पूर्ण संख्या ) X 4 ( पूर्ण संख्या ) = 8 ( पूर्ण संख्या ) 3 ( पूर्ण संख्या ) X 4 ( पूर्ण संख्या )= 12 ( पूर्ण संख्या ) 5 ( पूर्ण संख्या ) X 2 ( पूर्ण संख्या )= 10 ( पूर्ण संख्या ) 4 ( पूर्ण संख्या ) X 5 ( पूर्ण संख्या ) X 7 ( पूर्ण संख्या ) = 140 ( पूर्ण संख्या ) ( ii ) गुणा का क्रम – विनिमेय प्रगुण :पूर्ण संख्या युग्म में उनके क्रम को बदल देने पर भी गुणनफल समान होता है l इसे गुणन संक्रिया का क्रम – विनिमेय प्रगुण कहते हैं l उदाहरण : 3 X 5 = 5 X 3 = 15 2 X 7 = 7 X 2 = 14 ( iii ) शून्य का गुणन प्रगुण :किसी पूर्ण संख्या और शून्य का गुणनफल सदैव “शून्य” होता है l उदाहरण : 3 X 0 = 0 0 X 7 = 0 0 X 0 = 0 ( iv ) गुणन का तत्समक अवयव : ( Multiplicative Identity )किसी पूर्ण संख्या और “1” का गुणनफल सदैव वही संख्या आती है अतः 1 को गुणन का तत्समक अवयव कहते हैं l उदाहरण : 1 X 0 = 0 X1 = 0 1 X 1 = 1 1 X 3 = 3 X 1 = 3 1 X 5 = 5 X 1 = 5 ( v ) गुणन का साहचर्य प्रगुण :किन्हीं तीन पूर्ण संख्याओं के सतत् गुणन संक्रिया में संख्याओं के क्रम को परिवर्तित करने पर गुणनफल अपरिवर्तित रहता है l अतः गुणन की संक्रिया पूर्ण संख्याओं में साहचर्य है l उदाहरण : ( 3 X 4 ) X 2 = 3 X ( 4 X 2 ) = 24 ( 5 X 7 ) X 3 = 5 X ( 7 X 3 ) = 105 ( vi ) गुणन संक्रिया का योग पर वितरण :किन्हीं तीन पूर्ण संख्याओं के लिए – पहली संख्या X ( दूसरी संख्या + तीसरी संख्या ) = पहली संख्या X दूसरी संख्या + पहली संखा X तीसरी संख्या इसे गुणन संक्रिया का योग पर वितरण प्रगुण कहते हैं l उदाहरण : 7 X ( 5 + 2 ) = 7 X 5 + 7 X 2 5 X ( 6 + 3 ) = 5 X 6 + 5 X 3 ( vii ) गुणन का घटाने पर वितरण :किन्हीं तीन पूर्ण संख्याओं के लिए – पहली संख्या X ( दूसरी संख्या – तीसरी संख्या ) = पहली संख्या X दूसरी संख्या – पहली संखा X तीसरी संख्या अतः गुणन का घटाने पर वितरण नियम लागू है l इसे गुणन का घटाने पर वितरण प्रगुण कहते हैं l उदाहरण : 7 X ( 5 – 2 ) = 7 X 5 – 7 X 2 = 21 5 X ( 6 – 3 ) = 5 X 6 – 5 X 3 = 15 अभ्यास – 2 ( c ) का हल pdf :अभ्यास – 2 ( c )1.- अपनी अभ्यास पुस्तिका में गुणन – संक्रिया के प्रगुणों के आधार पर निम्नांकित कथनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए l
ल – 2.- निम्नलिखित का गुणनफल उचित प्रगुण का प्रयोग करके ज्ञात कीजिए l 3.- वितरण प्रगुण का प्रयोग करके निम्नांकित में से प्रत्येक का गुणनफल ज्ञात कीजिए l पूर्ण संख्याओं में भाग की संक्रिया : भाग संक्रिया, गुणन संक्रिया की विलोम होती है , ( i ) भाग की संक्रिया में संवरक प्रगुण : विभाजन की संक्रिया पूर्ण संख्याओं के लिए संवरक नहीं हैं l ( ii ) शून्य से पूर्ण संख्याओं में भाग का प्रगुण : किसी पूर्ण संख्या में शून्य से भाग परिभाषित नहीं हैं l ( iii ) पूर्ण संख्याओं में ‘ 1 ‘ से भाग का प्रगुण : किसी पूर्ण संख्या में ‘ 1 ‘ से भाग देने पर भागफल सदैव उदाहरण : ( iv ) शून्य में किसी शून्येतर पूर्ण संख्या से भाग का प्रगुण : शून्य में किसी शून्येतर पूर्ण संख्या से भाग देने पर भागफल उदाहरण :
( iv ) किसी शून्येतर पूर्ण संख्या में उसी शून्येतर पूर्ण संख्या से भाग का प्रगुण : किसी शून्येतर पूर्ण संख्या में उसी पूर्ण संख्या से भाग देने अभ्यास – 2 ( d )Q.-1: निम्नांकित संख्या रेखा द्वारा विभाजन तथ्य को बताइए l Q.-2 : 21 ÷ 3 = 7 के संगत गुणात्मक तथ्य 3 X 7 = 21 है l अतः निम्नांकित तथ्यों के संगत गुणात्मक तथ्य बताइए l ( i ) 56 ÷ 8 = 7 ( ii ) 66 ÷ 11 = 6 हल : ( i ) 56 ÷ 8 = 7के संगत गुणात्मक तथ्य 8 X 7 = 56 ( ii ) 66 ÷ 11 = 6 के संगत गुणात्मक तथ्य 11 X 6 = 66 Q.-3 : 117 को दो संख्याओं के गुणा के रूप में व्यक्त कीजिए जिसकी एक संख्या 13 है l हल : 13 X 9 = 117 Ans. Q.-4 : क्या ऐसी कोई पूर्ण संख्या सम्भव है जिसको स्वयं से विभाजित करने पर वही संख्या प्राप्त होती है l हल : हाँ, वह संख्या 1 है Ans. Q.-5 : क्या दो विभिन्न शून्येतर पूर्ण संख्याओं के लिए पहली संख्या को दूसरी संख्या से विभाजित करने पर तथा दूसरी संख्या को पहली संख्या से विभाजित करने पर समान भागफल प्राप्त होता है l हल : नहीं Ans. छात्रवृत्ति परीक्षा प्रश्न : Q.-1 : 80 और 90 के बीच अभाज्य संख्या है : ( क ) 81 और 83 ( ख ) 83 और 87 ( ग ) 81 और 89 ( घ ) 83 और 89 Ans. : 83 और 89 ( घ ) Q.-2 : इस प्रश्न में पाँच पद हैं l चार पद किसी न किसी रूप में एक से हैं, और एक पद अन्य चारों से भिन्न हैं l अन्य से भिन्न पद की संख्या को उत्तर पत्र पर संगत प्रश्न के सम्मुख वृत्त से घेरिए – ( क ) 6, 3, 18 ( ख ) 7, 5, 35 ( ग ) 9, 3, 27 ( घ ) 5, 4, 26 ( च ) 8, 7, 56 Ans. : 5, 4, 26 ( घ ) Q.-3 : दिये गए पाँच विकल्पों में से लुप्त पद को ज्ञात कीजिए तथा उसकी संख्या को सही प्रश्न संख्या के सामने उत्तर पत्रक पर लिखिए l 196, 169, 144, 121, 100, ? ( क ) 85 ( ख ) 90 ( ग ) 81 ( घ ) 64 ( च ) 95 Ans. : 81 ( ग ) अभ्यास -2 ( d ) का हल pdf :अभ्यास का सारांश :
अन्य पढ़े :प्राकृतिक संख्या की परिभाषा अनुवर्ती संख्या की परिभाषा पूर्ववर्ती संख्या की परिभाषा स्थानीय मान कोण कितने प्रकार के होते हैं त्रिभुज किसे कहते हैं पूर्ण संख्याओं में योग का तत्समक अवयव क्या है?पूर्ण संख्याओं में योग के लिए तत्समक अवयव 1 है।
योग का तत्सम क्या होता है?गणित में किसी समुच्चय के योग का तत्समक अवयव (additive identity) वह अवयव है जिसको उस समुच्चय के किसी अवयव x में जोड़ने पर x ही प्राप्त होता है।
तत्समक का मतलब क्या होता है?गणित में तत्समक फलन जिसे तत्समक सम्बंध, तत्समक प्रतिचित्र या तत्समक रूपांतरण भी कहते हैं वह फलन है जो निविष्ट मान को वैसा ही निर्गम करता है जैसा तर्क में काम में लिया गया है। समीकरण के रूप में यह फलन f(x) = x के रूप में दिया जाता है।
गुणात्मक तत्सम क्या होता है?1 का तत्समक गुणनधर्म यह कहता है की यदि किसी भी संख्या का 1 से गुणन किया जाये तो वो अपनी पहचान बनाये रखती है। दूसरे शब्दों में, किसी भी संख्या का 1 से गुणा करने पर हमें वही संख्या वापस मिल जाती है।
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