पत्र लिखना स्कूल में कितना बढ़िया अनुभव था। पत्र लेखन लगभग सभी कक्षाओं में पूछा जाता है। अच्छा पत्र लिखना भी एक कला है जिसके अनुसार ही परीक्षा में अंक दिए जाते हैं। आपको परीक्षा में इस टॉपिक में पूरे अंक प्राप्त हों इसलिए इस ब्लॉग में पत्र लेखन से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण नियम, कुछ प्रश्न और फॉमेट दिए गए हैं, आइए विस्तार से जानते हैं। Show
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पत्र लेखन क्या है?एक व्यक्ति अपनी भावनाओं को एक कागज के पत्र पर लिखकर दूसरे व्यक्ति के सामने प्रकट करता है, उस प्रोसेस को पत्र लेखन कहा जाता है। पत्र लेखन को चिठ्ठी भी कहा जाता है। कोई व्यक्ति जब अपनी भावनाओं को दूसरे के सामने प्रकट करता है, तो पत्र प्राप्त करने वाला व्यक्ति भी उस पत्र का जवाब पत्र के माध्यम से उस व्यक्ति तक पहुंचाता है। कुछ दशक पहले एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने का एक मात्र साधन पत्र ही था। पत्र लेखन कैसे लिखते हैं?नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं जो पत्र लिखने के लिए बहुत ही आवश्यक है :
पत्र लेखन की उपयोगिता अथवा महत्वपत्र लेखन की उपयोगिता अथवा महत्व नीचे बताए गए हैं-
पत्र लेखन के आवश्यक तत्व और विशेषताएंपत्र लेखन से संबंधित कई सारे महत्व हैं, लेकिन इन महत्वों का लाभ तभी उठाया जा सकता है जब पत्र एक आदर्श पत्र की भांति लिखा गया हो। नीचे इनके बारे में विस्तार से बताया गया है-
हिंदी व्याकरण – Leverage Edu के साथ संपूर्ण हिंदी व्याकरण सीखें औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में अंतरपत्र लेखन के अंदर आने वाले औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों में क्या अंतर होता है, यह नीचे बताया गया है-
अनौपचारिक पत्रों को लिखने के उद्देश्यअनौपचारिक पत्र लिखने के उद्देश्य नीचे दिए गए हैं-
औपचारिक पत्रों को लिखने के लिए कौन- कौन से तत्व आवश्यक है?तत्वों के नाम इस प्रकार हैं:
अनौपचारिक पत्र के भागअनौपचारिक पत्र के भाग नीचे दिए गए हैं-
औपचारिक पत्र का फॉर्मेटअनौपचारिक-पत्र का प्रारूपपत्र प्रेषकपत्र भेजने वाला को पत्र प्रेषक कहते हैं पत्र प्राप्त करता पत्रों को प्राप्त करने वाले को यात्रा को पाने वाले को पत्र प्राप्त करता कहते हैं I पत्र लेखन मैं अलग-अलग प्रकार के अंग होते हैं I पत्र लेखन लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है I
पत्र लेखन के प्रकार
औपचारिक पत्र लेखन हिंदीऔपचारिक पत्र हम उसे लिखते हैं जिनके साथ हमारा कोई भी पारिवारिक संबंध या निजी संबंध नहीं होता इसके अंदर हम किसी भी प्रकार की बातचीत या आत्मीयता का समावेश नहीं करते। औपचारिक पत्र लेखन में हम नीचे बताए गए कुछ मुख्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है। 1. प्रार्थना पत्र – विद्यालय में किसी भी प्रकार की समस्या से संबंधित प्रार्थना पत्र लिखा जाता है।
2. आवेदन पत्र – किसी भी कंपनी यह संस्था में नौकरी के लिए आवेदन पत्र लिखा जाता है। 3. बधाई पत्र – जब भी हम किसी भी अधिकारी को उसी सफलता की उपलब्धि पर पत्र लिखते हैं उसे बधाई पत्र लेखन कहते हैं। 4. शुभकामना पत्र – किसी भी अधिकारी को जब हम किसी यात्रा या पदोन्नति की प्राप्ति पर पत्र लिखता है उसे शुभकामना पत्र लेखन कहते हैं। 5. व्यावसायिक पत्र – जब हम किसी व्यापारिक फैशन शो को पत्र लिखते हैं उसे व्यावसायिक पत्र कहता है। 6. शिकायती पत्र – जब हम किसी भी समस्या हो या कठिनाई के आधारी पत्र लिखता है उसे शिकायती पत्र लेखन कहता है। 7. धन्यवाद पत्र – जब हम किसी भी कार्यक्रम यह विशेष उत्सव के लिए धन्यवाद देने के लिए पत्र लिखता है उसे धन्यवाद पत्र लेखन कहते हैं। 8. सांत्वना पत्र – जब हम किसी भी अधिकारी के स्वयं या उसी परिवार के सदस्य के साथ दुर्घटना ग्रस्त हादसा होने पर जब हम पत्र लिखते हैं उसे हम सांत्वना पत्र कहते हैं। 9. संपादकीय पत्र – जब हम किसी भी सरकारी अधिकारी को बात पहुंचाने के लिए समाचार पत्र के संपादक का माध्यम से अपनी बात पहुँचाते है तब वह पत्र को संपर्क किए पत्र लेखन कहते हैं। मुख्य तीन भागों में औपचारिक पत्र को बाँटा गया है:
औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता हैं (1) प्रार्थना-पत्र (रिक्वेस्ट पत्र)- जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं।ये अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन के लिए लिखे जाते हैं। (2) सम्पादकीय पत्र (एडिटोरियल पत्र)-सम्पादक के नाम लिखे जाने वाले पत्र को संपादकीय पत्र कहा जाता हैं। इस प्रकार के पत्र सम्पादक को सम्बोधित होते हैं, जबकि मुख्य विषय-वस्तु ‘जन सामान्य’ को लक्षित कर लिखी जाती हैं। (3) कार्यालयी-पत्र (आधिकारिक पत्र)- विभिन्न कार्यालयों के लिए प्रयोग किए जाने अथवा लिखे जाने वाले पत्रों को ‘कार्यालयी-पत्र’ कहा जाता हैं। ये पत्र किसी देश की सरकार और अन्य देश की सरकार के बीच, सरकार और दूतावास, राज्य सरकार के कार्यालयों, संस्थानों आदि के बीच लिखे जाते हैं। (4) व्यापारी अथवा व्यवसायिक पत्र (बिज़नेस पत्र)- व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्व्यवसायिक पत्र’ कहते हैं।आज व्यापारिक प्रतिद्वन्द्विता का दौर हैं। प्रत्येक व्यापारी यही कोशिश करता हैं कि वह शीर्ष पर विद्यमान हो। व्यापार में बढ़ोतरी बनी रहे, साख भी मजबूत हो, इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जिन पत्रों को माध्यम बनाया जाता हैं, वे व्यापारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं। इन पत्रों की भाषा पूर्णतः औपचारिक होती हैं। औपचारिक पत्र लेखन हिंदी लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
औपचारिक letter writing in Hindi के निम्नलिखित सात अंग होते हैं (1) पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता। सेवा में अहमदाबाद गुजरात महोदय, आपकी अति कृपा होगी धन्यवाद आपकी आज्ञाकारी नौकरी के लिए पत्र लेखनपरीक्षा भवन प्रधानाचार्य जी मयूर विहार दिल्ली-110091 विषय: हिंदी अध्यापक के पद हेतु आवेदन-पत्र महोदय, – मैंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से दसवीं की परीक्षा 1986 में 70% अंक प्राप्त कर
उत्तीर्ण की है। मैं पिछले वर्ष डी०ए०वी० स्कूल, कृष्णा नगर में हिंदी अध्यापक के पद पर कार्य कर चुका हूँ। यह पद मात्र एक वर्ष के लिए ही रिक्त था। इसलिए मुझे वहाँ से कार्य छोड़ना पड़ा है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यदि आपकी चयन समिति ने मुझे यह अवसर प्रदान किया, तो निश्चित ही मैं आपकी उम्मीदों पर खरा उतरूँगा और अपनी पूरी निष्ठा व लगन के साथ काम करूँगा। धन्यवाद सहित बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्राइमरी शिक्षक के पद के लिए पत्र लेखनबी०पी० 153 बेसिक शिक्षा अधिकारी विषय: प्राइमरी शिक्षक के पद के लिए आवेदन-पत्र मान्यवर – बारहवीं अन्य योग्यताएँ: अनुभव: डी०ए०वी० मिडिल स्कूल, कानपुर में प्राइमरी शिक्षक के पद पर कार्यरत।महोदय, यदि उक्त पद पर कार्य करने का अवसर प्रदान करें, तो मैं अपनी कार्यकुशलता से अपने अधिकारियों को संतुष्ट रखने का प्रयास करूँगी तथा पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करूँगी। प्रार्थना-पत्र के साथ सभी प्रमाण-पत्रों की प्रतियाँ संलग्न हैं। धन्यवाद शिकायती पत्रकिसी विशेष कार्य, समस्या अथवा घटना की शिकायत करते हुए सम्बन्धित अधिकारी को लिखा गया पत्र ‘शिकायती पत्र’ कहलाता है। शिकायती पत्र लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस सम्बन्ध में शिकायत की जा रही है, उसका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए। शिकायत हमेशा विनम्रता के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए। अपने मुहल्ले के पोस्टमैन की कार्यशैली का वर्णन करते हुए पोस्टमास्टर को शिकायती पत्र लिखिए। 15, दूंगाधारा, सेवा में, महोदय, मैं आपका ध्यान मुहल्ला दूंगाधारा के पोस्टमैन की कर्तव्य-विमुखता की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। इस मुहल्ले के निवासियों की शिकायत है कि यहाँ डाक कभी भी समय से नहीं बँटती है। अतः यहाँ के निवासियों को बड़ी असुविधा है। आपसे निवेदन है कि इस मामले की जानकारी प्राप्त करके उचित कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि इस समस्या का निराकरण हो सके। सधन्यवाद! मोहल्ले की सफाई हेतु पत्रSource : Pinterestऔपचारिक पत्र लेखनऔपचारिक पत्र लेखन इस प्रकार है:
अनौपचारिक पत्र लेखनअनौपचारिक पत्र लेखन इस प्रकार है: यह पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध रहता है। यह पत्र अपने परिवार के लोगों को जैसे माता-पिता, भाई-बहन और मित्रों को उनके हालचाल पूछने, निमंत्रण देने और सूचना आदि देने के लिए लिखे जाते हैं। आपको बताते चले कि इन पत्रों में भाषा के प्रयोग में थोड़ी ढ़ील की जा सकती है। इन पत्रों में शब्दों की संख्या नहीं होती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर की बातों का भी जोड़ा जाता है। अनौपचारिक पत्र उन व्यक्तियों को लिखे जाते हैं, जिनसे पत्र लेखक का व्यक्तिगत या निजी सम्बन्ध होता है। अपने मित्रों, माता-पिता, अन्य सम्बन्धियों आदि को लिखे गये पत्र अनौपचारिक-पत्रों के अंदर आते हैं। अनौपचारिक पत्रों में आत्मीयता का भाव रहता है तथा व्यक्तिगत बातों का उल्लेख भी किया जाता है। इस तरह के पत्र लेखन में व्यक्तिगत सुख-दुख का ब्योरा एवं विवरण के साथ व्यक्तिगत संबंध को उल्लेख किया जाता है। अनौपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
अनौपचारिक पत्र की प्रशस्ति, अभिवादन व समाप्ति
(2)औपचारिक पत्र- प्रधानाचार्य, पदाधिकारियों, व्यापारियों, ग्राहकों, पुस्तक विक्रेता, सम्पादक आदि को लिखे गए पत्र औपचारिक पत्र कहलाते हैं। विदेश यात्रा पर जाने वाले मित्रों को शुभकामना के लिए पत्र52, सरदार चौक अभी अभी तुम्हारा पत्र मिला , यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि तुम 25 अप्रैल को कनाडा जा रहे हो। बचपन से ही तुम विदेश आने का सपना देखा करते थे। अब बोलो सपना तुम्हारा साकार होने को आ रहा है। कनाडा जाने के लिए मेरे पूरे परिवार की तरफ से तुम्हें बहुत सारी शुभकामना और तुम्हारी यात्रा सफल रहे। वहां जाकर मुझे भूल मत जाना और पत्र लिखते रहना। मेरे प्रिय मित्र धर्मेश , इस बात का हमेशा ध्यान रखना कि तुम भारतीय हो वहां जाकर अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूल मत जाना। तुम जैसे हो वैसे ही रहना अपने स्वभाव और व्यवहार पर विदेशी प्रभाव को पढ़ने मत देना। हार्दिक शुभकामना। तुम्हारा मित्र FAQsपत्र लेखन कितने प्रकार के हैं? पत्र लेखन 2 प्रकार के होते हैं,जैसे- पत्र लेखन क्या है? पत्र लेखन एक ऐसी कला है, जिसके माध्यम से दो व्यक्ति या दो व्यापारी जो एक दुसरे से काफी दूरी पर स्थित हो, परस्पर एक दूसरे को विभिन्न कार्यों अथवा सूचनाओं के लिए पत्र लिखते हैं। पत्र के मुख्य भाग कौन कौन से होते हैं? पत्र लेखन के मूल रूप से तीन भाग होते हैं। जैसे – 1. प्रारंभ: यानि पत्र के आरंभ में पत्र लिखकर हम प्रेषक के पते का अभिवादन करने लगते हैं। आशा करते हैं कि आपको पत्र लेखन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली होगीं। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। |