पद - परिचय कितने प्रकार के होते हैं ?

अभी तक हम सबने विभिन्न प्रकार के हिंदी व्याकरणसे संबंधित टॉपिक्स के विषय में पढ़ा है। हम सभी हिंदी व्याकरण में आने वाले संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, काल, समास, संधिआदि जैसे शब्दों से भली भांति परिचित है। आप और हम कक्षा 1 से 9वीं तक इन सभी टॉपिक्स को पढ़ते है। कक्षा 10वीं में इन सबके साथ एक टॉपिक पद परिचय भी जुड़ जाता है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर आप पद परिचय के बारे में नही जानते है तो हमारे ब्लॉग को अंत तक पढ़े। इस ब्लॉग में हमने Pad Parichay से जुड़ी समस्त जानकारी उपलब्ध कराई है।

पद - परिचय कितने प्रकार के होते हैं ?

पद - परिचय कितने प्रकार के होते हैं ?

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पद परिचय का अर्थ क्या है? 

जब शब्दो का प्रयोग वाक्य में किया जाता हैं तो उन्हें पद कहते हैं। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है। जिसे हम अपना परिचय देते हैं ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने भी शब्द प्रयुक्त होते हैं उन सभी का भी परिचय हुआ करता है। पद परिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। पद परिचय को  ‘पदनिर्देशित’, ‘पदच्छेद’, ‘पदविन्यास’ भी कहा जाता हैं। पद परिचय में वाक्य के पदों का परिचय, उनके स्वरूप एवं दूसरे पदों के साथ उनके संबंध को बताना होता है अर्थात व्याकरण संबंधी ज्ञान की परीक्षा और उस विद्या के सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग ही पद परिचय का मुख्य उद्देश्य है।

वाक्य में शब्द नहीं, पद होते हैं।

वाक्य में शब्दों के प्रयुक्त होने पर शब्द पद कहलाते हैं। वाक्य में प्रत्येक पद के स्वरूप तथा अन्य पदों के साथ उसके संबंध को बताने की क्रिया को पद परिचय कहते हैं। पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद (प्रकार) से संबंधित है। उसके बाद निम्नलिखित निर्देशों के अनुरूप उसकी व्याकरणिक भूमिकाओं का उल्लेख करना चाहिए व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य यह है कि वाक्य में उस पद की क्या स्थिति है, उसका लिंग क्या है ,उसका वचन कौन सा है, उसमें कौन सा कारक उपयोग किया गया है तथा अन्य पदों के साथ उसके को संबंध बताना होता है ।

संवाद लेखन कैसे करते हैं? 

पद परिचय कितने प्रकार के होते है? 

अभी तक हमने जाना की पद परिचय क्या होता है ? इसे कैसे लिखा जाता है । अब हम देखेंगे कि Pad parichay के कितने प्रकार होते हैं:

पद परिचय के प्रकार:

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) अव्यय
(5) क्रिया विशेषण 
(6) क्रिया
(7) संबंधबोधक 
(8) समुच्चयबोधक

तो चलिए अब इन सभी के बारे में एक एक करके विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

संज्ञा शब्द का पद परिचय

वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का पद परिचय करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया  के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक होता है। संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ संबंध कारक के अनुसार जाना जाता है। 

उदाहरण 1 – लंका में राम ने बाणों से रावण को मारा।
इस वाक्य में ‘लंका’, ‘राम’, ‘बाणो’, और ‘रावण’ चार संज्ञा पद हैं। 
इन संज्ञा पदों का पद परिचय इस प्रकार होगा:
लंका : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक। 
राम : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक। 
बाणों : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक। 
रावण : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक। 

सर्वनाम शब्द का पद परिचय

सर्वनाम का पद परिचय दर्शाने के लिए सर्वनाम, सर्वनाम का प्रकार पुरुष के साथ, वचन, लिंग, कारक और वाक्य के अन्य पदों से संबंधों को दिखाना होता है।
उदाहरण- जिसे आप लोगों ने बुलाया है, उसे अपने घर जाने दीजिए।
इस वाक्य में ‘जिसे’, ‘आप लोगों ने’, ‘उसे’ और ‘अपने’ पद सर्वनाम हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा।
जिसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
आप लोगों ने : पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।
उसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
अपने : निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।

विशेषण शब्द का पद परिचय

विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन,विशेष्य के अनुसार होता है।

उदाहरण 1- ये तीन किताबें बहुत बहुमूल्य हैं।
उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ ,’बहुत’ और ‘बहुमूल्य’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पद परिचय निम्नलिखित है-
तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘किताब’ हैं।
बहुत : संख्यावाचक,स्त्रीलिंग, बहुवचन।
बहुमूल्य : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन।
उदाहरण 2 – सज्जन मनुष्य बहुत बातें बनाते है।
इस वाक्य में ‘सज्जन’ और ‘बहुत’ विशेषण पद हैं। 

इसका पद परिचय इस प्रकार होगा :
सज्जन : विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, इसका विशेष्य ‘मनुष्य’ है।
बहुत : विशेषण, संख्यावाचक, अनिश्चयवाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘बातें’ इसका विशेष्य है।

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय करने के लिए वाक्य में प्रयुक्त अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को लिखना होता है।

उदाहरण 1-  वे प्रतिदिन जाते हैं। 
वाक्य में ‘प्रतिदिन’ अव्यय है। 
इसका पद परिचय इस तरह होगा-

प्रतिदिन : कालवाचक अव्यय, यहां ‘जाना’ क्रिया के काल बताता  है इसलिए जाना क्रिया का विशेषण है।
उदाहरण 2 – वाह ! क्या अच्छी पुस्तक लाये।
वाह ! : विस्मयादिबोधक शब्द है जो आनंद को प्रदर्शित कर रहा है।

क्रिया विशेषण का पद परिचय

क्रिया विशेषण का पद परिचय करते समय,क्रियाविशेषण का प्रकार (रीतिवाचक, परिमाणवाचक, कालवाचक) और उस क्रिया पद का उल्लेख करना होता हैं, जिस क्रियापद की विशेषता प्रकट करने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है।

उदाहरण1- लड़की उछल कूद कर रही हैं।
इस वाक्य में ‘उछल कूद’ क्रियाविशेषण है। 
इस क्रियाविशेषण का पद परिचय निम्न तरीके से होगा-
उछल कूद  : रीतिवाचक क्रियाविशेषण है जबकि  ‘कर रही है’ क्रिया की विशेषता बतलाता है।

उदाहरण 2- बहुत जल्द मत जाओ।
इस वाक्य में ‘बहुत’ और ‘जल्द’ क्रिया-विशेषण पद हैं।
इनका पद परिचय इस प्रकार होगा।
बहुत : परिमाणवाचक क्रियाविशेषण और जल्द का गुणबोधक है।
जल्द : समयवाचक क्रियाविशेषण और क्रिया के काल को  बताता है।

क्रिया शब्द का पद परिचय

क्रिया का पद परिचय करते समय क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द को लिखना पड़ता है।
उदाहरण 1- राम ने रावण को मारा।
मारा – क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। ‘मारा’ क्रिया का कर्ता राम तथा कर्म रावण।

उदाहरण 2-  श्याम ने खीर खाकर पुस्तक पढ़ी।
इस वाक्य के ‘खाकर’ और ‘पढ़ी’ क्रिया पद हैं। 
इनका पद परिचय इस प्रकार होगा :
खाकर : पूर्वकालिक क्रिया, सकर्मक, कर्तृवाच्य, इसका कर्म ‘खीर’ है।
पढ़ी : सकर्मक क्रिया, कर्मवाच्य, सामान्य भूतकाल, निश्चयार्थ प्रकार, स्त्रीलिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, इसका कर्त्ता ‘राम’ तथा कर्म ‘पुस्तक’ हैं।

संबंधबोधक का पदपरिचय

संबंधबोधक का पद परिचय करते समय संबंधबोधक का भेद और  किस संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को लिखना पड़ता है।

उदाहरण 1- कुर्सी के नीचे बिल्ली बैठी है।
उपर्युक्त वाक्य में ‘के नीचे’ संबंधबोधक है। ‘कुरसी’ और ‘बिल्ली’ इसके संबंधी शब्द हैं।

उदाहरण 2- इस सन्दूक के भीतर चार पुस्तकें और दो पत्र हैं।
इस वाक्य में ‘भीतर’ संबंधबोधक पद है। इसका Pad parichay इस प्रकार होगा :
भीतर : संबंध वाचक अव्यय, इसका संबंध ‘सन्दूक’ से है।

मुच्चयबोधक का पदपरिचय

समुच्चयबोधक का पद परिचय करते समय समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को लिखना पड़ता है। उदाहरण – दिल्ली अथवा कोटा में पढ़ना ठीक है।

इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चयबोधक शब्द है। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा : अथवा : विभाजक समुच्चयबोधक अव्यय है तथा ‘कोटा’ और दिल्ली के मध्य विभाजक संबंध।

उपसर्ग और प्रत्यय क्या होते है? 

पद परिचय के लिए आवश्यक संकेत क्या है? 

पद परिचय के लिए आवश्यक संकेत निम्नलिखित है-

  1. संज्ञा- संज्ञा के भेद (जातीवेचक्, व्यक्तिवाचक, भाववाचक) 
  2. लिंग –  स्त्रीलिंग, पुलिंग
  3. कारक तथा क्रिया के साथ संबंध
  4. वचन- एकवचन, बहुवचन 
  5. सर्वनाम-  सर्वनाम के प्रकार( पुरुषवाचक, प्रश्नवाचक , संबंधवाचक, निश्चयवाचक , अनिश्चयवाचक, निजवाचक) 
  6. लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध
  7. विशेष्य-  लिंग, वचन
  8. वाक्य-  लिंग, वचन ,काल, धातु। 
  9. विशेषण – विशेषण के प्रकार (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सार्वनामिक) 
  10. अवयव- अवयव के भेद ( क्रिया, विशेषण, संबंधबोधक, समुचयबोधक, विस्मायादिबोधक) 

सभी पदों के परिचय संक्षिप्त दृष्टि से मुख्यतः दो वर्गों में बांटा जा सकते है-

  • विकारी: लिंग, वचन,पुरुष, कारक आदि के कारण पदों में विकार उत्पन्न होता है इसी कारण में विकारी शब्द कहा जाता है। 
  • अविकारी: अव्यय शब्द होते हैं जिन पर लिंग वचन काल पूर्व शादी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जैसे प्रातः काल धीरे-धीरे यहां महा आदि। 

जाने समास क्या होता है? 

पद परिचय के उदाहरण-

  1. रामचरितमानस की रचना तुलसीदास द्वारा की गई। 
  • रामचरितमानस: व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन , पुल्लिंग, कर्म कारक। 
  • तुलसीदास द्वारा: व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग , करण कारक। 
  • की गई : संयुक्त क्रिया , एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्मवाच्य, अन्य पुरुष। 
  1. वह दौड़कर विद्यालय गया। 
  • वह- अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, गया क्रिया का कर्ता। 
  • दौड़कर- पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, गया क्रिया की विशेषता बता रहा है। 
  • गया- मुख्य क्रिया, एकवचन,पुल्लिंग,भूतकाल,कर्तृवाच्य। 
  1. बाग में कुछ लोग बैठे हैं। 
  • बाग- जातिवाचक संज्ञा,  एकवचन, पुल्लिंग,अधिकरण कारक। 
  • कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, विशेष्य लोग
  • लोग- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक। 
  •   बैठे हैं – अकर्मक क्रिया , बहुवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल 
  1. मैं आपको कुछ रुपए दूंगा। 
  • मै- उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन,पुल्लिंग,कर्ता कारक, दूंगा क्रिया का करता। 
  • आपको- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग ,संप्रदान कारक। 
  • कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, विशेष्य रुपये। 
  • रुपए- जातिवाचक संज्ञा ,बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य , विशेषण:कुछ। 
  • दूंगा-सकर्मक क्रिया,एकवचन,पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, भविष्यकाल,  कर्ता मैं। 
  1. भारतीय सैनिक रणक्षेत्र में वीरता दिखाते हैं और छात्रों को सबक सिखाते हैं। 
  • भारतीय: गुणवाचक विशेषण,पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य- सैनिक
  • सैनिक- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, कर्ता कारक, दिखाते हैं क्रिया का कर्ता। 
  • रणक्षेत्र में- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुर्ल्लिंग, अधिकरण कारक। 
  • वीरता -भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग,कर्म कारक। 
  • दिखाते हैं- सकर्मक क्रिया, बहुवचन, कतृवाचय, वर्तमान काल कार्यकर्ता सैनिक। 
  • और-समानाधिकरण समुच्चयबोधक दो वाक्यों को जोड़ने वाला। 
  • शत्रुओं को- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, कर्म कारक, पुल्लिंग। 
  • सबक- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, कर्म कारक। 
  • सिखाते हैं- सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, कृत्यवाच्य, वर्तमान काल कर्ता सैनिक। 
  1. वीरों की सदा जीत होती है। 
  • वीरों की- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक । 
  • सदा- कालवाचक क्रिया विशेषण। 
  • जीत- भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक। 
  • होती है- अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग,वर्तमान काल, कृत्यवाय। 
  1. इस संसार में ईमानदार बहुत कम है। 
  • इस- सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, संसार विशेष्य। 
  • संसार में- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण कारक। 
  • ईमानदार- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य- विशेषण ‘बहुत कम’। 
  • बहुत कम- गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ईमानदार। 
  1. अरे! आप आ गए। 
  • अरे! – विस्मयादिबोधक अव्यय, विस्मय का भाव प्रकट कर रहा है। 
  • आप- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम,एकवचन, पुल्लिंग ,कर्ता कारक। 

सीबीएसई कक्षा 10 हिंदी ए व्याकरण पदपरिचय

पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।

शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।
शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका कोई अर्थ होता है।

पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।
उदाहरण-सीता, आम, खाती – शब्द हैं।
सीता आम खाती है।
पद-परिचय- वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।

व्याकरणिक परिचय क्या है?

वाक्य में प्रयोग हुआ कोई पद व्याकरण की दृष्टि से विकारी है या अविकारी, यदि बिकारी है तो उसका भेद, उपभेद, लिंग, वचन पुरुष, कारक, काल अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध और अविकारी है तो किस तरह का अव्यय है तथा उसका अन्य शब्दों से क या संबंध है आदि बताना व्याकरणिक परिचय कहलाता है।
पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातें बताना आवश्यक होता है –

  1. संज्ञा–तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक क्रिया के साथ संबंध।
  2. सर्वनाम-सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया से संबंध।
  3. विशेषण-विशेषण के भेद, लिंग, वचन और उसका विशेष्य।
  4. क्रिया-क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य,धातु कर्म और कर्ता का उल्लेख।
  5. क्रियाविशेषण-क्रियाविशेषण का भेद तथा जिसकी विशेषता बताई जा रही है, का उल्लेख।
  6. समुच्चयबोधक-भेद, जिन शब्दों या पदों को मिला रहा है, का उल्लेख।
  7. संबंधबोधक-भेद, जिसके साथ संबंध बताया जा रहा है, का उल्लेख।
  8. विस्मयादिबोधक-हर्ष, भाव, शोक, घृणा, विस्मय आदि किसी एक भाव का निर्देश।

पद परिचय वर्कशीट

निम्नलिखित प्रश्नो में रेखांकित पदों के सही परिचय का चयन करे।

Q1. मुंशी प्रेमचंद ने गोदान के रचना की।
A) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
B) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
C) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
D) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक

Answer (C)
Trick: यहाँ प्रेमचंद काम को करने वाला है इसीलिए करता कारक  

Q2. रेखा नित्य दौड़ने जाती है ।
A) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दौड़ने जाता है’ क्रिया की विशेषता
B) रीतिवाचक क्रिया विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दौड़ने जाता है’ क्रिया की विशेषता
C) अव्यय, स्थानवाचक क्रिया विशेषण, ‘दौड़ने जाती है’ क्रिया की विशेषता
D) अव्यय, कालवाचक क्रिया विशेषण, ‘दौड़ने जाती है’ क्रिया की विशेषता

Answer (D)
Trick: नित्य (हमेशा), यह समय यानि की काल की विशेषता को बता रहा है इसीलिए कालवाचक क्रिया विशेषण

Q3. बागो में फूल खिलते हैं।
A) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
B) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
C) सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
D) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य

Answer (B)
Trick: ‘खिलते’ बहुवचन है। 

Q4. ‘लाल गुलाब देखकर मन खुश हो गया।’-रेखांकित पद का परिचय है-
A) संख्यावाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, ‘गुलाब विशेष्य का विशेष
B) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, ‘गुलाब विशेष्य का विशेष
C) परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘गुलाब विशेष्य का विशेष
D) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग, ‘गुलाब विशेष्य का विशेष

Answer (B)
Trick: ‘लाल’ गुलाब का गुण बता रहा है इसीलिए गुणवाचक विशेषण 

Q5. राधिका ने आपको बुलाया है।
A) प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
B) निजवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
C) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
D) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक

Answer (C)
Trick: तुम, आप, आपको मध्य पुरुष है 

Q6. रिया पटना जा रही है।
A) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
B) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
C) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक
D) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक

Answer (B)

Q7. राखी से मैं कल यहीं मिला था।
A) क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग एकवचन, कर्तृवाच्य
B) क्रिया, सकर्मक, पूर्ण भविष्यत काल, पुल्लिंग एकवचन, कर्मवाच्य
C) क्रिया, अकर्मक, वर्तमान काल, स्त्रीलिंग एकवचन, कर्म वाच्य
D) क्रिया, अकर्मक, भूतकाल, पुल्लिंग, बहुवचन, भाववाच्य

Answer (A)

Q8. राकेश आठवीं कक्षा में पढ़ता है।
A) विशेषण, संख्यावाचक, आवृत्तिसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा’ विशेष्य
B) विशेषण, परिमाणवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा’ विशेष्य
C) विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा’ विशेष्य
D) विशेषण, निश्चयवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य

Answer (C)
Trick: ‘आठ’ संख्या को बताता है। 

Q9. बिल्ली गाडी के नीचे बैठी हैं।
A) अव्यय, संबंधबोधक, ‘गाडी से संबंध
B) अव्यय, योजक
C) अव्यय, योजक, बिल्ली और गाडी को जोड़ रहा है
D) अव्यय, क्रिया विशेषण

Answer (A)

Q10. अभिषेक किसे देख रहा है?
A) सर्वनाम, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्म कारक
B) सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक
C) सर्वनाम, पुल्लिंग, प्रश्नवाचक, कर्ताकारक
D) सर्वनाम, प्रश्नवाचक, एकवचन, कर्म कारक

Answer (D)

Q11. घोड़ा तेज दौड़ रहा है।
A) अव्यय, कालवाचक क्रियाविशेषण
B) अव्यय, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘दौड़ना’ क्रिया की विशेषता
C) अव्यय, स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘दौड़ना’ क्रिया की विशेषता
D) इनमें से कोई नहीं

Answer (B)

Q12. गरीब मज़दूर बहुत परिश्रम कर रहा है।
A) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य-मजदूर
B) संज्ञा, संख्यावाचक, पुल्लिंग, बहुवचन
C) विशेषण, , जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
D) इनमें से कोई नहीं

Answer (A)
Trick: गरीब ‘मजदुर’ की विशेषता बता रहा है।

Q13. कल मेरे पापा दिल्ली गए।
A) क्रिया, सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्मवाच्य
B) क्रिया, सकर्मक, बहुवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य
C) क्रिया, अकर्मक, बहुवचन, पुल्लिंग, भविष्यत्काल , कर्तृवाच्य
D) क्रिया, अकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य

Answer (D)

Q14. दीपक बाजार जा रहा है।
A) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, समंध कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
B) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
C) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
D) इनमें से कोई नहीं

Answer (B)

Q15. वाह! कितना सुन्दर मोर है।
A) अव्यय, विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
B) अव्यय, संबंध बोधक, शोक सूचक
C) क्रिया विशेषण, काल वाचक, मोर की विशेषता बता रहा
D) अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्ष सूचक

Answer (D)
Trick: ‘वाह’ हर्ष यानि ख़ुशी को दर्शा रहा है।

पद परिचय PPT

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पद परिचय वीडियो

Source: Aasoka

पद - परिचय कितने प्रकार के होते हैं ?

पद - परिचय कितने प्रकार के होते हैं ?

FAQ

पद परिचय के कितने भेद हैं?

पद परिचय के मुख्यत 5 भेद होते हैं-
संज्ञा,सर्वनाम,विशेषण,क्रिया,अव्यय 

विशेषण पद क्या होता है?

विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन,विशेष्य के अनुसार होता है।

पद परिचय का अर्थ क्या है? 

पद परिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। 

संज्ञा पद परिचय किसे कहते है? 

वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का Pad parichay करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया  के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक होता है। संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ संबंध कारक के अनुसार जाना जाता है। 

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पद परिचय के कितने अंग हैं?

वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का Pad parichay करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक होता है। संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ संबंध कारक के अनुसार जाना जाता है।

पद कितने प्रकार के होते हैं?

पद पाँच प्रकार के होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय।

पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं class 9?

अव्यय शब्द का पद परिचय अव्यय शब्द चूंकि लिंग, वचन, कारक आदि से प्रभावित नहीं होता, अतः इनके पद परिचय में केवल अव्यय शब्द के प्रकार, उसकी विशेषता या सम्बन्ध ही बताया जाता है। (1) क्रियाविशेषण – क्रियाविशेषण के भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक) उस क्रिया का उल्लेख, जिसकी विशेषता बताई जा रही हो।

पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं 1 Point?

पद परिचय के प्रकार – Pad Parichay Ke Parkar in Hindi.
1 . संज्ञा शब्द का पद परिचय – ... .
2 . सर्वनाम शब्द का पद परिचय – ... .
3 . क्रिया शब्द का पद परिचय – ... .
5 . क्रिया विशेषण का पद परिचय – ... .
6 . संबंधबोधक अव्यय का पद परिचय – ... .
7 . समुच्चयबोधक अव्यय का पद परिचय – ... .
8 . विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय –.