हेलो दोस्तों पेड़-पौधे क्या हैं?इसके कितने भाग होते हैं| पौधों के प्रकार, वर्गीकरण, महत्त्व तथा विशेषताएँ पोस्ट के माध्यम से www.way2pathshala.in तथा www.examstd.com द्वारा विभिन्न बिन्दुओं जैसे पेड़ पौधे क्या है ? पौधे के कौन-कौन से अंग होते हैं तथा इन पौधे के विभिन्न भाग एवं उनके कार्य, पौधों के प्रकार एवं भाग और इनका वर्गीकरण, महत्व तथा विशेषताएँ का उल्लेख किया गया है। तथा साथ ही साथ विभिन्न टॉपिक जैसे -पेड़ के भागों के नाम,पौधे के कौन-कौन से अंग होते हैं,पौधे के विभिन्न भाग एवं उनके कार्य, पौधों के नाम,पौधों के विभिन्न भागों के नाम बताइए, पौधों के प्रकार एवं भाग, पेड़ के भागों के नाम इंग्लिश में, पौधे के प्रकार पर भी प्रकाश डाला गया है। Show अगर हम पने आस पास देखे हमें दो तरह की वस्तुएं दिखाई देती है|सजीव वस्तुएं और निर्जीव वस्तुएं,सजीव वस्तुओ में एक कोशकीय जंतु से लेकर बहुकोशकीय जन्तु तथा पेड़-पौधे पाए जाते है| पेड़ पोधों का हमारे जीवन में अनमोल योगदान है| जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते है| यह हमारे प्रदूषण को कम करते है और हमारे द्वारा छोड़ी गयी कार्बनडाईऑक्साइड को ग्रहड़ कर हमें प्राण वायु ऑक्सीजन प्रदान करते है तथा इनसे प्राप्त होनेवाली विभिन्न प्रकार की वस्तुए जैसे औषधियाँ,मसाले,सब्जियाँ,खड्यातेल,फल,अनाज से हमारा जीवन का निर्वाह होता है| इस तरह हम कह सकते है कि“पेड़ वह हैं जिनका जीवन कम से कम दो वर्ष हो जिनमे शाखाएँ निकली हो और उनसे हमें लकड़ियाँ मिले पेड़ कहलाते हैं” पेड़ -पौधों के भाग (पार्ट ऑफ ट्री )पेड़-पौधों के प्रकार एवं भाग की विस्तृत जानकारी के लिए इन्हे दो भागो में बाटा गया है जड़ तथा तना|
पौधों के दो भाग होते है जड़ और तना , तने को पत्ती,फूल,फल,बीज में बांटा गया है| 1.पत्ती - यह पौधे का हरा भाग होता है इसका हरा रंग इसमे पाए जाने वाले कलोरोफिल के कारण होता है|पत्ती के प्रमुख कार्य- पत्ती सूर्य के प्रकाश में जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड की सहायता से प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करना है| इसे भी पढ़े👉 महत्वपूर्ण दिवस तथा उनकी तिथियाँ 2 फूल-यह पौधे का रंग बिरंगा तथा सबसे आकर्षक भाग होता है इसके 4 भाग होते है| वाह्यदलपुंज,दलपुंज, पुमंग (पुंकेसर-फूल का नर भाग)जायांग(स्त्रीकेसर-फूल का मादा भाग)|फूल के कार्य फूल के प्रमुख कार्य प्रजनन में सहायता करना है|
3 फल- पेड़-पौधों का यह ऐसा भाग है जिसका निर्माण अण्डाशय से होता है|इसका प्रयोग खाने तथा दवाई से साथ साथ दूसरे कार्यो में भी किया जाता है| 4 बीज- पेड़ पौधों के इस भाग का निर्माण फूलो में पाए जाने वाले बीजाणु से होता है यह एक ऐसा भाग होता है जिसके अन्दर एक नए पौधे का पूराअस्तित्व छिपा होता है|इसका प्रयोग तेल निकालने तथा खाने में किया जाता है| पौधों के प्रकार अगर पौधों के प्रकार एवं भाग के विषय में बात करे तब पौधों में पायी जाने वाली विभिन्न विशेषताएँ और आकर के आधार पर पौधों को निम्नलिखित रूप से वर्गीकरण किया गया है।
क्षेत्र के आधार पर पौधों का वर्गीकरण क्षेत्र के आधार पर पौधों का वर्गीकरण निम्न प्रकार किया गया है।
पौधों का महत्व मानव जीवन में पौधों का विशेष महत्व होता है - पौधे हमारे चरों और पाई जाने वाली हवा को शुद्ध करते है। विभिन्न माध्यमों से उत्सर्जित होने वाली कार्बनडाईऑक्साइड को ग्रहण करके वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाते है। इस तरह कहा है की पेड़ पौधे प्रकृति में संतुलन बनाये रखने में सहायक है। वातावरण में गैसों का सन्तुलन बनाये रखने यह मृदा क्षरण को रोकना तथा उसकी उर्बरकाता शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते है साथ ही साथ इनसे जीवन निर्वाह के लिए अनाज, शब्जियाँ, खाद्य तेल, फल, मसाले,पेय पदार्थ तथा विभिन्न प्रकार की ओषधियाँ मिलती है जो निम्न प्रकार है - | पौधों से प्राप्त होने वाली सामग्री पौधों का नाम अनाज प्रदान करने वाले मटर,अरहर,चना सब्जियाँ
1 जड़ मूली,चुकंदर,गाजर,शलजम 2 तना अरुई,आलू,अदरक 3पत्ती सरसो,बथुआ,पालक,मेथी 4 फूल कचनार,फूलगोभी 5 फल टमाटर,तोरई,भिन्डी खाद्य तेल
1फूलों से गुलाब,चमेली 2फलों से नारियल 3बीजों से तिल,सरसों,मूँगफली फल सेब,केला,अमरुद,आम मसाले लौंग,इलायची,तेजपत्ता,कालीमिर्च,अदरक पेय पदार्थ काफी (काफी एरबिका) चाय(कैमेलिया साइनेन्सिस) काफी (काफी एरबिका) रेशेदार पदार्थ जूट,सन, कपास ओषधियाँ
1 पेनिसिलियम कवक 2 एट्रोपिन बेलाडोना 3 कुनैन सिनकोना पेड़ पोधो की विशेषताएँ पेड़ पोधो की विशेषताओं को निम्न प्रकार से जाना जा सकता है- कुछ विशेष प्रकार के पौधें क्रोटन- इस पौधे की बुआई फसलों के साथ की जाती है क्योंकि क्रोटन पौधा यह बताने में सक्षम होता है की फसल में पानी की आवश्यकता है या नहीं।इस पौधे की जड़े जमीन में अधिक गराई तक नहीं पहुँचती है। खेत में पानी की मात्रा की कमी होने पर यह मुरझाने लगता है इससे यह पता चलजाता है कि फसल को सिंचाई की आवश्यकता है। बरगद-बरगद एक विशालकाय वृक्ष होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलती है यह जड़े स्तम्भ का कार्य करती है। इन जड़ों को स्तम्भ जड़े भी कहा जाता है। खेजड़ी- खेजड़ी एक ऐसा वृक्ष है जिसको अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। खेजड़ी की खेती मुख्यतः भारत के रेगिस्तान क्षेत्रों में की जाती है । यह एक छायादार वृक्ष होता है , खेजड़ी के उपयोग इनमे आने वाली फलियों का प्रयोग शब्जी के रूप तथा (खेजड़ी की छाल किस काम आती है) छाल को दवाओं के रूप प्रयोग किया जाता है। रेगिस्तानी ओक-यह वृक्ष मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी जड़े गहरी होने से यह पानी में स्थित रहता है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग पाइप की सहायता से पानी को रेगिस्तानी ओक वृक्ष से बाहर निकलते है। केला- केला का पौधा आकार छोटा तथा हरे रंग के तने का होता है। जो अत्यधिक कोमल होता है। इसके फूल और फल दोनों खाये जाते है। घटपर्णी- अगर बात करे कि कीटभक्षी पौधे क्या है तो घटपर्णी कीड़ो, मकोड़ो, चूहों, मेढकों तथा अन्य छोटे जीवों को खाने वाला एक कीट भक्षी पौधा होता है। इसका आकर अथवा बनावट घड़े के समान होती है। इसके द्वारा निकाली गयी खुसबू से कीड़े मकौड़े आकर्षित होकर इसके अन्दर चले जाते है , जिनको पचा कर यह भूमि में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करता है। घटपर्णी पौधा कहां पाया जाता है यह पौधा भारत के मेघालय तथा इण्डोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है। कीटभक्षी पौधों के उदाहरण- पिचर प्लांट , ड्रोसेरा, डायोनिमा , सेरोसेनिया , यूट्रीकुलेरिया कीटभक्षी पौधे कीटों का भक्षण क्यों करते हैं- कीटभक्षी पौधे कीटो का भक्षण भूमि में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिये करते है। कीटभक्षी पौधे क्या है- कीड़ो आदि का भक्षण करने वाले पौधों को कीटभक्षी पौधे कहते है। कीटभक्षी पादप के उदाहरण लिखिए- कीटभक्षी पादप के उदाहरण ड्रोसेरा, नेपंथीज, यूट्रीकुलेरिया , पिचर प्लांट |