PM GKAY योजना के क्या लाभ हैं? - pm gkay yojana ke kya laabh hain?

नई दिल्ली
Free Ration Scheme: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के जरिए मुफ्त राशन के वितरण को 30 नवंबर से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार की मीटिंग के बाद इसे मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है।

कोरोना संकट में शुरू हुई थी स्कीम
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मार्च 2020 में ऐलान किया गया था। गरीब कल्याण अन्न योजना का मकसद कोरोना महामारी द्वारा हुए तनाव को कम करना है। शुरुआत में PMGKAY स्कीम को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था।

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80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत, सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत पहचान किए गए 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन दिया जाता है। मुफ्त राशन कार्डधारकों को राशन की दुकानों के जरिए उनको मिलने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा PMGKAY का राशन दिया जाता है।

PMGKAY की शुरुआत
पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर के दौरान मार्च में जब पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था तब पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का ऐलान हुआ था। यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PM Garib Kalyan Package) का हिस्सा थी। उस वक्त गरीब परिवारों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकार ने 80 करोड़ से अधिक राशनकार्ड धारकों को अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों के आधार पर प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज (गेहूं अथवा चावल) और प्रति परिवार एक किलो दाल मुफ्त देने की घोषणा की थी।

अनाज के कोटे से अलग था फ्री राशन
यह मुफ्त 5 किलो अनाज, राशन कार्ड पर रहने वाले अनाज के कोटे के अतिरिक्त घोषित किया गया था। बाद में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार दिवाली और छठ पूजा तक कर दिया था। इस साल सरकार ने एक बार फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लागू किया और इसे दिवाली तक बढ़ा दिया था। अब योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत, सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत पहचान किए गए 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन दिया जाता है। मुफ्त राशन कार्डधारकों को राशन की दुकानों के जरिए उनको मिलने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा PMGKAY का राशन दिया जाता है।

कोरोना के तनाव को कम करना उद्देश्य
गरीब कल्याण अन्न योजना का मकसद कोरोना महामारी द्वारा हुए तनाव को कम करना है। शुरुआत में PMGKAY स्कीम को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत, सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत पहचान किए गए 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन दिया जाता है। मुफ्त राशन कार्डधारकों को राशन की दुकानों के जरिए उनको मिलने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा PMGKAY का राशन दिया जाता है।

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PMGKAY : केंद्र सरकार ने एक अहम फैसले में गरीबों को दिए जाने वाले फ्री राशन स्कीम को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया है. योजना की अवधि बढ़ाए जाने से राष्ट्रीय खजाने पर 45,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. मुफ्त अनाज योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को फ्री में अनाज दिया जाता है.

PM GKAY योजना के क्या लाभ हैं? - pm gkay yojana ke kya laabh hain?

PMGKAY

Pradhanmantri Garib Kalyan Anna Yojana : सरकार ने बुधवार को गरीबों को मुफ्त अनाज देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि तीन माह यानी दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दी है. इसपर 44,700 करोड़ रुपये की लागत आएगी. माना जा रहा है कि महंगाई से गरीबों को राहत देने के अलावा गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय किया गया है.

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में योजना तीन महीने बढ़ाने का निर्णय किया गया.

उन्होंने कहा कि योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल हर महीने दिया जाता है. यह योजना शुक्रवार 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी. इसे तीन महीने यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2022 तक के लिये बढ़ाया गया है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ऐसे समय में जब दुनिया कोविड महामारी और अन्य कारणों से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है, भारत ने आम लोगों के लिये चीजें सुलभ रखने को लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए कमजोर वर्गों के लिये खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बनाए रखा है.’’

इसमें कहा गया है, ‘‘महामारी के दौरान लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. इसको देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) तीन महीने के लिये बढ़ाने का फैसला किया है ताकि गरीब और समाज के वंचित तबके को त्योहारों के दौरान मदद मिले और कोई समस्या नहीं हो.’’

योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाता है.

ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पीएमजीकेएवाई के अप्रैल, 2020 में शुरू होने के बाद अबतक इसपर 3.45 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं.

उन्होंने कहा कि योजना को तीन महीने के लिये बढ़ाये जाने से अतिरिक्त 44,762 करोड़ रुपये खर्च होने से इस पर कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.

ठाकुर ने कहा कि एक अक्टूबर से तीन महीने के दौरान गरीबों को 122 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा.

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में लायी गयी थी.

का लाभ उठाया जा सकता है. अब तक, 61 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने लाभार्थियों को उनके घरों से दूर रहने पर भी लाभान्वित किया है.

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PM GKAY योजना के अंतर्गत कितने लाभार्थियों को कवर किया गया?

जिसके अंतर्गत 93% लाभार्थियों को कवर किया गया है। जिसका तात्पर्य यह है कि लगभग 74.4 करोड़ लाभार्थियों को 93.6% खाद्यान्न आवंटित किया गया है। 5 चरण- चरण 5 को दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक संचालित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कब तक बढ़ाया गया?

सरकार ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को और छह महीने यानी 30 सितंबर, 2022 तक के लिए बढ़ाया था। मार्च तक इस योजना पर करीब 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। सितंबर, 2022 तक और 80,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस तरह PMGKAY के तहत कुल खर्च करीब 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कब शुरू किया गया था?

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मोदी सरकार ने मार्च 2020 में शुरू किया था. महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान इस स्‍कीम को शुरू करके 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया गया था. सरकार इस योजना को कई बार बढ़ा चुकी है; इससे पहले ये योजना 31 मार्च 2022 तक थी, फिर इसे 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था.