पदों या सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह, जिससे वक्ता के कथन का अभीष्ट आशय अर्थ पूर्ण रूप से स्पष्ट होता है, वाक्य कहलाता है। Show
हम यह भी कह सकते हैं: वाक्य के अनिवार्य तत्व[संपादित करें]व्याकरण की दृष्टि से एक शुद्ध वाक्य में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है:
वाक्यांश[संपादित करें]शब्दों के ऐसे समूह को जिसका अर्थ तो निकलता है किन्तु पूरा पूरा अर्थ नहीं निकलता, वाक्यांश कहते हैं। उदाहरण - वाक्य के अंग[संपादित करें]वाक्य के दो अंग होते हैं:
वाक्य के भेद[संपादित करें]वाक्य भेद के दो प्रमुख आधार हैं :
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद[संपादित करें]
रचना के आधार पर वाक्य के भेद[संपादित करें]रचना के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं।
इस वाक्य के चार प्रकार होते हैं:
संदर्भ[संपादित करें]
रचना की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित बताइए?रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन प्रकार होते हैं।
पहला साधारण वाक्य, संयुक्त वाक्य और तीसरा मिश्र वाक्य। यहाँ साधारण वाक्य उन वाक्यों को कहते हैं जिसमें केवल एक ही क्रिया या कर्ता होता है। संयुक्त वाक्य प्रथम वाक्य प्रधान वाक्य होता है और शेष उसके आश्रित उपवाक्य कहलाते हैं।
रचना के आधार पर वाक्य के भेद कितने प्रकार के होते है?रचना के आधार पर वाक्य के भेद – Rachana ki drashti se vakya ke.... सरल वाक्य/साधारण वाक्य जिन वाक्यो मे एक ही विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं, इन वाक्यों में एक ही क्रिया होती है। ... . संयुक्त वाक्य ... . मिश्रित/मिश्र वाक्य. रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं Class 10?1- सरल वाक्य - राधा नाचती-गाती है। मिश्र वाक्य - जो नाचती-गाती है, वह राधा है। 2- सरल वाक्य - मोहन हँसकर बोला। मिश्र वाक्य - वह मोहन है जो हँसकर बोला।
रचना की दृष्टि से शब्द कितने प्रकार के होते हैं?रचना के आधार पर हिंदी व्याकरण में शब्द तीन प्रकार या भेद के होते हैं.
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