राज्यसभा सांसद का वेतन कितना है - raajyasabha saansad ka vetan kitana hai

संसद में दो सदन राज्यसभा और लोकसभा होते हैं. राज्यसभा के सदस्यों को राज्यसभा सांसद कहा जाता है. इनकी अपनी पावर होती है. संसद में किसी कानून को बनाने में ये काफी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

Last updated Jun 1, 2022 6,744 0

संसद दो सदनों द्वारा मिलकर बनती है. राज्यसभा और लोकसभा. राज्यसभा को अपर हाउस और लोकसभा को लोवर हाउस कहा जाता है. संसद में कानून बनाने और उस पर बहस करने का काम होता है. देश के लिए यदि कोई कानून बनाना है तो उसे संसद के दोनों सदनों में पेश करना होता है. पूरी सहमति के बाद ही संसद द्वारा कोई कानून बनाया जाता है. बात राज्य सभा की करें तो कोई भी बिल या कानून राज्यसभा में पेश हुए बिना या पास हुए बिना पास नहीं हो सकता. उसे बनाने के लिए राज्यसभा में पेश करना जरूरी है. संसद में जितनी महत्वपूर्ण राज्यसभा है उतने ही महत्वपूर्ण राज्यसभा के सदस्य यानि राज्यसभा सांसद है.

देश में कितने राज्यसभा सांसद हैं? (Number of Rajyasabha Members in Parliament) 

संविधान के राज्यसभा के अधिकतम सदस्यों की संख्या 250 निर्धारित की गई है. (Rajyasabha me kitne sadasya hote hai) इनमें से 238 सदस्य राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं. वर्तमान में राज्यसभा में 245 सदस्य हैं जिनमें से 229 सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, 4 संघ राज्यों का और 12 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य हैं.

राज्यसभा सदस्य का चुनाव कैसे होता है? (Rajyasabha members election process)

राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे तौर पर नहीं होता. (Rajyasabha Chunav kaise hote hai?) यानि की आप इन्हें सीधे वोटिंग के जरिये नहीं चुनते हैं. इनका चुनाव एकल हस्तांतरणीय मत के द्वारा होता है. राज्यसभा सदस्यों के चुनाव के लिए वोट देने का अधिकार विधायकों के पास होता है जिन्हें आप एमएलए कहते हैं. किसी राज्य के एमएलए ही उस राज्य के सांसद को चुन सकते हैं और उसे राज्यसभा में अपना प्रतिनिधि बनाकर भेज सकते हैं.

राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 6 साल का होता है और हर 2 साल में एक तिहाई सांसदों के चुनाव कराये जाते हैं ताकि राज्यसभा में सांसद बने रहे. हर दो साल में राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं. इसके अलावा राज्यसभा को भंग नहीं किया जा सकता. लोकसभा भंग हो सकती है. लेकिन राज्यसभा नहीं.

सांसद बनने के लिए योग्यता (Rajyasabha Members eligibility) 

राज्यसभा सांसद के लिए दी गई योग्यताएं निर्धारित की गई हैं।

– वह भारत का नागरिक होना चाहिए
– उसकी आयु कम से कम 30 साल होना चाहिए.
– वह देश का पंजीकृत मतदाता होना चाहिए.
– उसके पास लाभ का पद नहीं होना चाहिए. ( संसद द्वारा तय कोई पद या मंत्री पद को छोड़कर)
– मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए. दिवालिया नहीं होना चाहिए.
– चुनावी अपराध के तहत दोषी करार न दिया गया हो.

राज्यसभा सांसद की सैलरी (Rajyasabha Member Salary and allowance

राज्यसभा सांसद के लिए सैलरी देने का प्रावधान संविधान में किया गया है. साल 2010 में किए गए संशोधन के मुताबिक संसद के सदस्यों को वेतन के रूप में 50,000 रुपये प्रतिमाह दिये जाते हैं. इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45,000 रुपये प्रतिमाह, दैनिक भत्ता 2000 रुपये, कार्यालय भत्ता 45,000 रुपये प्रतिमाह है.

किस राज्य में राज्यसभा की कितनी सीट हैं? (State wise seat of rajyasabha members) 

हर राज्य में राज्यसभा सांसदों की संख्या एक सी नहीं है. राज्यसभा सीटों का बटवारा वहाँ की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है. जहां ज्यादा जनसंख्या होगी उस राज्य में ज्यादा राज्यसभा के सांसद होंगे. सांसद चुनने के लिए विधायक वोट देते हैं. विधायक का वोट एक ही बार गिना जाता है ऐसे में वो हर सीट के लिए वोट नहीं दे सकता. लेकिन अपनी वरीयता लिख सकता है. जैसे की उत्तरप्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुए और प्रदेश में कुल विधायक हैं 403. तो हर विधायक अपनी वरीयता के हिसाब से 10 सीटों के सांसदों की वरीयता को बैलेट पेपर पर लिखकर सबमिट करेगा. अब उस सांसद को जीतने के लिए कितने विधायक के वोट चाहिए. इसके लिए एक फॉर्मूला होता है. जो इस प्रकार होता है. [403/(10+10]+1=37 इस तरह एक सांसद बनने के लिए उसे पहली वरीयता वाले 37 वोट चाहिए. अगर उसे 37 वोट मिल जाते हैं तो वो सांसद बन जाता है.

उत्तर प्रदेश-31, महाराष्ट्र-19, तमिलनाडु-18, पश्चिम बंगाल-16, बिहार-16, कर्नाटक-12, मध्यप्रदेश-11, आंध्रप्रदेश- 11, गुजरात-11, ओड़ीशा-10, राजस्थान-10, केरल-9, पंजाब-7, तेलंगाना-7, झारखंड-6, हरियाणा-5, छत्तीसगढ़-5, जम्मू कश्मीर- 4, हिमाचल प्रदेश-3, उत्तराखंड-3, दिल्ली-3, असम, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में 1 सीट है.

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  • सांसदों का वेतन दोगुना करने की तैयारी, 61 साल में सांसद 35 बार बढ़वा चुके हैं सैलरी

भोपाल/नई दिल्ली. सांसदों की सैलरी और अलाउंस दो गुना करने की तैयारी है। लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को हर महीने 1.40 लाख रु. मिलते हैं। पार्लियामेंट्री कमेटी ने अब इसे 2.80 लाख रु. करने की सिफारिश मोदी सरकार से की है। पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इसे और बढ़ाने का भी प्रपोजल दिया है। इसके लिए तर्क दिया गया है कि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, उस हिसाब से सांसदों की सैलरी कम है।

ऑटोमैटिक पे-रिवीजन मैकेनिज्म चाहिए
कमेटी की सिफारिशों में कहा गया है कि गवर्नमेंट एम्प्लॉइज की तरह सांसदों की सैलरी में समय-समय पर इजाफे के लिए ऑटोमैटिक पे-रिवीजन मैकेनिज्म बनाया जाए। पूर्व सांसदों की पेंशन 20 हजार से बढ़ाकर हर महीने 35 हजार रुपए करने का प्रपोजल भी सरकार को दिया गया है। माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इन सिफारिशों को कुछ संशोधनों के पारित कर सकती है।

2010 में 300% बढ़ी थी सैलरी
सूत्रों ने बताया कि सांसदों की सैलरी-अलाउंस का रिव्यू आखिरी बार 2010 में हुआ था। उस दौरान सांसदों की सैलरी में 300% की बढ़ोतरी की गई थी। केंद्र ने पिछले साल फिर से रिव्यू करने के लिए कमेटी बनाई थी। उसकी तकरीबन आधी सिफारिशें मानने से सरकार ने मना कर दिया है।

ये सिफारिशें हो सकती हैं लागू
> सेंट्रल स्कूलों में कोटा 15 किया जाए।
> सांसदों के पीए को भी एयरपोर्ट के लाउंज में जाने की फैसिलिटी मिले।
> चुने गए गांवों को अलग से बजट दिया जाए।

इन पर सोच-विचार जारी
> डेली अलाउंस 2 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए किया जाए।
> पत्नी को ट्रेनों के फर्स्ट एसी में सफर की छूट मिले।
> ऑफिशियल कार और हाउसिंग लोन की फैसिलिटी हो।

अभी सांसदों को क्या मिलता है?
> 50 हजार रु./महीना सैलरी।
> अगर संसद भवन में रखे रजिस्टर में साइन करते हैं तो रोजाना 2 हजार रुपए का अलाउंस।
> हर महीने 45 हजार रुपए का संसदीय क्षेत्र अलाउंस।
> दफ्तर के खर्चों के लिए 45 हजार/माह।
> धुलाई के लिए हर 3 माह में 50 हजार रु.।
> ट्रेन में फर्स्ट क्लास एसी में फ्री सफर।
> सड़क से ट्रेवल करने पर 16 रुपए प्रति किमी के हिसाब से अलाउंस।

फैक्ट फाइल
> 61 साल में सांसद 35 बार बढ़वा चुके हैं अपनी सैलरी और अलाउंस।

> 1952 में बने कानून में अब तक 28 बार हो चुका है बदलाव।

> 1954 से 2000 के बीच सांसदों की बेसिक सैलरी में 167% का इजाफा।

> 2000 से 2010 के बीच इसमें 1150% की हुई बढ़ोत्तरी।

भारत के संसद सदस्य का वेतन कितना है?

सांसदों की सभी सैलरी और भत्ते को मिला करके देखा जाए तो उन्हें ₹1,00000 हर महीने प्राप्त होते हैं, साथ ही साथ तकरीबन ₹45000 की राशि निर्वाचन क्षेत्र द्वारा चुनाव में प्रचार करने के लिए उन्हें दी जाती हैं। इस प्रकार से सांसदों की सैलरी महीने में ₹150000 के आसपास में हो जाती है।

राज्यसभा में सदस्यों की संख्या कितनी है?

संरचना/संख्या संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं।

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