सरकार के स्वचलित रूप से कार्य करने के लिए इसे तीन भागों में विभाजित किया गया है कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिका, Show सरकार कुछ व्यक्तियों का समूह है जो किसी भी देश या राज्य में राजशासन लागू कर सकती है और इन व्यक्तियों का कार्यकाल भी निश्चित समय के लिए होता है समय-समय पर व्यक्तियों के चेहरे बदलते रहते है, राजशासन को बनाये रखने के लिए व्यक्तियों के इस समूह को तीन भागों में बाँटा जाता है जिनका कार्य भी अलग- अलग होता है जो की एक सरकार को स्वचलित रूप से चलने के लिए बाँटा गया है जिसके बारे में आगे जानेंगे। सरकार के तीन अंग
1. कार्यपालिका सरकार के तीन अंगों में से एक है जिसका कार्य देश में क़ानून को कार्यान्वित करना और उसे लागू उसे लागू करना होता है क्युकी कार्यपालिका राज्य के शासन का अधिकार रखती हैं और उसकी ज़िम्मेदारी उठाती हैं। कार्यपालिका के स्वचलित रूप से चलाने के लिए इसमें राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और अन्य मंत्री परिषद जैसे प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रिपरिषद इसमें सलाह देने के लिए अध्यक्ष के रूप में सम्लित होते है इनके साथ ही अन्य सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को भी स्थायी कार्यपालिका के नाम से संबोधित किया जाता है इसी के साथ जिन व्यक्तियों को जनता द्वारा चुनकर या मनौनित किया जाता है उन्हें अस्थायी कार्यपालिका सदस्य कहाँ जाता है। कार्यपालिका का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है क्युकी केंद्र की कार्यपालिका की सभी शक्तिया और अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त होते है। 2. न्यायपालिका सरकार के तीन अंगों में से एक होने के साथ-साथ देश में न्याय शीला का आधार भी है। न्यायपालिका वर्तमान लोकतंत्र में भारत के साथ ही किसी भी अन्य लोकतान्त्रिक देश के सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। जो की देश की जनता के मन में अपनी सरकार के प्रति निष्पक्षता को बनाये रखता है न्यायपालिका को आसान शब्दों में जानने के लिए आप किसी भी देश के कानून को देख सकते है। न्यायपालिका का कार्य ही होता है देश में कानून को बनाये रखना, विवादों को सुलझाना जिससे देश में अपराधों को कम किया जा सके, जिसके लिए वह किसी को भी दंडित कर सकती है यदि वे किसी भी प्रकार से कानून का उल्लंघन करता हैं जो की अप्रत्यक्ष रूप से ही सही समाज के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाता है। न्यायपालिका स्वतः ही किसी को दंड नहीं दे सकती इसके लिए पहले सभी पक्षों की निष्पक्ष जाँच करवाई जाती है जिसके बाद ही न्यायपालिका के अनुसार किसी को दंडित किया जा सकता है। निष्पक्ष रूप से जांच हो सके इस लिए न्यायपालिका के पास स्वयं कोई नियम बनाने का अधिकार नहीं है जिससे सभी को समान न्याय मिलना सुनिश्चित होता है, न्यायपालिका में न्याय करने के लिये न्यायालय का गठन किया गया है जिसमे न्यायपालिका का शीर्ष सर्वोच्च न्यायालय होता है जो की भारत में दिल्ली में स्थित है जिसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1937 में की गयी थी। इसके अतिरिक्त भारत में 25 उच्च न्यायालय भी है जिनकी शक्तिया और कार्य क्षेत्र सर्वोच्च न्यायालय के मुकाबले सीमित होता है, यदि किसी उच्च न्यायालय के मामले की सुनवाई के बाद भी यदि किसी व्यक्ति को लगे की उसे उचित न्याय नहीं मिला तो वह मामले को सर्वोच्च न्यायालय में पुन सुनवाई के लिए दर्ज कर सकता है और सर्वोच्च न्यायालय चाहे तो उच्च न्यायालय के किसी भी फैसले पर रोक लगा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय अपराधियों को दंड देने से ज्यादा बेगुनाह को दंड न मिले इस चीज ध्यान देती है। 3. व्यवस्थापिका जिसे की वर्तमान समय में विधायिका और संसद के नाम से भी जाना जाता है जो की सरकार के तीन अंगों में से सबसे महत्वपूर्ण है। जिसका कार्य कार्यपालिका पर नियंत्रण करना, कानून बनाना जिसके आधार पर न्यायपालिका अपना कार्य करती है। और संविधान में संशोधन, बजट पर नियंत्रण रखना, इसी के साथ अन्य कई ऐसे कार्य है जिसको करने का अधिकार और दायित्व व्यवस्थापिका के पास है। व्यवस्थापिका को समझने के लिए कई लोगो ने इसे अपने शब्दों में परिभाषित किया है, एलेन बाल के अनुसार, व्यवस्थापिका, विधायिका, कार्यपालिका का परामर्शदाता निकाय है। इसी तरह गिलक्राइस्ट ने अपने शब्दों में व्यवस्थापिका को कुछ इस तरह दर्ज किया है “विधानमण्डल सरकार की शक्ति का अधिक भाग है, जिसका सरकार के वित्त तथा कानून निर्माण दोनों पर अधिकार होता है”, और फाईनर के अनुसार व्यवस्थापिका, ‘विधायिका सरकार का वह अंग है जिसका कार्य जनमत या जनता की इच्छा को कानून निर्माण में लगाना और कार्यपालिका के कार्यों का निर्देशन, निरीक्षण एवं नियन्त्रण करना है।’ आशा है की सरकार के अंगों से संबंधित सारी जानकारी आपको प्राप्त हो गयी होगी, यदि आपके पास कोई अन्य सवाल है तो उसे आप नीचे कमेंट में दर्ज कर सकते है या फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए भी हमसे सम्पर्क कर सकते है। सरकार के कितने अंग होते हैं नाम?संघीय (केन्द्रीय) सरकार के तीन अंग हैं- विधायिका (संसद) कार्यपालिका ( राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद) और न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय)।
भारत में सरकार के तीन अंग कौन से हैं?इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका।
सरकार कितने प्रकार के होते हैं?के कलए सरकार की ज़रूरत होती है।
सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अंग कौन सा है?व्यवस्थापिका जिसे की वर्तमान समय में विधायिका और संसद के नाम से भी जाना जाता है जो की सरकार के तीन अंगों में से सबसे महत्वपूर्ण है। जिसका कार्य कार्यपालिका पर नियंत्रण करना, कानून बनाना जिसके आधार पर न्यायपालिका अपना कार्य करती है।
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