सरस्वती कौन हैं?

हिंदू धर्म में कई सारे रोचक प्रसंग प्रचलित हैं। इन प्रसंगों को आए दिन लोग आपस में साझा करते रहते हैं। इन्हीं में से एक प्रसंग ब्रम्हा जी और सरस्वती के विवाह से जुड़ा हुआ है। इस प्रसंग का उल्लेख सरस्वती पुराण में किया गया है। प्रसंग के मुताबिक, सरस्वती जी ब्रम्हा जी की बेटी थीं। ब्रम्हा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती जी को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इसीलिए यह कहा जाता है कि सरस्वती जी की कोई मां नहीं थी। सरस्वती जी को विद्या की देवी कहा जाता है। बताते हैं कि वह बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थीं। सरस्वती के आकर्षण से स्वयं ब्रम्हा जी भी नहीं बच पाए। ब्रम्हा जी सरस्वती को अपनी अर्धांगिनी बनाने की सोचने लगे।

इस प्रसंग के मुताबिक, सरस्वती ने ब्रम्हा जी की मनोकामना को भांप लिया था। सरस्वती अपने पिता से विवाह नहीं करना चाहती थीं। वह ब्रम्हा जी की नजरों से बचने का प्रयास करने लगीं। लेकिन उनके ये सभी प्रयास असफल रहे। अंत में सरस्वती जी को ब्रम्हा से विवाह करना पड़ा। कहते हैं कि ब्रम्हा और सरस्वती के विवाह को लेकर सृष्टि में काफी हलचल हुई थी। इसकी खूब चर्चा हुई।

सरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया। इस दौरान ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा। इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ। इस पुत्र को स्वयंभू मनु के नाम से जाना गया। बता दें कि ब्रम्हा और सरस्वती के विवाह को लेकर कुछ और भी प्रसंग प्रचलित हैं। लोग अन्य प्रसंगों को भी कहते-सुनते रहते हैं। साथ ही अलग-अलग प्रसंगों की सत्यता को लेकर अलग-अलग दावे भी हैं।

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एक दुसरे पौराणिक उल्लेख अनुसार देवी महालक्ष्मी "लक्ष्मी देवी नहीं" से जो उनका सत्व प्रधान रूप उत्पन्न हुआ, देवी का वही रूप 'सरस्वती' कहलाया। यह तो ज्ञात है कि देवी सरस्वती का वर्ण श्‍वेत है उनकी छवि बहुत सुंदर है।

सरस्वती कौन हैं?
ब्रह्मा जी के अनेक पुत्र और पुत्रियां थे। सरस्वती देवी को शतरूपा, वाग्देवी, वागेश्वरी, शारदा, वाणी और भारती भी कहा जाता है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं सरस्वती उत्पत्ति की कथा जो की सरस्वती पुराण उल्लेखित है...

भारत वर्ष के दो ग्रंथों ‘सरस्वती पुराण’ और ‘मत्स्य पुराण’ में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का अपनी ही बेटी सरस्वती से विवाह करने का प्रसंग है जिसके फलस्वरूप इस धरती के प्रथम मानव ‘मनु’ का जन्म हुआ। सरस्वती पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्मा ने सीधे अपने वीर्य से सरस्वती को जन्म दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती की कोई मां नहीं केवल पिता, ब्रह्मा थे। स्वयं ब्रह्मा भी सरस्वती के आकर्षण से खुद को बचाकर नहीं रख पाए और उन्हें अपनी अर्धांगिनी बनाने पर विचार करने लगे।

इस कारण माँ सरस्वती ने अपने पिता की इस मनोभावना को भांपकर उनसे बचने के लिए चरों दिशाओं में छिपने का प्रयत्न किया लेकिन उनका हर प्रयत्न निष्फल हुआ। इसलिए माना जाता है विवश होकर उन्हें अपने पिता के साथ विवाह करना पड़ा। सरस्वती पुराण के अनुसार ब्रह्मा और सरस्वती करीब 100 वर्षों तक एक जंगल में पति-पत्नी की तरह रहे। इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ जिसका नाम रखा गया था स्वयंभु मनु।

इसे सुनेंरोकेंप्रसंग के अनुसार सरस्वती जी ब्रह्मा जी की बेटी थीं। ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती जी को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इसीलिए यह कहा जाता है कि सरस्वती जी की कोई मां नहीं थी। सरस्वती जी को विद्या की देवी कहा जाता है।

सरस्वती नदी का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसरस्वती एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है। इसे प्लाक्ष्वती,वेद्समृति, वेदवती भी कहते है! ऋग्वेदमें सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी।

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सरस्वती किसकी पत्नी है?

इसे सुनेंरोकेंसरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया। इस दौरान ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा। इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ। इस पुत्र को स्वयंभू मनु के नाम से जाना गया।

सरस्वती किसकी पुत्री है?

इसे सुनेंरोकेंकिसकी पुत्री थी देवी सरस्वती? हमारे सृष्टि की रचना करने वाले ब्रह्मदेव माता सरस्वती के पिता थे। सरस्वती पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि ब्रह्मदेव ने सृष्टि का निर्माण करने के बाद अपने वीर्य से सरस्वती जी को जन्म दिया था। इनकी कोई माता नहीं है इसलिए यह ब्रह्मा जी की पुत्री के रूप में जानी जाती थी।

सरस्वती कब आती है जुबान पर?

इसे सुनेंरोकेंमित्रों धर्म पुराणों के अनुसार रात्रि के 3:10 से 3:15 के 5 मिनट यह ऐसे होते हैं जो प्रत्येक मनुष्य की जुबान पर माता सरस्वती स्वयं होती है.

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सरस्वती नदी का प्राचीन नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमहाभारत में सरस्वती नदी का प्लक्षवती नदी, वेदस्मृति, वेदवती आदि कई नाम हैं। कहा जाता है कि इसी नदी के किनारे ब्रह्मावर्त था, कुरुक्षेत्र था, लेकिन आज वहां जलाशय है।

सरस्वती नदी का आधुनिक नाम क्या है?

भारतीय नदियों के प्राचीन नाम

प्राचीन नामआधुनिक नामगोमतीगोमलसुवास्तुस्वातसिंधुसिन्धसरस्वती/दृशद्वर्तीघघ्घर/रक्षी/चित्तग

ब्रह्मा जी की कितनी पत्नियां थी?

इसे सुनेंरोकेंपत्नी का नाम : माना जाता है कि ब्रह्माजी की 5 पत्नियां हैं- सावित्री, गायत्री, श्रद्धा, मेधा और सरस्वती।

ब्रह्मा जी का पत्नी कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसरस्वती ब्रह्मा जी की पत्नी हैं। ब्रह्मा के छः पुत्र थे- सनकादिक ऋषि,नारद व दक्ष। बहुत से पुराणों में ब्रह्मा की रचनात्मक गतिविधि उनसे बड़े किसी देव की मौजूदगी और शक्ति पर निर्भर करती है।

ब्रह्मा भगवान की पत्नी कौन है?

सरस्वती जी किसकी पुत्री है?

इसे सुनेंरोकें*पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्मा की पुत्री सरस्वती का विवाह भगवान विष्णु से हुआ था, जबकि ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती अपरा विद्या की देवी थीं जिनकी माता का नाम महालक्ष्मी था और जिनके भाई का नाम विष्णु था।

सरस्वती जी किसकी पत्नी है?

अंत में सरस्वती जी को ब्रह्मा से विवाह करना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि इसकी देवलोक में बहुत आलोचना हुई और यही कारण है कि ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती। सरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया। इस दौरान ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा।

ब्रह्मा और सरस्वती का क्या संबंध था?

एक मान्यता अनुसार सरस्वती तो ब्रह्मा की पत्नी सावित्री की पुत्री थीं। दूसरे मत अनुसरा वह ब्रह्मा की मानसपुत्र थीं। मान्यता है ब्रह्मा ने उन्हें अपने मुख से प्रकट किया था। एक दुसरे पौराणिक उल्लेख अनुसार देवी महालक्ष्मी "लक्ष्मी देवी नहीं" से जो उनका सत्व प्रधान रूप उत्पन्न हुआ, देवी का वही रूप 'सरस्वती' कहलाया।

माता सरस्वती किसका रूप है?

एक अन्य पौराणिक उल्लेख अनुसार देवी महालक्ष्मी (लक्ष्मी नहीं) से जो उनका सत्व प्रधान रूप उत्पन्न हुआ, देवी का वही रूप सरस्वती कहलाया। देवी सरस्वती का वर्ण श्‍वेत है। ब्रह्मा के कई पुत्र और पुत्रियां थे। सरस्वती देवी को शारदा, शतरूपा, वाणी, वाग्देवी, वागेश्वरी और भारती भी कहा जाता है।

सरस्वती ने ब्रह्मा को क्यों दिया श्राप?

सरस्वती ब्रह्मा से शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाना चाहती थी इसीलिए उन्होंने अपना रूप बदल लिया। लेकिन ब्रह्मा ने हार नहीं मानी। विवश होकर उन्हें अपने पिता के साथ विवाह करना पड़ा। अंत में सरस्वती ने गुस्से में आकर ब्रह्मा को शाप दिया कि दुनिया का निर्माण करने के बावजूद उनकी पूजा नहीं की जाएगी क्योंकि वे पूजा के लायक नहीं हैं।