सूर्यातप क्या है सूर्यातप को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये - sooryaatap kya hai sooryaatap ko prabhaavit karane vaale kaarakon ka varnan keejiye

विषयसूची

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  • 1 सूर्यातप के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?
  • 2 पृथ्वी की सतह पर सूर्यातप की भिन्नता को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
  • 3 सूरत आप क्या है सूरत आप को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?
  • 4 तापमान को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक हैं?
  • 5 जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक है?
  • 6 सूर्या भी ताप क्या है?

सूर्यातप के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

सूर्यातप को प्रभावित करने वाले कारक

  • क्षितिज के समतल पर सूर्यकिरणों की नति आतपन सौर उच्चता, या सौर किरणों द्वारा क्षितिज पर बनाए हुए कोण, पर निर्भर करता है।
  • सूर्य से पृथ्वी की दूरी दीर्घवृत्ताकार पथ पर परिक्रमा करते समय पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी वर्ष भर बदलती रहती है।
  • वायुमंडल में पारेषण, अवशोषण एवं विकिरण

पृथ्वी की सतह पर सूर्यातप की भिन्नता को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं संक्षिप्त वर्णन कीजिए?

सूर्यताप में होने वाले कारक

  • अक्षांशीय वितरण
  • समुद्र तल से ऊंचाई
  • समुद्र तट से दूरी
  • समुद्री धाराएं
  • प्रचलित पवनें
  • धरातल की प्रकृति
  • भूमि का ढाल
  • वर्षा एवं बादल

पृथ्वी की सतह पर सौर ऊर्जा का कौन सा भाग प्राप्त होता है?

इसे सुनेंरोकेंसौर विकिरण विद्युत चुम्बकीय विकिरण होता है जो सूर्य से ऊष्मा या प्रकाश के रूप में प्राप्त होता है। यह एक प्रकार की ऊर्जा होती है। सूर्यातप पृथ्वी की समतल सतह पर प्रति इकाई क्षेत्र पर प्राप्त ऊर्जा यानी सौर विकिरण है।

सूरत आप क्या है सूरत आप को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसूर्यताप को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं_ सूर्य से स्वीकृत समस्त सूर्य ताप का 35% भाग विकिरण और परावर्तन द्वारा सूर्य में पुनः विलीन हो जाता है। 14% भाग वायु मंडल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है केवल 51% भाग पृथ्वी को प्राप्त होता है। इस प्रकार वायुमंडल सूर्यताप वितरण को प्रभावित करता है।

तापमान को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक हैं?

तापमान को प्रभावित करने वाले कारक – Factors affecting Temperature

  • ऊँचाई (Altitude)
  • जल और स्थल का वितरण (Distribution of land and water)
  • बहने वाले पवन (Prevailing winds)

भारत की जनसंख्या को कौन से भौगोलिक कारक प्रभावित करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंधरातल या भू-आकृति धरातल की प्रकृति या भू-आकृति जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। समतल मैदानी भागों में मनुष्य के लिए आजीविका के साधन (विशेषत: कृषि) तथा परिवहन के साधन आदि पर्याप्त विकसित होते हैं। इसलिए भारत में सर्वाधिक जनसंख्या मैदानों (नदी-घाटियों तथा डेल्टाओं) में निवास करती है।

जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक है?

जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?

  • A. जन्म दर
  • B. मृत्यु दर
  • C. आवास-प्रवास
  • D. उपरोक्त सभी।
  • D.

सूर्या भी ताप क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवास्तव में धरातल पर सूर्य से विकिरित लघु तरंगों के रूप में प्राप्त ऊर्जा को सूर्यातप कहते हैं। ट्रिवार्था के अनुसार, “सूर्य से ताप का विकिरण लघु तरंगों के रूप में होता है जो 1/250 1/6700 किमी लम्बी होती है तथा 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकण्ड की गति से चलती है, सूर्यातप कहलाती है।

  • सूर्यातप (Insulation)
    •  सूर्यताप को प्रभावित करने वाले कारक :-
    • प्रकाश का पृथ्वी पर पहुॅचने तक घटित होने वाली घटनायें :-
    • ’’पृथ्वी का ऊश्मा बजट’’ 
  • पृथ्वी की ऊश्मा बजट-
    • वायुमण्डल की ऊश्मा बजट- 

सूर्यातप सूर्य की किरण का वह भाग है जो पृथ्वी को प्राप्त होता है। इसको निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं।

  • In-coming〉
  •  Sol-Solar 〉
  •  Ation-Radiation〉

लघु तरंगों के रूप में आने वाली सूर्य की किरणें जो 3 लाख किलो मीटर/सेकण्ड या 1 लाख 86 हजार मील से0 की गति से पृथ्वी की सतह पर पहॅुचती है सूर्यातप कहलाती है। इसी को सौर्य ऊर्जा या सौर्यिक विकिरण कहतें हैं। पृथ्वी को सूर्य की कुल ऊर्जा का 1/2 अरबवां भाग ही प्राप्त होता है जो 23 खरब हार्स पावर ऊर्जा के बराबर है।

  •   सूर्य से प्रथ्वी की दूरी 14 करोड़ 96 लाख किमी0 है। सूर्य को प्रकाश पृथ्वी तक अपने प्रकाश को पहुॅचाने में 8 मि0 3 से0 का समय लगता हैै।
  • सूर्य की किरणें पृथ्वी पर लघु तरंगो के रूप मे आती हैं।
  • इसको ¼ Solar Radiation ½ कहा जाता है। और जब पृथ्वी से विकिरण होता जिसे पार्थिव विकिरण कहतें है जो दीर्घ तरंगों के रूप में होता है।

 सूर्यताप को प्रभावित करने वाले कारक :-

1- सूर्य की किरणों का सापेक्ष तिरक्षापन

2- दिन की अवधि

  • विषुवत रेखा पर सभी परिस्थितियों में 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है।
  • यदि सूर्य कर्क रेखा पर लम्वबत है तो उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने का दिन होगा।
  • पृथ्वी की सूर्य से दूरी (14 करोड़ 96 लाख) है।

प्रकाश का पृथ्वी पर पहुॅचने तक घटित होने वाली घटनायें :-

1- Reflection (परावर्तन) :- सूर्य की किरणों के परावर्तन को एलबिडो कहा जाता है।

  • सूर्य की किरणों का 35 प्रतिशत किरणें परावर्तित हो जाती है।

Reflation (अपवर्तन) :- सूर्य सुबह और शाम अपवर्तन के कारण बड़ा दिखाई पड़ता है।

  • अपर्वतन के कारण गोधूलि बेला होती है।
  •   सूर्याेदय और सूर्यास्त के समय पृथ्वी पर जो प्रकाश रहता अपवर्तन के कारण है।
  • अपवर्तन के कारण मृगमरिचिका होती है।
  • अपवर्तन के कारण ही इन्द्रधनुष का निर्माण होता है।

Observation (अवषोशण) :- Co2 गैस प्रकाश अवशोषित करने वाली गैसों में सबसे महत्वपूर्ण गैस है। इसे ग्रीन हाउस गैस भी कहतें हैं।

Co2, N2 ,CFC, CH4, So2  प्रकाश को अवशोषित करने वाली गैंसे हैं।

Seatering (प्रकीर्णन) :- प्रकीर्णन के कारण ही आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है।

  • Eraparaton ¼Ok”iu½(वाश्पन)
  • Condueton¼ laogu½ (संवहन)

’’पृथ्वी का ऊश्मा बजट’’ 

सूर्य से जितनी ऊर्जा विकीर्ण होती है, उसका कुछ भाग ही पृथ्वी को प्राप्त होता है, क्योंकि वायुमण्डल द्वारा प्रकीर्णन परावर्तन तथा अवशोषण के कारण कुछ भाग शून्य में लौटा दिया जाता है तथा कुछ भाग वायुमण्डल में बिखेर दिया जाता है।
पृृथ्वी तथा वायुमण्डल के ऊष्मा बजट को निम्न सारणी के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

  •   प्रेवशी सौर्यिक विकिरण की मात्रा- 100%
  • प्रकीर्णन तथा परावर्तन द्वारा क्षय सौर्यिक विकिरण
  1.    बादलों से परावर्तित- 27%
  2. धरातल से परावर्तित- 2% = 35%
  3.    शून्य में वायुमण्डल द्वारा प्रकीर्णन-6%
  • शेष सौर्यिक विकिरण की मात्रा- 65%

पृथ्वी की ऊश्मा बजट-

  1.   सूर्य से प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त – 34%
  2.  विसरित दिवा प्रकाश से प्राप्त- 17%

योग = 51%

वायुमण्डल की ऊश्मा बजट- 

  1.  प्रेवशी सौर्यिक विकिरण का प्रत्यक्ष अवशोषण- 14%
  2.  वहिर्गामी पार्थिव विकिरण द्वारा प्राप्त- 34%

योग = 48%
पृथ्वी द्वारा प्राप्त सौर्यिक ऊर्जा का 51% भाग किसी न किसी रूप में शून्य तथा वायुमण्डल में वापस हो जाता है, ताकि पृथ्वी का औसत तापमान सामान्य रहे-

1-पार्थिव ऊश्मा सन्तुलन- प्राप्त ऊष्मा 51% 9% विक्षोभ तथा संवहन द्वारा, 19% वाष्पीकरण द्वारा

2-वायुमण्डलीय ऊश्मा सन्तुलन- 48% शून्य में विकिरण।

  • सूर्य ताप मापने की इकाई लैगली (Laglay) हैै।
  • सौर्यिक ऊर्जा की माप को सौर्यिक R

सूर्यताप क्या है इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन?

सूर्यताप को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं_ सूर्य से स्वीकृत समस्त सूर्य ताप का 35% भाग विकिरण और परावर्तन द्वारा सूर्य में पुनः विलीन हो जाता है। 14% भाग वायु मंडल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है केवल 51% भाग पृथ्वी को प्राप्त होता है। इस प्रकार वायुमंडल सूर्यताप वितरण को प्रभावित करता है।

सूर्यातप को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

सूर्यातप को प्रभावित करने वाले कारक.
क्षितिज के समतल पर सूर्यकिरणों की नति आतपन सौर उच्चता, या सौर किरणों द्वारा क्षितिज पर बनाए हुए कोण, पर निर्भर करता है। ... .
सूर्य से पृथ्वी की दूरी दीर्घवृत्ताकार पथ पर परिक्रमा करते समय पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी वर्ष भर बदलती रहती है। ... .
वायुमंडल में पारेषण, अवशोषण एवं विकिरण.

सूर्यातप क्या है इसके बारे में चर्चा करें?

सूर्यातप सूर्य की किरण का वह भाग है जो पृथ्वी को प्राप्त होता है। इसको निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं। लघु तरंगों के रूप में आने वाली सूर्य की किरणें जो 3 लाख किलो मीटर/सेकण्ड या 1 लाख 86 हजार मील से0 की गति से पृथ्वी की सतह पर पहॅुचती है सूर्यातप कहलाती है। इसी को सौर्य ऊर्जा या सौर्यिक विकिरण कहतें हैं।

सूर्य ताप से आप क्या समझते हैं?

सूर्यातप सूर्य की किरण का वह भाग है जो पृथ्वी को प्राप्त होता है। इसको निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं। लघु तरंगों के रूप में आने वाली सूर्य की किरणें जो 3 लाख किलो मीटर/सेकण्ड या 1 लाख 86 हजार मील से0 की गति से पृथ्वी की सतह पर पहॅुचती है सूर्यातप कहलाती है। इसी को सौर्य ऊर्जा या सौर्यिक विकिरण कहतें हैं।