संस्कृत में मध्यम पुरुष किसे कहते हैं - sanskrt mein madhyam purush kise kahate hain

संस्कृत में मध्यम पुरुष किसे कहते हैं - sanskrt mein madhyam purush kise kahate hain

मध्यम पुरुष की परिभाषा

मध्यम पुरुष वह पुरुष होता है जिससे वक्ता बात कर रहा होती है। माध्यम पुरुष को श्रोता भी कह सकते अहिं। हम इसे द्वितीय व्यक्ति भी बोलते हैं।

वक्ता इससे सीधे बात करता है। श्रोता के बारे में बोले के लिए  आप, तुम, तुमको, तुझे, तू आदि शब्द प्रयोग किये जाते हैं।

मध्यम पुरुष के उदाहरण

  • मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूँ।

इस वाक्य में वक्ता आप शब्द का प्रयोग कर रहा है। इस शब्द का प्रयोग करके वक्ता श्रोता को कुछ दिखाना चाह रहा है। अतः यह उदाहरण मध्यम पुरुष के अनतर्गत आयेगा।

  • तुम मुझे पसंद हो।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्य में देख सकते हैं वक्ता तुम शब्द का प्रयोग करके श्रोता से बात कर रहा है। वह श्रोता को पसंद करता हैं एवं यही उसे बताना चाह रहा है। इस वाक्य में तुम प्रयोग में लिया गया है। अतः यह उदाहरण मध्यम पुरुष के अंतर्गत आयेगा।

  • तुमको किसी दूसरी जगह जाना चाहिए।

इस वाक्य में भी वक्ता ने तुम शब्द का प्रयोग किया है। इस शब्द से वक्ता श्रोता को किसी दूसरी जगह जान एके लिए कह रहा है।

इस वाक्य में तुम शब्द का प्रयोग किया गया है जो कि श्रोता के लिए प्रयुक्त होता है। अतः यह उदाहरण मध्यम पुरुष के अंतर्गत आएगा।

मध्यम पुरुष के अन्य उदाहरण

  • जो मैंने तुझे कहा था वही करना है।
  • तू बोलता है तो ठीक ही होगा।
  • आप आज ठीक नहीं लग रहे।
  • आजकल आप कहाँ रहते हैं ?
  • तुम क्या कर रहे हो?
  • तुम जब तक आये तब तक वह चला गया।
  • आप बाज़ार से सामान लेकर आओ।

ऊपर दिए गए सभी वाक्यों में तुझे, तुम, आप, तू आदि शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। ये शब्द का प्रयोग करके वक्ता श्रोता से उसी के बारेमें बात कर रहा है। ये सभ शब्द श्रोता के लिए प्रयुक्त हुए हैं।

अतः ये उदाहरण मध्यम पुरुष के अंतर्गत आयेंगे।

मध्यम पुरुष के बारे में यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो उसे आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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संस्कृत भाषा में पुरुष इस शब्द के अनेक अर्थ हैं। इस लेख में हम संस्कृत व्याकरण के संदर्भ में पुरुष की जानकारी लेंगे। संस्कृत व्याकरण में तीन पुरुष हैं – १. प्रथम पुरुष, २. मध्यम पुरुष और ३. उत्तम पुरुष

संस्कृत पुरुष का वीडिओ

Purush in Sanskrit Grammar

संस्कृत व्याकरण के संदर्भ में पुरुष इस विषय पर इस वीडिओ में संक्षेप में जानकारी दी गई है। यदि आप संस्कृत पुरुष इस विषय को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ना जारी रखिए।

पुरुष किसे कहते हैं?

संस्कृत भाषा में तीनों पुरुषों के लिए अलग अलग शब्द बताएं हैं। इन पुरुषों से हमें यह समझता है कि – वाक्य किस के बारे में बोला जा रहा है। यदि बोलनेवाला वक्ता स्वयं के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य उत्तम पुरुष का वाक्य होता है। यदि वक्ता सुननेवाले श्रोता के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य मध्यम पुरुष का वाक्य होता है। और यदि वक्ता किसी अन्य व्यक्ति / वस्तु के बारे में बोल रहा हो, तो वह वाक्य प्रथम पुरुष का होता है।

संस्कृत में मध्यम पुरुष किसे कहते हैं - sanskrt mein madhyam purush kise kahate hain
संस्कृत व्याकरण में पुरुषज्ञान

उत्तम पुरुष

उत्तम पुरुष की व्याख्या इस सूत्र में है –

अस्मद्युत्तमः १।४।१०७॥

अष्टाध्यायी

इस सूत्र के अनुसार अस्मद् इस शब्द को उत्तम पुरुष कहा गया है। अर्थात् अस्मद् शब्द के सभी रूपों को उत्तम पुरुष कहते हैं। हम ने कक्षा कौमुदी पर अस्मद् शब्द के सभी रूप लिख हैं। उन को आप इस सूत्र पर देख सकते हैं –

https://kakshakaumudi.in/शब्दरूप/सर्वनाम/अस्मद्-शब्द-के-रूप/

यहाँ हम केवल प्रथमारूपों का विचार करेंगे।

उत्तम पुरुष के शब्द

एक॰द्वि॰बहु॰
उत्तमः पुरुषः अहम् आवाम् वयम्
हिन्द्यर्थः मैं हम दोनों हम सब
आङ्ग्लार्थः I We both We all
उत्तम पुरुष

मध्यम पुरुष

मध्यम पुरुष की व्याख्या इस सूत्र में है –

युष्मद्युपपदे समानाधिकरणे स्थानिन्यपि मध्यमः १।४।१०५॥

अष्टाध्यायी

इस सूत्र के अनुसार युष्मद् इस शब्द को उत्तम पुरुष कहा गया है। अर्थात् युष्मद् शब्द के सभी रूपों को उत्तम पुरुष कहते हैं। हम ने कक्षा कौमुदी पर युष्मद् शब्द के भी सभी रूप लिख हैं। उन को आप इस सूत्र पर देख सकते हैं –

https://kakshakaumudi.in/शब्दरूप/सर्वनाम/युष्मद्-शब्द-रूप-you-in-sanskrit/

यहाँ हम केवल प्रथमारूपों का विचार करेंगे।

मध्यम पुरुष के शब्द

एक॰द्वि॰बहु॰
मध्यमः पुरुषः त्वम् युवाम् यूयम्
हिन्द्यर्थः तू तुम दोनों तुम सब
आङ्ग्लार्थः You You both You all
मध्यम पुरुष

प्रथम पुरुष

प्रथम पुरुष को पहचानना बहुत ही आसान है। संस्कृत व्याकरणकार कहते हैं कि जो शब्द उत्तम और मध्यम पुरुष का नहीं है वह प्रथम पुरुष है। इस बात को इस सूत्र में बताया गया है –

शेषे प्रथमः १।४।१०८॥

अष्टाध्यायी
शेषे प्रथमः इस सूत्र के अनुसार उत्तम पुरुष में तीन शब्द हैं - अहम्। आवाम्। वयम्।, मध्यम पुरुष में तीन शब्द हैं - त्वम्। युवाम्। यूयम्।, कुल मिलाकर इन दोनों पुरुषों के छः शब्द हुए। इन के अलावा बचे हुए जितने भी शब्द हैं वे सब प्रथम पुरुष कहलाते हैं।

अर्थात् बाकी बचे यद्, तद्, एतद्, इदम्, अदस् इत्यादि सर्वनाम और राम, श्याम, सीता, गीता, ललिता आदि बाकी बचे सभी नाम प्रथम पुरुष होते हैं।

लकार में पुरुष

संस्कृत में दस लकार हैं। और लकार प्रत्ययों के भी पुरुष होते हैं। जैसे कि लट् लकार में ति। तः। न्ति। ये पहले तीन प्रथमपुरुषी हैं, तथा सि। थः। थ। ये दूसरे तीन प्रत्यय मध्यमपुरुषी हैं और मि। वः। मः। ये अन्तिम तीन प्रत्यय उत्तमपुरुषी हैं। ठीक ऐसे ही बाकी अन्य लकारों में भी होता हैं।

ध्यान रखिए कि वाक्य का कर्ता जिस पुरुष और वचन का होगा, धातु को लकार प्रत्यय भी उस ही पुरुष और वचन का होता है।

ज्ञातव्य

पुरुष के विषय जाननेयोग्य विशेष बातें।

भवत् शब्द का पुरुष

भवत् शब्द का प्रयोग तुम (you) इस अर्थ में होता है। तथापि भवत् शब्द प्रथमपुरुषी है। अतः भवत् शब्द के रूपों के साथ क्रियापदों के प्रथमपुरुषी प्रत्यय ही होगे। जैसे कि –

  • भवान् पठति। भवन्तौ पठतः। भवन्तः पठन्ति।

यहाँ भवान् पठसि। भवन्तौ पठथः। भवन्तः पठथः॥ ऐसे वाक्य गलत हैं।

एक ही वाक्य में तीनों पुरुषों के कर्ता का होना

कुछ ऐसे भी वाक्य होते हैं, जिन में दो अथवा तीनों पुरुषों के कर्ता उपस्थित होते हैं। इस स्थिति में धातु से कौन से पुरुष का लकारप्रत्यय लगाएं?

ऐसे में क्रमशः उत्तम और बाद में मध्यम पुरुष के लकारप्रत्यय होते हैं। जैसे कि –

  • मैं, तुम और रमेश विद्यालय जा रहे हैं।
  • I, you and Ramesh are going to school.

इस का अनुवाद ऐसे होता है –

  • अहं त्वं रमेशः च विद्यालयं गच्छामः

यहाँ आप देख सकते हैं कि उत्तम पुरुष का लकारप्रत्यय लगा है।

संस्कृत में मध्यम पुरुष क्या होता है?

मध्यम पुरुष का प्रयोग त्वम् = तुम , युवाम् = तुम दोनों, युयम् = तुम सब । जिससे बात की जाती है, उसे मध्यम पुरुष कहते है । नामपद (संज्ञा) के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते है । मध्यम पुरुष के द्विवचन का सर्वनाम युवाम् = तुम दोनों है ।

मध्यम पुरुष कौन है?

मध्यम पुरुष – Mdhyam Purush. परिभाषा – सुनने वाला मध्यम पुरुष कहलाता है। श्रोता के नाम के स्थान पर वक्ता द्वारा प्रयुक्त सर्वनाम मध्यम पुरुष होता है। जैसे – तू, तुम, आप, तुम्हारा, तुम्हें, तेरा, तुझे।

मध्यम पुरुष का मतलब क्या होता है?

मध्यम पुरुष वह पुरुष होता है जिससे वक्ता बात कर रहा होती है। माध्यम पुरुष को श्रोता भी कह सकते अहिं। हम इसे द्वितीय व्यक्ति भी बोलते हैं। वक्ता इससे सीधे बात करता है

संस्कृत में पुरुष क्या होता है?

संस्कृत में तीन वचन होते हैं- एकवचन, द्विवचन तथा बहुवचन। संख्या में एक होने पर एकवचन , दो होने पर द्विवचन तथा दो से अधिक होने पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे- एक वचन -- एकः बालक: क्रीडति। द्विवचन -- द्वौ बालकौ क्रीडतः।