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स्तन से पानी आना - Galactorrhea in Hindiगैलेक्टोरिया स्वास्थ्य संबंधी ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति चिंतित हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें स्तन से पानी या अन्य कोई द्रव निकलने लगता है या फिर अनुचित समय पर दूध आने लगता है। इसमें स्तन से निकलने वाला द्रव रंगहीन, पीले रंग का, दूध जैसा या हल्का लाल (जिसमें खून मिला हो) हो सकता है। ज्यादातर मामलों में यह किशोरी व परिपक्व महिलाओं में देखा जाता है, जबकि यह पुरुषों और नवजात शिशुओं को भी हो सकता है। गैलेक्टोरिया अधिकतर मामलों में कोई हानिकारक स्थिति नहीं होती, जबकि कुछ मामलों में किसी गंभीर अंदरूनी समस्या का संकेत दे सकती है। वैसे तो स्तन से पानी या दूध आना ही इस रोग का सबसे मुख्य लक्षण है, लेकिन इसके साथ स्तनों में दर्द व गांठ होना, सिरदर्द और दृष्टि संबंधी समस्याओं से जुड़े लक्षण भी देखे जा सकते हैं। ऐसी स्वास्थ्य संबंधी कई स्थितियां हैं, जिनके कारण स्तन से पानी या दूध आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर होना या हार्मोन के स्तर असंतुलित होना इसके मुख्य कारण माने जाते हैं। इस स्थिति का परीक्षण करने के लिए विभिन्न प्रकार के ब्लड और इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं। गैलेक्टोरिया का कारण बनने वाली स्थितियों के अनुसार ही इसका इलाज किया जाता है। इसलिए स्तन से पानी आने का इलाज करने के लिए सबसे पहले इसके अंदरूनी कारण का पता लगाया जाता है। इसका कारण बनने वाली कुछ समस्याएं अपने आप ठीक हो जाती हैं, जबकि कुछ का इलाज करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं व सर्जिकल प्रक्रियाओं की मदद ली जाती है। स्तन से पानी आना क्या है - What Galactorrhea in Hindiजब स्तन के निप्पलों से दूध या दूध के जैसा पदार्थ निकलने लगता है, तो इस स्थिति को अतिस्तन्यावण (गैलेक्टोरिया) कहा जाता है। यह स्तनों से निकलने वाले सामान्य दूध से पूरी तरह से अलग होता है। सामान्य स्थितियों में गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद ही स्तनों से दूध आता है। यह ज्यादातर महिलाओं में और कुछ मामलों में पुरुषों में भी हो सकता है, जो अधिकतर 20 से 35 साल की उम्र में होता है। कुछ मामलों में यह नवजात शिशुओं में भी देखा जा सकता है। स्तन से द्रव आने के लक्षण - Galactorrhea Symptoms in Hindiअनुचित समय पर स्तन से दूध आना या फिर स्तन से पानी व अन्य रंगदार द्रव निकलना ही गैलेक्टोरिया का सबसे मुख्य लक्षण होता है। हालांकि, इस स्थिति के साथ कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -
इसके अलावा गैलेक्टोरिया के कारणों के अनुसार कुछ अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं। डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? कुछ मामलों में स्तन से दूध आना किसी गंभीर अंदरूनी स्थिति का संकेत देता है, जिसका जल्द से जल्द इलाज करवाना बेहद आवश्यक होता है। इसलिए यदि किसी अनुचित समय पर आपके स्तन से दूध या उस जैसा पदार्थ निकल रहा है, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। यदि स्तनों को अधिक उत्तेजित करने से (जैसे यौन संबंध बनाने के दौरान) उनसे दूध या द्रव निकलने लगा है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। कई मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाता है और कोई हानिकारक स्थिति पैदा नहीं करता। लेकिन अगर काफी समय से असामयिक रूप से स्तन से दूध, पानी या कोई द्रव निकल रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए। यदि स्तन से दूध की बजाए रंगहीन, पीले रंग का द्रव या खून आदि निकल रहा है, तो जल्द से जल्द उसकी जांच करवाना अनिवार्य होता है। क्योंकि यह स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है। स्तन से पानी आने के कारण व जोखिम कारक - Galactorrhea Causes & Risk Factors in Hindiकारण कुछ लोगों में बिना किसी कारण के भी गैलेक्टोरिया हो सकता है, जिस स्थिति को इडियोपैथिक गैलेक्टोरिया कहा जाता है। जबकि कुछ महिलाओं व पुरुषों में गैलेक्टोरिया होने के कई कारण हो सकते हैं। स्तनों के ऊतक कुछ प्रकार के हार्मोन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। स्तनों से दूध या पानी आने के मुख्य कारणों में निम्न हैं - प्रोलैक्टिनोमा यह पिट्यूटरी ग्रंथि में बनने वाला एक ट्यूमर होता है। इस ट्यूमर के कारण पिट्यूटरी ग्रंथि में दबाव बढ़ जाता है, जिससे वह उत्तेजित होकर अधिक प्रोलैक्टिन हार्मोन बनाने लग जाती है। प्रोलैक्टिन हार्मोन स्तन से दूध निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं में प्रोलैक्टिनोमा से निम्न समस्याएं हो सकती हैं -
पुरुषों में प्रोलैक्टिनोमा से निम्न समस्याएं देखी जा सकती हैं :
यदि ट्यूमर का आकार अत्यधिक बढ़ जाता है, तो पिटयूटरी ग्रंथि के पास मस्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ने लगता है। ऐसे में सिरदर्द और दृष्टि में बदलाव जैसी कुछ समस्याएं देखी जा सकती हैं। अन्य ट्यूमर कुछ अन्य ट्यूमर पिट्यूटरी ग्रंथि के उस भाग पर दबाव डाल सकते हैं, जहां से यह हाइपोथैल्मस से जुड़ा होता है। हाइपोथैल्मस मस्तिष्क का निचला भाग होता है। हाइपोथैल्मस से जुड़े पिटयूटरी ग्रंथि के भाग में दबाव पड़ने पर डोपामाइन हार्मोन बनना बंद हो जाता है। डोपामाइन भावनात्मक क्रियाओं को नियमित रखने के साथ-साथ प्रोलैक्टिन के स्तर पर भी नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर उसे कम कर देता है। यदि डोपामाइन पर्याप्त मात्रा में बन नहीं पा रहा है, तो पिट्यूटरी ग्रंथि अत्यधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन बना सकती है। अधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन बनने पर स्तनों से असामयिक दूध निकलने लगता है। अन्य कारण स्वास्थ्य व जीवनशैली संबंधी अन्य कई स्थितियां हैं, जिनके कारण अधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन बनने लगता है और परिणामस्वरूप गैलेक्टोरिया रोग हो जाता है। गैलेक्टोरिया का कारण बनने वाले रोग -
गैलेक्टोरिया का कारण बनने वाली दवाएं :
इसके अलावा यदि महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं, तो उनके हार्मोन के सामान्य स्तर प्रभावित हो सकते हैं और परिणामस्वरूप गैलेक्टोरिया हो सकता है। पुरुषों में हाइपोगोनाडिज्म होना गैलेक्टोरिया का सबसे मुख्य कारण है। यह रोग पुरुषों में गाइनेकोमैस्टिया का कारण भी बन सकता है, जिसमें उनके स्तन असाधारण रूप से बढ़ने लगते हैं। कभी-कभी नवजात शिशुओं में भी स्तन से दूध आने की समस्या देखी जा सकती है। ऐसा अक्सर गर्भावस्था के दौरान मां के बढ़े हुऐ एस्ट्रोजन के कारण होता है। यह गर्भनाल से होते हुऐ भ्रूण के रक्त में मिल जाता है, जिससे नवजात शिशु के स्तनों का असामान्य रूप से आकार बढ़ना और निप्पल से द्रव आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान) गैलेक्टोरिया रोग होने का खतरा कब बढ़ता है? स्तनों से असामयिक दूध या पानी निकलने का खतरा विशेष रूप से 20 से 35 साल की उम्र में अधिक होता है। इस समस्या के मामले पुरुषों व नवजात शिशुओं के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखे जाते हैं। स्तन से दूध आने से बचाव - Prevention of Galactorrhea in Hindiस्तनों से पानी आने की समस्या की रोकथाम करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, इसका कारण बनने वाली कुछ समस्याओं को होने से रोका जा सकता है। कुछ बातों का ध्यान रख कर गैलेक्टोरिया जैसे रोग होने का खतरा कम किया जा सकता है -
स्तन से द्रव आने का परीक्षण - Diagnosis of Galactorrhea in Hindiस्तन से असामयिक द्रव या दूध आना स्वास्थ्य संबंधी किसी अंदरूनी समस्या का संकेत देता है। इसलिए जांच करवाकर इसके अंदरूनी कारण का पता लगाना बेहद आवश्यक होता है। यदि आपको गैलेक्टोरिया से संबंधी किसी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस स्थिति की जांच करने के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट कर सकते हैं -
स्तन से पानी आने का इलाज - Galactorrhea Treatment in Hindiस्तन से पानी या असामयिक दूध आने की स्थिति का इलाज मुख्य रूप से इसके कारण पर निर्भर करता है। हालांकि, यदि आपके प्रोलैक्टिनोमा का स्तर अधिक हो गया है, जिसके कारण स्तन से द्रव निकलने की समस्याएं हो रही है, तो यह कुछ समय में अपने आप ठीक हो सकता है। इसके अलावा संभावित रूप से गैलेक्टोरिया के इलाज में निम्न को शामिल किया जा सकता है -
गैलेक्टोरिया की जटिलताएं - Galactorrhea Complications in Hindiज्यादातर मामलों में स्तन से पानी आना कोई गंभीर स्थिति नहीं होती है और कारण का पता लगाकर सफलतापूर्वक उसका इलाज कर दिया जाता है। पिट्यूटरी ग्रंथि में होने वाला ट्यूमर भी अक्सर दर्दरहित होता है। हालांकि, यदि ट्यूमर का आकार अधिक बढ़ गया है, तो यह मस्तिष्क के भाग को क्षतिग्रस्त कर सकता है और मानसिक क्रियाओं को भी प्रभावित कर देता है। कुछ मामलों में निप्पल से द्रव आने के साथ-साथ दर्द भी होता है, जो किसी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी स्थिति का संकेत देता है। इस दौरान अधिक तंग कपड़े पहनना भी स्थिति को बदतर बना सकता है। स्तन से दूध या पानी आना कुछ मरीजों को मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में वे डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और अपनी समस्याओं के बारे में बताने में भी शर्मिंदा महसूस करते हैं। ब्रेस्ट में पानी क्यों आता है?निप्पल डिस्चार्ज किसी भी तरह का फ्लूइड है, जो आपके निप्पल से निकलता है। तरल पदार्थ को बाहर निकालने के लिए आपको निप्पल को निचोड़ना पड़ सकता है, या यह अपने आप बाहर निकल सकता है। आपके प्रजनन वर्षों के दौरान, भले ही आप गर्भवती न हों या स्तनपान न कराती हों, निप्पल का डिस्चार्ज हो सकता है।
क्या बिना प्रेगनेंसी के दूध आना?जानें बिना प्रेगनेंसी के स्तनों से दूध निकलने के कारण
प्रेगनेंसी में या फिर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोलैक्टिन हार्मोन के कारण महिलाओं के स्तनों से दूध निकलता है। जिन लोगों को गैलेक्टोरिया होता है, उनका शरीर अधिक बहुत अधिक मात्रा में प्रोलैक्टिन का उत्पादन करता है, जिसके कारण दूध निकलता है।
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