साथी हाथ बढाना गीत में सीने और बााँहों को ि़ौलाद क्यों कहा गया है? - saathee haath badhaana geet mein seene aur baaaanhon ko iaulaad kyon kaha gaya hai?

NCERT Solutions for Class 6th Hindi for Chapter 7 साथी हाथ बढ़ाना

पाठ 7- साथी हाथ बढ़ाना - साहिर लुधियानवी

प्रश्न अभ्यास - पृष्ठ संख्या: 56

गीत के बारे में

1. यह गीत किसको संबोधित है।

उत्तर

यह गीत मजदूरों को संबोधित है।

2. इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की ज़िंदगी में घटते हुए देख सकते हो?

उत्तर

साथी हाथ बढ़ाना

एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना 

साथी हाथ बढ़ाना।

हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया

3. सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया 

फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें 

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें 

उपर्युक्त पंक्तियों को हम अपने आसपास, किसी कार्यालय या कंपनी में देख सकते हैं।

उत्तर

साहिर ने इन पंक्तियों को मनुष्य के साहस और हिम्मत का परिणाम दिखाने के लिए कहा है। मनुष्य जब मेहनत करना शुरू करता है तो सागर भी अपना रास्ता छोड़ देते हैं और पर्वत भी झुक जाते हैं यानी बड़े से बड़े मुसीबत भी हल हो जाते हैं। इसी हिम्मत के कारण मनुष्य ने सागर चीर पुलों का निर्माण किया और पहाड़ों पर भी राहें बनायीं हैं।

4. गीत में सीने और बाँह को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर

सीना मनुष्य की मजबूत इच्छाशक्ति को दिखता है और कार्यों को पूरा करने का साधन हाथ ही है इसलिए गीत में सीने और बाँह को फ़ौलादी कहा गया है।

भाषा की बात

1. • अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। 

• एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं। 

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?

(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत-कोश में देखकर समझो और वाक्य के संदर्भ में उनका प्रयोग करो। 

उत्तर

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की निम्न पंक्तियों से मिलता-जुलता है –

• साथी हाथ बढाना  एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना

साथी हाथ बढाना। 

हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढाया 

सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया 

फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें 

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें 

साथी हाथ बढाना। 

• एक से एक मिल तो कतरा, बन जाता है दरिया

एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा

एक से एक मिले तो राई, बन जाता है पर्वत

एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत

साथी हाथ बढाना।

(ख)) अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता (अकेला व्यक्ति सारी मुसीबतों का सामना नहीं सकता) – रोहन ने ऑफिस सारा काम खुद करना चाहा परन्तु असफल रहा, सच कहा गया है अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

(ग) एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं (एकता में ताकत होती है) – इस काम को मिलजुलकर कर किया जाए तो यह संभव है क्योंकि एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

2. नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ – 

(क) हाथ को हाथ न सूझना (अँधेरा होना) – बिजली चली जाने पर कमरे में हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।

(ख) हाथ साफ़ करना (चोरी करना) – मौका मिलते ही चोर ने पर्स पर अपना हाथ साफ़ कर दिया।

(ग) हाथ-पैर फूलना (डर से घबरा जाना) – साँप देख लेने से उसके हाथ-पैर फूल गए।

(घ) हाथों-हाथ लेना (स्वागत करना) – कम्पनी का नया सामान निकलते ही लोगों ने उसे हाथों-हाथ लिया।

(ड) हाथ लगना (अचानक कुछ मिल जाना) – रास्ते में रोहित को सोने की चेन हाथ लग गयी।

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साथी हाथ बढ़ाना 6th Class NCERT CBSE Hindi वसंत भाग 1 Chapter 07

प्रश्न: इंसान चाहे तो क्या कर सकता है?

उत्तर: इंसान चाहे तो चट्टानों ने भी रास्ता निकाल सकता है।

प्रश्न: हमें मेहनत से क्यों नहीं डरना चाहिए?

उत्तर: मेहनत करके ही हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं, इसलिए हमें मेहनत से नहीं डरना चाहिए।

प्रश्न: हमारी मंजिल क्या है और हमारा रास्ता कैसा है?

उत्तर: हमारी मंजिल सच की मंजिल है और हमारा रास्ता भलाई का रास्ता है।

प्रश्न: मिलजुलकर काम करने से क्या लाभ है?

उत्तर: मिलजुल कर काम करने से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है। काम में हमें समय भी कम लगता है। इसके अतिरिक्त सहयोग और परस्पर स्नेह की भावना का विकास होता है। कठिन से कठिन परिस्थितियाँ भी सहज लगने लगती हैं। प्रगति और खुशहाली की राह आसान हो जाती है। समाज में समरसता बढती है। लोगों में काम के प्रति उत्साह बना रहता है और ऐसी परिस्थिति में देश की तरक्की की संभावना बढ़ जाती है।

प्रश्न: क्या बिना किसी के सहयोग के आगे बढ़ा जा सकता है?

उत्तर: बिना किसी के सहयोग के आगे बढना एक दुष्कर कार्य है। जीवन के हर मोड़ पर हमें किसी न किसी के सहयोग की आवश्यकता होती है। यह सहयोग कई रूपों में हमें प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति का स्नेह और शुभकामनाएँ भी आगे बढने में सहयोग करती हैं। सलाह और मार्गदर्शन आगे बढने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः बिना किसी तरह के सहयोग के आगे बढना असंभव सा लगता है।

प्रश्न: यह कविता हमें क्या प्रेरणा देती है?

उत्तर: यह कविता हमें मिलकर काम करने, एक-दूसरे की सहायता करने, देश के लिए सोचने और मेहनत करने की प्रेरणा देती है। यह कविता हमें एकता और संगठन की शक्ति के बारे में बताती है। यह कविता हमें सिखाती है कि साथ मिलकर काम करने के कितने फायदे हैं। यह कविता हम मेहनत से काम करने का जोश और उत्साह जगती है। यह देश देशवासियों को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करती है।

प्रश्न: यह गीत किसको संबोधित है?

उत्तर: यह गीत मज़दूरों को संबोधित है।

प्रश्न: इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की ज़िंदगी में घटते हुए देख सकते हो?

उत्तर: गीत के प्रथम चरण की पंक्तियों को हम अपने जीवन में घटित होते हुए देख सकतेहैं।लेखक ने इन पंक्तियों में सब लोगों और मज़दूरों को सम्बोधित करते हुए इस प्रकार कहा है: अगर हम अपने जीवन में कंधे-से-कंधा मिलाकर चलें तो जीवन की हर कठिनाई मामूली प्रतीत होगी।

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रस्ता छोड़ा, पर्वत ने सीस झुकाया।
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें।

प्रश्न: ‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’ – साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।

उत्तर: ‘साहिर‘ जी ने इन पंक्तियों के माध्यम से मनुष्यों के साहस व हिम्मत को दर्शाया है।उनके अनुसार यदि मनुष्य ने मुश्किल कार्यों को सिर्फ इस लिए छोड़ दिया हो ताकि वो असंभव थे, तो कभी मनुष्य ने विजय प्राप्त नहीं  की होती। आज उसकी हिम्मत से ही अंसभव कार्य संभव हो सके हैं।सागर में पुलों का निर्माण,  जहाज़ों का निर्माण, पर्वतों को काट कर मार्ग बनाना, चाँद पर जाना, दुर्गम स्थानों पर ट्रेनों के लिए मार्ग बनाना मनुष्य की हिम्मत, मेहनत व लगन का  ही परिणाम है।

प्रश्न: गीत में सीने और बाँह को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर: सीने को फ़ौलादी इसलिए कहा गया है क्योंकि सीना मनुष्य की मज़बूत इच्छाशक्ति को दिखाता है। जब वह मेहनत करता है तो सारी मुसीबत पहले इसी सीने पर लेता है और मुसीबतों को अडिग होकर सहता है। बाँहों को फ़ौलादी इसलिए कहा गया है क्योंकि इन्हीं बाँहों के सहारे वो मुश्किल से मुश्किल कार्यों को करने में सफल होता है। बाँहों के द्वारा ही उसने पहाड़ों के सीने में सुराख किए हैं और रास्ते बनाए हैं, इन्हीं बाँहों ने फ़ौलाद जैसे पहाड़ों को तोड़ दिया, जो उसकी असीम कार्यक्षमता की ओर इशारा करते हैं।

साथी हाथ बढ़ाना – प्रश्न:

  1. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
  2. एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।
    (i) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?
    (ii) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत-कोश में देखकर समझो और वाक्य के संदर्भ में उनका प्रयोग करो।

उत्तर:

  1. अकेला व्यक्ति कठिनाई से नहीं लड़ सकता। श्याम ने राम को समझाया कि अगर दोनों मिलकर परीक्षा की तैयारी करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। एकजुटता में ही शक्ति होती है। यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो इस चट्टान को काट सकते हैं क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
  2. (i) साथी हाथ बढ़ाना
    एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
    साथी हाथ बढ़ाना।
    हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
    सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
    फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें
    हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
    साथी हाथ बढ़ाना।(ii) एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
    एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
    एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
    एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत
    साथी हाथ बढ़ाना।

प्रश्न: नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ:

  1. हाथ को हाथ न सूझना
  2. हाथ साफ़ करना
  3. हाथ-पैर फूलना
  4. हाथों-हाथ लेना
  5. हाथ लगना

उत्तर:

  1. हाथ को हाथ न सूझना: (अन्धेरा होना) रात को लाईट चले जाने पर हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।
  2. हाथ साफ़ करना: (चोरी करना) मेरी नज़र हटते ही चोर ने मोबाइल पर अपना हाथ साफ़ कर दिया।
  3. हाथ–पैर फूलना: (डर से घबरा जाना) चोर के हाथ में बन्दूक देखते ही मेरे हाथ पैर फूल गए।
  4. हाथों–हाथ लेना: (स्वागत करना) मेनका के प्रथम आने पर उसके माँ-पिताजी ने उसे हाथों–हाथ लिया।
  5. हाथ लगना: (अचानक मिल जाना) रास्ते में चलते-चलते मेरे हाथ सोने की चेन लग गई ।

विकल्पीय प्रश्न: नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर दीजिए

साथी हाथ बढ़ाना – प्रश्न: ‘साथी’ ही सही अर्थ है?

  1. साथ चलने वाला
  2. साथ पढने वाला
  3. साथ देने वाला
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: किसके सहारे मनुष्य अपना भाग्य बदल सकता है?

  1. रत्न
  2. धन
  3. मेहनत
  4. किस्मत

प्रश्न: हमारी मंजिल क्या है?

  1. सत्य
  2. झूठ
  3. छल
  4. फरेब

प्रश्न: हमारा रास्ता कैसा होना चाहिए?

  1. साफ-सुथरा
  2. पथरीला
  3. नेक
  4. बुरा

प्रश्न: कविता में हाथ बढ़ाने की बात क्यों कही गई है?

  1. हाथ मिलाने के लिए
  2. शक्ति अजमाने के लिए
  3. सहारा देने-लेने के लिए
  4. अपना प्रभाव जमाने के लिए

प्रश्न: सागर ने अपना रास्ता कब बदल दिया?

  1. जब ज्वार-भाटा आया
  2. जब भयंकर वर्षा हुई
  3. जब परिश्रमी लोगों ने मिलकर काम किया
  4. जब लोगों ने समुद्र से अनुरोध किया

प्रश्न: मिल-जुलकर काम करने से कहाँ रस्ते बनाए जा सकते हैं?

  1. मैदानों में
  2. चट्टानों पर
  3. खेतों में
  4. बाग-बगीचों में

प्रश्न: ‘कल गैरों की खातिर की’- यहाँ ‘गैरों’ किसे कहा गया है?

  1. अंग्रेजों के लिए
  2. किसानों के लिए
  3. जमींदारों के लिए
  4. ‘क’ और ‘ग’ दोनों

प्रश्न: यह गीत हमें क्या संदेश देता है?

  1. मिल-जुलकर  रहने तथा काम करने का
  2. पर्वत से टकराने का
  3. मेहनत से न डरने का
  4. नेक रास्ता अपनाने का

प्रश्न: यहाँ ‘कतरा’ शब्द का अर्थ है ____ ।

  1. टुकरा
  2. बूँद
  3. कतरना (काटना)
  4. कतराना

साथी हाथ बढ़ाना गीत में सीने और बाहों को फैला दी क्यों कहा गया है?

4. गीत में सीने और बाँह को फ़ौलादी क्यों कहा गया है? उत्तर:- मजबूत इच्छाशक्ति के लिए मजबूत सीना आवश्यक है और इन कार्यों को पूरा करने के लिए मजबूत हाथ आवश्यक है। इसलिए कवि ने इस गीत में मजदूर के सीने और बाँह को फ़ौलादी कहा है।

साथी हाथ बढ़ाना गीत से हमें क्या सीख मिलती है?

इस गीत से हमें क्या प्रेरणा मिलती है? इस गीत से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें प्रत्येक कार्य मिल-जुलकर करना चाहिए, परिश्रम से कभी घबराना नहीं चाहिए। और सभी के सुख-दुख में सहयोग देना चाहिए। यह कविता हमें एकता और संगठन की शक्ति के बारे में भी बताती है।

साथी हाथ बढ़ाना का क्या मतलब है?

व्याख्या: इन पंक्तियों में कवि ने सुख-दुःख को लोगों का साथी बताया है चूँकि इनका क्रम जीवन में हमेशा चलता रहता है। हमें दुःख में घबराना नहीं चाहिए वहीं सुख में ज्यादा उत्साहित भी नहीं होना चाहिए और अपनी मंजिल को ओर सदा कदम बढ़ाते रहना चाहिए।

कविता में हाथ बढ़ाने की बात क्यों कही गई है?

उत्तर: यह कविता हमें मिलकर काम करने, एक-दूसरे की सहायता करने, देश के लिए सोचने और मेहनत करने की प्रेरणा देती है। यह कविता हमें एकता और संगठन की शक्ति के बारे में बताती है। यह कविता हमें सिखाती है कि साथ मिलकर काम करने के कितने फायदे हैं। यह कविता हम मेहनत से काम करने का जोश और उत्साह जगती है।