भारतीय भोजन में दाल का बड़ा महत्व होता हैं और शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब घर में दाल नहीं बनाई जाती होगी। लेकिन क्या आप जानते है कि ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार ज्योतिष में भी दाल का महत्व बताया गया हैं और इसका हमारे ग्रह स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस दिन कौनसी दाल खाने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में। Show
रविवार ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को मसूर की दाल, अदरक या फिर कोई लाल रंग का भोज्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, रविवार को चने की दाल और मूंग की दाल खाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और आप स्वस्थ भी रहते हैं। दाल सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन अगर आप दिन के हिसाब से अपने खान-पान का ध्यान रखें तो यह आपके लिए और भी फायदेमंद हो सकता है। इससे न सिर्फ आपकी सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा आपकी बौद्धिक क्षमता और धन संबंधी मामलों में भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल साग नहीं खाना चाहिए। रविवार के दिन चने की दाल और मूंग की दाल खाना शुभ फलदायी होता है। सोमवार के दिन बिना छिलके वाली उड़द की दाल या अरहर की दाल खाना सेहत के लिए अच्छा रहता है। मंगलवार के दिन मसूर की दाल खाना मंगल के शुभ प्रभाव को बढ़ाने वाला होता है। बुधवार के दिन बुध से संबंधित मूंग की दाल, खास तौर पर छिलके वाली मूंग की दाल का सेवन स्वास्थ्य, बुद्धि और धन के मामले में सुखद रहता है। गुरुवार के दिन चने की दाल खाना गुरु के शुभ फल में वृद्धि करता है।शुक्रवार को मूंग और कुल्थी की दाल का सेवन बेदह लाभपद्र रहता है। शुक्रवार के दिन चने की दाल का सेवन गुरु के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? सप्ताह के हर दिन का संबन्ध किसी न किसी ग्रह से होता है. यदि आप इन ग्रहों को मजबूत करना चाहते हैं तो हर दिन उस ग्रह से संबन्धित रंग के वस्त्र पहनिए और उसी रंग का आहार लीजिए. ब्रह्मवैवर्त पुराण में लोगों को सप्ताह में हर दिन के हिसाब से अलग दाल खाने की बात कही गई है.सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी या देवता से संबन्धित है. साथ इन दिनों का ताल्लुक अलग-अलग ग्रहों से भी माना जाता है. इन ग्रहों का संबन्ध तमाम रंगों से है, साथ ही इनकी अपनी अलग ऊर्जा है. यदि हर दिन के मुताबिक उस ग्रह से संबन्धित रंग के वस्त्र धारण किए जाएं और उसी रंग की चीजों का आहार लिया जाए, तो व्यक्ति पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसके तमाम काम बनते चले जाते हैं. साथ उस दिन से संबन्धित ग्रह मजबूत होता है. ब्रह्मवैवर्त पुराण में लोगों को सप्ताह में हर दिन के हिसाब से अलग दाल खाने की बात कही गई है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति कुंडली में अपने ग्रहों की स्थिति को आसानी से मजबूत कर सकता है. जानिए किस दिन कौन सी दाल खानी चाहिए. सोमवार : इस दिन छिलके वाली मूंग की दाल खाना चाहिए. अगर आपको छिलके वाली मूंग पसंद नहीं है, तो आप अरहर की दाल भी खा सकते हैं. ये ज्यादातर लोगों की फेवरेट होती है. इसे खाने से चंद्र ग्रह मजबूत होता है. मंगलवार : इस दिन लाल रंग का विशेष महत्व होता है. ऐसे में लाल मसूर की दाल का सेवन काफी शुभदायक माना जाता है. हर मंगलवार को लाल मसूर का सेवन करने और इसे दान देने से मंगल के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं. बुधवार : बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए और भगवान बुध व गणपति की कृपा पाने के लिए बुधवार के दिन हरी छिलके की मूंग की दाल खाएं. संभव हो तो इसे किसी जरूरतमंद को दान भी करें. ऐसा करने से बुध ग्रह मजबूत होता है, धन की कमी नहीं रहती, सेहत अच्छी होती है और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है. गुरुवार : गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरू बृहस्पति को समर्पित माना जाता है. इस दिन पीली चीजों का सेवन उत्तम माना जाता है. गुरुवार के दिन चने की दाल खाना सबसे शुभ माना जाता है. साथ ही, ये दाल किसी को दान करनी चाहिए या गाय को गुड़ के साथ आटे की लोई में खिलानी चाहिए. इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है. शादी विवाह अड़चनें दूर होती हैं. व्यक्ति धर्म के मार्ग पर अग्रसर होता है, साथ ही धन की कमी नहीं रहती. शुक्रवार : शुक्र ग्रह को धन, वैभव और विलासितापूर्ण जीवन देने वाला माना जाता है. इस दिन मूंग या कुल्थी की दाल खाना शुभ होता है. इससे आपके जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं की कमी नहीं रहती. शनिवार : शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना गया है. इस दिन काली चीजों का सेवन करने से कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है. इस दिन काले रंग की उड़द की दाल खानी चाहिए, साथ ही दान भी करनी चाहिए. शनि के मजबूत होने से राहु और केतु संबन्धी तमाम कष्ट भी दूर होते हैं. रविवार : रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित माना जाता है. वैसे तो इस दिन का रंग लाल है, लेकिन इस दिन लाल रंग की दाल का सेवन करने के लिए मना किया गया है. इस दिन चने की या बिना छिलके वाली मूंग की दाल का सेवन करना अच्छा माना जाता है. इससे सूर्य संबन्धी समस्याएं दूर होती हैं. कोलकाता : हर व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार खाना खाता है, लेकिन ज्योतिष कहता है कि उसकी पसंद-नापसंद उसके जीवन पर भी अच्छा और बुरा प्रभाव डालती हैं। यहां तक कि 9 ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव व्यक्ति के खानपान से जुड़े होते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं हर घर में खाई जाने वाली दालों के बारे में। ब्रह्मवैवर्त पुराण में यह बताया गया है कि सप्ताह के 7 दिन में से किस दिन कौन सी दाल खाना होता है सबसे शुभ और इससे कौन सा ग्रह मजबूत होता है। शेयर करें शुक्रवार को कौन सी दाल बनानी चाहिए?शुक्रवार शुक्रवार के दिन पर दैत्यों के गुरु माने जाने वाले शुक्र ग्रह का आधिपत्य होता है। शुक्र को शुभ करने से आपके धन धान्य में वृद्धि के साथ सुख और वैभव भी प्राप्त होता है। इस दिन मूंग दाल खाना अच्छा माना जाता है।
रविवार को कौन सी दाल बनानी चाहिए?तो वही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार के दिन चने की दाल और मूंग की दाल खाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और स्वास्थ्य संबंधी रोग भी दूर होते हैं।
सबसे ज्यादा ताकतवर दाल कौन सी है?मूंग दाल सबसे फेमस सुपरफूड्स में से एक है. मूंग दाल को नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करने से कई फायदे हो सकते हैं. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ-साथ, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है. इसमें प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है, जो वजन कम करने में भी काफी मदद करता है.
कौन सी दाल खाने से ताकत आती है?उड़द दाल प्रोटीन और विटामिन बी के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है. फैट और कैलोरी में कम, उड़द की दाल आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम में भी समृद्ध है.
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