जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देवाधिदेव महादेव का पूजन भक्त हमेशा ही पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ करते हैं. सनातन धर्म में शिव जी की पूजा का एक खास महत्व है. शिव जी अपने भक्त की भक्ति से बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. अपने भगवान भोलेनाथ को एक केवल एक टोला जल तक रोज चढ़ाएं तो भी प्रभु प्रसन्न हो जाते हैं, साथ ही काल को काटने और दोषों से मुक्ति भी महादेव ही देते हैं. Show पुराणों में भोलेबाबा प्रसन्न करने के कई मंत्र बताए गए हैं जो मनवांछित फल देते हैं. सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के भी यह आधिपति कहे गए हैं. ऐसे में अगर आप भी जीवन से हर प्रकार के कष्टों को दूर करना चाहते हैं तो शिव जी के कुछ मंत्रों का जाप करें, इन मंत्रों के जाप के प्रभु खुश होकर हर एक कष्ट को दूर कर देते हैं. कोआइये जानते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करने के सबसे सरल एवं सिद्ध किए हुए मंत्र- भगवान शिव को प्रसन्न करने के मंत्र महामृत्युंजय मंत्र ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।। शिव जी का मूल मंत्र ऊँ नम: शिवाय।। भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र- ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।। ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।। ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। रुद्र गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ शिव के प्रिय
मंत्र- 1. ॐ नमः शिवाय। 2. नमो नीलकण्ठाय। 3. ॐ पार्वतीपतये नमः। 4. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय। 5. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा। पूजा में प्रतिदिर करें इसका करें पाठ नमामिशमीशान निर्वाण रूपं। विभुं व्यापकं ब्रम्ह्वेद स्वरूपं।। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाश माकाश वासं भजेयम।। निराकार मोंकार मूलं तुरीयं। गिराज्ञान गोतीत मीशं गिरीशं।। करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसार पारं नतोहं।। तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं। मनोभूति कोटि प्रभा श्री शरीरं।। स्फुरंमौली कल्लो लीनिचार गंगा। लसद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा।। चलत्कुण्डलं भू सुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननम नीलकंठं दयालं।। म्रिगाधीश चर्माम्बरम मुंडमालं। प्रियम कंकरम सर्व नाथं भजामि।। प्रचंद्म प्रकिष्ट्म प्रगल्भम परेशं। अखंडम अजम भानु कोटि प्रकाशम।। त्रयः शूल निर्मूलनम शूलपाणीम। भजेयम भवानी पतिम भावगम्यं।। कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी। सदा सज्ज्नानंद दाता पुरारी।। चिदानंद संदोह मोहापहारी। प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी।। न यावत उमानाथ पादार विन्दम। भजंतीह लोके परे वा नाराणं।। न तावत सुखं शान्ति संताप नाशं। प्रभो पाहि आपन्न मामीश शम्भो । पंडित सुनील शर्मा के अनुसार भगवान शिव अत्यंत भोले के चलते आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। इसी वजह से इन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। जो भी भक्त उनकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करता है उस पर वो जल्द ही प्रसन्न हो जाते है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे मंत्रो के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भगवान शिव से भक्तों को जोड़ती हैं। MUST READ : इन 11 सामग्रियों से करें भगवान शिव की पूजा, तुरंत मिलेगा आशीर्वाद! पंचाक्षरी शिवा मंत्र... ॐ नमः शिवाय मंत्र का अर्थ है कि ‘मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ। ये शिव मंत्रों में सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। मान्यता के अनुसार सावन में प्रतिदिन इसका जाप भगवान शिव को तुरंत प्रसन्न करता है, वहीं शिवरात्रि के दिन इसका 108 बार जप करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र का सही उच्चारण शांत मानसिकता, आध्यात्मिकता का आह्वाहन कर आत्मा की शुद्धि करता है… रूद्र मंत्र... MUST READ : शिवलिंग की घर में पूजा करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल रूद्र गायत्री मंत्र... अर्थात ॐ, मुझे अपना सारा ध्यान सर्वव्यापी भगवान शिव पर केंद्रित करने दो। मुझे ज्ञान का भंडार दो और मेरे हृदय में रूद्र रूपी प्रकाश भर दो। गायत्री मंत्र हिन्दू मंत्रो में सबसे शक्तशाली मंत्रो में से एक है। वैसे ही ये रूद्र गायत्री मंत्र भी बेहद शक्तिशाली है। माना जाता है कि इस मंत्र का जाप मन की शांति और ज्ञान का अपार प्रकाश आपको स्थिर मानसिकता प्रदान करता है। महा मृतुन्जय मंत्र... अर्थात, ‘ॐ’ हम आपको मानते और आपकी पूजा करते है। ‘हे शिव’ आप खुशहाली और जीवन की सुगंध हो। जो हमारा संचालन करता है, हमें निरोगी काया प्रदान करता है। और हमे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जिस तरह ककड़ी का तना कमज़ोर होने से वह टूट कर बेल से मुक्त हो जाती है। उसी प्रकार हमे भी मृत्यु के भय से मुक्त कर अमरता का आशीर्वाद प्रदान करें। MUST READ : देवाधि देव महादेव- जानें भगवान शिव क्यों कहलाए त्रिपुरारी इस मंत्र का जाप तब किया जाता है जब किसी एकाएक अनहोनी का डर मन को विचलित करने लगता है। ऐसे में इसके जाप से आपको अनजान भय से मुक्ति मिलती है। मन में शक्ति का आह्वान होता है। कई विद्वान इस मंत्र को शारीरिक, मानसिक और स्वास्थय के लिए बेहद फायदेमंद मानते है।दारिद्र्य दहन स्तोत्रम... इस मंत्र का अर्थ है कि ‘ हमारे सभी रोगों से मुक्ति मिले। साथ ही स्मृति की प्राप्ति हो और एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकें। मान्यता के अनुसार इस मंत्र के जाप से आपको धन और अच्छे भविष्य की प्राप्ति होगी। ये बुराई, गरीबी और रोगों को दूर करने का मंत्र है। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से आपको और आपके बच्चों को रोगो से मुक्ति और घर में शांति बनी रहेगी। शिव का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
यह बहुत शिव गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली मंत्र बताया जाता है। सावन में हर रोज इस मंत्र का जप करने से सभी समस्याएं दूर होती हैं। यह मंत्र भगवान शिव के सभी रूपों की पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भगवान शिव का प्रिय मंत्र कौन सा है?शिव पूजा का सबसे प्रभावशाली मंत्र । Mantra For Shiv Pooja ।
भगवान शिव से वरदान कैसे मांगे?आइए जानते हैं अलग-अलग मनोकामना पूर्ति के लिए किस तरह भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. - भगवान शिव के कैलाशनाथ स्वरूप का पूजन करें. - पूजा स्थल पर एक नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करें. - एक थाली में फल फूल और मिष्ठान्न रखकर अर्पित करें.
भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न कैसे करें?- सोमवार के दिन अक्षत, चंदन, धतूरा, दूध, आक, गंगा जल, और बेल पत्र आदि भगावन शिव को अर्पित करना चाहिए. इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और शुभ आशीर्वाद देते हैं. - घर में सुख-शांति और खुशहाली बनाए रखने के लिए सोमवार के दिन भोलेनाथ को घी, शक्कर और गेंहू के आटे का बना भोग लगाएं और उनकी आरती करें.
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