वजीर अली कौन था? उसके चरित्र की क्या विशेषताएं हैं? अपने शब्दों में सोदाहरण स्पट कीजिए। Show
‘कारतूस’ कहानी में वजीर अली को एक बहादुर, साहसी और निडर व्यक्तित्व व कारनामों वाले व्यक्ति के रुप में दर्शाया गया है| वजीर अली अवध के नवाब आसिफ़ उद्दौला का पुत्र था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने उसे शासन से वचिंत कर उसके चाचा को उसका राज्य को सौंप दिया था। तब से वह अंग्रेजों का कट्टर विरोधी हो गया था। उसका यही उद्देश्य था कि अंग्रेजों को अपने देश से निकाल बाहर करना। वह इतना बहादुर व निडर व्यक्ति था कि अकेले ही अंग्रेजी सेना के खेमे में घुसकर अंग्रेजी अफ़सर से कारतूस प्राप्त कर लिया। उसकी बहादुरी के आगे वह अफ़सर भी नतमस्तक हो गया था। उसे किसी की गुलामी पसंद नहीं थी। वह कायर नहीं था। अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उनसे कंपनी के वकील तक की हत्या कर दी थी। उसका विशाल व्यक्तित्व ही था कि उसके विरोधी भी उसकी तारीफ करते थे। 2703 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30
शब्दों में) लिखिए- वज़ीर अली रॉबिनहुड की तरह साहसी, हिम्मतवाला, बहादुर और चकमा देने में माहिर था। वह भी रॉबिनहुड की तरह किसी को भी चकमा देकर भाग जाता था। वह अंग्रेज़ी सरकार की पकड़ में नहीं आ रहा था। कम्पनी के वकील को उसने उसके घर में जाकर मार दिया था। उसकी बहादुरी के अफ़साने सुनकर ही कर्नल को रॉबिनहुड की याद आती थी। 497 Views निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- सवार स्वयं वज़ीर अली था और अब तक उसे कोई पहचान नहीं पाया था साथ ही वह एक जाँबाज और बहादुर था जो की शत्रुओं को ललकार रहा था। इसलिए उसने कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है। 306 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- वज़ीर अली ने कई वर्षों से अंग्रेज़ों की आँख में धूल झोंककर उनकी नाक में दम कर रखा था। इसलिए वे वज़ीर अली से तंग आ चुके थे। 292 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- कर्नल ने सवार पर नज़र रखने इसलिए कहा ताकि वे ये देख सके कि वह किस दिशा की तरफ़ जा रहा है और इससे उन्हें वज़ीर अली के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हो सके। 283 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- कर्नल कांलिज ने वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए जंगल में खेमा लगाये हुए था। 491 Views Solution : वजीर अली, नवाब आसिफउद्दौला का एकलौता बेटा और अवध का बादशाह था। उसे पकड़ना अंग्रेजों के लिए बहुत मुश्किल था, कई सालों से वे वज़ीर अली को पकड़ना चाह रहे थे, परन्तु निडरता, बहादुरी और जाँबाजी के कारण, वे वज़ीर अली को छू भी नहीं पा रहे थे। <br> निडरता-वज़ीर अली एक निडर सिपाही था। जो अंग्रेजों से बहुत नफरत करता था, इसलिए उसने खुले-आम अंग्रेजों के वकील का कत्ल कर डाल | <br> बहादुर-वजीर अली की बहादुरी को किसी उदाहरण की आवश्यकता नहीं है। उनकी बहादुरी के किस्से अंग्रेज़ी खेमों में प्रायः ही सुने और सुनाए जाते थे। वज़ीर अली अपनी बहादुरी के दम पर ही अंग्रेजों के खेमे से, उनके कारतूस, उन्हीं के हाथों से लेकर गये थे और कर्नल देखता रह गया था। <br> जाँबाज सिपाही-वज़ीर अली एक जाँबाज अर्थात जान की बाजी लगा देने वाला सिपाही था। वह अंग्रेजों को खूब छका रहा था और अपनी जान की परवाह किए बगैर कालेज के खेमे में घुस गया था। अथवा उत्तर – वज़ीर अली आसिफउद्दौला का पुत्र था व सआदतअली का भतीजा था। वह अवध का भूतपूर्व नवाब व एक जाँबाज सिपाही था। ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अपने लाभ के लिए वजीर अली को शासन से वंचित कर उसके चाचा
सआदतअली को नवाब बना दिया था। तब से वह अंग्रेजों से नफ़रत करने लगा था। वह उनका कट्टर विरोधी हो गया था। वह एक देशभक्त था जो अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने का प्रयास करता रहता था। वह एक निडर व बहादुर सिपाही भी था। उसने अकेले ही अंग्रेजी सेना के कर्नल के खेमे में घुसकर, कर्नल से कारतूस हासिल कर लिए थे। कर्नल भी उसकी बहादुरी से अचम्भित रह गया था। उत्तर – वज़ीर अली अवध का नवाब होने
के साथ ही एक जाँबाज सिपाही भी था। वह बहुत साहसी और हिम्मती था। अंग्रेजों द्वारा नवाब पद से अपदस्थ किए जाने पर उसने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह आरंभ कर दिया। उसने कम्पनी के वकील की हत्या कर दी। आजमगढ़ व गोरखपुर के जंगलों में भटकते हुए भी उसने हार नहीं मानी। अंग्रेज़ी खेमे में घुसकर कर्नल से कारतूस लेने में सफल रहा। कर्नल को भी उसकी बहादुरी का कायल होना पड़ा। इससे सिद्ध होता है कि वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था। उत्तर – जब लेफ्टीनेंट को कर्नल से यह पता चला कि कम्पनी के खिलाफ केवल वजीर अली ही नहीं, बल्कि दक्षिण में टीपू सुल्तान और बंगाल के नवाब का भाई शमसुद्दौला भी अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ हैं और इन तीनों ने ही अफगानिस्तान के बादशाह शाहे-जमा को हिन्दुस्तान पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया है। लेफ्टीनेंट को ऐसा लगा कि कम्पनी के खिलाफ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है कि अवध से लेकर बंगाल तक सभी अंग्रेजी शासन को नष्ट करने का निश्चय कर चुके
हैं। उत्तर – इसका तात्पर्य है कि वज़ीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात बहुत कम आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह, जो बहु-संख्या में युद्ध-सामग्री से लैस था, मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पाए थे। उसकी अदम्य शक्ति और दृढ़ता को जीत नहीं पाए थे। उस जाँबाज सिपाही को पकड़ नहीं पाए
थे अर्थात वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि उसने व उसके मुट्ठी भर आदमियों ने ही कर्नल के इतने बड़े सेना-समूह की नाक में दम कर दिया था। उत्तर – आशय– जब कर्नल अपने खेमे के बाहर बैठकर लेफ्टीनेंट से वज़ीर अली के विषय में बात कर ही रहे थे कि तभी उन्हें दूर से धूल का गुबार उठता दिखाई दिया। जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो
रहा था कि सेना का पूरा-पूरा काफिला चला आ रहा हो, परंतु जब ध्यान से देखा तो केवल एक ही घुड़सवार दिखाई दे रहा था। वह अकेला ही पूरे काफिले के समान धूल का गुबार उड़ाता चला आ रहा था। वजीर अली कौन था उसके चरित्र की क्या विशेषता है?वज़ीर अली रॉबिनहुड की तरह साहसी, हिम्मतवाला, बहादुर और चकमा देने में माहिर था। वह भी रॉबिनहुड की तरह किसी को भी चकमा देकर भाग जाता था। वह अंग्रेज़ी सरकार की पकड़ में नहीं आ रहा था। कम्पनी के वकील को उसने उसके घर में जाकर मार दिया था।
वजीर अली कौन था Class 10?वज़ीर अली अवध के शासक आसिफउद्दौला का पुत्र था। अंग्रेजों ने वजीर अली को सत्ता से हटाकर उसके चाचा सआदत अली को अवध की गद्दी पर बिठाया था। वज़ीर अली के मन में अंग्रेजों के प्रति घृणा भरी थी। उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी थी, इसलिए अंग्रेज़ उसे पकड़ना चाहते थे।
वज़ीर अली की चारित्रिक विशेषताएं बताते हुए बताइये कि उसने अंग्रेज़ों की गुलामी क्यों स्वीकार नहीं की?उसे किसी की गुलामी पसंद नहीं थी। वह कायर नहीं था। अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उनसे कंपनी के वकील तक की हत्या कर दी थी। उसका विशाल व्यक्तित्व ही था कि उसके विरोधी भी उसकी तारीफ करते थे।
वजीर अली का चरित्र हमें क्या प्रेरणा देता है?वज़ीर अली का चरित्र हिम्मत तथा बहादुरी से लड़ने की प्रेरणा देता है । अंग्रेजों ने वज़ीर अली को अपदस्थ कर सआदत अली को नवाब बना दिया था । इस पर वज़ीर अली ने विद्रोह कर दिया । बनारस में कंपनी के वकील की हत्या करने के बाद वह गोरखपुर के जंगलों में जा छिपा ।
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