प्रश्न 1: लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली? Show उत्तर : लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली। जब लेखक झाड़ी के नीचे से गुजर रहा था तो ओस की बूँद उसके कलाई पर गिरी और सरककर हथेली पर आ गई। प्रश्न 2: ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी? उत्तर : पेड़ों द्वारा जल की बूँदों को बलपूर्वक धरती के भूगर्भ से खींच लाना व उनको खा जाना, अर्थात् पौधें ज़मीन से जल प्राप्त कर स्वंय के लिए पानी का प्रबंध करते हैं व कुछ को पृथ्वी के भूगर्भ से बाहर निकाल कर पृथ्वी पर ओस के रूप में ले आते हैं। जिसे याद करते ही बूँद श्रेध व घृणा से काँपने लगती है। प्रश्न 3: हाईड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा क्यों कहा? उत्तर : जब ब्रह्मांड में पृथ्वी व उसके साथी ग्रहों का उद्भव भी नहीं हुआ था तब ब्रह्मांड में हाईड्रोजन व ऑक्सीजन दो गैसें सूर्यमंडल में लपटों के रूप में विद्यमान थीं। किसी उल्कापिंड के सूर्य से टकराने से सूर्य के टूकड़े हो गए उन्हीं टूकड़ों में से एक टुकड़ा पृथ्वी रूप में उत्पन्न हुआ और इसी ग्रह में ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया हुई। इन्होंने आपस में मिलकर अपना प्रत्यक्ष अस्तित्व गँवा कर पानी को जन्म दिया। इसिलए बूँद ने इन दोनों को अपना पूर्वज कहा है। 2 ओस की बूंद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी?Solution : ओस की बूंद क्रोध और घृणा से इसलिए काँप उठी, क्योंकि पेड़ों की जड़ों ने बड़ी निर्दयता से आनन्द से घूमने वाली बूंद को बलपूर्वक अपनी ओर खींच लिया, परिणामस्वरूप पेड़ की जड़ से पत्तियों तक पहुँचने के लिए वह तीन दिन तक सांसत में रही।
पाठ से 1 लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली?लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली? उत्तर:- लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली।
लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली solution लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली?प्रश्न 1: लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली? उत्तर : लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली। जब लेखक झाड़ी के नीचे से गुजर रहा था तो ओस की बूँद उसके कलाई पर गिरी और सरककर हथेली पर आ गई। प्रश्न 2: ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी?
पानी की कहानी में लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली?लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली? Solution: लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली।
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