1 दिन में कितना सिंघाड़ा खाना चाहिए? - 1 din mein kitana singhaada khaana chaahie?

सिंघाड़ा को अगर आप सेहत का खजाना कहें तो गलत नहीं होगा। आपको दुरुस्‍त रखने के साथ साथ सिंघाड़ा कई बीमारियों को बिना दवाई ठीक कर देता है। अगर आप सिंघाड़े के आटे को अपनी डाइट में शामिल करेंगे और इसका सेवन करेंगे तो कम समय में कई फायदों को देख पाएंगे। तालाबों तथा रुके हुए पानी में पैदा होने वाले सिंघाड़े के फूल अगस्त में आ जाते हैं, जो सितम्बर-अक्तूबर में फल का रूप ले लेते हैं। बाजार में इसका फल और आटा दोनों ही मिलते हैं। सिंघाड़ा अपने पोषक तत्वों और अनूठे स्वाद की वजह से खूब पसंद किया जाता है।

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सिंघाड़े में विटामिन-ए, सी, मैंगनीज, थायमाइन, कर्बोहाईड्रेट, टैनिन, सिट्रिक एसिड, रीबोफ्लेविन, एमिलोज, फास्फोराइलेज, एमिलोपैक्तीं, बीटा-एमिलेज, प्रोटीन, फैट और निकोटेनिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

इन समस्‍याओं में है कारगर
सिंघाड़ा यौन दुर्बलता को दूर करता है। 2-3 चम्मच सिंघाड़े का आटा खाकर गुनगुना दूध पीने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है। कभी-कभी किसी बीमारी के कारण सेक्चुअल स्टैमिना में कमी आ जाती है। ऐसी स्थिति में भी सिंघाड़े का आटा वरदान का काम करता है।

बाल झड़ने की समस्या से निजात

वहीं बाल झड़ने की समस्या से भी निजात दिलाता है। सिंघाड़े में निमैनिक और लॉरिक जैसे एसिड होते हैं तो बालों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं। सिंघाड़ा नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं में आराम मिलता है।

गर्भाशय की दुर्बलता देर करे

गर्भाशय की दुर्बलता व पित्त की अधिकता से गर्भावस्था पूरी होने से पहले ही जिन स्त्रियों का गर्भपात हो जाता है, उन्हें सिंघाड़ा खाने से लाभ होता है।

थायरॉयड में भी फायदेमंद
सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन, मैग्नीज जैसे मिनरल्स थायरॉइड और घेंघा रोग की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। यह रक्तपित्त तथा मोटापा कम करने में फायदेमंद होता है। तपेदिक के कष्ट से परेशान हैं तो सिंघाड़ा का आटा सेवन करने पर लाभ मिलता है।

पीलिया की बीमारी में राहत

पीलिया के बीमारी में शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है। सिंघाड़े में पित्त शामक गुण होते हैं जोकि काफी लाभदायक होता है। सिंघाड़ा के आटे में उच्‍च रक्‍तचाप के जोखिम को कम करने की ताकत है।

सिंघाड़ा खाने से कौन-कौन से लाभ होते हैं? सिंघाड़े की तासीर कैसी होती है? क्या शुगर में सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए? आदि ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब अधिकतर लोग जानना चाहते हैं। आपके इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने डायटीशियन डॉक्टर सुगीता मुटेरजा से बातचीत की-

सिंघाड़ा दस्त, बुखार में खाना लाभपद्र होता है। इसके फल के साथ ही छिलका भी कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। सिंघाड़े में इतने पोषक तत्व होते हैं कि आयुर्वेद में इसे बहुत सारी बीमारियों के लिए औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। सिंघाड़ा अनिद्रा, शरीर में कमजोरी, पेट की समस्या, त्वचा से संबंधित समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है। इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल रहते हैं। जानें इन सवालों के बारे मं-

1 दिन में कितना सिंघाड़ा खाना चाहिए? - 1 din mein kitana singhaada khaana chaahie?

1. क्या सिंघाड़ा वजन कम करने में फायदेमंद है? (Are water chestnuts good for weight loss?)

वजन कम करने के लिए सिंघाड़े का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में कैलोरी बहुत कम होती है, जिससे वजन कम होता है। 100 ग्राम सिंघाड़े में सिर्फ 97 कैलोरी होती है। साथ ही इसमें फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है। फाइबर देरी से पचता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन कम होने में मदद मिलती है। इसलिए अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो सिंघाड़े का सेवन कर सकते हैं। वजन घटाने के लिए यह फल बहुत फायदेमंद है।

2. सिंघाडे में कौन-से पोषक तत्व होते हैं? (What nutrients are in water chestnut)

सिंघाड़ा फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अकसर सर्दी के मौसम में लोग इस फल को खाना पसंद करते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, मैंगनीज, कार्बोहाइड्रेट, सिट्रिक एसिड, मैंगनीज, थायमाइन, रीबोफ्लेविन, फास्फोराइलेज,  बीटा-एमिलेज, प्रोटीन और निकोटेनिक एसिड पाया जाता है। इनके अलावा भी सिंघाड़े में कई विटामिंस और मिनरल्स होते हैं, जिससे स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ मिलता है। 

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3. सिंघाडे की तासीर क्या होती है?  (What is the effect of water chestnut)

सिंघाड़ा सर्दी में खाया जाने वाला एक फल है। यह जलीय पौधे का फल होता है। सिंघाड़े की स्वाद मधुर और तासीर ठंडी होता है। आयुर्वेद के अनुसार ठंडा तासीर होने के कारण पित्त प्रकृति के लोग भी इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। इसे पित्त, वात और कफ प्रकृति लोग खा सकते हैं। सिंघाड़ा रक्तपित्त और मोटापे को कम करने में फायदेमंद होता है।

1 दिन में कितना सिंघाड़ा खाना चाहिए? - 1 din mein kitana singhaada khaana chaahie?

4. सिंघाड़ा कैसे खाना चाहिए? (How to eat water chestnut)

वैसे तो अधिकतर लोग सिंघाड़े का फल खाना पसंद करते हैं। सिंघाड़े का सेवन छीलकर किया जा सकता है। आप चाहें तो कच्चे सिंघाड़े को फ्राई करके भी खा सकते हैं। इसके साथ ही सिंघाड़े का सेवन आटा के रूप में रोटी बनाकर भी किया जा सकता है। इसके आटे का सेवन व्रत के दिनों में ज्यादा किया जाता है। आप सिंघाड़े का सेवन अपने स्वाद के अनुसार कर सकते हैं।

5. शुगर में सिंघाड़ा खा सकते हैं क्या? (Can we eat water chestnut in sugar)

शुगर या डायबिटीज के मरीजों को मीठे चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। इससे उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। लेकिन सिंघाड़ा एक ऐसा फल है, जिसका सेवन शुगर होने पर भी किया जा सकता है। सिंघाड़ा खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज के रोगी या पेशेंट इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं।

6. क्या सिंघाड़ा खाने से हार्ट हेल्दी रहता है?  (water chestnut keep the heart healthy)

सर्दी में सिंघाड़ा खाना काफी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं। सिंघाड़ा ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ने से रोकता है। इससे स्ट्रोक और दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। सिंघाड़े में पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इससे दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। सिंघाड़ा हेल्दी हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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1 दिन में कितना सिंघाड़ा खाना चाहिए? - 1 din mein kitana singhaada khaana chaahie?

7. क्या सिंघाड़ा दांतों और हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है? (Is water chestnut beneficial for teeth and bones)

सिंघाड़े में विटामिंस और मिनरल्स काफी अच्छा मात्रा में पाए जाते हैं। इससे शरीर की कमजोरी दूर करने में मदद मिलती है। इससे दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है। सिंघाड़े में कैल्शियम बहुत अधिक पाया जाता है। जिससे दांतों और हड्डियां मजबूत और बेहतर बनती है।

8. क्या सिंघाड़ा बवासीर में फायदेमंद है? (Is water chestnut beneficial in piles)

सिंघाड़ा बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है, जो बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। फाइबर मल त्याग को आसान बनाता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है। जब कब्ज ठीक होने लगता है, तो बवासीर की समस्या से भी निजात मिल जाता है।

9. क्या प्रेगनेंसी या गर्भावस्था में सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए?

प्रेगनेंसी में सिंघाड़े का सेवन आसानी से किया जा सकता है। यह मां और भ्रूण दोनों के लिए फायदेमंद होता है। सिंघाड़े के सेवन से गर्भपात होने का खतरा भी कम रहता है। इतना ही नहीं इसके सेवन से पीरियड्स से संबंधित समस्याएं भी दूर होती है।

10. थायराइड रोगियों को सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए या नहीं?

थायराइड की बीमारी में शरीर में ऊर्जा में कमी होने लगती है। ऐसे में सिंघाड़े का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। साथ ही सिंघाड़े में आयोडीन भी पाया जाता है, इससे गले से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। सिंघाड़ा थायराइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है। आप थायराइड में सिंघाड़े का सेवन आसानी से कर सकते हैं।

1 दिन में कितने सिंघाड़े खाने चाहिए?

नियमित तौर पर सिंघाड़े का प्रयोग कर आप इससे निजात पा सकते हैं। 8 सिंघाड़े का सेवन रक्त संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है, साथ ही मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए सिंघाड़े का प्रयोग बहुत फायदेमंद है।

सिंघाड़े कब खाना चाहिए?

सेवन का सही समय (Right time to consume) यदि आप सिंघाड़ा खाने के बहुत ज्यादा शौकीन हैं, तो सिंघाड़े को खाने के लिए दिन का समय सबसे अच्छा होता है। इस समय ये ठंडा नहीं करेगा। साथ ही आराम से पचने का इसे समय भी मिलेगा।

ज्यादा सिंघाड़ा खाने से क्या होता है?

सिंघाड़े में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी, मैंगनीज, फाइबर, फोस्फोरस, आयोडीन, मैग्नीशियम आदि पाया जाता है। इसका सेवन करने से दिल की बीमारियों में भी बहुत फायदा मिलता है। कच्चा सिंघाड़ा खाने से आपको वजन कंट्रोल करने से लेकर गले की समस्या, शरीर में सूजन और ब्रोंकाइटिस की समस्या में बहुत फायदा मिलता है।

खाली पेट सिंघाड़ा खाने से क्या होता है?

पेट के लिए लाभकारी है फाइबर से भरपूर सिंघाड़े, पाचन को दुरुस्त करने में मदद करते हैं। पेट से जुड़ी कई समस्याओं जैसे पेट में गैस, कब्ज, अपच, उल्टी-दस्त, मतली, ब्लोटिंग आदि को दूर करने में मदद करते हैं। यह आपकी आंतो की सूजन कम करने और उन्हें स्वस्थ रखने में भी लाभकारी हैं।