10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

आपका बेबी अब 10 महीने का हो चुका है। खाने और पोषण को लेकर उसकी जरूरत अब बदल गई है इसलिए अब आपको भी उसकी डाइट में कुछ बदलाव करने शुरू कर देने चाहिए। 10 महीने का शिशु घुटनों के बल चलना, थोड़े-बहुत शब्‍द बोलना या खेलना शुरू कर देता है। इतना बड़ा बच्‍चा बहुत एक्टिव होता है इसलिए उसे एनर्जी की जरूरत पहले से ज्‍यादा होती। आपको 10 महीने के बेबी के लिए डाइट चार्ट बनाना चाहिए और उसे उसके हिसाब से ही खाना खिलाना चाहिए।

इस आर्टिकल में हम आपको 10 मंथ के बेबी के लिए हफ्तेभर के भोजन चार्ट के बारे में बता रहे हैं।

सोमवार का खाना

बच्‍चे को सुबह सबसे पहले ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं। नाश्‍ते में उसे नरम डोसा और सादा सांभर खिलाना है। इसके कुछ देर बाद स्टिव्‍ड एप्‍पल खिलाएं और फिर लंच में दाल पालक में भिगोकर रोटी खिलाएं। शाम को बच्‍चे को ब्रेस्‍टमिल्‍क पिलाएं और रात को डिनर में अंडे की जर्दी या पनीर का पुलाव खिलाएं।

​मंगलवार का डाइट चार्ट

10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

आज बेबी को सबसे पहले ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं। फिर नाश्‍ते में ओट्स-एप्‍पल की स्‍मूदी खिलाएं। इसके कुछ देर बार केला मैश कर के खिलाएं। लंच में बाजरे और मूंग दाल की खिचड़ी खिलाएं। शाम को ब्रेस्‍ट मिल्‍क पिलाएं और रात को डिनर में बाजरे की खिचड़ी खिलाएं।

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​बुधवार का खाना

10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

बुधवार को सुबह बेबी को ब्रेस्‍टमिल्‍क पिलाएं। इसके बाद नाश्‍ते में उसे मल्‍टीग्रेन चीला खिलाएं। अब थोड़ी देर बाद बच्‍चे को केला मैश कर के खिलाएं।

लंच में बेबी को फ्रेंच बींस और मटर का दलिया खिलाएं। शाम को ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं और रात को डिनर में टमाटर और कद्दू का सूप पिलाएं।

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​बृहस्‍पतिवार का भोजन

10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

आज सुबह बेबी को ब्रेस्‍टमिल्‍क पिलाएं। अब नाश्‍ते में सेवईयों का उपमा बनाकर खिलाएं। इसके कुछ देर बाद पपीता मैश कर के खिलाएं। लंच में अंडे की जर्दी या पनीर का पुलाव बनाकर खिलाएं।

शाम के समय ब्रेस्‍टमिल्‍क पिलाएं और रात को डिनर मे आटे और केले का शीरा बनाकर खिलाना है।

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​शुक्रवार की डाइट चार्ट

10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

शुक्रवार को सुबह ब्रेस्‍ट मिल्‍क पिलाना है और नाश्‍ते में आलू पनीर मैश कर के खिलाएं। इसके कुछ देर बाद आम या पपीता मैश कर के खिलाएं। लंच में गाजर और मूंग दाल सूप में रोटी भिगोकर खिलाएं। शाम को ब्रेस्‍टमिल्‍क पिलाएं और फिर रात को इडली के साथ सादा सांभर खिलाएं।

फोटो साभार : TOI

​शनिवार का खाना

10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

शनिवार के दिन सुबह बेबी को ब्रेस्‍टफीडिंग पिलाएं। अब नाश्‍ते में बेबी को उबले हुए अंडे की जर्दी या होममेड पनीर खिलाएं। इसके कुछ देर बाद स्टिव्‍स नाशपाती या चुकंदर को उबालकर खिलाएं। लंच में बेबी को फ्रेंच बींस और मटर का दलिया खिलाएं। शाम को ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं और रात को डिनर में ओट्स और सेब का दलिया खिलाएं।

फोटो साभार : TOI

​रविवार का आहार

10 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है? - 10 maheene ke bachche ko kya khilaaya ja sakata hai?

आज सुबह आपको बेबी को ब्रेस्‍टफीडिंग करवानी है और फिर नाश्‍ते में घी या मक्‍खन के साथ सफेद ढ़ोकला खिलाएं। नाश्‍ते के कुछ देर बाद शिशु को स्टिव्‍ड एप्‍पल खिलाएं और लंच में रागी और साबुत मूंग दाल का सूप पिलाएं। शाम को बेबी को ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं और फिर डिनर में पालक की खिचड़ी खिलाएं।

फोटो साभार : TOI

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In this article

  • परिवार के अन्य लोगों के लिए बना खाना शिशु कब खा सकता है?
  • मेरे 10 से 12 महीने के बच्चे के लिए कौन से भोजन सबसे अच्छे हैं?
  • मेरा शिशु अब किस तरह की बनावट वाले भोजन खाने चाहिए?
  • शिशु को कितने स्नैक्स की जरुरत होती है?
  • मैं अपने शिशु को पीने के लिए क्या दे सकती हूं?

परिवार के अन्य लोगों के लिए बना खाना शिशु कब खा सकता है?

10 माह की उम्र में, आपका शिशु पूरी तरह से वह सब खाने के लिए तैयार नहीं होता, जो आप खा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका पाचन तंत्र अभी पूरी तरह परिपक्व नहीं हुआ है। मगर, वह फिर भी आपके भोजन खाना शुरु कर सकता है, बशर्ते आप निम्नांकित भोजनों को दूर रखें:

  • शहद: इसमें कई बार ऐसे जीवाणु (बैक्टीरिया) मौजूद हो सकते हैं, जो इंफेंट बोटुलिज्म नामक दुर्लभ बीमारी पैदा करते हैं। शहद भी एक प्रकार की चीनी ही है, जिससे शिशु के उभरते दांतों को नुकसान पहुंच सकता है।
  • कच्चे या अधपके अंडे: सुनिश्चित कीजिए कि अंडा सफेद और पीला हिस्सा (जर्दी) ठोस होने तक अच्छी तरह पकाया गया है।
  • कम वसा, कम कैलोरी वाले भोजन: शिशु को अपने भोजन से बहुत सारी ऊर्जा चाहिए होती है, इसलिए कम वसा और कम कैलोरी वाले भोजन शिशु की सभी जरुरते पूरी नहीं करते।
  • साबुत मेवे: शिशु को पांच साल का होने से पहले अखरोट या बादाम जैसे मेवे साबुत खाने के लिए नहीं दें। ये श्वसन मार्ग में अटक सकते हैं। हालांकि, पाउडर किए हुए या बारीक पिसे हुए मेवे या मेवों का बटर बच्चों के लिए सही रहते हैं।
  • नमक: बहुत ज्यादा नमक शिशु के गुर्दों के लिए सही नहीं है, इसलिए उसके भोजन में अतिरिक्त नमक न मिलाएं। साथ ही, कोशिश करें कि शिशु जो नमक वाले खाद्य पदार्थ खाता है, उनकी मात्रा भी सीमित कीजिए, जैसे कि नमकीन, चिप्स, लंगूचा (सॉसेज) और प्रसंस्कृत मांस आदि। सॉस से लेकर सीरियल्स तक कुछ रेडीमेड भोजनों में भी उच्च मात्रा में नमक हो सकता है, इसलिए शिशु को वे देने से पहले लेबल ध्यान से पढ़ लें। एक साल से कम उम्र के शिशुओं को एक दिन में एक ग्राम (0.4 ग्राम सोडियम) से भी कम नमक खाना चाहिए।
  • चीनी: मीठे खाद्य पदार्थे और पेय आपके शिशु के दांतों के लिए सही नहीं हैं। इनसे उसे मीठा खाने का चस्का लग सकता है। यदि आपको लगे कि शिशु के भोजन में मीठा मिलाने की जरुरत है तो चीनी की बजाय फल जैसे कि मसला हुआ केला या किशमिश की प्यूरी मिलाएं या फिर शिशु जो दूध पीता है, वह उसमें मिलाएं।
  • कुछ प्रकार की मछलियां: हांगर (शार्क), तेगा (स्वॉर्डफिश) या मार्लिन मछली में उच्च मात्रा में पारे के अवशेष हो सकते हैं। पारा शिशु के बढ़ते तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, अपने शिशु को कच्ची सीपदार मछली भी नहीं दें। इससे ​भोजन विषाक्तता और पेट के संक्रमण होने का खतरा कम रहता है।
  • संतृप्त वसा: जिन भोजनों में संतृप्त वसा बहुत ज्यादा होती है, उनमें शामिल हैं तले हुए भोजन, पकोड़े, चिप्स, बिस्किट और केक आदि। ये शिशु को ज्यादा पोषण दिए बिना उसका पेट भर देते हैं, इसलिए बेहतर है कि शिशु को ये न दिए जाएं।

शिशु के लिए 14 सबसे नुकसानदेह भोजनों के बारे में यहां और जानें।

इन भोजनों के अलावा, आपका शिशु परिवार के अन्य सदस्यों के लिए बना भोजन भी खा सकता है। जो भोजन आप खा रही हैं, शिशु भी वह खाना पसंद करेगा। आपको विभिन्न तरह के भोजन खाते हुए देखकर उसे भी सभी तरह के भोजन खाने का प्रोत्साहन मिलेगा।

इसका मतलब यह कतई नहीं है कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी फीका भोजन खाना पड़ेगा। यदि अन्य परिवारजन भोजन में थोड़ा और नमक या मिर्च-मसाला चाहें, तो आप शिशु के लिए थोड़ा हिस्सा अलग निकालने के बाद उसमें मसाले मिला सकती हैं।

वह हर समय, अपना खाना स्वयं खाने में भी बेहतर होता जा रहा है। 10 माह का होने पर, शायद वह अपने आप चम्मच से खाने का प्रयास कर रहा है, हालांकि इसमें उसे ज्यादा सफलता नहीं मिल रही।

उसकी मदद और प्रोत्साहन करने के लिए, जब आप उसे खाना खिलाएं, तो उसे चम्मच पकड़ने दें। उसे हाथ में पकड़कर खाए जाने वाले भोजन (फिंगर फूड) भी पर्याप्त मात्रा में दें, ताकि वह स्वयं खा सके।

मेरे 10 से 12 महीने के बच्चे के लिए कौन से भोजन सबसे अच्छे हैं?

आपका शिशु अब दिन में तीन बार भोजन और दो बार स्नैक्स ले रहा होगा। ​यदि नहीं, तो जल्द ही लेने लगेगा। ऊपर दिए गए भोजनों के अलावा शिशु के लिए भी स्वस्थ एवं सेहतमंद आहार लगभग वही होगा जो परिवार के अन्य लोगों के लिए है। मुख्य बात यह है कि शिशु को प्रमुख भोजन समूहों में खाद्य पदार्थों की विस्तृत वैरायटी खिलाई जाए:

  • पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां ताकि शिशु को विटामिन और खनिज मिल सकें
  • स्टार्चयुक्त भोजन जैसे कि चावल, पास्ता, ब्रेड, गेहूं, जई (ओट्स), सूजी और आलू ताकि शिशु को ऊर्जा मिल सके
  • प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत जैसे कि दाल-दलहन, राजमा, लोबिया और मूंग व साबुत मूंग, सोया, मांस, मछली, अंडे, अच्छी तरह कुटे हुए या पाउडर किए हुए मेवे ताकि शिशु को अच्छी ​बढ़त व विकास मिल सके
  • संपूर्ण वसा (फुल फैट) वाले डेयरी उत्पाद जैसे कि दही, पनीर, चीज़ और कस्टर्ड आदि ताकि शिशु के दांत व हड्डियां मजबूत ​बनें। शिशु का भोजन तैयार करने के लिए गाय का दूध इस्तेमाल किया जा सकता है, मगर एक साल का होने से पहले उसे मुख्य पेय के तौर पर यह न दें। इसके बाद उसे फुल फैट दूध दें।

स्तनदूध या फॉर्मूला दूध अभी भी शिशु के आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यही उसका मुख्य पेय होना चाहिए, साथ में आप उसे पानी भी दे सकती हैं।

मेरा शिशु अब किस तरह की बनावट वाले भोजन खाने चाहिए?

अब समय है कि शिशु के आहार में कीमे की तरह पीसे हुए व बारीक कटे हुए भोजन के टुकड़े शामिल करना शुरु किया जाए। हालांकि, शिशु की दाड़ 18 से 24 महीने की उम्र के बीच आएगी। मगर उसके मसूढ़े इतने कुशल अवश्य होंगे कि वे भोजनकर अच्छे से चबा सकें।

सलाह यही दी जाती है कि शिशु के एक साल का होने पर आप उसे हाथ में भोजन पकड़ने, दांत से काटने, चबाने और निगलने के लिए प्रोत्साहित करें। वरना कुछ बच्चे थोड़ा बड़े होने पर भी प्यूरी किए या मसले हुए भोजन खाना जारी रखते हैं।

आप अपने शिशु को अलग-अलग बनावट वाले विभिन्न खाद्य पदार्थ दे सकती हैं। यहां कुछ स्वस्थ विकल्प दिए गए हैं, जिन्हें आप आजमा सकती हैं, जैसे:

  • सेब, नाशपती, खरबूजा, तरबूज और आम जैसे फलों की फांके छिलके हटाकर
  • पकाई हुई सब्जियां जैसे गाजर, गोभी, पालक, लौकी, टिंडा, हरी गोभी और कद्दू/सीताफल
  • ग्रिल या बेक की गई शकरकंदी और जिमिकंद
  • इडली और उपमा, जिनमें अलग-अलग सब्जियां मिलाई गई हों
  • उत्तपम, जिसमें विभिन्न सब्जियां डाली गई हों
  • सब्जियों के साथ डोसा या अप्पम
  • दाल या बेसन का चीला
  • सादा टोस्ट या दही वाला सूजी टोस्ट
  • दलिया
  • साबुदाना खिचड़ी
  • विभिन्न तरह के भरवां परांठे जैसे गोभी, आलू, हरी मेथी पत्ते, मूली, पनीर, बारीक कटा सोया और उबला/कीमा किया हुआ चिकन या मटन
  • दाल की रोटी, जो आप पकी दाल आटे में मिलाकर बना सकती हैं
  • मालाईदार मिल्कशेक और सूप
  • चीज़ या टमाटर की सॉस में बनाया गया पास्ता या मैकरॉनी
  • चावल के साथ दाल, राजमा या छोले
  • सब्जी पुलाव या चिकन फ्राइड राइस और दही
  • सूप के साथ चिकन नगेट्स या बेक किया गया चिकन
  • चपाती के साथ कीमा

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शिशु को कितने स्नैक्स की जरुरत होती है?

शिशु के एक साल का होने तक उसे अधिकांश जरुरी पोषण ठोस आहार से ही मिलना चाहिए। इसमें भोजनों के बीच सेहतमंद स्नैक्स भी शामिल हैं।

हालांकि, शिशु का पेट छोटा सा होता है। वह एक बार में इतना भोजन नहीं खा सकता, कि उसे अगले भोजन के समय तक भूख ही न लगे। आप शिशु के संकेतों को पहचानें और यदि वह भोजन करने के कुछ समय बाद फिर से भूखा लगे और तो आप अगले भोजन से पहले बीच में उसे कुछ स्नैक्स दे सकती हैं।

स्नैक्स को हल्के भोजन के तौर पर लें। स्नैक्स की मात्रा बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए और उन्हें तैयार करने में भी ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। बस उनका स्वास्थ्यकर होना जरुरी है। सेहतमंद स्नैक्स के कुछ अच्छे विकल्प हैं फल और सब्जियों की फांकें, टोस्ट और छोटी इडली। शिशु को क्या खिलाना चाहिए, इसके सुझावों के लिए हमारा शिशु के लिए सेहतमंद स्नैक्स स्लाइडशो देखें।

जब शिशु की पोषण संबंधी अधिकांश जरुरतें ठोस आहार से पूरी होने लगेंगी तब शायद आप पाएंगी कि उसका दिन में एक या दो बार का दूध पीना बंद हो गया है।

यदि आपके नन्हें शिशु के दांत निकल रहे हों, तो उसे शायद सख्त फिंगर फूड चबाने से आराम मिलेगा। आप सेब या गाजर की फांकें या ब्रेडस्टिक देकर देख सकती हैं।

छोटे गोलाकार खाद्य पदार्थों जैसे अंगूर, चेरी, लीची और बेरी आदि को लेकर अधिक सावधान रहें। ये सब अपने शिशु को देने से पहले थोड़ा और इंतजार करना बेहतर है।

फिर भी, अगर आप ये फल शिशु को देना चाहती हैं, तो इन्हें आधा काटकर उसकी गुठली व बीज निकाल दें और छोटे टुकड़ों में काट दीजिए। जब शिशु यह खा रहा हो, तो पास ही रहिए, ताकि आप उस पर नजर रख सकें।

जब भी आप बाहर जाएं हमेशा अपने बैग में शिशु के लिए कुछ स्नैक्स रखें। पता नहीं ये कब काम आ जाएं!

मैं अपने शिशु को पीने के लिए क्या दे सकती हूं?

फॉर्मूला दूध या स्तन दूध अभी भी आपके शिशु के आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर, आप शिशु को फॉर्मूला दूध दे रही हैं, तो उसे एक दिन में 500 मि.ली. (16.6 द्रव्य औंस) और 600 मि.ली. (20 द्रव्य औंस) दूध की जरुरत होगी।

गर्मियों के महीनों में, अधिकांश माताएं इस बात को लेकर चिंतित रहती हैं, कि शिशुओं के तरल पदार्थों के सेवन की मात्रा किस तरह बढ़ाई जाए। अगर आपको लगे कि शिशु को और तरल पदार्थों की जरुरत है, तो आप उसे फिल्टर किया हुआ या उबला हुआ ठंडा पानी दे सकती हैं।

आप कुछ स्वास्थ्यकर पेय जैसे पानी मिलाकर फलों और सब्जियों के रस भी दे सकती हैं, मगर ये तब ही शुरु करें जब आपका शिशु सादा पानी अच्छे से पीने लगा हो। कुल 120 मि.ली. (4 द्रव्य औंस) उसके लिए पर्याप्त होगा।

अपने शिशु को सोडा युक्त या कृत्रिम रस देना सही नहीं है। उनमें हानिकारक खाने के रंग और अन्य चीजें मिली हो सकती हैं। इनमें मिलाई जाने वाली अतिरिक्त चीनी शिशु के दांतों में सड़न पैदा कर सकती है। मीठे पेयों के सेवन से मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा होती हैं।

आपके शिशु के एक साल को होने के बाद, उसे प्रतिदिन 350 मि.ली. गाय के दूध की आवश्यकता होती है। इससे उसे जरुरी प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्निशियम और विटामिन बी12 व बी2 (राइबोफ्लेविन) प्राप्त होते हैं। आप उसे दूध से बने पेय, जैसे मिल्कशेक, बादाम शेक, स्मूदी, लस्सी या छाछ भी दे सकती हैं। अगर उसे दूध पसंद नहीं है, तो इसके बदले उसे दो हिस्से कैल्शियम समृद्ध भोजन दें।

अपने शिशु को एक दिन में 400 मि.ली. से अधिक दूध देना सही नहीं है। अगर आप ऐसा करती हैं, तो उसकी ठोस आहार खाने की भूख कम हो सकती है, जिससे उसे अन्य जरुरी पोषक तत्व जैसे आयरन और विटामिन मिलते हैं। यहां जानें कि 12 से 18 माह के बाद से आपका शिशु क्या नई चीजें आजमा सकता है।

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हमारे लेख पढ़ें:

  • क्या शिशु को बोतल से दूध पिलाकर सुलाना सही है?
  • उम्र के अनुसार शिशु आहार- सात से नौ माह
  • क्या ठोस आहार शुरु करने के बाद ही शिशु की पॉटी ट्रेनिंग शुरु करनी चाहिए?

References

BNF. 2015. Weaning your baby (from around 6 months). British Nutrition Foundation, Healthy Living. www.nutrition.org.uk

NHS. 2015a. Foods to avoid giving your baby. NHS Choices, Live Well. www.nhs.uk

NHS. 2015b. Salt: the facts. NHS Choices, Health A-Z. www.nhs.uk

NHS. 2016a. Birth to five development timeline. NHS Choices, Tools. www.nhs.uk

NHS. 2016b. Tips for helping your teething baby. NHS Choices, Health A-Z. www.nhs.uk

NHS. 2016c. Baby and toddler safety. NHS Choices, Health A-Z. www.nhs.uk

NHS. 2018. Your baby’s first solid foods/ NHS Choices, Health A-Z. www.nhs.uk

10 महीने का बच्चा क्या क्या खा सकता है?

बच्‍चे को सुबह सबसे पहले ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं। नाश्‍ते में उसे नरम डोसा और सादा सांभर खिलाना है। इसके कुछ देर बाद स्टिव्‍ड एप्‍पल खिलाएं और फिर लंच में दाल पालक में भिगोकर रोटी खिलाएं। शाम को बच्‍चे को ब्रेस्‍टमिल्‍क पिलाएं और रात को डिनर में अंडे की जर्दी या पनीर का पुलाव खिलाएं।

9 से 10 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए?

आप बेबी को अंडा, चिकन और मछली भी खिला सकते हैं। बच्‍चे को कच्‍चा मीट न खिलाएं। शिशु का पाचन तंत्र अभी भी विकसित हो रहा होता है इसलिए उसे खूब पानी पिलाएं। आप बच्‍चे को घर पर तैयार नैचुरल जूस पिला सकते हैं।

10 महीने के बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?

10 महीने के बच्चे का वजन और हाइट कितनी होनी चाहिए? 10 महीने के बेबी बॉय का औसत वजन 8.2 किग्रा से 10.6 किग्रा तक हो सकता है, जबकि लंबाई 69.2 सेमी से 75.6 सेमी हो सकती है। ऐसे ही बेबी गर्ल का औसत वजन 7.5 किग्रा से 9.7 किग्रा और लंबाई 67.1 सेमी से 73.8 सेमी होती है (1) (2)।

कमजोर बच्चे को हेल्दी कैसे बनाएं?

नई दिल्ली: अगर आपका बच्चा भी कमजोर है तो उसकी डाइट पर ध्यान देने की जिम्मेदारी आपकी है, क्योंकि बच्चे आमतौर पर खाने-पाने के मामले में काफी लापरवाह होते हैं. ... .
बच्चों को खिलाएं ये चीजें.
दाल का सेवन ... .
घी या मक्खन का सेवन ... .
मलाई वाला दूध फायदेमंद ... .
बनाना शेक भी लाभकारी ... .
अण्डा और आलू का सेवन ... .
हरी सब्जियों का सेवन.