शिशु के जन्म लेने के साथ ही उसके बेहतर विकास के लिए पूरा परिवार जुट जाता है। 10 महीने का शिशु पहले से ज्यादा फुर्तीला हो ज्यादा है और खिलौनों के साथ भी खेलना शुरू कर देता है। ऐसे में उस पर ज्यादा नजर रखने की जरूरत होती है, ताकि वो चोट न लगवा ले। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम 10 महीने के शिशु की गतिविधियों के साथ-साथ उसके विकास के संबंध में भी बात करेंगे। Show
10 महीने के बेबी बॉय का औसत वजन 8.2 किग्रा से 10.6 किग्रा तक हो सकता है, जबकि लंबाई 69.2 सेमी से 75.6 सेमी हो सकती है। ऐसे ही बेबी गर्ल का औसत वजन 7.5 किग्रा से 9.7 किग्रा और लंबाई 67.1 सेमी से 73.8 सेमी होती है (1) (2)। हर शिशु की शारीरिक संरचना अलग-अलग होती है, इसलिए यह आंकड़ा कम या ज्यादा हो सकता है। आपके शिशु का वजन व हाइट सामान्य है या नहीं, इस बारे में एक डॉक्टर से जरूर पूछें। इस लेख के आगे के भाग में हम शिशु में होने वाले जरूरी बदलावों की बात कर रहे हैं। 10 महीने के बच्चे के विकास के माइल्सटोन क्या हैं?शिशु के जन्म के बाद उसमें कई बदलाव देखने को मिलते हैं। ये बदलाव उसके विकास का सूचक होते हैं (3) (4) : मानसिक विकासवस्तुओं को पहचानना : 10 महीनों का शिशु इतना विकसित हो जाता है कि वह अपनी चीजों, खासकर खिलौनों को पहचानने लगता है। साथ ही अगर उसके सामने खिलौने को छुपाया जाए, तो वह उसे ढूंढने का प्रयास करते हैं। फोटो वाली किताबें देखकर खुश होना : अगर 10 महीने के शिशु के सामने फोटो वाली किताब खोली जाए, तो वह फोटो को देखकर खुश होते हैं। शब्दों को समझना : 10 महीने के शिशु में भाषा को समझने का भी विकास हो जाता है। वह हाय, नहीं, जाओ आदि शब्दों का मतलब समझने लगता है। नकल करने की कोशिश : 10 महीने के शिशु दूसरों को देखकर नकल करना शुरू कर सकते हैं। जब उनके सामने कुछ किया जाए, तो वह उस क्रिया को दोहराने लगते हैं। मां और पापा कहना : 10 महीने के होने तक ज्यादातर शिशु सरल शब्दों जैसे मामा, दादा, पापा, बाबा आदि का उच्चारण करना सीख जाते हैं। निर्देशों को समझना : अगर शिशु को किसी काम के लिए मना किया जाए, तो वह आपके निर्देशों को समझने लगते हैं। जैसे अगर उन्हें शांत बैठने को कहा जाए, तो वह उसका मतलब समझने लगते हैं। शारीरिक विकासघुटनों के बल चलना : 10 महीने का शिशु घुटनों के बल चलना शुरू कर देता है। वह तेजी से पूरे घर में घूम सकता है। पेट के बल लेटे हुए बैठना : जब 10 महीने का शिशु पेट के बल लेटा होता है, तो वह अपने आप से बैठने की कोशिश करता है। सहारा लेकर खड़े होना : 10 महीने के शिशु किसी चीज को सहारा लेकर खड़े होने की कोशिश करते हैं। चलने की कोशिश करना : शिशु को एक बार अपने पैरों पर खड़े होने की देरी होती है, फिर वह चलने में देरी नहीं करता है। शुरुआत में शिशु एक-एक करके पैर को आगे बढ़ाकर चलने का प्रयास करता है। इस दौरान व गिर सकता है, इसलिए ऐसे में आप हमेशा उसके साथ रहें। आगे के दांत आना : शिशु के 10 महीने का होने तक उसके आगे के चार दांत आने लग जाते हैं (5)। दृष्टि में सुधार : जन्म के बाद शिशु के देखने की क्षमता धीरे-धीरे विकसित होने लगती है। 10 महीने का शिशु अपने सामने से गुजरती हुई गाड़ी को भी टकटकी लगा कर देख सकता है। साथ ही वह उस पर नजर गड़ाकर रख सकता है (6)। सामाजिक और भावनात्मक विकासबाय-बाय करना : जब मेहमान घर से जाते हैं, तो शिशु उन्हें बाय-बाय करना सीख जाता है। अजनबी को देख डरना : जिन लोगों को शिशु नहीं जानते, उनके देखकर या पास आने पर वह डर जाते हैं (7)। अपनों से अलग होने का डर : अगर 10 महीने के शिशु को दूसरों की गोद में दिया जाए या चाइल्ड केयर में छोड़ा जाए, तो वो रोने लगते हैं। वह डर के कारण या फिर अपनों से दूर होने के कारण ऐसा करते हैं। प्रतिक्रिया देना : 10 महीने के शिशु स्थितियों के प्रति प्रतिक्रिया करने लगता है। अगर उनका कोई खिलौना छुपा दिया जाए, तो वो रोने लगते है या फिर अपने अनुसार नाराजगी भी दिखा सकते हैं। वहीं, अगर उन्हें प्यार किया जाए, तो खुश होते हैं। इस लेख के आगे के भाग में हम 10 महीने के शिशु को दिए जाने वाले टीकाकरण की जानकारी देंगे। 10 महीने के बच्चे को कौन-कौन से टीक लगने चाहिए?ऐसे में अगर 10 माह के शिशु के टीकाकरण की बात की जाए तो डॉक्टरों के अनुसार इस उम्र में आमतौर पर कोई टीकाकरण नहीं होता है, सिवाय टाइफाइड के जो 6 महीने बाद से कभी भी दिया जा सकता है। इसके अलावा, सीडीसी के अनुसार, अगर 6 से 11 माह के शिशु को माता-पिता अगर अपने साथ किसी अन्य शहर की यात्रा में ले जा रहे हैं तो एमएमआर (measles-mumps-rubella) का वैक्सीन दिया जाना जरूरी है (8)। हालांकि, इस बारे में डॉक्टरी सलाह लेना भी बेहतर विकल्प हो सकता है। नोट : डिलीवरी के बाद डॉक्टर माता-पिता को टीकाकरण का चार्ट देते हैं। इसमें यह जानकारी होती है कि शिशु को किस उम्र में कौन-सा टीका लगेगा। फिर भी टीका लगवाने से पहले शिशु विशेषज्ञ से एक बार सलह जरूर लें। 10 महीने का शिशु एक दिन में कितना दूध पी सकता है, आइए जानते हैं। 10 महीने के बच्चे के लिए कितना दूध आवश्यक है?शिशु के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। यह उसके शारीरिक विकास में भी मुख्य भूमिका निभाने का काम करता है। यहां हम बता रहे हैं कि 10 माह का शिशु एक दिन में कितना मां का दूध और कितना फॉर्मूला दूध पी सकता है। मां का दूध: शिशु प्रतिदिन औसतन 709 से 887 मिली मां का दूध पी सकता है (9)। फॉर्मूला दूध: अगर आपका शिशु फॉर्मूला दूध पीता है, तो वह एक दिन में औसतन 709 से 887 मिली तक यह दूध पी सकता है (9)। नोट : शिशु की क्षमता के अनुसार दूध की मात्रा में परिवर्तन हो सकता है। आगे हम शिशु के खाने की क्षमता के बारे में बात कर रहे हैं। 10 महीने के बच्चे के लिए कितना खाना आवश्यक है?10 महीने के शिशु के खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है, जो इस प्रकार है (10):
आगे हम 10 माह के शिशु की नींद के बारे में बात करेंगे। 10 महीने के बच्चे के लिए कितनी नींद आवश्यक है?10 महीने के शिशु प्रतिदिन 12-16 घंटे सो सकते हैं। वह रात को करीब 9 घंटे सो सकते हैं। वहीं, दिन में दो बार झपकी ले सकते हैं (11)। नोट: जैसा कि हर शिशु की खुराक अलग-अलग हो सकती है, वैसे ही उनके सोने के समय में भी परिवर्तन हो सकता है। आर्टिकल के इस हिस्से में हम बात करेंगे कि 10 महीने के शिशु के खेल आदि क्या-क्या हो सकते हैं। 10 महीने के बच्चे के लिए खेलें और गतिविधियां10 माह का शिशु इतना विकास हो जाता है कि वह खुद से खेलना शुरू कर देता है। 10 माह के शिशु द्वारा खेले जाने वाले खेल व गतिविधियां कुछ इस तरह हो सकती हैं (12):
आगे हम बता रहे हैं कि माता-पिता शिशु को लेकर क्यों चिंतित होते हैं। 10 महीने के शिशु के माता-पिता की आम स्वास्थ्य चिंताएंमाता-पिता को हमेशा से ही शिशु के स्वस्थ को लेकर चिंता बनी रहती है, जो इस प्रकार है :
10 माह के शिशु के संबंध में और जानकारी जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल। बच्चे की सुनने की क्षमता, दृष्टि और अन्य इंद्रियांयहां हम बता रहे हैं कि किस तरह से आप जान सकती हैं कि आपके शिशु का विकास ठीक प्रकार से हो रहा है (6) : क्या मेरा बच्चा देख सकता है? 10 माह का शिशु पास और दूर की चीजों को अच्छी तरह से देख सकता है। वह घूमने वाली वस्तुओं पर भी ध्यान केंद्रित करना सीख जाता है। क्या मेरा बच्चा सुन सकता है? 10 माह का शिशु न सिर्फ अच्छी तरह से सुन सकता है, बल्कि कुछ शब्दों का अर्थ समझ भी सकता है। इतना ही नहीं, वह आपकी आवाज पर प्रतिक्रिया भी दे सकता है। वह गा, बा और दा आदि शब्द बोल सकता है। क्या मेरा बच्चा स्वाद और गंध को पहचान सकता है? शिशु के 10 महीने के होने तक वह कुछ आहार ग्रहण करना शुरू कर देता है। साथ ही उसके स्वाद को भी पहचानने लग जाता है। इतना ही नहीं, वह खाद्य पदार्थ की महक को भी पहचानना सीख जाता है। जिस चीज का स्वाद उसे पसंद नहीं होता, वह उसे खाने से मना कर सकता है। अब हम शिशु की स्वच्छता के बारे में कुछ जानकारी देंगे। शिशु की साफ-सफाई का ध्यानशिशु की साफ-सफाई उसके सेहत के लिए जरूरी है, जो इस प्रकार है :
इस लेख के आगे के भाग में हम बताएंगे कि माता-पिता शिशु के विकास में कैसे मदद कर सकते हैं। माता-पिता बच्चे के विकास में कैसे मदद कर सकते हैं?आइए जानते है कि शिशु के विकास में पैरेंट्स कैसे मदद कर सकते हैं।
हम बता रहे हैं कि शिशु को लेकर माता-पिता को कब चिंतित होने चाहिए। 10 महीने के बच्चे के विकास के बारे में माता-पिता को कब चिंतित होना चाहिए?यह कहना गलत नहीं होगा कि अपने शिशु को लेकर माता-पिता हर समय चिंतित रहते हैं। वहीं, कुछ परिस्थितियां गंभीर हो जाती है, जो माता-पिता को अधिक परेशान करती हैं (6)।
अब हम शिशु से जुड़ी जरूरी चेकलिस्ट के बारे में बात करेंगे। इस महीने के लिए चेकलिस्टआप अपने शिशु व अपने लिए एक चेकलिस्ट जरूर तैयार करें, जिसमें इन बातों को शामिल करें :
इस लेख के आगे भाग में माता-पिता से पूछे जाने वाले सवाल की जानकरी देंगे। अक्सर पूछे जाने वाले सवालमैं अपने बच्चे को पूरी रात सोने में कैसे मदद कर सकती हूं? शिशु के सोने का एक रूटीन तैयार कर लें और कोशिश करें कि शिशु उस समय पर ही सो जाएं। शिशु की रात में भूख लगने से नींद खुल सकती है, इसलिए ध्यान रखे कि उसे पर्याप्त स्तनपान कराया जाए और आहार भी दें, ताकि वह अच्छी नींद सो सके। उसे दिन में भी कुछ देर सुलाएं, ताकि वह रात को पूरी नींद ले सके। क्या 10 महीने का बच्चा पनीर खा सकता है? हां, आप उसे पनीर खिला सकती हैं, क्योंकि इस उम्र के शिशु ठोस आहार लेना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उसे पनीर देना उसके स्वस्थ के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है (16)। फिर भी शिशु को पनीर देने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह लें। क्या 10 महीने का बच्चा अंडे खा सकता है? इसमें कोई शक नहीं कि अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं। ऐसे में 10 महीने के शिशु को अंडा खिलाया जा सकता है, लेकिन पहले सुनिश्चित कर लें कि शिशु को अंडे से किसी तरह की एलर्जी न हो। साथ ही ध्यान रहे कि अंडा अच्छी तरह से पका हुआ हो (10)। 10 महीने के शिशु बहुत से चीजों को जानने व समझने लगते हैं, ऐसे में उनके विकास में माता-पिता को पूरी सहायता करनी चाहिए। आपके द्वारा किए गए छोटे-छोटे प्रयास शिशु के विकास में सहायक साबित हो सकते हैं। इसका असर आपको भविष्य में देखने को मिल सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में 10 महीने के शिशु
के विकास के संबंध में दी गई जानकारी आपके लिए सहायक साबित होगी। अगर आप कोई सुझाव देना चाहते हैं या सवाल पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें संपर्क कर सकते हैं। References:MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy. Was this article helpful? The following two tabs change content below. 10 महीने का बच्चा क्या क्या खा सकता है?बच्चे को सुबह सबसे पहले ब्रेस्टफीडिंग करवाएं। नाश्ते में उसे नरम डोसा और सादा सांभर खिलाना है। इसके कुछ देर बाद स्टिव्ड एप्पल खिलाएं और फिर लंच में दाल पालक में भिगोकर रोटी खिलाएं। शाम को बच्चे को ब्रेस्टमिल्क पिलाएं और रात को डिनर में अंडे की जर्दी या पनीर का पुलाव खिलाएं।
10 महीने के बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?10 महीने के बच्चे का वजन और हाइट कितनी होनी चाहिए? 10 महीने के बेबी बॉय का औसत वजन 8.2 किग्रा से 10.6 किग्रा तक हो सकता है, जबकि लंबाई 69.2 सेमी से 75.6 सेमी हो सकती है। ऐसे ही बेबी गर्ल का औसत वजन 7.5 किग्रा से 9.7 किग्रा और लंबाई 67.1 सेमी से 73.8 सेमी होती है (1) (2)।
9 से 10 महीने के बच्चे को क्या खिलाएं?आप बेबी को ब्रोकली, आलू, बैंगन, फूलगोभी आदि मैश कर के खिलाएं। आप बेबी को अंडा, चिकन और मछली भी खिला सकते हैं। बच्चे को कच्चा मीट न खिलाएं। शिशु का पाचन तंत्र अभी भी विकसित हो रहा होता है इसलिए उसे खूब पानी पिलाएं।
कमजोर बच्चे को हेल्दी कैसे बनाएं?डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह की मानें तो बच्चों को हर रोज विटामिन्स, मिनरल्स, फैट और प्रोटीन का संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए. यह उनके शारीरिक विकास के लिए बेहद जरूरी है. रंजना सिंह बताती हैं कि अगर आपका बच्चा कमजोर है तो आप उसकी डाइट में घी, मक्खन, दाल, दूध, केला, शकरकंद समेद हरी सब्जियां जरूर शामिल करें.
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