12 र श और र श क स व म - 12 ra sh aur ra sh ka sa va ma

बारहखड़ी हिन्दी में व्यंजनों तथा स्वरों के संयोग से बनने वाले अक्षरों के क्रम को कहते हैं। हिन्दी के लिये बारहखड़ी सारणी नीचे दी गयी है। ऋ भी एक स्वर है , जिसकी स्वर ध्वनि लुप्त प्राय है। इसका प्रयोग हिंदी बोलियों में बहुत कम है , लेकिन हिंदी से आए संस्कृत शब्दों में है जैसे :- पृथ्वी , मृदा , मृत्यु इत्यादि।

अंअः
-ि
का कि की कु कू कृ के कै को कौ कं कः
खा खि खी खु खू खृ खे खै खो खौ खं खः
गा गि गी गु गू गृ गे गै गो गौ गं गः
घा घि घी घु घू घृ घे घै घो घौ घं घः
चा चि ची चु चू चृ चे चै चो चौ चं चः
छा छि छी छु छू छृ छे छै छो छौ छं छः
जा जि जी जु जू जृ जे जै जो जौ जं जः
झा झि झी झु झू झृ झे झै झो झौ झं झः
टा टि टी टु टू टृ टे टै टो टौ टं टः
ठा ठि ठी ठु ठू ठृ ठे ठै ठो ठौ ठं ठः
डा डि डी डु डू डृ डे डै डो डौ डं डः
ढा ढि ढी ढु ढू ढृ ढे ढै ढो ढौ ढं ढः
णा णि णी णु णू णृ णे णै णो णौ णं णः
ता ति ती तु तू तृ ते तै तो तौ तं तः
था थि थी थु थू थृ थे थै थो थौ थं थः
दा दि दी दु दू दृ दे दै दो दौ दं दः
धा धि धी धु धू धृ धे धै धो धौ धं धः
ना नि नी नु नू नृ ने नै नो नौ नं नः
पा पि पी पु पू पृ पे पै पो पौ पं पः
फा फि फी फु फू फृ फे फै फो फौ फं फः
बा बि बी बु बू बृ बे बै बो बौ बं बः
भा भि भी भु भू भृ भे भै भो भौ भं भः
मा मि मी मु मू मृ मे मै मो मौ मं मः
या यि यी यु यू यृ ये यै यो यौ यं यः
रा रि री रु रू रृ रे रै रो रौ रं रः
ला लि ली लु लू लृ ले लै लो लौ लं लः
ळा ळि ळी ळु ळू ळृ ळे ळै ळो ळौ ळं ळः
वा वि वी वु वू वृ वे वै वो वौ वं वः
शा शि शी शु शू शृ शे शै शो शौ शं शः
षा षि षी षु षू षृ षे षै षो षौ षं षः
सा सि सी सु सू सृ से सै सो सौ सं सः
हा हि ही हु हू हृ हे है हो हौ हं हः

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र कितने होते हैं?

'द' और 'ह' में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो 'द् + र = द्र' और 'ह् + र = ह्र' हो जाता है, जैसे- दरिद्र, रुद्र, ह्रद, ह्रास इत्यादि। ... विशेष टिप्पणी.

र पदेन क्या होता है?

के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जाता है, जैसे- खर्र-खर्र, टर्र-टर्र आदि। क्र या ट्रे - के इस रूप को "पदेन" कहा जाता है। यह का स्वर सहित रूप है। जिस वर्ण को बोलने में अ आता है, वह का स्वर सहित रूप है, जैसे- क बोलने में अ आता है।

र का प्रयोग करने के क्या नियम है?

पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ 'र' का प्रयोग जब '' से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो '' से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और '' के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।

ट्रक में र का कौन सा रूप है?

"त" में जब पदेन का प्रयोग होता है तो त् + = त्र बन जाता है।