विषयसूची शरद ऋतु में क्या परिवर्तन होता है?इसे सुनेंरोकेंशरद में वृष्टि थम जाती है। मौसम सुहावना हो जाता हैं। दिन सामान्य तो रात्रि में ठंडक रहती है। शरद को मनोहारी और स्वस्थ ऋतु मानते हैं। शीत ऋतु में कौन सी फसल उगाई जाती है?इसे सुनेंरोकेंइस ऋतु में बोई जाने वाली प्रमुख फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन इत्यादि शामिल हैं। रबी की फसलें सर्दी के मौसम में उगाई जाती है। इनको “शरद ऋतु की फसलें” भी कहते हैं। भारतीय कैलेंडर के अनुसार वर्षा ऋतु के ठीक बाद कौन सी ऋतु आती है? इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु चैत्र और वैशाख माह अर्थात मार्च-अप्रैल में, ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ और आषाढ़ माह अर्थात मई जून में, वर्षा ऋतु श्रावण और भाद्रपद अर्थात जुलाई से सितम्बर, शरद ऋतु अश्विन और कार्तिक माह अर्थात अक्टूबर से नवम्बर, हेमन्त ऋतु मार्गशीर्ष और पौष माह अर्थात दिसंबर से 15 जनवरी तक और शिशिर ऋतु माघ और फाल्गुन माह अर्थात 16 … शरद ऋतु में दोपहर में क्या क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंशरद ऋतु भारत की प्रमुख 4 ऋतुओं में से एक ऋतु है। वर्षा ऋतु के पश्चात् जब मानूसन पवनें लौटती हैं तो देश के उत्तरी पश्चिमी भाग में तापमान तेज़ीसे कम होने लगता है। इस समय जलप्लावित भूमि तथा तीव्र तापमान के कारण वायु की आर्द्रता इतनी अधिक बढ़ जाती है कि लोगों को असहनीय उमस का सामना करना पड़ता है। शीत ऋतु और शरद ऋतु में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंहिंदू माह के अनुसार शरद ऋतु में अश्विन और कार्तिक मास आता है. हमेंत ऋतु को अंग्रेजी में विंटर कहा जाता है. नाम से ही स्पष्ट है विंटर यानि की सर्दियां. इस मौसम में रातें बड़ी होती हैं और दिन छोटे होते हैं. शरद ऋतु प्रात काल कैसे होता है?इसे सुनेंरोकें✎… शरद ऋतु में का प्रातः काल में लाल रंग का होती है। यहाँ पर कवि कह रहा है कि शरद ऋतु का प्रातःकाल लाल लालिमा लिए हुए होता है। शरद ऋतु कब से कब तक रहती है? इसे सुनेंरोकेंउत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु की अवधि शरद विषुव (23 सितंबर) से लेकर शीत संक्रांति (22 दिसंबर) तक मानी जाती है। दक्षिण गोलार्द्ध में 21 मार्च (बसंत विषुव) से लेकर 21 जून (ग्रीष्म संक्रांति) तक शरद ऋतु होती है। हेमंत ऋतु कब से कब तक रहती है? इसे सुनेंरोकेंहेमंत ऋतु नवंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक रहती है। इसे अगहन और पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। हेमंत ऋतु में बहुत ज्यादा ठंड होती है। हेमंत ऋतु के समय हम गर्म पानी से नहाते हैं, गर्म कपड़े पहनते हैं, और धूप अच्छी लगती है। रितु कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंभारत ऋतुओं का देश है। हमारे देश में छह प्रकार की ऋतुएँ होती हैं – ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, शिशिर ऋतु, वसंत ऋतु और हेमंत ऋतु। जाड़े के पहले कौन सी ऋतु आती है?इसे सुनेंरोकेंहेमंत ऋतु (Hemat Season) अर्थात् सर्दियों के पहले जो मौसम आता है उसे Hemant Ritu कहा जाता है। ये मौसम अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य आता है। हिन्दू महीनो में इसका समय कार्तिक से पौष तक का रहता है। इस मौसम के जाते जाते ठण्ड बहुत ही बढ़ जाती है और सर्दी का मौसम शुरू हो जाता है। भारत में शीत ऋतु की अवधि कितनी होती है? इसे सुनेंरोकेंदेश में 15 दिसम्बर से 15 मार्च तक का समय शीत ऋतु के अन्तर्गत आता है। शरद ऋतु का समय कब से कब तक माना जाता है? इसे सुनेंरोकेंAutumn in Hindi (शरद, पतझड़) वर्ष की तीसरी अर्थात् ग्रीष्म तथा शीत ऋतुओं के बीच की ऋतु, जो उत्तरी गोलार्द्ध में 21 सितंबर से 21 दिसंबर तक होती है। वर्षा किसे कहते हैं, वर्षा के प्रकार, लाभ/हानिवर्षा किसे कहते हैंवायुमंडल में मौजूद जलवाष्प की मात्रा द्राविभूत होकर जब बूंदों के रूप में धरातल पर गिरती है, तो उसे वर्षा कहा जाता है। हमारे भारत देश में जून से लेकर सितंबर माह तक वर्षा होती है। वर्षा से लाभ-वर्षा से कई तरह के लाभ होते हैं, जैसे-
वर्षा से हानि-जिस तरह एक सीके के दो पहलू होते है ठीक उसी तरह वर्षा में भी लाभ व हानि दो पहलू होते हैं|
वर्षा के प्रकार-वर्षा तीन प्रकार की होती है-
1. संवहनीय वर्षा— जब वायु गर्म हो जाती है तो वह संवाहन धाराओं के रूप में ऊपर उठती है और ऊपर उठकर फैल जाती है जिससे इसका तापमान गिर जाता है और ऊंचाई अनुसार प्रति 1000 फीट पर 3.3 फैरानहाइट तापमान कम हो जाता है जिसके कारण आपेक्षिक आद्रता बढ़ जाती है जिससे वह संतृप्त होती है और संघनन प्रारंभ हो जाता है संघनन के बाद दौड़-धूप वर्षा बादल बनते हैं और मूसलाधार वर्षा होती है इस प्रकार की वर्षा भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में नियंत्रित रूप से प्रतिदिन होती है। 2. पर्वतीय वर्षा— उष्ण और आद्रता वनों के मार्ग में जब कोई पर्वत पठार ऊंची पहाड़ियां आ जाती है, तो पवन को ऊपर चढ़ना पड़ता है। ऊपर उठने से ठंडी हो जाती है और वर्षा कर देती है मानसूनी प्रदेशों में तथा पछुआ हवाओं की पेटी में इस प्रकार की वर्षा अधिक होती है| वायु की दिशा वाले सामने पर्वतीय भाग में अधिक वर्षा होती है तथा विपरीत भाग में कम वर्षा होती है इसे वृतीछाया प्रदेश कहते हैं। इस कमी का कारण यह है कि हवाएं पर्वत से टकराकर सामने वाले भाग में अधिक वर्षा कर देती है। क्योंकि जब वह पर्वत के दूसरी ओर नीचे उतरती है तब तक उनकी वर्षा करने की क्षमता घट जाती है। तथा उतरते समय दबाव के कारण वे गर्म होने लगती है और गर्म हवाएं वर्षा नहीं करती हैं। 3. चक्रवातीय वर्षा— चक्रवात के आंतरिक भाग में जब भिन्नता वाली पवने आपस में मिलती हैं तो ठंडी हवाएं गर्म हवाओं को ऊपर की ओर धकेलती है। ऊपर उठने पर पवन ठंडी हो जाती है और वर्षा कर देती है| इन्हें भी पढ़ें:-
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उतर:- Comment करें| वर्षा ऋतु में क्या क्या होता है हिंदी में?वर्षा ऋतु जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है। कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है।
वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?यह ऋतु मई और जून में रहता है. वर्षा को मॉनसून कहा जाता है.
वर्षा ऋतु में कौन कौन से परिवर्तन होते हैं?1 Answer. वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तन-वर्षा को जीवनदायिनी ऋतु कहा जाता है। ... . ग्रीष्म ऋतु में तवे सी जलने वाली धरती शीतल हो जाती है।. धरती पर सूखती दूब और मुरझाए से पेड़-पौधे हरे हो जाते हैं।. पेड़-पौधे नहाए-धोए तरोताज़ा-सा प्रतीत होते हैं।. प्रकृति हरी-भरी हो जाती हैं तथा फ़सलें लहलहा उठती हैं।. वर्षा ऋतु के आगमन पर क्या क्या होता है?जैसे ही पृथ्वी पर बूँदें पड़ने लगती है वैसे ही पृथ्वी से अद्भुत भीनी-भीनी सुगंध उठने लगती है। वृक्षों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं। पक्षी गण कलरव करने लगते हैं। इस प्रकार वर्षा के आगमन से वातावरण ही बदल जाता हैं।
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