26 तारीख को कौन सी एकादशी है? - 26 taareekh ko kaun see ekaadashee hai?

किस महिने में कौनसी एकादशी है, आज कौन सी एकादशी है, अगली एकादशी कौनसी है के बारे में जानने के लिए यह फेस्टिवल पेज बिल्कुल उपयुक्त है।

पौष: सफला एकादशी, पौष पुत्रदा / पवित्रा / वैकुण्ठ एकादशी
माघ: षटतिला एकादशी, जया / भैमी एकादशी
फाल्गुन: विजया एकादशी, आमलकी एकादशी
अधिक: पद्मिनी / कमला / पुरुषोत्तमी एकादशी, परमा एकादशी
चैत्र: पापमोचनी एकादशी, कामदा एकादशी
वैशाख: वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी
ज्येष्ठ: अपरा / अचला एकादशी, पाण्डव निर्जला / रुक्मणी-हरण एकादशी
आषाढ: योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी
श्रावण: कामिका एकादशी, पुत्रदा / पवित्रा एकादशी
भाद्रपद: अजा / अन्नदा एकादशी, परिवर्तनी / पार्श्व / वामन एकादशी
अश्विन्: इंदिरा एकादशी, पापांकुशा एकादशी
कार्तिक: रमा एकादशी, देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी
मार्गशीर्ष: उत्पन्ना एकादशी, मोक्षदा एकादशी

Apara Ekadashi 2022 Date: ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. इस एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार अपरा एकादशी का व्रत 26 मई, गुरुवार को रखा जाएगा.

एकादशी व्रत करने वाले के समस्त पापों का नाश हो जाता है. प्रभु इस व्रत से प्रसन्न होकर साधक को अनंत पुण्य देते हैं. एकादशी का व्रत रखते हुए कई बार लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि अपरा एकादशी पर कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए.

1. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन चावलों का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने वाले अगले जन्म में रेंगने वाले जीव का जन्म लेते हैं.

2. एकादशी के दिन भूलकर भी क्रोध नहीं करना चाहिए. इस दिन क्रोध करने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं. इस घर की सुख-समृद्धि कम हो जाती है. इस दिन किसी को अपशब्द कहने से भी बचना चाहिए.

3. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करना चाहिए. शारीरिक संबंध या गलत सोच आदि से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा, मदिरा-पान से भी दूर रहना चाहिए.

4. एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. एकादशी के व्रत में इस रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. खासतौर से व्रत रखने वालों को इसी रंग के कपड़े पहनने चाहिए.

एकादशी एक दिन के रूप में माना जाता है हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन हिन्दू महीने में होने वाले दो चन्द्र चरणों के ग्यारहवां दिन को कहा जाता है। चन्द्र चरणो दो होते है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। यह दिन हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार एक वर्ष में 24 बार आता है। कभी-कभी, दो अतिरिक्त एकादशी होती हैं जो एक लीप वर्ष में होती हैं। प्रत्येक एकादशी के दिन विशिष्ट लाभों और आशीर्वादों को प्राप्त किया जाता है जो विशिष्ट गतिविधियों के प्रदर्शन से प्राप्त होते हैं। भागवत् पुराण में भी एकादशी के बारे में बताया गया है।

हिन्दू धर्म और जैन धर्म में एकादशी को आध्यात्मिक दिन माना जाता है। इस दिन महिलायें और पुरुष एकादशी का उपवास करते है। निर्जला एकादशी के दिन ना ही कुछ खाया जाता है और ना ही पानी पीया जाता है। इस दिन ज्यादातर चावल नहीं खाया जाता है। इस दिन सब्जी और दूध उत्पाद का ही सेवन किया जाता है।

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 26 मई दिन गुरुवार है. आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. आज अपरा एकादशी व्रत (Apara Ekadashi Vrat) है. हिंदू कैलेंडर में एकादशी तिथि को आनंद और सुख प्रदान करने वाली बताया गया है. इस तिथि के अधिपति देव भगवान विष्णु हैं. आज अपरा एकादशी व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है. अपरा एकादशी अपार धन और यश भी प्रदान करती है. इस व्रत की कथा सुनने या पढ़ने मात्र से सभी पाप मिट जाते हैं. भगवान ​श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अपरा एकादशी व्रत के महत्व को बताया था. इस व्रत का दूसरा नाम अचला एकादशी है. अपरा एकादशी व्रत की कथा में बताया गया है कि कैसे राजा महीध्वज को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है..

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वैसे भी आज गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए नियत है. जो लोग आज गुरुवार को व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं होती है. आज पूजा करने के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को हल्दी, घी, केसर, पीला वस्त्र, चने की दाल, गुड़, पीतल के बर्तन आदि का दान करना चाहिए. इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है और कुंडली से गुरु दोष दूर होता है. आइए पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी होगी आज ग्रहों की चाल.

जागरण संवाददाता, देहरादून : Apara Ekadashi 2022 :  आगामी 26 मई को अपरा एकादशी का है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह तिथि भगवान विष्णु को प्रिय होती है। साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में।

गुरुवार होने के कारण व्रत का महत्व और बढ़ा

पंडित सुशांत राज के मुताबिक ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपरा एकादशी के दिन व्रत किया जाता। ऐसा करने से भगवान व‍िष्‍णु का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। इस बाद अपरा एकादशी व्रत 26 मई को है और इस दिन गुरुवार होने के कारण व्रत का महत्व और बढ़ गया है। क्‍योंकि गुरुवार का दिन भी भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का माना जाता है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपरा एकादशी व्रत रखने से आर्थिक परेशानियों को नाश होता है। इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने भी अपरा एकादशी का व्रत किया था।

आयुष्मान और गजकेसरी योग

26 मई को एकादशी के दिन आयुष्मान योग बन रहा है। जो कि बेहद शुभ है। इस दिन मांगलिक कार्य भी किए जा सकते हैं। वहीं इस दिन गजकेसरी योग भी बन रहा है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

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अपरा एकादशी मुहूर्त

  • 25 मई 2022 सुबह 10 बजकर 32 मिनट से एकादशी तिथि शुरू
  • 26 मई 2022 को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर समाप्त
  • व्रत पारण का समय 27 मई को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक
  • द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय सुबह 11 बजकर 47 मिनट तक

पूजा सामग्री

  • भगवान विष्णु का चित्र व मूर्ति
  • पुष्प
  • फल
  • लौंग
  • नारियल
  • सुपारी
  • धूप
  • दीप
  • घी
  • पंचामृत
  • अक्षत
  • तुलसी के पत्‍ते
  • मिठाई

पूजा-विधि

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  • स्नान के बाद मंदिर में दीप जलाएं और व्रत रखें
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से जलाभिषेक करें
  • पुष्प और तुलसी अर्पित करें
  • भगवान विष्‍णु की आरती करें
  • भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करे
  • भगवान को सात्विक चीजों का भोग लगाएं। भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। मान्‍यता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

डिसक्लेमर

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26 तारीख की कौन सी एकादशी है?

Aaj Ka panchang: आज 26 मई 2022, गुरुवार है। आज अचला या अपरा एकादशी है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। इस दिन श्रीहरि की पूजा का विधान है।

एकादशी कब है 2022 list?

safla ekadashi 2022 : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी साल की अंतिम एकादशी होती है और इस एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। सफला एकादशी डेट- सफला एकादशी 19 दिसंबर, 2022 को है। व्रत पारणा टाइम- 20 दिसंबर, 2022 को 08:05 ए एम से 09:04 ए एम तक।

26 फरवरी 2022 को कौन सी एकादशी है?

ऐसे में गृहस्थ लोग आज विजया एकादशी व्रत (Vijaya Ekadashi Vrat) रखेंगे. आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 26 फरवरी दिन शनिवार है. आज फाल्गुन माह (Phalguna Month) के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है. यह सुबह 10:42 बजे तक रहेगी, उसके बाद से एकादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी.

एकादशी कब है 2022 June?

Yogini Ekadashi June 2022: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी कि 24 जून 2022, शुक्रवार को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.