जनसंख्या भूगोल की संकल्पना क्या है? - janasankhya bhoogol kee sankalpana kya hai?

जनसंख्या भूगोल Population Geography Book For B.A. Semester IV of Ranchi University, Ranchi & Semester V of Vinoba Bhave University, Hazaribagh

मानव भूगोल की प्रमुख शाखा जनसंख्या भूगोल है। जनसंख्या के अध्ययन में प्रयुक्त होने वाले सभी आंकड़े, जनसंख्या की परिभाषा, जनगणना, विवरण, वृद्धि, जन्मतता, आयु संरचना, लिंग, जनांकिकीय संक्रमण, घनत्व, जनसंख्या नीति को इस पुस्तक में स्थान दिया गया है। विनोबा भावे पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर पुस्तक की रचना की गई है। यह नवीन आंकड़ों पर आधारित पुस्तक है। इस पुस्तक की रचना में जनसंख्या भूगोल पर लिखी गई पुस्तकें, भारतीय जनगणना के आंकड़े, विश्व जनसंख्या के आंकड़े, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख आंकड़े आदि का सहयोग लिया गया है। पुस्तक में जनसंख्या के वर्तमान विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पहलू पर ध्यान देकर लिखा गया है।

जनसंख्या भूगोल Population Geography विषय-सूची

  1. जनसंख्या भूगोल की प्रवृत्ति तथा विषय-क्षेत्र
  2. जनसंख्या आंकड़ों के स्रोत एवं प्रकार
  3. विश्व जनसंख्या: वृद्धि के कारण तथा परिणाम
  4. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले घटक
  5. प्रवास: प्रकार तथा निर्धारक तत्व
  6. शहरीकरण की प्रवृत्ति तथा प्रतिरूप
  7. जनसंख्या गतिकी: जन्मतता, मत्र्यता, आयु तथा लिंग संरचना
  8. व्यावसायिक संरचना
  9. जनसांख्यिकीय संक्रमण तथा माल्थस का सिद्धान्त
  10. मानव विकास सूचकांक तथा प्रतिरूप
  11. जनसंख्या का आकार एवं वृद्धि, जनसंख्या के वितरण, घनत्व के प्रकार
  12. जनसंख्या की समस्या तथा जनसंख्या नीति
  13. विश्व जनसंख्या और साधन
  14. मानव जनसंख्या एवं पर्यावरण

इस लेख में हमलोग यह जानने का प्रयास करेंगे कि विश्व की जनसंख्या का वितरण किस प्रकार है।

जनसंख्या

किसी क्षेत्र / प्रदेश मे निवास करने वाले लोगो की संख्या को जनसंख्या कहते है। इसमे पुरुष, महिला, तृतीय लिंग के सभी के आयु वर्ग (बच्चे, किशोर, युवा, वृद्ध ) को सम्मिलत किया जाते हैं। इसमे लोगों(People) की संख्या को दर्शाया जाता है। लोगों कि संख्या की गणना प्रत्येक देश एक निश्चित समय अंतराल मे करते है। जैसे भारत मे यह गणना प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल मे किया जाता है। (2001, 2011, 2021, …….) उसी तरह ब्रिटेन, अमेरिका, इटली मे दस वर्षीय जनगणना होती है। जब्कि फ्रांस,जर्मनी मे पाँचवर्षीय जनगणना होती है। लोगो कि जनगणना के समय कई जननांकिकीय विशेषताओं का भी संग्रह किया जाता है। जैसे आयु, लिंग, व्यवसाय, धर्म, जाति, शिक्षा, पशुधन, निवास स्थान एवं प्रकार, क्षेत्र इत्यादि। जनसंख्या एक गत्यात्मक विषय होने के कारण इसमे जनसंख्या आकार, वितरण, वृद्धि, जननांकिकी विशेषताएँ (आयु,लिंग,प्रजाति,शिक्षा, इत्यादि), जन्म,मृत्यु, प्रवास स्थान एवं समय के अनुसार बदलता रहता है।

किसी भी क्षेत्र / प्रदेश के लिए जनसंख्या महत्वपूर्ण संसाधन होता है। क्योकि यह वही संसाधन होता है। जो पृथ्वी के अन्य वस्तुओ को अपने उपयोग के लिए संसाधन मे परिवर्तित करता है अगर जनसंख्या को शिक्षा, स्वास्थ्य से सम्पन्न कर दिया जय तो वह प्रदेश अन्य प्रदेशो कि तुलना मे अग्रीम प्रदेश के रूप मे जाना जायेगा। शिक्षित और स्वास्थ्य जनसंख्या सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को संसाधन मे परिवर्तित कर सकता है।इसकी महत्ता इसी बात से दीखता है कि संयुक्त रष्ट्र संघ कि एक इकाई संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) प्रत्येक वर्ष कई प्रकार के आंकड़े मानव से संबंधित प्रकाशित करता है। जैसे : मानव विकास सूचकांक (HDI), मानव गरीबी सूचकांक (HPI), मानव भूख सूचकांक (HHI) इत्यादि। इन सूचकांकों में सुधर करने के लिए प्रत्येक देश प्रयत्नरत रहते है, कि उसका सूचकांक क्रम मे सुधार हो सके।

विश्व जनसंख्या के वितरण के प्रतिरूप

जनसंख्या भूगोल की संकल्पना क्या है? - janasankhya bhoogol kee sankalpana kya hai?
विश्व जनसंख्या का वितरण।

जनसंख्या वितरण का तात्पर्य जनसंख्या क्षेत्र मे किस तरह फैली हुई है। विश्व के सभी भागो मे एक समान जनसंख्या निवास नही करती है। किसी क्षेत्र मे जनसंख्या अधिक बसी होती है तो किसी क्षेत्र मे कम और कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहाँ जनसंख्या का वितरण नहीं पाया जाता है। जनसंख्या के वितरण का संबंध भूतल पर जनसंख्या के फैलाव से है। जनसंख्या के आंकड़ों मे हरेक क्षण परिवर्तन होते रहता है। इंटरनेट मे एक वेबसाइट है जिसका नाम worldometerजो पूरी दुनिया के साथ-साथ लगभग सभी देशो की वर्तमान जनसंख्या कि गणना करता है। इस वेबसाइट मे किसी भी देश कि जनसंख्या की गिनती लाइव देखा जा सकता है। जब मै इस वेबसाइट को देख रहा था (दिनांक : 04 /05 /2020 , समय : 2:50 PM) उस समय विश्व कि जनसंख्या 7,78,21,37,158 थी। इस वेबसाइट के अनुसार विश्व के दस बड़े जनसंख्या वाले निम्न है।

विश्व के दस बड़े जनसंख्या वाले देश

क.स. देश जनसंख्या जनसंख्या का प्रतिशत
1 चीन 1,43,84,60,045 18.48%
2 भारत 1,37,78,80,765 17.19 %
3 USA 33,07,00,291 04.24 %
4 इंडोनेशिया 27,30,70,504 03.50 %
5 पाकिस्तान 22,02,13,206 02.82 %
6 ब्राजील 21,23,23,698 02.72 %
7 नाईजीरिया 20,53,25,285 02.64 %
8 बंगलादेश 16,44,32,537 02.16 %
9 रूस 14,59,24,798 01.87 %
10 मैक्सिको 12,87,20,563 01.65 %
स्रोत:- www.worldometer.com, Date:- 04 May 2020, Time:-02:52 PM

उपरोक्त तालिका से स्पष्ट होता है कि विश्व कि लगभग आधी (50%) जनसंख्या मात्र छः देशो (चीन, भारत, USA, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, ब्राजील ) में निवास करती है। विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशो में एशिया महादेश के पाँच देश (चीन, भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बंगलादेश) है। वही दूसरी ओर अफ्रीका जैसे दूसरे बडा महादेश का एक देश नाइजीरिया, उत्तरी अमेरिका के दो देश (USA और मैक्सिको) दक्षिण अमेरिका मे ब्राजील, यूरोप मे एक मात्र देश रूस है। क्षेत्रफल कि दृस्टि से विश्व का सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या भारत के बिहार राज्य से भी कम है।

उपरोक्त तालिका से यह भी स्पष्ट होता है ,कि जहाँ एक ओर विश्व 58% जनसंख्या इन दश देशो मे रहती है वही 42% जनसंख्या विश्व के बाकि बचे देशो मे निवास करती है। चीन मे 18.48% लोग रहते है वही भारत मे 17.19% लोग रहते है।

इस प्रकार यह पता चलता है कि विश्व मे जनसंख्या का वितरण काफी आसमान रूप से फैली हुई है। कुछ ऐसे विशाल क्षेत्र है जहाँ नाम मत्र की जनसंख्या रहती है। जैसे उष्ण एवं शीतोष्ण मरुस्थलीय क्षेत्र, ध्रूवीय क्षेत्र, पर्वतीय क्षेत्र, सघन वन वाले क्षेत्र इत्यादि।

जनसंख्या भूगोल से आप क्या समझते हैं?

जनसंख्या भूगोल मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इसमें स्वंय मानव की जनसंख्या, लोगो का वितरण, आयु संरचना, घनत्व, व्रधि, लिंग अनुपात, स्थानान्तरण, व्यावसायिक संरचना तथा उनके आवासों का अध्ययन किया जाता हैं।

जनसंख्या भूगोल का महत्व क्या है?

इसके अनुसार, “ जनसंख्या भूगोल केन्द्रीय महत्व का विषय है, जिसका उद्देश्य मनुष्य की संख्या व उसकी विशेषताओं का, एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्राप्त भिन्नता का अध्ययन करना है । "

जनसंख्या भूगोल के संस्थापक कौन थे?

परन्तु जनसंख्या भूगोल को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करने का श्रेय ट्रिवार्था को है जिन्होंने सन् 1953 ई. में अमेरिकी भूगोलविद परिषद के अध्यक्षीय भाषण में स्पष्ट रूप से मत व्यक्त किया कि क्रमबद्ध अध्ययन के रूप में जनसंख्या भूगोल एवं स्वतंत्र उपविषय के रूप में अध्ययन किया जाना चाहिये।

जनसंख्या भूगोल की प्रकृति क्या है?

जनसंख्या भूगोल मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इसमें स्वंय मानव की जनसंख्या, लोगो का वितरण, आयु संरचना, घनत्व, व्रधि, लिंग अनुपात, स्थानान्तरण, व्यावसायिक संरचना तथा उनके आवासों का अध्ययन किया जाता हैं। .