Electronic Vinyas : प्रिय मित्रों आज हम आपको इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के बारे में विस्तार से बताएंगे। आज हमने इस लेख में तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, कक्षको में इलेक्ट्रॉन भरने का नियम, आफबों नियम, अर्ध पूरित एवं पूर्ण पूरित कक्षको का स्थायित्व इत्यादी के बारे आपके लिए विस्तार से जानकारी दी है। हमारा यह लेख पढ़ने के बाद आपको Electronic Vinyas In Hindi की पूर्ण जानकारी के बारे में पता लग जाएगा। Show हमारा यह लेख कक्षा 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक उपयोगी है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Electronic Configuration In Hindi लिखा है। Table of Contents
Electronic Vinyas Kya Haiतत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास :- तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास उस तत्व के परमाणुओं के कक्षको में इलेक्ट्रॉनों का वितरण होता है। परमाणुओं के कक्षको में इलेक्ट्रॉनों का वितरण मूल नियमों के आधार पर होता है अर्थात मूल नियमों के आधार पर ही कक्षको में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। तत्वों इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Vinyas) को प्रदर्शित करने के लिए निम्न प्रकार है। पूर्ण रूप से भरे कोशो के इलेक्ट्रॉनों को क्रोड इलेक्ट्रॉन कहते हैं। 2p कक्षक के पश्चात 3s व 3p में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। तथा 2p तक पूर्ण भरे कक्षको को तत्व के नाम Ne (नियॉन) से निरूपित करते है। Na = [Ne] 3s1 Al = [Ne] 3s2, 3p1 उच्चतम मुख्य क्वांटम संख्या के इलेक्ट्रॉनिक कोश में भरे जाने वाले इलेक्ट्रॉन संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास भरने का क्रम परमाणुओं के कक्षको की उर्जा के आधार पर निर्धारित किया जाता है। दो समान ऊर्जा वाले कक्षको को समभ्रंश कक्षक कहते हैं। 2S व 2P भिन्न आकृतियों वाले कक्षक हैं। किंतु उनमें उपस्थिति इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा समान है। कक्ष को की बढ़ती हुई उर्जा का क्रम इस प्रकार होता है। 1s<2s<2p<3s<3p<4s<3d<4p<5s<4d<5p<6s<4f<5d<6p<7s<5f<6d<7p उपरोक्त कर्म के अनुसार परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कक्षको की ऊर्जा के बढ़ते हुए क्रम में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। उपरोक्त क्रम के अनुसार 4s कक्षक की ऊर्जा 3d कक्षक से कम होती है। तो तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के लिए कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन भरते समय 3d कक्षक से पहले 4s कक्षक में दो इलेक्ट्रॉन भरे जाएंगे। आवर्त सारणी की सभी उत्कृष्ट गैसों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पूर्ण पूरित होता है। अतः इनका इलेक्ट्रोनिक विन्यास अन्य तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखते समय उपयोग में लिया जाता है। जैसे कि हम जिस आवर्त के तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखते है। उस आवर्त के पहले वाले आवर्त की उत्कृष्ट गैस का प्रतीक लिखकर उससे से आगे वाले आने वाले उपकोशो में इलेक्ट्रॉन भरते हैं। जैसे कि 2p कक्षक के पश्चात 3s व 3p में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। तथा 2p तक पूर्ण भरे कक्षको को तत्त्व के नाम Ne (नियॉन) से निरूपित करते है। Na = [Ne] 3s1 इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ नाभिक पर धन आवेश भी बढ़ता है। किंतु परमाणु के आंतरिक इलेक्ट्रॉनों के कारण बाहरी इलेक्ट्रॉनों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसे परिरक्षण प्रभाव कहते हैं। इलेक्ट्रॉन पर प्रभावी नाभिक के कुल आवेश को प्रभावी नाभिकीय आवेश (Zeff )कहते है। Electronic Vinyas Kaise Nikaleकक्षको में इलेक्ट्रॉन भरने का नियम :- परमाणु के कक्षको में आफबो नियम के अनुसार इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। आफबो नियम निम्न नियमों पर आधारित है। जैसे कि पाउली अपवर्जन सिद्धांत, हुंड के अधिकतम बहुलता का सिद्धांत और कक्षको की ऊर्जा पर आधारित है। Aufbau Principle In Hindiआफबों नियम (Auffau’s Rule) :- आफबो एक जर्मन शब्द है जिसका अर्थ होता है – निर्माण होना। अर्थात कक्षको में इलेक्ट्रॉन भरते हुए कक्षको का निर्माण करना। इस नियम के अनुसार इलेक्ट्रॉन सबसे कम ऊर्जा वाले कक्षक में जाते हैं इसके पश्चात उच्च ऊर्जा कक्षको में भरे जाते हैं।
मुख्य क्वांटम संख्या कोशो में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n2 द्वारा ज्ञात की जा सकती है। जहां n = परमाणु के कोशो की संख्या कोश या कक्षा :- परमाणु के नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन जिस गोलाकार पथ में घूमते हैं। उन्हे कोश या कक्षा कहते है। परमाणु के चारों ओर इन कोर्सों को अंग्रेजी के अक्षर K, L, M, N, O,…………. आदि से दर्शाया जाता है। जहा K=1 कोश (n=1) L = 2 कोश (n=2) आगे इसी प्रकार। जैसे की 1 कोश के लिए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या n=1 तो इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या पाउली के अपवर्जन नियम से 2n2 = 2×12 = 2×1 = 2 अतः एक कोश के लिए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या दो होगी। और इसी प्रकार आगे सभी कोशो के लिए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या ज्ञात कर सकते हैं।
इस नियम के अनुसार समभ्रंश कक्षक में इलेक्ट्रॉन भरते समय सबसे पहले अयुग्मित इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों को भरने के पश्चात आने वाले इलेक्ट्रॉन युग्मित इलेक्ट्रॉनों में भरे जाते हैं। इसमें किन्हीं भी इलेक्ट्रॉनों का युग्मन जब तक नहीं होता जब उपकोष के सभी समभ्रंश कक्षक एक – एक इलेक्ट्रॉन नहीं भरा हो। अर्थात इस नियम के अनुसार किसी भी उपकोश के समभ्रंश कक्षको में सबसे पहले एक – एक इलेक्ट्रॉन भरा जाता है। उसके पश्चात आने वाले इलेक्ट्रॉनों का युग्मन किया जाता है।
अगर किन्हीं दो कक्षको की इन दोनों क्वांटम संख्याओं का योग बराबर है तो जिस कक्षक की n क्वांटम संख्या का मान कम है उस कक्षा की उर्जा भी कम होगी। परमाणु संख्या बढ़ने के साथ-साथ सम्मान उपकोश की ऊर्जाएं कम होती जाती है। जैसे कि 3p कक्षक की तुलना में 4p कक्षक की ऊर्जा कम होती है।
अर्ध पूरित तथा पूर्ण पूरित कक्षकों का स्थायित्व निम्न कारण से होता है। इन कक्षको में इलेक्ट्रॉन वितरण सममित होता है। अतः ये अधिक स्थाई होते हैं। इन कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन द्वारा संभावित स्थान विनिमय की संख्या अधिक होती है। जिसके कारण विनिमय ऊर्जा अधिकतम होती है और कक्षको का स्थायित्व भी अधिक होता है। Electronic Vinyas 1 To 301 से 30 तक के तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास :- कुछ तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास नीचे दी गई सारणी में निम्न प्रकार से दिया गय है। परमाणु क्रमांकतत्व का नाम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1 Hydrogen (H) हाइड्रोजन1s1 2 Helium (He) हिलियम1s2 3 Lithium (Li) लिथियम1s2, 2s1 4 Beryllium (Be) बेरिलियम1s2, 2s2 5 Boron (B) बोरॉन1s2, 2s2, 2p1 6 Carbon (C) कार्बन1s2, 2s2, 2p2 7 Nitrogen (N) नाइट्रोजन1s2, 2s2, 2p3 8 Oxygen (O) ऑक्सीजन1s2, 2s2, 2p4 9 Fluorine (F) फ्लोरिन1s2, 2s2, 2p5 10 Neon (Ne) नियॉन1s2, 2s2, 2p6 11 Sodium (Na) सोडियम1s2, 2s2, 2p6, 3s1 12 Magnesium (Mg) मैग्नीशियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2 13 Aluminum (Al) एलुमिनियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p1 14 Silicon (Si) सिलिकॉन1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p2 15 Phosphorus (P) फास्फोरस1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p3 16 Sulfur (S) सल्फर1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p4 17 Chlorine (Cl) क्लोरीन1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p5 18 Argon (Ar) आर्गन1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6 19 Potassium (K) पोटेशियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 4s1 20 Calcium (Ca) कैल्शियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 4s2, 21 Scandium (Sc) स्कैंडियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d1, 4s2 22 Titanium (Ti) टाइटेनियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d2, 4s2 23 Vanadium (V) वैनेडियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d3, 4s2 24 Chromium (Cr) क्रोमियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d5, 4s1 25 Manganese (Mn) मैग्नीशियम1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d5, 4s2 26 Iron (Fe) आयरन1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d6, 4s2 27 Cobalt (Co) कोबाल्ट1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d7, 4s2 28 Nickel (Ni) निकल1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d8, 4s2 29 Copper (Cu) कॉपर1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d10, 4s1 30 Zinc (Zn) जिंक1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d10, 4s2 यह भी पढ़ें – प्रोटॉन की खोज किसने व कैसे की | प्रोटॉन क्या है | Proton Ki Khoj Kisne Ki संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत | VSEPR Theory In Hindi | Valence Shell Electron Pair Repulsion Theory इलेक्ट्रॉन की खोज किसने व कैसे की | इलेक्ट्रॉन क्या है | Electron Ki Khoj Kisne Ki परमाणु की खोज किसने व कैसे की | परमाणु क्या है | Parmanu Ki Khoj Kisne Ki हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया Electronic Vinyas आपको पसंद आयी होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। Cu Z 29 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?तत्त्व Cu कि परमाणु संख्या 29 होती है। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होना चाहिए: 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d9। हालाँकि, वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s1 3d10 or [Ar] 3d104s1 है।
सीयू का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कितना होता है?[Ar] 3d¹⁰ 4s¹ताँबा / इलेक्ट्रॉन विन्यासnull
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कैसे पता करें?किसी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्यां
परमाणु के किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या की गणना सूत्र 2n2 KK कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या. यहाँ कक्षा संख्यां (n) = 4. 11st कक्षा अर्थात K कक्षा में मात्र एक ऑर्बाइटल होता है, जो s− s-ऑरबाइटल में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्यां हो सकती है।
24 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या होगा?इस प्रकार, क्रोमियम का इलेक्ट्रॉन विन्यास (z = 24) is [Ar]3d54s1.
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