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जब भी खाना बनाने की बात आती है तो हम सब्जियों को अच्छे से साफ करते हैं और बर्तनों की सफाई का ध्यान रखते हैं. हमारा पूरा ध्यान इस पर होता है कि हम क्या खा रहे हैं. पर क्या आप जानते हैं कि आप किस धातु के बर्तन में खाना
बना रहे हैं, इसका भी आपकी सेहत पर बहुत असर पड़ता है. ऐसे कई धातु हैं जिनमें खाना बनाने से ना सिर्फ इनके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं बल्कि ये शरीर के लिए जहरीले भी हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि आपको किन तरह के बर्तनों में खाना पकाने से बचना चाहिए.
तांबा- तांबे के बर्तन में पानी पीना और खाना खाना सुरक्षित माना जाता है लेकिन इस धातु को तेज तापमान पर गर्म करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये आग पर तेज प्रतिक्रिया देता है. हाई हीट पर तांबे के
बर्तन में नमक और एसिड मिलने से कई तरह के केमिकल बनने लगते हैं. अगर तांबे के बर्तन को ठीक से नहीं रखा गया है तो यह खाने को जहरीला बना सकता है.
एल्युमिनियम- एल्युमीनियम तेज तापमान को जल्दी अवशोषित करता है और काफी मजबूत होता है. यही वजह है कि बहुत से लोग एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बनाना पसंद करते हैं. हालांकि गर्म होने पर एल्युमीनियम एसिड वाले
फूड आइटम्स जैसे टमाटर और सिरका के साथ प्रतिक्रिया करता है. धातु का ये रिएक्शन खाने को विषाक्त बना सकता है. इसकी वजह से पेट में दर्द हो सकता है और मिचली भी महसूस हो सकती है. एल्युमिनियम एक भारी धातु है जो धीरे-धीरे आपके खाने में प्रवेश कर जाती है.
पीतल- पीतल के बर्तनों का बेस बहुत भारी होता है और आमतौर पर पारंपरिक व्यंजनों को तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. चिकन, मटन और बिरयानी जैसी कई ऐसी डिश होती हैं जिन्हें बनाने में ज्यादा वक्त लगता
है. कई देशों में ये खास तरह के खाने पीतल के बर्तनों में ही बनाए जाते हैं. पीतल के बर्तन में तेज तापमान पर नमक और एसिड वाले फूड्स के साथ रिएक्ट करते हैं, इसलिए पीतल में खाना पकाने से बचना चाहिए. तलने या चावल बनाने के लिए इस बर्तन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस धातु में खाना बनाना सबसे अच्छा- खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा धातु लोहा होता है. लोहे के बर्तनों में आप किसी भी तरह का खाना बना सकते हैं, क्योंकि इनका कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता है. लोहा एक बराबर से गर्म
होता है और खाने को जल्दी पकाने में मदद करता है. गर्म होने पर यह आयरन छोड़ता है जो खाने में मिल जाता है. आयरन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हालाँकि तरी वाली चीजें लोहे के बर्तन में बनाने में इसका स्वाद बदल सकता है.
मिट्टी के बर्तन- खाना बनाने का सबसे सुरक्षित और अच्छा विकल्प मिट्टी के बर्तन होते हैं. मिट्टी के बर्तन अपनी विशेष शैली के कारण आजकल काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. हालांकि इसमें खाना बनाने में बहुत समय लगता है और इसे संभाल कर रखना भी मुश्किल होता है. इसलिए बहुत से लोगों को मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने में दिक्कत आती है.
स्टेनलेस स्टील- एक और धातु जो खाना बनाने के लिए काफी लोकप्रिय है वो है स्टेनलेस स्टील. इसकी सतह चिकनी और चमकदार होती है जिसकी वजह ये काफी बेहतर माना जाता है. स्टेनलेस स्टील किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होता है, लेकिन इस धातु की अच्छाई इसकी क्वालिटी पर निर्भर करती है.
स्टेनलेस स्टील मूल रूप से कुछ धातुओं का मिश्रण है, जो क्रोमियम, निकल, सिलिकॉन और कार्बन से बना होता है. स्टेनलेस स्टील का बर्तन बहुत ही सावधानी से खरीदना चाहिए. इसे हमेशा किसी विश्वसनीय दुकान या कंपनी से ही खरीदें क्योंकि
नकली स्टेनलेस स्टील के बर्तन सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. पीतल के बर्तन में क्या क्या नहीं बनाना चाहिए?पीतल के बर्तन में तेज तापमान पर नमक और एसिड वाले फूड्स के साथ रिएक्ट करते हैं, इसलिए पीतल में खाना पकाने से बचना चाहिए. तलने या चावल बनाने के लिए इस बर्तन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस धातु में खाना बनाना सबसे अच्छा- खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा धातु लोहा होता है.
क्या पीतल के बर्तन में दूध गर्म कर सकते हैं?चूंकि दूध में लैक्टिक अम्ल होता है व पीतल तांबा और जिंक के मिश्रण से बनता है इसलिए अगर हम पीतल के बर्तन में दूध रखते हैं तो वह थीड़ी देर बाद खराब होने लगता है। यही वजह है कि पीतल के बर्तन में दूध रखने के लिए मना किया जाता है। पीतल के जिन बर्तनों में दूध गर्म किया जाता है या रखा जाता है उन पर टिन से कलई की जाती है।
पीतल के बर्तन में खाना पकाने से क्या होता है?पीतल: पीतल के बर्तन में भोजन पकाने और खाने से कृत्रिम रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती है। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं। लोहा: लोहे के बर्तन में बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढ़ती है, लोहातत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है।
सबसे अच्छा बर्तन कौन सा है?मिट्टी का बर्तन एकमात्र ऐसा पात्र है जिसमें भोजन करने से 1 प्रतिशत भी नुकसान नहीं होता। केवल फायदे ही फायदे मिलते हैं। मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते थे।
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