Short Note Show सुलेमान ने चींटियों का भय किस तरह दूर किया? Advertisement Remove all ads Solutionसुलेमान के लश्कर के साथ गुज़रते हुए जब चींटियों ने उनके घोड़ों के टापों की आवाजें सुनीं तो वे भयभीत हो गईं। उनका भय दूर करने के लिए सुलेमान ने कहा, “घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। वह सबके लिए मुहब्बत है। ऐसा कहकर सुलेमान ने चींटियों का भय दूर किया।” Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 2.6: अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले - अतिरिक्त प्रश्न Q 2Q 1Q 3 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2 Chapter 2.6 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Advertisement Remove all ads Extra Questions and Answer from Chapter 14 Ab kahan dusron ke dukh se dukhi hone waale Sparsh Bhaag IIनिम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए - (क) सुलेमान कौन थे और उनके
व्यक्तित्व की क्या विशेषता थी? (2) उत्तर (क) सुलेमान ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। वे मानव जाति के राजा होने के साथ पशु-पक्षियों के भी हाकिम थे। वे इनकी भाषा समझते थे तथा सबका भला चाहते थे। 2. दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धर्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गरमी में ज़्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले,सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं। नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। (क) दुनिया के विषय में कौन-कौन
से सवाल उठते हैं? (1) उत्तर (क) दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले
क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? यह सवाल दुनिया के विषय में उठते हैं। 3. कई सालों से बड़े-बडे़ बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी ज़मीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी पैफली हुई टाँगें समेटीं, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकड़ु बैठ गया। फिर खड़ा हो गया...जब खड़े रहने की जगह कम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परंतु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है, और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में पेंफक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आकर गिरा, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे-ऑफ़ इंडिया पर टूट-फूटकर सैलानियों का नज़ारा बना बावजूद कोशिश, वे फिर से चलने-फिरने के काबिल नहीं हो सके। (क) बिल्डर समुद्र के साथ क्या और क्यों कर रहे थे? (2) (क) बिल्डर समुद्र को धकेल कर उसकी जमीन हथिया रहे थे। वे ऐसा धन के लालच में कर रहे थे। 4. ग्वालियर में हमारा एक मकान था, उस मकान के दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुख देखकर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए उसने पूरे दिन रो ज़ा रखा। दिन-भर कुछ खाया-पिया नहीं। सिर्फरोती रही और बार-बार नमाज पढ़-पढ़कर खुदा से इस गलती को मुआफ़ करने की दुआ माँगती रही। (क) ग्वालियर के मकान में घटी किस घटना से लेखक की माँ को दुःख पहुँचा? (2) उत्तर (क) ग्वालियर के मकान के दालान में रोशनदान में कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बनाया था। एक बार बिल्ली ने उचककर उनके एक अंडे को फोड़ दिया जिसे देखकर लेखक की माँ को दुःख पहुँचा। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये- 1. सुलेमान कौन थे? उन्हें सबका राजा क्यों कहते हैं? 2. शेख अयाज़ ने अपनी आत्म-कथा में किस घटना का जिक्र किया है? उत्तर शेख अयाज़ ने अपनी आत्म-कथा में अपने पिता की एक घटना का जिक्र किया है। एक दिन उनके पिता कुएँ से नहाकर लौटे। भोजन करते समय उन्होंने देखा कि एक काला च्योंटा उनकी बाजू पर रेंग रहा है। उन्हें लगा की च्योंटा कुएँ से उनके पास आकर बेघर हो गया है इसलिए उन्होंने थोड़ी भी देर ना करते हुए उसे वापस उसके घर पहुँचाने के लिए भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए। 3. लशकर सारी उम्र रोते क्यों रहे? उत्तर एक बार लशकर के सामने एक घायल कुत्ता गुज़रा। लशकर ने उसे दुत्कारते हुए नज़रों के सामने से दूर हो जाने को कहा चूँकि इस्लाम में कुत्ते को गन्दा समझा जाता है। इसपर उसे कुत्ते ने कहा की ना तो मैं अपनी मर्ज़ी से कुत्ता हूँ और ना ही तुम अपनी मर्ज़ी से मनुष्य, हमें बनाने वाला एक ही है। 4. लेखक की माँ ने प्रायश्चित क्यों और कैसे किया? उत्तर लेखक की माँ की हाथों से गलती से कबतूर का अंडा फूट गया इसलिए उन्होंने दिन भर रोज़ा रखकर नमाज़ पढ़ती रहीं और गलती की माफ़ी माँगती रहीं। इस तरह लेखक की माँ ने प्रायश्चित किया। उत्तर इस पाठ से हमें प्रकृति से प्रेम करने का सन्देश मिलता है। हमें अपने आप को सर्वश्रेष्ठ और अन्य प्राणियों को तुच्छ नहीं समझना चाहिए। अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का नुकसान नहीं करना चाहिए। सबसे मिलजुलकर रहना तथा सबके सुख-दुःख का ख्याल रखना चाहिए। अब कहाँ दूसरों के
दुःख से दुखी होने वाले - पठन सामग्री और सार सुलेमान ने चींटियों से क्या कहा?(ग) सुलेमान ने चींटियों से कहा कि वे सबके रखवाले हैं। किसी के लिए मुसीबत ना होकर सबके लिए मुहब्बत हैं।
बादशाह सुलेमान ने चींटियों से क्या कहा इससे उनके स्वभाव की किस विशेषता का पता चलता है?तब सुलेमान ने चींटियों को कहा कि वे भयभीत न हों। उसका जन्म सभी की रक्षा और मुहब्बत के लिए हुआ है। इस बात और व्यवहार से हमें उसकी उदारता का पता चलता है।
बादशाह सुलेमान ने चींटियों को कैसे आश्वस्त किया?सुलेमान के लश्कर के साथ गुज़रते हुए जब चींटियों ने उनके घोड़ों के टापों की आवाजें सुनीं तो वे भयभीत हो गईं। उनका भय दूर करने के लिए सुलेमान ने कहा, “घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। वह सबके लिए मुहब्बत है। ऐसा कहकर सुलेमान ने चींटियों का भय दूर किया।”
सुलेमान की क्या विशेषता थी?(क) सुलेमान ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। वे मानव जाति के राजा होने के साथ पशु-पक्षियों के भी हाकिम थे। वे इनकी भाषा समझते थे तथा सबका भला चाहते थे। (ख) चींटियाँ सुलेमान की फौज के घोड़ों की टापों की आवाज़ सुनकर भयभीत थीं।
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