75 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए - 75 saal kee umr mein blad preshar kitana hona chaahie

feedcrawler user |

Navbharat Times | Updated: Oct 16, 2020, 9:45 AM

भारत में बीपी यानी ब्लड प्रेशर के लिए नई बेस लाइन को फॉलो किया जा रहा है। अब यह 120/80 नहीं बल्कि 140/90 है और इसे यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की गाइडलाइन के मुताबिक फॉलो किया जा रहा है।

75 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए - 75 saal kee umr mein blad preshar kitana hona chaahie

हाइलाइट्स

  • आइडियल बीपी 120/80 ही है लेकिन 130/90 पर भी घबराने की जरूरत नहीं
  • पुरानी बेस लाइन 120/80 के हिसाब से दो तिहाई दिल्ली वाले बीपी के मरीज होंगे
  • बुजुर्गों में 140/90 तक सेफ, 60 साल के बाद 150/90 पर ही इलाज की जरूरत

प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
120/80 नहीं, अब बीपी 140/90 तक भी नो टेंशन। यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की गाइडलाइन के बाद अब भारत में भी हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension or High Blood Pressure) की यही बेस लाइन मान कर इलाज किया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका ब्लड प्रेशर 120/80 से ज्यादा है, तो टेंशन नहीं लें, आपका बीपी कंट्रोल में है। ब्लड प्रेशर की बेस लाइन (New base line for blood pressure) में हुए बदलाव को लेकर भारतीय डॉक्टरों का कहना है आइडियल बीपी भले 120/80 ही है, लेकिन अगर किसी का 130/90 भी हो जाता है, तो घबराने की बात नहीं है। उन्हें किसी प्रकार के इलाज की जरूरत नहीं है। इस बेस लाइन से ज्यादा होने पर ही इलाज की जरूरत होती है। डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्गों में 140/90 तक यह सेफ है। 60 साल के बाद 150/90 के बाद ही इलाज की जरूरत है।

पुरानी बेस लाइन 120/80 को मान कर चलें, तो फिर दो तिहाई दिल्ली वाले बीपी के मरीज होंगे।


एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉक्टर संदीप मिश्रा ने बताया कि 120/80 को मान कर चलें, तो फिर दो तिहाई दिल्ली वाले बीपी के मरीज होंगे। इस गाइडलाइन के पहले से ही हम ब्लड प्रेशर के मानक को थोड़ा ऊपर रख कर इलाज कर रहे थे। जब से यह स्टडी आई है, उसके बाद से नई बेस लाइन को मान कर इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर संदीप ने कहा कि पुरानी बेस लाइन को स्टिक्ट होकर फॉलो करना संभव नहीं था।

डॉक्टर संदीप मिश्रा ने बताया कि वेस्टर्न कंट्रीज में जिस प्रकार की गाइडलाइन दी हैं, उसके आधार पर यहां ब्लड प्रेशर मरीज को लेना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस स्टडी में शामिल लोगों को पता नहीं चलता था कि उनका बीपी क्यों लिया जा रहा है। स्टडी में शामिल लोगों को शांत रूम में लेकर ऑटोमेटिक बीपी मशीन से कनेक्ट कर 5 मिनट तक छोड़ दिया जाता था। उसके बाद जो रीडिंग आती थी, उसे लिया गया। हमारे यहां संभव नहीं है। हम इतना स्ट्रिक्ट नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि आज हमलोग हर मरीज में डायस्टोलिक यानी नीचे वाला बीपी का इलाज 90 से ज्यादा होने पर ही करते हैं। अडल्ट हो या फिर बुजुर्ग, हर मरीज में नीचे वाला बीपी 90 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

हमें भी ब्लड प्रेशर लेने का तरीका बदलना होगा। मरीज को रिलेक्स करें। उन्हें स्ट्रेस न हो। एंजायटी न हो। कुछ देर इंतजार करें, तब ब्लड प्रेशर लें। यहां तो लोग जिस प्रकार बच्चे का रिजल्ट देखने के लिए जल्दबाजी में होते हैं, उसी प्रकार बीपी भी।

कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल ढल


मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेका कुमार ने बताया कि हम लोग भी अब इसी गाइडलाइन के अनुसार इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकली ब्लड प्रेशर लो होने पर वीकनेस होती है, चक्कर आता है। लेकिन, अगर मरीज नॉर्मल है, अडल्ट है तो बीपी ऊपर वाला यानी सिस्टोलिक 130 तक भी नॉर्मल है। हां! मरीज में पहले से कोई दूसरी बीमारी है, तो हम ऐसी स्थिति में थोड़ा अलर्ट रहते हैं। डॉक्टर ने कहा कि बुजुर्गों में वैसे भी ऊपर वाला बीपी 140 से 150 तक नॉर्मल मान कर इलाज होता है, खासकर 60 साल की उम्र के बाद 150 से ज्यादा होने पर ही इलाज की जरूरत होती है। अगर 150/90 है, तो चिंता वाली बात नहीं है।

वयस्कों के लिए
नॉर्मल- 120/80
पहले ट्रीटेबल- 130/90 से ऊपर होने पर
अब ट्रीटेबल- 140/90 से ऊपर होने पर

बुजुर्गों के लिए
नॉर्मल- 130/90
पहले ट्रीटेबल- 140/90 से ऊपर होने पर
अब ट्रीटेबल- 150/90 से ऊपर होने पर\B

जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल ढल ने बताया कि हमारे यहां जिस प्रकार ब्लड प्रेशर लिया जाता है, वह सही तरीका नहीं है। इसे समझना सबसे ज्यादा जरूरी है। हमें भी ब्लड प्रेशर लेने का तरीका बदलना होगा। मरीज को रिलेक्स करें। उन्हें स्ट्रेस न हो। एंजायटी न हो। कुछ देर इंतजार करें, तब ब्लड प्रेशर लें। यहां तो लोग जिस प्रकार बच्चे का रिजल्ट देखने के लिए जल्दबाजी में होते हैं, उसी प्रकार बीपी भी। सच तो यह है कि ब्लड प्रेशर कम ज्यादा होता रहता है। यह निर्भर करता है कि आप कैसे और किस प्रकार नाप ले रहे हैं। जहां तक नई गाइडलाइन की बात है, तो इलाज तो अब इस गाइडलाइन के अनुसार ही हो रहा है। बहुत हद तक इससे फायदा भी है।

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

बीपी हाई और लो कितना होना चाहिए?

किसी भी व्यक्ति के रक्त चाप की सामान्य मात्रा 120/80 होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है। कभी किसीकी ब्लड प्रेशर की रीडिंग अगर इस साधारण मात्रा से कम हो जाये तो उसे लौ बीपी की श्रेणी में गिना जाता है।

उम्र के हिसाब से कितना बीपी होना चाहिए?

पुरुषों में इतना होना चाहिए ब्लड प्रेशर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उम्र के हिसाब से ब्लड प्रेशर में बदलाव होता है रहता है. पुरुषो में उम्र के हिसाब से ब्लड प्रेशर 120 से 143 तक पहुंच सकता है. 21 से 25 साल की उम्र में SBP 120.5 mm होना चाहिए . वहीं 25 साल के बाद 50 साल तक 115 तक ब्लड प्रेशर होना चाहिए.

बीपी तुरंत कैसे कम करें?

शरीर का वजन संतुलित रखें.
धूम्रपान ना करें.
शराब या कैफीन का सेवन ना करें.
पर्याप्त नींद लें.
तनाव को व्यवस्थित करें.
सोडियम, शुगर, रिफाइंड कार्ब्स और प्रोसेस्ड फूड कम खाएं.
रोजाना हल्का व्यायाम करें.
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने वाली दवाएं लें.

हाई ब्लड प्रेशर कितना होता है in Hindi?

हेल्थकेयर विशेषज्ञों के मुताबिक एक वयस्क व्यक्ति में 95-145/60-90 के बीच का ब्लड प्रेशर भी सामान्य माना जा सकता है। लेकिन यह व्यक्तियों की शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है। डॉक्टर मरीज में अन्य स्थितियों के आकलन के आधार पर 145/90 ब्लड प्रेशर को भी सामान्य मान सकता है।