आग्नेय और अवसादी शैल में क्या अंतर है? - aagney aur avasaadee shail mein kya antar hai?

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  • प्रश्न :

    चट्टानों (शैलों) के प्रमुख प्रकारों का परिचय देते हुए उनकी विशेषताओं का उल्लेख करें।

    28 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • चट्टानों का संक्षिप्त परिचय दें।
    • चट्टानों के प्रकार और उनकी विशेषताओं को बिंदुवार लिखें।

    भू-पर्पटी शैलों से बनी है। किसी शैल का निर्माण एक से अधिक खनिज़ों से मिलकर होता है। चट्टान कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों की हो सकती है। जैसे- ग्रेनाईट कठोर तथा सेलखेड़ी नरम है। गैब्रो काला तथा क्वार्टजाइट दूधिया सफेद हो सकता है। शैलों में खनिज घटकों का कोई निश्चित संघटन नहीं होता है। 

    शैलों के विभिन्न प्रकार हैं, जिनको उनकी निर्माण पद्धति के आधार पर तीन समूहों में विभाजित किया गया है-

    • आग्नेय शैल (Igneous rocks)- आग्नेय शैल का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा एवं लावा से होता है। अतः इनको प्राथमिक शैलें भी कहते हैं। मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर आग्नेय शैलों का निर्माण होता है। जब अपनी ऊपरगामी गति में मैग्मा ठंडा होकर ठोस बन जाता है, तो यह आग्नेय शैल कहलाता है। ठंडा तथा ठोस बनने की यह प्रक्रिया पृथ्वी की पर्पटी या सतह पर हो सकती है। ग्रेनाइट, गैब्रो, पैग्मेटाइट, बैसाल्ट आदि आग्नेय शैलों के उदाहरण हैं। 
      ► आग्नेय चट्टानें स्थूल परत रहित एवं जीवाश्म रहित होती हैं। 
      ► ये चट्टानें आर्थिक रूप से उपयोगी मानी जाती हैं। इन चट्टानों में लोहा, निकिल, ताँबा, सीसा, जस्ता, क्रोमाइट, मैंगनीज, सोना तथा प्लेटिनम आदि पाए जाते हैं। 
      ► झारखण्ड में पाया जाने वाला अभ्रक इन्हीं शैलों में मिलता है। 
      ► आग्नेय चट्टान चट्टानें कठोर और रवेदार होती हैं। इन चट्टानों पर रासायनिक अपक्षय का बहुत कम प्रभाव पड़ता है। 
      ► इनमें किसी भी प्रकार के जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं। इन चट्टानों का अधिकांश विस्तार ज्वालामुखी क्षेत्रों में पाया जाता है। 
    • अवसादी शैल (Sedimentary Rocks)- पृथ्वी सतह की शैलें अपक्षयकारी कारकों के प्रति अनावृत्त रहती हैं, जो विभिन्न प्रकार के विखंडों में विभाजित होती हैं। ऐसे उपखंडों का विभिन्न बहिर्जनित कारकों के द्वारा संवहन एवं निक्षेप होता है। सघनता द्वारा ये संचित पदार्थ शैलों में परिणत होते जाते हैं। यह प्रक्रिया शिलीभवन (lithification) कहलाती है। चूना पत्थर, कोयला, गीज़राइट, बालुकाश्म आदि अवसादी शैलों के उदाहरण हैं। 
      ► अवसादी चट्टानें अधिकांशत: परतदार होती हैं। 
      ► इन पर अपक्षय का प्रभाव जल्दी पड़ता है।
      ► इनमें वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं के जीवाश्म बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। 
      ► खनिज तेल अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। अप्रवेश्य चट्टानों की दो परतों के बीच यदि प्रवेश्य शैल की परत आ जाए, तो खनिज तेल के लिये अनुकूल स्थिति बन जाती है। 
      ► दामोदर, महानदी तथा गोदावरी नदी बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है। 
    • रूपांतरित शैलें (Metamorphic rocks)- दाब, आयतन और ताप में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप इन शैलों का निर्माण होता है। जब विवर्तनिक प्रक्रिया के कारण शैलें निचले स्तर की ओर बलपूर्वक खिसक जाती हैं या जब ऊपरी शैलों के कारण निचली शैलों पर दबाव पड़ता है, तब कायांतरण होता है। स्लेट, शिस्ट, संगमरमर, क्वार्टज़ आदि रूपांतरित शैलों के उदाहरण हैं। 
      ► अवसादी एवं आग्नेय चट्टानों में ताप एवं दाब में परिवर्तन के कारण रूपांतरित चट्टानों का निर्माण होता है।
      ► इन शैलों में रवे (crystals) भी पाए जाते हैं। 
      ► यह अन्य शैलों से अधिक कठोर होती हैं तथा इनमें छिद्र नहीं होते हैं।

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आग्नेय और अवसादी शैल में क्या अंतर है? - aagney aur avasaadee shail mein kya antar hai?

आग्नेय और अवसादी शैल में क्या अंतर है? - aagney aur avasaadee shail mein kya antar hai?

चट्टानों के प्रकार:- चट्टान मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं – आग्नेय, अवसादी एवं कायांतरित। Types of rocks in Hindi Notes for UPSC and PCS.

चट्टान या शैल (रॉक) किसे कहते हैं ?

पृथ्वी की सतह के कठोर भाग को चट्टान या शैल कहते है। इसे उत्पत्ति के आधार पर तीन प्रकार में बाँटा गया है –

  1. आग्नेय चट्टाने (Igneous Rock)
  2. अवसादी चट्टाने (Sedimentary Rock)
  3. कायान्तरित चट्टाने (Metamorphic Rock)

  • चट्टान या शैल के प्रकार
    • 1. आग्नेय चट्टान (Igneous Rock)
    • 2. अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock)
    • 3. कायान्तरित चट्टान (Metamorphic Rock)

चट्टान या शैल के प्रकार

इन तीनों का विस्तृत विवरण निम्नवत है-

1. आग्नेय चट्टान (Igneous Rock)

  • आग से बनी चट्टानें यानी ज्वालामुखी से निकले लावा, मैग्मा एवं धूल के कणों के ठंड़ा होने पर जो चट्टाने बनती है वे आग्नेय चट्टाने कहलाती है।
  • इन्हें प्राथमिक या मातृ शैल भी कहा जाता है।
  • इनमें परते एवं जीवाश्म नहीं पाये जाते ।
  • लोहा, निकिल, सोना, तांबा एवं जस्ता जैसे प्रमुख खनिज इसमें पाये जाते है।
  • आर्थिक रूप से सम्पन्न चट्टानें है।
  • आग्नेय चट्टान के उदाहरण – ग्रेनाइट, बेसाल्ट, पेग्माटाइट एवं बिटुमिनस आदि इसके प्रमुख उदाहरण है।

2. अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock)

  • अवसादी चट्टानों का निर्माण आग्नेय चट्टान से ही होता है।
  • आग्नेय चट्टाने हवा व पानी की वजह से दूर जाकर जमने लगती है। इसी से अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है।
  • आग्नेय चट्टान की परत दर परत जमने से अवसादी चट्टाने बनती है। अतः इन्हें परतदार चट्टाने भी कहा जाता है।
  • इन चट्टानों में जीवाश्म पाये जाते हैं ।
  • खनिज तेल और शैल गैस आदि पाया जाते है।
  • अवसादी चट्टान के उदाहरण – बलवा पत्थर, चूना पत्थर कोयला, डोलोमाइट, सेल चट्टान, संपिड, लिग्नाइट आदि इसके प्रमुख उदाहरण है।

3. कायान्तरित चट्टान (Metamorphic Rock)

  • ताप, दाब एवं रासायनिक क्रियाओं के कारण आग्नेय एवं अवसादी चट्टानों का रूप बदल जाता है। जिसे रूपांतरित या कायान्तरित चट्टान कहा जाता है।
  • ये दो प्रकार की होती हैं –
    • आग्नेय से कायान्तरित चट्टाने
      • ग्रेनाइट (आग्नेय) से नीस (कायान्तरित)
      • बेसाल्ट (आग्नेय) से सिस्ट (कायान्तरित)
    • अवसादी से कायान्तरित
      • बलुआ पत्थर (आग्नेय) से क्वार्टजाइट (कायान्तरित)
      • चूना पत्थर (आग्नेय) से संगमरमर (कायान्तरित)
  • कायान्तरित चट्टान के उदाहरण या रूपांतरित चट्टान के उदाहरण – ग्रेनाइट (आग्नेय) – नीस (कायान्तरित), बेसाल्ट (आग्नेय) – सिस्ट (कायान्तरित), बलुआ पत्थर (आग्नेय) – क्वार्टजाइट (कायान्तरित),चूना पत्थर (आग्नेय) – संगमरमर (कायान्तरित) आदि इसके प्रमुख उदाहरण है।

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आग्नेय व अवसादी शैल में क्या अंतर है?

पृथ्वी के धरातल की उत्पत्ति में सर्वप्रथम इनका निर्माण होने के कारण इन्हें 'प्राथमिक शैल' भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि यही वे पहली चट्टानें हैं जो पिघले हुए चट्टानी पदार्थ से बनती हैंजबकि अवसादी या रूपांतरित चट्टानें इन आग्नेय चट्टानों के टूटने या ताप और दाब के प्रभाव आकार में बदलने से से बनती हैं।

अवसादी शैलों का दूसरा नाम क्या है?

कालांतर में संघनित होकर वे स्तरीभूत हो जाते हैं। इन स्तरीभूत शैलों को अवसाद शैल (सेडिमेंटरी रॉक्स) कहते हैं।

अवसादी शैल का उदाहरण क्या है?

(2) अवसादी चट्टानें (Sedimentary rock) जैसे- बलुआ पत्थर, चूना-पत्थर, स्लेट, कांग्लोमरेट, नमक की चट्टान और शेलखरी आदि.

आग्नेय शैल क्या है 2 उदाहरण लिखिए?

जब अपनी ऊपरगामी गति में मैग्मा ठंडा होकर ठोस बन जाता है, तो यह आग्नेय शैल कहलाता है। ठंडा तथा ठोस बनने की यह प्रक्रिया पृथ्वी की पर्पटी या सतह पर हो सकती है। ग्रेनाइट, गैब्रो, पैग्मेटाइट, बैसाल्ट आदि आग्नेय शैलों के उदाहरण हैं।