These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 2 Sectors of Indian Economy. प्रश्न अभ्यास पाठ्यपुस्तक
से संक्षेप में लिखें निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएप्रश्न प्रश्न 1. कोष्ठक में दिए गए सही विकल्प का प्रयोग कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (क) सेवा क्षेत्रक में रोजगार में उत्पादन के समान अनुपात में वृद्धि………………। (हुई है/नहीं हुई है) उत्तर (क) नहीं हुई है (ख) कृषि (ग) संगठित (घ) बड़ी (ङ) प्राकृतिक, विनिर्मित (च) परस्पर निर्भर । प्रश्न 2. सही उत्तर का चयन करें (अ)
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक आधार पर विभाजित हैं। (ब) एक वस्तु का अधिकांशतः प्राकृतिक प्रक्रिया से उत्पादन …………….. क्षेत्रक की गतिविधि है। (क) प्राथमिक (स) किसी विशेष वर्ष में उत्पादित …………….. “के मूल्य के कुल योगफल को जी०डी०पी० कहते हैं। (क) सभी वस्तुओं और सेवाओं (द) जी०डी०पी० के मदों में वर्ष 2003 में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी …………….. है। (क) 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के बीच उत्तर (अ) (ग) उद्यमों के स्वामित्व, (ब) (क) प्राथमिक, (स) (घ) सभी मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं और सेवाओं, (द) (ग) 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत के बीच प्रश्न 3. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए कृषि क्षेत्रक की समस्याएँ 1. असिंचित भूमि कुछ संभावित उपाय (अ) कृषि-आधारित मिलों की स्थापना उत्तर 1. (द) 2. (ब) 3. (य) 4. (अ) 5. (स) । प्रश्न 4. असंगत की पहचान करें और बताइए क्यों? (क) पर्यटन-निर्देशक, धोबी, दर्जी, कुम्हार उत्तर प्रश्न
5. एक शोध छात्र ने सूरत शहर में काम करने वाले लोगों से मिलकर निम्न आँकड़े जुटाए उत्तर इस शहर में असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों की संख्या 70 प्रतिशत है। प्रश्न 6. क्या आप मानते हैं कि आर्थिक गतिविधियों का प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में विभाजन की उपयोगिता है? व्याख्या कीजिए कि कैसे? प्रश्न 7. इस
अध्याय में आए प्रत्येक क्षेत्रकों को रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद (जी०डी०पी० ) पर ही क्यों केन्द्रित करना चाहिए? चर्चा करें। 8. जीविका के लिए काम करनेवाले अपने आसपास के वयस्कों के सभी कार्यों की लंबी सूची बनाइए। उन्हें आप किस तरीके से वर्गीकृत कर सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
(ख) रोजगार की दशाओं के आधार पर वर्गीकरण- रोजगार की दशाएँ किस प्रकार की हैं इस आधार पर हम इसे दो भागों में बाँट सकते हैं। 1. संगठित क्षेत्र तथा 2. असंगठित क्षेत्र । 1. संगठित क्षेत्र-इसमें वे गतिविधियाँ आती हैं जिनमें रोजगार की अवधि नियमित होती है तथा इन्हें सरकारी नियमों को मानना पड़ता है। (ग) उद्योगों के स्वामित्व के आधार पर वर्गीकरण- विभिन्न औद्योगिक इकाइयाँ किसके स्वामित्व में हैं इस आधार पर इनका वर्गीकरण सार्वजनिक तथा निजी उद्योगों में किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों पर हम अपने आस-पास के लोगों को इस प्रकार से सूचीबद्ध कर सकते हैं प्राथमिक क्षेत्र 9. तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से भिन्न कैसे हैं? सोदाहरण व्याख्या कीजिए। प्रश्न 10. प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए। प्रश्न 11. खुली बेरोजगारी एवं प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच विभेद कीजिए। प्रच्छन्न या गुप्त बेरोजगारी- वह परिस्थिति जिसमें व्यक्ति काम में लगे हुए दिखाई देते हैं किंतु वास्तव में वे बेरोजगार होते हैं। जैसे-भूमि के टुकड़े पर आठ लोग काम कर रहे हैं किंतु उत्पादन उतना ही हो रहा है जितना पाँच लोगों के काम करने से होता है। ऐसे में तीन अतिरिक्त व्यक्ति जो काम में लगे हैं वह छुपे हुए बेरोजगार हैं क्योंकि उनके काम से उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। प्रश्न 12. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में तृतीयक क्षेत्रक कोई महत्त्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा रहा है।” क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए। प्रश्न 13. भारत में सेवा क्षेत्रक दो विभिन्न प्रकार के लोग नियोजित करता है।” ये लोग कौन हैं? उत्तर भारत में सेवा क्षेत्रक में दो विभिन्न प्रकार के लोग नियोजित करते हैं। हम इस कथन से पूर्णत: सहमत हैं। भारत में ये दो प्रकार के लोग हैं-1. अत्यंत कुशल और शिक्षित श्रमिक, 2. अकुशल तथा अशिक्षित श्रमिक। सेवा के क्षेत्र में अत्यंत कुशल और शिक्षित श्रमिक इसलिए लगे हैं क्योंकि आधुनिकीकरण के साथ-साथ सेवा क्षेत्रक में वृद्धि हो रही है। सूचना प्रौद्योगिकी के कारण अत्यंत कुशल श्रमिकों की सेवा क्षेत्रक में आवश्यकता पड़ती है। दूसरी ओर बहुत अधिक संख्या में लोग छोटी दुकानों, मरम्मत कार्यों, परिवहन इत्यादि सेवाओं में लगे हुए हैं। ये अकुशल व अशिक्षित श्रमिक हैं। ये लोग बड़ी मुश्किल से जीविका निर्वाह कर पाते हैं और वे इन सेवाओं में इसलिए लगे हुए हैं क्योंकि उनके पास कोई अन्य वैकल्पिक अवसर नहीं हैं। प्रश्न 14. “असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए। 15. आर्थिक गतिविधियाँ रोजगार
की परिस्थितियों के आधार पर कैसे वर्गीकृत की जाती हैं?
16. संगठित और असंगठित क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना करें। प्रश्न 17. राग्रारोगा०अ० 2005 (NREGA 2005 ) के उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए। उत्तर केंद्र सरकार ने भारत के 200 जिलों में काम का अधिकार’ लागू करने के लिए एक कानून बनाया है। इसे ‘राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005’ (NREGA 2005) कहते हैं। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं
प्रश्न 18. अपने क्षेत्र से उदाहरण लेकर सार्वजनिक और निजी
क्षेत्रक की गतिविधियों एवं कार्यों की तुलना कीजिए। निजी क्षेत्रक कहलाते हैं। इसमें वे उद्योग आते हैं जो आम जनता की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं जैसे-टेलीविजन, एयर कंडीशनर, फ्रिज आदि बनाने वाले उद्योग। ये गतिविधियाँ निजी लाभ कमाने के उद्देश्य से की जाती हैं। निजी क्षेत्र कल्याणकारी कार्य करने के लिए बाध्य नहीं है। यदि वह ऐसा कोई काम करता भी है तो उसकी अधिक कीमत लेता है जैसे-निजी विद्यालय सरकारी विद्यालयों से अधिक फीस वसूलते हैं। निजी क्षेत्र के उद्योगों में वस्तुओं की कीमतों का निर्धारण बाजारी शक्तियों द्वारा होता है। प्रश्न 19. अपने क्षेत्र से एक-एक उदाहरण देकर निम्न तालिका को पूरा कीजिए और चर्चा कीजिएः प्रश्न 20. सार्वजनिक क्षेत्र की गतिविधियों के कुछ उदाहरण दीजिए और व्याख्या कीजिए कि सरकार द्वारा इन गतिविधियों का कार्यान्वयन क्यों किया जाता है? उत्तर सार्वजनिक क्षेत्रक की गतिविधियों के तीन उदाहरण हैं-डाकघर, रेलवे तथा बैंक आदि। इन गतिविधियों का संचालन सरकार करती है। इसके कई कारण हैं
प्रश्न 21. व्याख्या कीजिए कि किसी देश के आर्थिक विकास में सार्वजनिक क्षेत्रक कैसे योगदान करता है? प्रश्न 22. असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों को निम्नलिखित मुद्दों पर संरक्षण की आवश्यकता है-मजदूरी, सुरक्षा और स्वास्थ्य। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
23. अहमदाबाद में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नगर के 15,00,000 श्रमिकों में से 11,00,000 श्रमिक
असंगठित क्षेत्रक में काम करते थे। वर्ष 1997-98 में नगर की कुल आय 600 करोड़ रुपये थी, इसमें से 320 करोड़ रुपये संगठित क्षेत्रक से प्राप्त होती थी। इस आँकड़े को सारणी में प्रदर्शित कीजिए। नगर में और अधिक रोजगार-सृजन के लिए किन तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए?
प्रश्न 24. निम्नलिखित तालिका में तीनों क्षेत्रकों का सकल घरेलू उत्पाद (जी०डी०पी०) रुपये (करोड़) में दिया गया है 1. वर्ष 1950 एवं 2000 के लिए जी०डी०पी० में तीनों क्षेत्रकों की हिस्सेदारी की गणना कीजिए। उत्तर 3. इस दण्ड आरेख से सिद्ध होता है कि सकल घरेलू उत्पाद में जहाँ प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 58% से 27% (कम) हो गया है, वहीं द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्रकों में वृद्धि हुई है। द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा 14% से 25% हो गया तथा तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा 28% से 48% हो गया। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 2 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. आर्थिक गतिविधि से क्या तात्पर्य है?उत्पादन, उपभोग तथा पूंजी निर्माण, तीन आर्थिक गतिविधियां हैं। उत्पादन से अभिप्राय उपयोगिता का सृजन करने से है । भूमि, श्रम, पूंजी तथा उद्यम, ये चार उत्पादन के साधन हैं । उपभोग से अभिप्राय व्यक्तिगत तथा सामूहिक आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष रूप से तुष्टि के लिये वस्तु और सेवाओं के प्रयोग से है ।
गैर आर्थिक गतिविधि से क्या तात्पर्य है?(i) गैर-आर्थिक क्रियाओं के अंतर्गत वे क्रियाएँ आती है जो प्रत्यक्ष रूप से धन से सम्बंधित नहीं होती। (ii) ये क्रियाएँ देश-सेवा, समाज सेवा, धार्मिक कर्तव्य के रूप में की जाती है। उदाहरण के लिए माँ अपने बच्चे के लिए खाना बनती है।
आर्थिक गतिविधि कितने प्रकार की होती है उनके नाम बताइए?आर्थिक नीति की विशेषताएँ
अर्थात् आर्थिक नीति में सरकार की उन सभी आर्थिक क्रियाओं एवं क्रियाकलापों सहनियमन को सम्मिलित किया जाता है, जिनका सम्बन्ध उत्पादन, आय एवं सम्पत्ति का वितरण तथा उपयोग, संसाधनों का प्रयोग, विनियोग (निर्यात-आयात) तथा सामाजिक कल्याण में वृद्धि आदि में जानबूझकर अथवा अधिक सरकारी हस्तक्षेप से होता हैं।
गतिविधि से आप क्या समझते हैं?कक्षा में या किसी जलराशि के पास कई व्यावहारिक गतिविधियां करवायी जा सकती हैं। ये गतिविधियां बच्चे खुद करते हैं, और इनसे उनके दिमाग विज्ञान और भूगोल की अवधारणाओं को समझने के लिए खुल जाते हैं। अपनी कक्षा के बच्चों से ये गतिविधियां करवाएं और देखें कि कितनी आसानी से वे किसी भी पाठ को समझ लेते हैं।
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