चाणक्य ने लिखा अर्थशास्त्र तो एडम स्मिथ जनक कैसेहमारा इतिहास सृष्टि संवत से शुरू होता है। वर्तमान समय में ब्रह्मांड की जो व्याख्या की जा रही है वह श्रीमद्भागवत में पहले से है। अरब में गणित को हिन्दसा कहा जाता है। अरब में गणित भारत से गया और अरब से... Show
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 28 Oct 2017 12:10 AM हमारा इतिहास सृष्टि संवत से शुरू होता है। वर्तमान समय में ब्रह्मांड की जो व्याख्या की जा रही है वह श्रीमद्भागवत में पहले से है। अरब में गणित को हिन्दसा कहा जाता है। अरब में गणित भारत से गया और अरब से यूरोप के देशों में। चाणक्य ने बहुत पहले ही अर्थशास्त्र लिख दिया था जो फिर एडम स्मिथ को किस आधार पर अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है। वास्कोडिगामा ने स्वयं अपनी डायरी में लिखा था कि भारत व्यापार के मामले में सबसे आगे है। औद्योगिक क्षेत्र में भी हम सर्वोपरि थे। स्टील से विश्व का परिचय भारतीयों ने कराया था। चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग में ‘महान राष्ट्र भारत:गौरवपूर्ण अतीत से स्वर्णिम भविष्य की ओर राष्ट्रदेव पत्रिका के प्रधान संपादक सुरेंद्र सिंह सूर्या ने उक्त बात कही। पंडित ओंकारनाथ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अपने संगीत के माध्यम से अनिद्रा के शिकार, तनावग्रस्त मुसोलिनी को भी खर्राटे लेने पर विवश कर दिया था। भारत के वैभव और स्वर्णिम काल का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि प्राचीन मूर्तियों पर आभूषण मिलते हैं जबकि विदेशी मूर्तियों पर फूल पत्तियां। धर्मपाल द्वारा लिखित ‘18 वीं सदी का भारत पुस्तक में दर्ज है कि ब्रिटिश अधिकारियों ने अपने पत्रों में लिखा है कि भारत के किसानों के आंगन में बड़ी संख्या में सोने के सिक्कों का ढेर लगा होता था जिसे वे गिनकर नहीं तौलकर रखते थे। वर्तमान में स्थिति इसके विपरीत है। आज किसान आत्महत्या करने पर विवश हैं। पूर्व सहायक आयुक्त अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारत के 12 सौ वर्षों के इतिहास को गुलामी का इतिहास कहा जाता है। वास्तव में वह स्वतंत्रता संग्राम है जो दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम है। पिंडारी और अन्य लोगों के द्वारा उठाए गए क्रांतिकारी कदम इसका उदाहरण हैं। उप्र संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ.वाचस्पति मिश्रा ने कहा कि एक समय था जब विदेशियों को भारत में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने को संस्कृत भाषा में निपुण होना आवश्यक था। आज अमेरिका इसी तर्ज पर टॉफेल परीक्षा कराता है। डॉ.मिश्रा के अनुसार हिन्दी और संस्कृत भाषा के तमाम शब्दों का अर्थ इतिहास की प्राचीनता दर्शाने के लिए पर्याप्त है। मिश्र के अनुसार भूगोल का अर्थ है कि भू अर्थात पृथ्वी गोल है और ब्रह्मांड अर्थात अंडाकार। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा ने देश को अनेक महापुरूष दिए हैं। सुभाषचंद्र बोस ने संस्कृत विषय से ही आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। मिश्र के अनुसार डॉ. अंबेडकर चाहते थे कि संस्कृत भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया जाए। वर्कशॉप में डॉ.आराधना, डॉ.स्नेहवीर पुंडीर, डॉ.हरेंद्र, दिनेश जैन, धर्म दिवाकर, डॉ. दीपक तोमर सहित समस्त शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे। अंग्रेजी के तमाम शब्द संस्कृत से प्रेरित मेरठ। डॉ.वाचस्पति मिश्र ने कहा कि अंग्रेजी भाषा में बड़ी विसंगतियां हैं जबकि हिन्दी और संस्कृत भाषा के शब्दों को जैसा लिखा जाता है वैसा बोला भी जाता है। अंग्रेजी भाषा के शब्दों को यदि जैसा लिखा जाता है वैसा ही बोला जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि वे सभी शब्द संस्कृत भाषा से आए हैं। जैसे ट्राईपोड को पढ़ा जाए तो वह त्रिपद होगा। गुड नाइट शब्द में नाइट को पढ़ा जाए तो वह निग्ट बोला जाएगा। इसका अर्थ भी संस्कृत में रात्रि होता है। मिश्र के अनुसार अंग्रेजी के शब्त संस्कृत से प्रेरित हैं। Explanation:- एडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक वेल्थ ऑफ नेशन्स में आधुनिक अर्थव्यवस्था के मूल बिंदुओं को चिन्हित किया। एडम स्मिथ ने इसी पुस्तक में अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अदृश्य हस्त की अवधारणा भी दी। एडम स्मिथ ने अर्थशास्त्र को धन के विज्ञान के रूप में वर्णित किया है। अर्थात् अर्थशास्त्र के द्वारा धन अर्जित करने की विधियों एवं आय के वितरण के विषय में जाना जाता है। चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। ठीक है आप का सवाल है अर्थशास्त्र के पिता किसे कहा जाता है अर्थशास्त्र के पिता एडम स्मिथ को कहा जाता है Romanized Version Q. अर्थव्यवस्था का पिता किसे कहा जाता है?
यदि आप अर्थशास्त्र के जनक कौन है (Father of Economics in Hindi) यानी अर्थशास्त्र के पिता किसे कहा जाता है के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े. हम सभी जानते हैं कि अर्थशास्त्र विषय के बारे में अध्ययन करने से पहले अर्थशास्त्र के जनक कौन है और क्यों, उनके योगदान, आदि के बारे अवश्य पता होना चाहिए. हमारे स्कूल या कॉलेज में अर्थशास्त्र को पढ़ाया जाता है और इसके जनक यानी अर्थशास्त्र के पिता कौन है और उनसे संबंधित अन्य जरूरी बातों को भी पूछा जाता है. कई लोगों को अर्थशास्त्र के जनक के बारे में पहले से मालूम होता है लेकिन उनकी संख्या बहुत कम होती हैं इसलिए यहाँ इसके बारे में संपूर्ण जानकारी दी है. आइए अब अर्थशास्त्र के जनक कौन है (arthshastra ke janak kaun hai) और उनसे संबंधित बातों के बारे में जानते हैं. एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र के जनक कहते है. वे स्कॉटलैंड के प्रसिद्ध दार्शनिक, नीतिवेत्ता और अर्थशास्त्री थे.
एडम स्मिथ (अर्थशास्त्र के जनक)एडम स्मिथ कौन थे?एडम स्मिथ एक प्रसिद्ध स्कॉटिश दार्शनिक, नीतिवेत्ता और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे. उन्हें ‘अर्थशास्त्र के जनक’ यानी ‘अर्थशास्त्र के पितामह’ कहा जाता है. एडम स्मिथ के आर्थिक सिद्धांतएडम स्मिथ के द्वारा मुक्त बाजार (Free Market) आर्थिक सिद्धांत की नींव सबसे पहले रखी गई थी. इसके अलावा उनके दो प्रसिद्ध कार्य भी है :
एडम स्मिथ के पुस्तक का नामएडम स्मिथ के पुस्तक का नाम ‘राष्ट्रों की संपदा'(The Wealth of Nations) है. इस पुस्तक ने अठारहवीं शताब्दी के इतिहासकारों एवं अर्थशास्त्रियों को बेहद प्रभावित किया था. उनकी पहली पुस्तक का नाम ‘द थ्योरी ऑफ मोरल सेंटीमेंट’ है, जो 1759 में प्रकाशित हुई थी. एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक क्यों कहा जाता है?एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र के जनक इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अर्थशास्त्र के निर्माण एवं लाभदायक रुझान पर विस्तार से अपने विचार दिए. यही कारण है कि आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ का नाम सबसे पहले आता है एवं उन्हें ‘अर्थशास्त्र के पितामह’ भी कहा जाता है. भारत में अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं?भारत में अर्थशास्त्र के जनक चाणक्य अर्थात् कौटिल्य को कहा जाता है, जिन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ (Arthashastra) नामक संस्कृत ग्रन्थ की रचना की थी. आधुनिक अर्थशास्त्र से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नअर्थशास्त्र के 2 भाग कौन कौन से हैं?व्यष्टि अर्थशास्त्र आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक कौन है?एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक कहा जाता है, जिन्होंने अर्थशास्त्र पर ‘राष्ट्रों की संपदा'(The Wealth of Nations) किताब लिखीं थी. भारत में आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक कौन है?भारत में आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक चाणक्य या कौटिल्य को कहा जाता है. एडम स्मिथ द्वारा लिखित अर्थशास्त्र की पुस्तक क्या नाम है?राष्ट्रों की संपदा (The Wealth of Nations) पुस्तक, एडम स्मिथ द्वारा लिखित अर्थशास्त्र पर एक प्रमुख किताब है. निष्कर्षतो, दोस्तों इस लेख में आपने जाना अर्थशास्त्र के जनक कौन है (Father of Economics) या आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक / पिता किसे कहा जाता है? किसी भी विषय के बारे में जानने से पहले उससे संबंधित जरूरी बातों को जानने और समझने से विषय को पढ़ने में रुचि उत्पन्न होती है. इसलिए इस लेख में आपकों अर्थशास्त्र के जनक किसे कहा जाता है, के बारे में हमने बताया है. हम उम्मीद करते हैं इस लेख से आपकों अर्थशास्त्र के पिता या जनक के बारे में समझने में मदद मिली होगीं. यही आपकों आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक किसे कहा जाता है (arthshastra ke janak) के बारे में यह लेख पसंद आया तो कृपया इसे अपने दोस्तों और अन्य लोगों के साथ शेयर जरूर करें. ये भी पढ़े : 1. भूगोल का जनक 2. इतिहास का जनक 3. हिंदी का जनक 4. इंग्लिश का जनक 5. गणित का जनक 6. संस्कृत का जनक देखें : सभी विषयों के जनक कौन है? लेख में दी गई जानकारी से आप संतुष्ट हैं?आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक कौन है?एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का संस्थापक पिता माना जाता है (यह उस समय राजनीतिक अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता था)। वह क स्कॉट्समैन थे और ग्लासगो विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर थे।
वर्तमान में अर्थशास्त्र के जनक कौन है?अरब में गणित भारत से गया और अरब से यूरोप के देशों में। चाणक्य ने बहुत पहले ही अर्थशास्त्र लिख दिया था जो फिर एडम स्मिथ को किस आधार पर अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है।
आधुनिक भारतीय अर्थशास्त्री कौन है?अर्थशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है धन का शास्त्र अर्थात धन के अध्ययन के शास्त्र को अर्थशास्त्र कहते हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने 1776 में प्रकाशित अपनी पुस्तक (An enquiry into the Nature and the Causes of the Wealth of Nations ) में अर्थशास्त्र को धन का विज्ञान माना है।
दुनिया का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री कौन है?अर्थशास्त्रियों की सूची. मनमोहन सिंह. एडम स्मिथ. भीमराव अम्बेडकर. कार्ल मार्क्स. दादा भाई नौरोजी. अमर्त्य सेन. चाणक्य. जीसस ह्युअर्टा डि सोटो. |