आवर्त सारणी में सेतु तत्व क्या है? - aavart saaranee mein setu tatv kya hai?

क्वेश्चन दिया गया है की आवर्त सारणी में कौन से आवर्ती तत्व प्रारूपिक तत्व है उनके नाम लिखिए हमारे बिना व्रत होते हैं जैसे पहले हम बात करें तुम्हारा हाइड्रोजन प्रारूपिक तत्व तत्व है वह तो हमारा क्या करता है एस बी ब्लॉक के मध्य सेतु का कार्य करता है उस तत्व क्या होते हैं पूरे क्या होता है

एलियन के बारे में कार्बन नाइट्रोजन ऑक्सीजन फ्लोर नियोनाटोरम आएगा सोडियम के बारे में बताएं और कार्बन के नीचे हमारा होता है फास्फोरस सल्फर सल्फर के बारे में क्लोरीन क्लोरीन के बारे में हमारे क्या आएगा और किसी औरत का तत्व जो होता है तीसरा वर्तन आवेदन प्रारूप

प्रारूपिक तत्व कहलाते हैं और दोस्तों ऐसा क्यों होता है ऐसा हमारा होता है कि इनकी दोनों की जैसे इस किस्म के अन्य तत्वों के गुण होते हैं इसके समूह के अन्य तत्वों के गुण होते हैं और फ्रेंड यही हमारे इस क्वेश्चन का आंसर कैसे एमजी प्लस टू क्लास का रिजल्ट

अगले साल तक दिखा सकता है या इसके अलावा -1 दिखाता है या यह - को दिखाता है यह सकता है और यह जो ऊपर वाले होते हैं वह तो हमारे क्या थे एक्सेप्शन के अंदर नहीं आते हैं लेकिन इनको करते हैं कि इन तत्वों के गुण क्या होते हैं प्रदर्शित होते हैं संयोजकता के अंदर में संयोजकता के अंदर में चिंता के अंदर में जलन क्यों होती है

यहाँ हम आपको UP Board कक्षा 10 वीं विज्ञान अध्याय 14; तत्वों के वर्गीकरण के पहले पार्ट का स्टडी नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| इस नोट्स में हमने अध्याय 14 के जितने टॉपिक्स कवर किए हैं वह आपके रिविज़न के लिए बहुत लाभदायक हैं| सभी टॉपिक्स को बहुत ही आसान तरीके से समझाया गया है ताकि छात्रों को समझने में अधिक परेशानी ना हो|

आज हम यहाँ आपको UP Board कक्षा 10 विज्ञान के 14th अध्याय तत्वों के वर्गीकरण के पहले पार्ट का स्टडी नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और जहाँ भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है|  इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:

1. तत्वों के वर्गीकरण का विकास

2. धातु तथा अधातु में विभाजन

3. प्राउट की परिकल्पना

4. ड्यूमा की सजातीय श्रेणी

5. न्यूलैण्ड का अष्टक नियम

6. लोथर मेयर वक्र

7. मेणडेलीफ की आवर्त सारणी तथा आवर्त नियम

8. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी को सामान्य विशेषताएँ

9. आवर्त सारणी मेँ आयतों के मुख्य लक्षण

तत्वों के वर्गीकरण का विकास : सन् 1803 ईं० में डाल्टन (Dalton) नामक रसायनज्ञ ने सापेक्ष परमाणु भारों जिसको आजकल परमाणु द्रव्यमानों के रूप में स्वीकार किया गया है, की एक सारणी प्रकाशित की थी । इस सारणी ने  तत्वों के वर्गीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण नीव का कार्य किया। तत्वों के वर्गीकरण की दिशा में प्राउट (Prout 1815 ई०), डॉबेराइनर (Dobereiner 1829 ईं०) हैं ड्यूमा (Duma 1853 ईं०), न्यूलैंण्ड (Newland 1864 ई०), लोथर मेयर (Lothar Mayer, 1839 ई०) मेंडेलीफ (Mendeleef, 1869 ई०)], बोर (Bohr  1913) आदि वैज्ञानिको का योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। 

UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : सल्फर डाइओक्साइड तथा अमोनिया गैस

त्वों को वर्गीकृत करने के सन्दर्भ में किए 'गए पूर्व प्रयासों का विवरण निम्नवत है-

1. धातु तथा अधातु में विभाजन - प्रारम्भ में तत्वों को उनके गुणधर्मों के आधार पर धातु (metal) तथा अधातु (non-metal) में विभाजित किया गया। बाद में कुछ ऐसे तत्वों की खोज हुई, जिनके गुण धातु तथा अधातु दोनों के समान थे। हम तत्वों को ध्त्वान या उपधातु (metalloids) नाम दिया गया। आगे चलकर यह वर्गीकरण अमान्य हो गया, क्योकि यह तत्वों के मौलिक गुणों पर आधारित नहीं था। -

2. प्राउट की परिकल्पना विलियम प्राउट ने 1815 ईं० में यह कल्पना की कि सभी तत्वों के परमाणु, हाइड्रोजन परमाणुओं के संगठन मात्र हैं तथा सभी त्तत्वों के परमाणु भार, हाइड्रोजन के परमाणु भार के सरल गुणक होते है, क्यूंकि हाइड्रोजन का परमाणु भार एक माना गया है, अत:  नाइट्रोजन के परमाणु भार 14 का अभिप्राय यह है कि नाइट्रोजन का एक परमाणु हाइड्रोजन के 14 परमाणुओं से मिलकर बना है तथा इस आधार पर किसी तत्व का परमाणु भार हाइड्रोजन के परमाणु भार का सरल गुणक होता है। प्राउट की यह परिकल्पना गलत सिद्ध हुईं, क्योकि कुछ तत्व ऐसे भी थे जिनके परमाणु भार सरल पूर्णांक न होकर दशमलव में थे, जैसे-क्लोरीन का परमाणु भार 35 . 5 हैं। 

3. डाबेराइनर के त्रिक समूह - 1829 ई० में जर्मन वैज्ञानिक डॉबेराइनर ने लगभग समान  गुणधर्म वाले अनेक तत्वों को तीन - तीन के समूहों में उनके परमाणु भार में वृद्धि के क्रमानुसार रखा तथा स्पष्ट किया कि प्रत्येक समूह के बीच वाले तत्व का परमाणु भार प्रथम एवं तृतीय तत्वों के परमाणु  भारों के योग का लगभग मध्यमान होता हैँ। यह डॉबेराइनर का त्रिक नियम तथा इस प्रकार के समूह  त्रिक (triad) कहलाए ;  जैसे – लिथियम (Li), सोडियम (Na) एबं पोटेशियम (K)।

4. ड्यूमा की सजातीय श्रेणी –1853 ई० में ड्यूमा ने देखा कि समान गुणधर्म वाले कुछ तत्वों के परमाणु भारो में सजातीय श्रेणी वाला गुण होता है| जैसे-

समान गुणधर्म वाले तत्वों के परमाणु भारों के सामान्य गुण

तत्व

परमाणु

परमाणु भारों के सामान्य गुण

N

14

P

31 या 14 + 17

अ + ब

As

75 या  14 + 17 + 44

अ + ब + स

Sb

119 या  14 + 17 + 2 (44)

अ + ब + 2स

Bi

207 या  14 + 17 + 4 + (44)

अ + ब + 4स

 अधिकांश तत्वों की ऐसी सजातीय श्रेणी न बन सकीं ; अत: यह परिकल्पना भी विफल रही|

UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : धातु तथा अधातु पार्ट-I

5. न्यूलैण्ड का अष्टक नियम (Newland’s Law of Octaves) - सन् 1884 ई० में रसायन न्यूलैण्ड ने स्पष्ट किया कि यदि तत्वों को उनके परमाणु भार के बढते हुए क्रम में रखा जाए तो किसी तत्व से सात तत्व छोड़कर आठवाँ तत्व पहले तत्व से गुणों में समानता रखता है। यह समानता ठीक उसी प्रकार की होती है, जैसे संगीत में आठवाँ तथा पहला स्वर ध्वनि में समान होते हैं। इसे न्यूलैंण्ड का अष्टक नियम कहते हैं।

Li, Na तथा K के गुणों में समानता पाई जाती है| इसी प्रकार Be, Mg व Ca के गुणों में , B व AI के गुणों में, C व Si के गुणों में, N व P तथा O व S के गुणों में भी समानता पाई जाती है|

यह नियम भी तत्वों के वर्गीकरण के लिए सफल न हो सका, क्योंकि Ca के बाद वाले तत्व इसका पालन नहीं करते|

6. लोथर मेयर वक्र –1869 ईo में लोथर मेयर ने तत्वों के भारों तथा परमाणु आयतनों (atomic volumes) के बीच एक लेखाचित्र बनाया , जिसे लोथर मेयर वक्र कहते हैं| इस वक्र के

आवर्त सारणी में सेतु तत्व क्या है? - aavart saaranee mein setu tatv kya hai?

अनुसार तत्वों के गुण सामान्यत: उनके परमाणु भारों के आवर्त फलन हैं| इस वक्र पर समान गुण वाले तत्वों ने एक ही स्थिति में स्थान प्राप्त किया | उदाहरणार्थ-

(1) शीर्ष पर प्रबल विद्युत् धनी तत्व क्षार धातु (Li,Na,K,Rb,Cs तथा Fr) विधमान हैं|

(2) आरोही भाग पर प्रबल विद्युत् ऋणी तत्व हैलोजेन (F,CI, Sr, Ba, I) विधमान हैं|

(3) अवरोही भाग पर क्षारीय मृदा तत्व ( Mg, Ca, Sr, Ba, Ra) विधमान हैं|

(4) अष्टम समूह के तत्व वक्र के निचले भाग पर स्थित हैं|

मेणडेलीफ की आवर्त सारणी तथा आवर्त नियम :

प्रोफेसर डिमिट्री इवानोविच मेणडेलीफ (Dmitri Ivanovich Mendeleef) एक रूसी वैज्ञानिक ने तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों तथा उनके भौतिक व रासायनिक गुपाधर्मो के मध्य एक सम्बन्ध का भली भांति अध्ययन किया उनके काल में कुल 63 तत्व ज्ञात थे। मेणडेलीफ ने उस समय ज्ञात तत्वों को उनके समान परमाणु द्रव्यमानों के आधार पर व्यवस्थित किया। दूसरे शब्दों मेँ, मेण्डेलीफ ने तत्वों के उनके द्वारा बनाए यौगिकों के सूत्र में समानताओं के आधार पर व्यवस्थित किया (उदाहरणार्थ – आक्साइड, हाइड्राइड आदि)| यह प्रेक्षित किया गया कि अधिकार तत्वों को उनके बढते हुए परमाणु द्रव्यमानों (जो उस समय परमाणु भार कहलाते थे) के क्रम' में आवर्त सारणी मेँ रखा जाए। यह पाया गया कि आवर्ती पुनरावृति अथवा आवर्तिता प्रदर्शित होती है अर्थात प्रत्येक आठवें तत्व के गुणधर्म प्रथम तत्व के गुण धर्म के समान होते है, अर्थात

तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु भारों ( परमाणु द्र्व्यमानो) के आवर्ती फलन होते हैं। इस आवर्त सारणी में उर्ध्वाधर स्तम्भ (समूह) तथा क्षैतिज कतारें (आवर्त) थी। मैण्डेलीफ की सारणी में यद्यपि सभी तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमानों के क्रम में व्यवस्थित किया गया; कुछ तत्वों के युग्मों को उनके परमाणु द्रव्यमानों के व्युत्क्रम में रखा गया। उदाहरणार्थ - कोबाल्ट (परमाणु द्रव्यमान 58.98) तथा निकिल (58. 7) टेल्यूरियम (127. 6) और आयोडीन 126.90)।

आवर्त सारणी मेँ इस व्युत्क्रमण को तत्व के रासायनिक गुणधर्मों की उस समूह के तत्वों के साथ समानताओं के कारण किया गया जिसमें उस तत्व को रखा गया था। उदाहरणार्थ - टेल्यूरियम (Te) को आयोडीन से पहले रखा गया, जबकि Te का उच्च परमाणु द्रव्यमान हैं। ऐसा इसलिए किया गया, क्योकिं  आयोडीन के गुणधर्म ब्रोमीन के गुणधर्म के समान है, न कि सेलेनियम (Se) के गुणधर्म के समान इस सारणी में छोड़े गए रिक्त स्थानों को भरने के लिए भविष्य में खोजे जाने वाले तत्वों के गुणधर्मों की भविष्यवाणी उसने तत्वों की आवर्त सारणी में स्थिति के आधार पर की|

मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी को सामान्य विशेषताएँ

मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी की सामान्य विशेषताएं निम्नलिखित हैँ-

(1) प्रत्येक आवर्त में तत्व अपने बढ़ते परमाणु भारों के क्रम में व्यवस्थित हैं।

(2) एक ही समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं।

(3) प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्वों की ऋण - विद्युत् संयोजकता कम होती जाती है, जबकि धन-विद्युत संयोज़कता बढती जाती है।

(4) तत्व का परमाणु भार उसका मौलिक गुण है।

(5) कम परमाणु भार वाले तत्व; जैसे-", H,C,O,N अपेक्षाकृत प्रकृति मेँ अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

(6) सारणी में रिक्त स्थानों के तत्वों के गुणधर्मों को पहले ही बताया जा सकता है।

(7) आवर्त सारणी में कुछ तत्व ऐसे स्थानो पर रखे गए थे जिसके अनुसार उनके गुण नहीं थे इन  तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों में संशोधन हुआ तथा तब इन्हें सारणी में तर्कसंगत स्थान प्राप्त हुआ।

(8) सारणी मैं किसी भी तत्व के स्थान के अनुसार उसके गुणों क्रो बताया जा सकता है जैसे-

किसी समूह के किसी तत्व के गुण उस समूह में उस तत्व के ऊपर और नीचे स्थित तत्वों के औसत गुण होते हैं।

आवर्त सारणी मेँ आयतों के चार मुख्य लक्षण निस्तलिखित है-

(1) आवर्त सारणी में पहले लघु आवर्त में केवल दो तत्व क्रमश:हाइड्रोजन और हीलियम हैँ जिसके कारण इस आवर्त को अति लघु आवर्त कहते हैं। आवर्त सारणी के दूसरे व तीसरे लघु आवतों में आठ-आठ तत्व हैं। इन द्वितीय व तृतीय आवर्तों के कुछ तत्वों में विकर्ण सम्बन्ध है, अर्थात् विकर्ण के सिरों पर स्थित दोनों तत्वों के गुणों में समानता होती है।

(2)आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त के तत्व प्रारूपिक तत्व (typical elements) कहलाते हैं| ये तत्व अपने –अपने समूह के प्रतिनिधि के रूप में होते हैं| सोडियम, मैग्नीशियम, एलुमिनियम, सिलिकन, फास्फोरस, सल्फर तथा क्लोरिन प्रारूपिक तत्व कहलाते हैं| ये तत्व उस समूह की संयोजकता तथा विद्युत् – रासायनिक लक्षणों को प्रकट करते हैं तथा दोनों उपसमूहों के मध्य सेतु तत्व (Bridge elements) का कार्य करते हैं | ये तत्व किसी एक उपसमूह किसी एक उपसमूहों के तत्वों से अधिक समानता रखते हैं; जैसे-

UP Board कक्षा 10 गणित चेप्टर नोट्स :परिमेय व्यंजक(चैप्टर-1)

UP Board कक्षा 10 गणित चेप्टर नोट्स :परिमेय व्यंजक(चैप्टर-1), पार्ट-II

सेतु तत्व क्या है?

सेतु तत्व एक तरफ क्षार और क्षारीय पृथ्वी धातुओं (वर्ग 1 और 2) और दूसरी तरफ धातुरूप / अधातु (वर्ग 13 - 18) के बीच का अंतर हैं। तीसरे आवर्त तत्वों (Na, Mg, Al,Si,P,S,Cl) को विशिष्ट तत्व कहा जाता है। उन्हें इसलिए ऐसा कहा जाता है क्योंकि वे अपने स्वयं के समूह के गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं

पृथ्वी पर कितने तत्व हैं?

आज तक हमें 118 तत्वों की जानकारी है। इन सभी तत्वों के गुण भिन्न-भिन्न हैं। इनमें से 94 तत्व प्राकृतिक रूप में पाये जाते हैं

समूह 14के तत्व को क्या कहते हैं?

वर्ग 14 के तत्वों में कार्बन (C), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn) और लीड (Pb) को रखा जाता है , 14 वें वर्ग के तत्वो में से कार्बन अधातु पदार्थ होता है , सिलिकन और जर्मेनियम को उपधातु की श्रेणी में रखा जाता है और टिन और लेड को धातु कहा जाता है , अत: हम कह सकते है कि इस ग्रुप में दो धात्विक तत्व , दो उपधातु तत्व ...

आवर्त सारणी के दाएं और कौन सा तत्व है?

इन तत्वों में स्थिर विद्युत विन्यास प्राप्त करने के लिए एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है। इन्हें आवर्त सारणी के दाईं ओर रखा जाता है। उदाहरण के लिए, ऑक्सीजन (O), नाइट्रोजन (N), क्लोरीन (Cl), आदि।