अभी न होगा मेरा अंत में क्या भाव निहित है - abhee na hoga mera ant mein kya bhaav nihit hai

विषयसूची

  • 1 अभी न होगा मेरा अंत कविता में कवि का कौन सा मनोभाव प्रकट हुआ है l?
  • 2 अभी न होगा मेरा अन्त का क्या आशय है?
  • 3 कवि का अंत क्यों नहीं होगा क्योंकि * वह अमर है अभी अभी उत्साह का आगमन हुआ है उसे कोई बीमारी नहीं है वह कवि है?
  • 4 ध्वनि कविता के कवि कौन हैं उन्होंने निद्रित कलियाँ किसे कहा है?
  • 5 बदलू लोगों से अपनी चूड़ियों की कीमत कैसे वसूलता था?

इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु हर फूल से नींद की आलस को खींचने की कोशिश करता और हर किसी में नये जीवन का अमृत भर देता है। अभी न होगा मेरा अंत। जब फूल खिल जायेंगे तो वसंत उन्हें इस असीम संसार के दरवाजे खोलकर उसका मनोहारी दृश्य दिखाएगा। अगर दार्शनिक तौर पर देखा जाए तो वसंत का कभी अंत नहीं होता।

अभी न होगा मेरा अन्त का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंध्वनि कविता का भावार्थ (suryakant tripathi nirala poem dhwani in hindi): ध्वनि कविता की इन पंक्तियों में कवि निराला जी कहते हैं कि मैं सोये हुए फूलों यानि निराश लोगों को जीवन जीने की कला सिखा दूँगा। फिर, वो कभी उदास नहीं होंगे और अपना जीवन सुख से व्यतीत कर पाएंगे।

कवि अपने जीवन का अंत क्यों नहीं चाहता है class 8?

इसे सुनेंरोकेंकवि अपने जीवन का अंत क्यों नहीं चाहता? वह ईश्वर से स्वयं मिलना चाहता है। वह अपने जीवन में बहुत से कार्य करना चाहता है। वह निरंतर प्रकृति को सँवारना चाहता है।

लाख की चूड़ियां बनाने वाले कारीगर का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था।

कवि का अंत क्यों नहीं होगा क्योंकि * वह अमर है अभी अभी उत्साह का आगमन हुआ है उसे कोई बीमारी नहीं है वह कवि है?

इसे सुनेंरोकेंकवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा? उत्तर:- कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी उसके मन में नया जोश व उमंग है। अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं।

ध्वनि कविता के कवि कौन हैं उन्होंने निद्रित कलियाँ किसे कहा है?

इसे सुनेंरोकें3 की कविता ‘ध्वनि’ से ली गई हैं | जिसके कवि श्री सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हैं ।

कवि अपना अंत क्यों नहीं चाहता?

इसे सुनेंरोकेंकवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा? कवि को स्वयं पर दृढ़ विश्वास है कि वह अपनी कर्तव्यपरायणता तथा सक्रियता से विमुख होकर अपनै जीवन का अंत नहीं होने देगा। वह तो अपने यशस्वी कार्यो की आभा को वसंत की भाँति सुगंधित रूप में सब और फैलाना चाहता है।

1 कवि अपने जीवन का अंत क्यों नहीं चाहता?

इसे सुनेंरोकेंवह ईश्वर से स्वयं मिलना चाहता है। वह अपने जीवन में बहुत से कार्य करना चाहता है। वह निरंतर प्रकृति को सँवारना चाहता है।

बदलू लोगों से अपनी चूड़ियों की कीमत कैसे वसूलता था?

इसे सुनेंरोकेंवह वस्तु विनिमय ( किसी वस्तु के बदले वस्तु का लेन-देन ) का तरीका अपनाता था लोग उससे अनाज के बदले चूड़ियाँ ले जाते थे. बदलू स्वभाव से बहुत सीधा-साधा था. शादी विवाह के अवसर पर बदलू अपनी चूड़ियों की पूरी कीमत वसूलता था. उसे विवाह अवसर के समय वस्त्र ,अनाज ,पगड़ी और रुपए भी मिलते.

अभी न होगा मेरा अन्त का क्या आशय है?

अन्य शब्दों पर कार्य जारी है। हरे-हरे ये पात, डालियाँ, कलियाँ कोमल गात! अभी न होगा मेरा अन्त।

अभी न होगा मेरा अंत में कवि का कौन सा भाव प्रकट हुआ है?

प्रश्न (1) : 'अभी न होगा मेरा अंत' पंक्ति में कवि का कौन-सा मनोभाव प्रकट हुआ है? उत्तर : 'अभी न होगा मेरा अंत' पंक्ति में कवि का आत्म-विश्वास तथा जीवन के प्रति द्वारा आशावादी होने का भाव प्रकट हुआ है।

ध्वनि कविता में कवि के अभी न होगा मेरा अंत कहने का भाव क्या है?

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ध्वनि कविता में अभी किसका अंत नहीं होगा?

स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है।