अगरबत्ती उद्योग शुरू करने के लिए जो प्राथमिक व आवश्यक कार्य है वो है (मशनी का मूल्य, मटेरीयल, लागत, फाॅर्मुला, कच्चा माल, रेट व स्त्रोत, ट्रेनिंग सेन्टर, उपकरण, श्रमिक, स्थान) ये सभी आवश्यक कार्यों के बारे में प्रारंभिक जानकारी प्राप्त रनी होती है। अगरबत्ती का प्रयोग भारत में प्राचीनकाल से ही हो रहा है। भारत में होने वाले प्रमुख धार्मिक व सामाजिक कार्यों में अगरबत्ती का उपयोग होता है, इसके अलावा जो विदेशों में भी भारतीय
समुदाय के लोगों द्वारा अगरबत्ती का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार विदेशों में भी वर्तमान समय में अगरबत्ती प्रयोग की जा रही है। भारत में सालभर कोई न कोई तीज त्यौहारों में अगरबत्ती की मांग बाजार में बनी ही रहती है और कोई भी व्यवसाय यदि आप आरम्भ करना चाहते है तो आपका पहला काम उस वस्तु के बारे में मांग पता करने का होता है की जिस भी व्यवसाय को आप शुरू करना चाह रहे हैं, जो भी प्रोडक्ट बनाना चाह रहे हैं उसकी मांग भी बाजार में है या नहीं, और अगरबत्ती एक ऐसी वस्तु है जिसकी मांग वर्षभर बाजार में बनी
ही रहती है। अगरबत्ती का व्यवसाय आप बड़े या छोटे स्तर पर कर सकते है। दोनों ही तरीकों से अपनी सहुलियत के हिसाब से आप यह व्यवसाय आरम्भ कर सकते हैं, अगरबत्ती सुगंध फैलाने के साथ ही साथ कीटनाशी और एंटीसेप्टिक गुणों से भरी होती है। अगरबत्ती उत्पादन से संबंधित आवश्यक बातेंव्यवसाय छोटा हो या बड़ा जोखिम तो होती ही है। और निवेश भी अपनी सहुलियत के हिसाब से किया जाता है, तो किसी भी तरह की जोखिम उठाने के पहले उस योजना का क्रियान्वयन पहले ही कर लिया जाना चाहिए ताकि कोई अनिश्चितता ना हो इस हेतु ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें निम्न है :-
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कच्ची सामग्री | मात्रा | मूल्य |
चारकोल डस्ट | 1 Kg | 12 ₹ |
जिगात पाउडर | 1 Kg | 58 ₹ |
सफ़ेद चिप्स पाउडर | 1 Kg | 20 ₹ |
चन्दन पाउडर | 1 Kg | 36 ₹ |
बांस स्टिक | 1 Kg | 115 ₹ |
परफ्यूम | 1 पीस | 390 ₹ |
डीइपी | 1 लीटर | 140 ₹ |
पेपर बॉक्स | 1 दर्जन | 76 ₹ |
रैपिंग पेपर | 1 पैकेट | 36 ₹ |
कुप्पम डस्ट | 1 Kg | 84 ₹ |
अगरबत्ती के मिश्रण को मिलाने वाली मशीन
अगरबत्ती को बनाने के लिए कच्चे सामग्रीयों के पाउडर को मिलाने की आवश्यकता होती है , इस पाउडर को मिलाने के लिए भी बाजार में मशीन उपलब्ध होती है। यदि व्यवसाय का आकार बडा है तो आप इस मशीन का इस्तेमाल कर सकते है। इसकी किमत 32000/- रूपये तक होती है। इस मशीन के द्वारा गीला व सुखा दोनों ही प्रकार का मिश्रण बनाकर तैयार किया जा सकता है।
अगरबत्ती को हाथ से किस प्रकार बनाया जा सकता है
अगरबत्ती का उत्पादन दो प्रकार से किया जा सकता है, एक सामान्य अगरबत्ती के रूप में और दूसरा सुगन्धित अगरबत्ती के रूप में इसको बनाने के लिए अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर जोकि चारकोल पाउडर, लकडी का पाउडर और जिगत पाउडर का मिश्रण होता है , इसे 2 किलो ग्राम की मात्रा में ले ले, फिर उसमें 1 से डेढ लीटर पानी की मात्रा को मिलाकर इसे टाईट आटे की तरह गूंथ ले।
आप इस गुथी हुई मिश्रण सामग्री से दो किलो तक अगरबत्ती आसानी से बनाई जा सकती है फिर बांस की पतली लकड़ी लेकर इसे उस पर चिपका दिया जाता है, और हाथों के द्वारा इसे रोल किया जाता है। इसके बाद इसको सुगंधित स्त्रोत में डालकर सुख लिया जाता है, और उसके बाद पेकिंग के लिए तैयार किया जाता है।
अगरबत्ती को खुशबुदार किस प्रकार बनाया जा सकता है
यदि आप खुशबुदार अगरबत्ती का निर्माण करना चाहते है तो सुखाने के बाद अगरबत्ती को एक विशेष तरह की सुगंध वाली सामग्री मे डुबाकर विशेष सुगंध की अगरबत्ती तैयार कर सकते है। इसके लिए बाजार में उपलब्धडाई इथाइल फॉर्मेट जिसक संक्षिप्त में डीइपी कहा जाता है और सुगंधित परफ्यूम को 4ः1 के अनुपात में अर्थात 4 लीटर डीइपी में 1 लीटर परफ्यूम मिलाकर इसमें अगरबत्तियोें को डूबोकर सुखाने के बाद इसकी पेकिंग की जाती है।
अगरबत्ती को बनाने संबंधित कुछ सावधानियां
अगरबत्ती को कभी भी धूप में नही सुखाना चाहिए इसे हमेशा छाया में या ड्रायर मशीन की मदद से सुखाना चाहिए। इसको सुखने के लिए अलग अलग रखें एक साथ इकठ्ठा एक के उपर एक ना रखें। यदि ऐसा किा तो एक दुसरे से ये चिपक भी सकती है। तो ये मुख्य सावधानियां रखनी चाहिए।
अगरबत्ती उद्योग के लिए रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारी
इस व्यवसाय को यदि आपको बडे स्तर पर करना है तो आपको दस्तावेज संबंधी उचित कार्यवाही कर लेनी चाहिए। जैसे :-
- सबसे पहले आपको आरओसी मेें अपने व्यवसाय का आकारानुसार पंजीयन करा लेना चाहिए।
- इसके अलावा स्थानीय प्राधिकारी के पास लायसेंस के लिए अपील की जानी चाहिए।
- उसके पश्चात वहां से व्यवसाय का पेन कार्ड प्राप्त करें।
- कम्पनी के नाम से बैंक खाता खुलवाया जाना चाहिए।
- इसके बाद जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करें साथ ही व्यापार का कोई चिन्ह रखा है या नाम रखा है तो उसे पंजीकृत करा लंे ताकि कम्पनी का ब्रांड व नाम सुरक्षित रहें।
- इसके अलावा आपको विनिर्माण युनीट के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त कर लें और फेक्ट्री का लायसेंस प्राप्त करें और अपना व्यवसाय संचालित करें।
अगरबत्ती की पैकेजिंग संबंधी जानकारी
किसी भी उत्पाद को बाजार में लाने से पहले उसकी पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए यदि पैकेजिंग अच्छी होगी तो ग्राहक को खरीदने हेतु वह उत्पाद उसे अपनी ओर आकर्षित करेगा। अगरबत्ती की पेकेजिंग हाथों के द्वारा या मशीनों के द्वारा भी की जा सकती है। इसके बाद तैयार उत्पाद को प्लास्टिक के पाउच में गिनती करके भरा जाता है। उसके बाद कम्पनी के लोगो (logo) लगे हुए और कम्पनी के नाम संबंधित जानकारी वाले रंगीन डब्बे या कार्डबोर्ड के डिब्बे में पैकिंग कर दी जाती है।
इसके अलावा यदि यदि मशीन के द्वज्ञरा पैकिंग कनी है तो उइसकी पैकिंग ऑटोमेटिक रूप से होती है जिसमें अगरबत्तीयों की गिनती करते हुए प्लास्टिक के पाउच में भरने की प्रक्रिया अपने आप होती है।
अगरबत्ती की मार्केटिंग
उत्पाद के उत्पादन उसके बाद पैकेजिंग और उसके पश्चात मार्केटिंग की आवश्यकता होती है, यदि अपने उत्पाद का ज्याद से ज्यादा विक्रय करना चाहते है तो आपको उसकी माकेटिंग पर भी ध्यान देना होगा, मार्केटिंग के कई तरीक है जैसे न्यूजपेपर व पत्र पत्रिकाओं के द्वारा आप प्रचार प्रसार कर सकते है।
इसके अलावा बहुत बडे स्तर पर यदि व्यापार करते है तो आप स्थानीय रेडीयों व टी व्ही चैनलों पर भी अपने उत्पाद का प्रचार व प्रसार कर सकते है। और इसके अलावा उसे स्टोर व माॅल तथा शाॅप या ऐसे बाजार जहां ज्यादा से ज्यादा ग्राहक आवाजाही करते है वहां भी आप सैंपल रख सकते है और ग्राहकों को अपने उत्पाद को खरीदने के लिऐ आकर्षित कर सके है।
अगरबत्ती उद्योग प्रशिक्षण (agarbatti making training centre)
अगरबत्ती उद्योग से जुडी और अधिक जानकारी एवं practical training प्राप्त करने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा विधिन्न प्रकर के विभागों द्वारा प्रशिक्षिण करिक्रम आयोजित किये जाते है जैसे :-
- खादीग्राम उद्योग
- Micro, Small & Medium Enterprises Development Institute, Patna
- National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD)