अंकेक्षण कार्यक्रम क्या है इसके गुण व दोष बताइए? - ankekshan kaaryakram kya hai isake gun va dosh bataie?

अंकेक्षण कार्यक्रम का अर्थ (ankekshan karyakram kya hai)

ankekshan karyakram arth paribhasha visheshtaye labha;अंकेक्षण कार्यक्रम एक विस्‍तृत एवं लिखित योजना है जिसके भीतर अंकेक्षण के कार्य की सम्‍पूर्ण रूपरेखा दी हुई होती है। यह इस प्रकार की एक योजना होती है। जिसके आधार पर अंकेक्षण अपना कार्य करता है अंकेक्षण कार्यक्रम पहले से ही बाना लेता है इस को ही अंकेक्षण कार्यक्रम कहते है।

Show

अंकेक्षण कार्यक्रम की परिभाषा (ankekshan karyakram ki paribhasha)

होवार्ड स्‍टटेलर के अनुसार,'' नियोक्‍ता के वित्‍तीय विवरणों के विषय में राय बनाने हेतु पालन की जाने वाली समस्‍त क्र‍ियाओं  की रूपरेखा को अंकेक्षण कहते है।''

आर्थर डब्‍ल्‍यू.होम्‍स के शब्‍दों में,'' जांच की एक लोचदार योजनाबद्ध रीति  ही अंकेक्षण कार्यक्रम कहलाती है।''

डब्‍ल्‍यू.डब्‍ल्‍यू. विग के अनुसार ,'' एकरूपता लाने के लिए और यह निर्णय करने के लिए कि लेखा विधि  के सम्‍पूर्ण कार्य का अंकेक्षण हो जाय एक कार्यक्रम बनाया जाता है जिसे अंकेक्षण कार्यक्रम कहते है।''

अंकेक्षण कार्यक्रम की विशेषताएं (ankekshan karyakram ki visheshta)

अंकेक्षण कार्यक्रम की विशेषताएं इस प्रकार है--

1. स्‍पष्‍टता 

अंकेक्षण कार्यक्रम में प्रत्‍येक मद स्‍पष्‍ट होना चाहिए। अंकेक्षण कार्यक्रम को ऐसा होना चाहिए कि जो अपने कर्मचारियों को ऐसे प्रदान करें जो अंकेक्षण कार्यक्रम की प्रक्रिया में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दे सके।

2. कार्य का विभाजन 

अपने कर्मचारियों के माध्‍य कार्य का विभाजन अंकेक्षण के द्वारा विभाग के आधार पर किया जाना चाहिए जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितना काम कब और किसे करना है।

3. उद्देश्य

अंकेक्षण का मूख्‍य उद्धेश्‍य कार्य का सुचारू रूप से निष्‍पादन कर वाना है कार्य में समानता लाना है व किसी लेन-देन की जांच छुटनी नही चाहिए।

4. कार्य क्षेत्र के आधार पर 

एक अंकेक्षक को चाहिए कि अंकेक्षण कार्यक्रम इस तरह तैयार किये जाते है कि वह कार्य सीमा के भीतर हो। इस तरह से धन का दुरूपयोग रोक दिया जा सकता है।

5. लोचदार 

यह सही बात है कि समय के साथ साथ अंकेक्षण कार्यक्रम में भी  परिवर्तन करने पड़ सकते है। इस प्रकार अंकेक्षण कार्यक्रम इस तरह तैयार किये जाने चाहिये। जिससे समयनुसार अंकेक्षण कार्यक्रम मे सामान्‍य परिवर्तन किये जा सकते है।

6. लेखाकर्म प्रणाली के आधार पर

अंकेक्षण के उपक्रम में प्रयुक्‍त लेखाक्रम प्रणाली के आधार पर होनी चाहिये। जिसके कारण अंकेक्षण प्रकिया में कठिनाई उत्‍पन्‍न न हो।

7. हस्‍ताक्षर, तारीख एवं कार्य

अंकेक्षण के कार्यक्रम में कर्मचारियों के लिए हस्‍ताक्षर तारीख एवं कार्य के लिए अगल-अलग कॅालम होने चाहिये।

8. दायित्‍व का निर्धारण 

अपने कर्मचारियों में कार्य का विभाजन करते समय अंकेक्षण के दायित्‍व का निर्धारण भी कर देना । जिसके चलते हर कर्मचारी कार्य के प्रति अपने दायित्‍व को समझ सके।

9. लिखित 

व्‍यवसायिक उपक्रम में अंकेक्षक नियोक्‍ता व कर्मचारियों के बीच संबन्‍ध बने रहे। इसी उद्धेश्‍य की पूर्ति के लिए अंकेक्षण का लिखित में होना बहुत जरूरी है।

अंकेक्षण कार्यक्रम के लाभ/गुण (ankekshan karyakram ke gun)

अंकेक्षण के लाभया गुण इस प्रकार है--

1. सम्‍पूर्ण जांच लेखों के कार्यक्रम

सम्‍पूर्ण जांच लेखों के कार्यक्रम पहले से ही बना लिये जाते है ताकी भविष्‍य में कार्य करने में किसी भाग के बिना जांच के छुटने का डर नही रहता  है।

2. अंकेक्षण सिद्धान्‍तों का पालन 

अंकेक्षण कार्यक्रम इस बात का विश्‍वास दिलाते है कि अंकेक्षण  कार्यक्रम में अंकेक्षण के सिद्धान्‍तो का पालन हुआ है।

3. कार्य प्रगति 

अंकेक्षण कार्यक्रम के निर्माण में कार्य योजनाबद्ध रूप से होते है इस लिए इस की वजह से किसी भी कार्य की प्रगति जान सकते है। 

4. योग्‍यतानुसार कार्य

अंकेक्षण में कर्मचारियों को कार्य बंटवारा उनकी योग्‍यता के अनुसार होता है उनकी कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है और वह इससे संबंधित कार्य के विशेषज्ञ बन जाते है।

5. उत्‍तरदायित्‍व निश्चित करना 

अंकेक्षण में हर कार्य के संबंध में विशेष व्‍यक्ति को उत्‍तरदायी बनाते है जिस से वह उस कार्य की भलाई और बुराई का वो ही उत्‍तरदायी होता है। 

6. न्‍यायालय में रक्षा 

यदि भविष्‍य में अंकेक्षण के विरूद्ध किसी तरह की लापरवाही हेतु न्‍यायालय में अभियोग चलाया जाता है तो अंकेक्षण अपने रक्षा में अंकेक्षण कार्यक्रमों को प्रमाण के रूप में प्रस्‍तुत कर सकता है।

7. समय की जांच 

योजना के तहत कार्य करने में आगे बार-बार सोचना नही पड़ता है तथा प्रयोग एवं भूल के माध्‍यम से समय की बर्बादी  नही होती है।

8. कार्यों मे एकरूपता 

अंकेक्षण कार्यक्रम में  सिद्धातों  तथा मान्‍यताओं  के आधार पर बनाया जाता है यह अंकेक्षण के पास रिकार्ड के रूप में रहता है यदि भविष्‍य में उस संस्‍था का अंकेक्षण फिर किया जाए तो इस अंकेक्षण को देखकर नया अंकेक्षण को आसानी से हो सकता है।

शायद यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षण कार्य की लिखित लोचदार मार्गदर्शिका होती है जिसमें अंकेक्षण कार्य करने वाले कर्मचारी कब, क्या तथा कैसे अंकेक्षण कार्य करेगा यह सुनिश्चित किया जाता है। अंकेक्षण कार्यक्रम एक विस्तृत तथा लिखित योजना है जिसमें अंकेक्षक के कार्य की पूरी रूपरेखा निर्धारित की जाती है। अंकेक्षण कार्यक्रम एक लिखित योजना है जिसके तहत अंकेक्षक अपना कार्य पूरा करता है।

अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षण कार्य करने के पूर्व बनाया जाता है। इसमें अंकेक्षक द्वारा किए जाने वाले कार्य का पूर्ण विवरण रहता है। अंकेक्षण कार्यक्रम तैयार रहने के कारण, कोई भी अंकेक्षण कार्य छूटने की सम्भावना कम होती है। अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षक के लिए मार्गदर्शिका होती है।

अंकेक्षण कार्यक्रम की परिभाषा

1. होवार्ड स्टेटलर - “नियोक्ता के वित्तीय विवरणों के विषय में राय बनाने हेतु पालन की जाने वाली समस्त क्रियाओं की रुपरेखा को अंकेक्षण कार्यक्रम कहते हैं।”

2. आर्थेर डब्ल्यू. होम्स - “एक लोचदार योजनाबद्ध जाँच की प्रक्रिया को अंकेक्षण कार्यक्रम कहते हैं।” -

उपरोक्त परिभाषाओं से यह स्पष्ट होता है कि अंकेक्षण कार्यक्रम किए जाने वाले कार्यों के विभाजन की एक ऐसी लिखित लोचदार योजना है, जो केवल यह बताती है कि कुल कितना कार्य किस क्रम में और कितने समय में करना है तथा हर कार्य का दायित्व भी सुनिश्चित करती है।

संक्षेप में, अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षण कार्य की समय सारणी है।

अंकेक्षण की विशेषताएँ

एक अच्छे अंकेक्षण कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ हैं- 

  1. अंकेक्षक, नियोक्ता व कर्मचारियों के बीच अच्छा संबंध बना रहे, इस उद्देश्य से अंकेक्षण कार्यक्रम लिखित एवं स्पष्ट होना चाहिए। 
  2. अंकेक्षक व्दारा अपने कर्मचारियों के बीच कार्य का बँटवारा कार्य विभाजन तत्व पर आधारित होना चाहिए। 
  3. समय में परिवर्तन के साथ अंकेक्षण कार्यक्रम इसलिए लोचदार होना चाहिए ताकि उसमें परिवर्तन किया जा सके। 
  4. अंकेक्षण कार्यक्रम मितव्ययी होना चाहिए। 
  5. अंकेक्षण कार्यक्रम में समन्वय होना चाहिए। 
  6. अंकेक्षण कार्यक्रम संस्था में प्रयुक्त लेखाकर्म प्रणाली के अनुरूप होना चाहिए ताकि अंकेक्षण कार्य प्रक्रिया में दिक्कत नहीं आए। 
  7. हर लेन.देन की जाँच सर्वोत्तम प्रमाणकों से होनी चाहिए। 
  8. अंकेक्षण कार्यक्रम में अंकेक्षण कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए दस्तखत तथा तिथि के लिए कॉलम होने चाहिए। 
  9. अंकेक्षण कार्यक्रम की समय.समय पर जाँच होनी चाहिए ताकि इसमें खामियाँ नहीं रह पाए। 

अंकेक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य

अंकेक्षण कार्यक्रम के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-

  1. अंकेक्षण कार्य नियमों के आधार पर समुचित ढंग से पूरा किया है, इसका विश्वास दिलाना। 
  2. अंकेक्षण कार्य करने वाले हर कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करना। 
  3. कार्य विभाजन तत्वों के अनुसार कार्य विभाजन करना। 
  4. अंकेक्षण प्रतिवेदन तैयार करने में सहायक।

अंकेक्षण कार्यक्रम बनाते समय सावधानियाँ

अंकेक्षण कार्यक्रम बनाते समय ये सावधानियाँ बरतना बेहद आवश्यक हैं-

  1. अंकेक्षण कार्यक्रम लोचदार होना चाहिए। 
  2. अंकेक्षण कार्यक्रम लिखित, विस्तृत एवं स्पष्ट और वस्तुनिष्ठ होना चाहिए। 
  3. अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षण के उद्देश्यों के आधार पर होना चाहिए। 
  4. अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षक या किसी वरिष्ठ कर्मी व्दारा बनाया जाना चाहिए। 
  5. संस्था में रखी गई लेखा पुस्तकों की सूची प्राप्त करनी चाहिए। 
  6. अंकेक्षण कार्यक्रम इसके अंतर्गत नियंत्रण के मूल्यांकन के पश्चात बनाना चाहिए। 
  7. संस्था के आवश्यक प्रलेखों के अध्ययन के बाद ही कार्यक्रम बनाया जाना चाहिए।

अंकेक्षण कार्यक्रम के लाभ

अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षक कार्य की नींव है। इसलिए, अंकेक्षण कार्यक्रम बड़ी सतर्कता से तैयार किया जाता है, जिसके लाभ हैं-

  1. अंकेक्षण कार्यक्रम से अंकेक्षण कार्य सुचारू रूप से पूरा होता है। 
  2. अंकेक्षण कार्यक्रम में यह कब, कौन, कैसे, कौनसा कार्य पूरा करेगा तथा कितना समय उस कार्य को लगेगा, इसका पूर्व नियोजन होता है। 
  3. अंकेक्षण कार्यक्रम से अंकेक्षक व्दारा अंकेक्षण कर्मचारियों के कार्य पर आसानी से नियंत्रण तथा समन्वय रखा जा सकता है। 
  4. अंकेक्षण कार्यक्रम में अंकेक्षण कर्मचारियों व्दारा प्रमापित तरीके से अपने कार्य का निर्वहन नहीं करने पर व्यक्ति विशेष को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। 
  5. अंकेक्षण कार्यक्रम से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। 
  6. अंकेक्षक कर्मचारियों व्दारा निष्पादित कार्य का उचित मूल्यांकन होता है। 
  7. अंकेक्षण कार्यक्रम से अंकेक्षण में समय, श्रम एवं पैसों की बचत होती है। 
  8. आदर्श अंकेक्षण कार्यक्रम लोचदार होता है जिससे अंकेक्षण कार्य में परिवर्तन की सुविधा प्राप्त होती है।
  9. अंकेक्षण कार्यक्रम से अंकेक्षण के सिद्धांतों का पालन होता है। 
  10. अंकेक्षण कार्यक्रम को अंकेक्षक न्यायालय में साक्ष्य के रूप में विशेष परिस्थितियों में अपने बचाव के लिए प्रस्तुत कर सकता है।

अंकेक्षण कार्यक्रम के दोष

अंकेक्षण कार्यक्रम के प्रमुख दोष निम्न हैं- 

  1. अंकेक्षण कार्यक्रम से अंकेक्षक के अधीनस्थ कर्मचारियों को कार्य नीरस लगता है। 
  2. अंकेक्षक का नैतिक प्रभाव अधीनस्थ कर्मचारियों पर घटने लगता है। 
  3. अंकेक्षण का कार्यक्रम यन्त्रवत् हो जाने के कारण कुशल कर्मचारियों को अपनी योग्यता साबित करने का अवसर नहीं मिल पाता है। 
  4. अंकेक्षण कार्यक्रम छोटे व्यवसायियों के लिए खर्चीला साबित होता है। 
  5. अंकेक्षण कार्यक्रम में अंकेक्षक कर्मी को खुद का निर्णय लेने का अधिकार नहीं रहता।

अंकेक्षण कार्यक्रम क्या है इसके गुण दोष बताइए?

अंकेक्षण का मूख्‍य उद्धेश्‍य कार्य का सुचारू रूप से निष्‍पादन कर वाना है कार्य में समानता लाना है व किसी लेन-देन की जांच छुटनी नही चाहिए। एक अंकेक्षक को चाहिए कि अंकेक्षण कार्यक्रम इस तरह तैयार किये जाते है कि वह कार्य सीमा के भीतर हो। इस तरह से धन का दुरूपयोग रोक दिया जा सकता है।

अंकेक्षण के दोष क्या है?

आंतरिक अंकेक्षण के दोष/हानि यह बड़ी संस्थाओं के लिए उपयोगी होता है। पक्षपातपूर्ण कार्य की संभावना अधिक बना रहता है क्योंकि इसमें संस्था के ही कर्मचारी होते हैं। कभी-कभी आंतरिक अंकेक्षण का कार्य संस्थाओं के लिए अनुत्पादक भी साबित हो जाता है हालांकि यह अनुत्पादक तब साबित होता है जब अंकेक्षक योग्य व प्रभावशाली नहीं हो।

अंकेक्षण का क्या अर्थ है इसके उद्देश्य एवं लाभों का वर्णन कीजिए?

अंकेक्षण से आशय लेखो की सत्यता की जांच करना होता है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वे सही रूप से संबंधित सौदे के लिए किए गए है की नी । प्रो. प्रतीक चंदवानी लेखा परीक्षा, अंकेक्षण या ऑडिट (audit) का सबसे व्यापक अर्थ किसी व्यक्ति, संस्था, तन्त्र, प्रक्रिया, परियोजना या उत्पाद का मूल्यांकन करना है।

अंकेक्षण कितने प्रकार का होता है प्रत्येक के गुणों तथा दोषों का वर्णन कीजिए?

सरकारी अंकेक्षण याने सरकारी कंपनियों का अंकेक्षण है जो कंप्ट्रोलर एंड आॅडिटर जनरल द्वारा किया जाता है, यह अंकेक्षण वैधानिक अंकेक्षण है। 4. व्यवहारिक अंकेक्षण भिन्न-भिन्न उद्देश्यों से कराए जाते है उदा. पूर्ण अंकेक्षण, चालू अंकेक्षण, सामयिक अंकेक्षण, आंशिक अंकेक्षण, मध्य अंकेक्षण, रोकड़ अंकेक्षण, आंतरिक अंकेक्षण आदि।