Show स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क लखनऊ। फसलों की कटाई के बाद सबसे जरूरी काम अनाज भंडारण का होता है। अनाज के सुरक्षित भंडारण के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की जरूरत होती है, जिससे अनाज को लंबे समय तक चूहे, कीटों, नमी, फफूंद आदि से बचाया जा सके। भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 15 प्रतिशत तक अनाज नमी, दीमक, घुन, बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है। अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई कर दीमक और पुराने अवशेष आदि को बाहर निकालकर जलाकर नष्ट कर दे। दीवारों, फर्श एवं जमीन आदि में यदि दरार हो तो उन्हे सीमेंट, ईट से बंद करे दें। टूटी दीवारों आदि की मरम्मत करा दें। भण्डारण में होने वाली इस क्षति को रोकने के लिए किसान सुझावों को ध्यान में रखकर अनाज को भण्डारित कर सकते हैं। अनाजों को अच्छी तरह से साफ-सुथरा कर धूप में सुखा लेना चाहिए, जिससे कि दानों में 10 प्रतिशत से अधिक नमी न रहने पाए। अनाज में ज्यादा नमी रहने से फफूंद एवं कीटों का आक्रमण अधिक होता है। अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज करें तो समझना चाहिए कि अनाज भण्डारण के लायक सूख गया है। इसके बाद अनाज छाया में रखने के बाद ठंडा हो जाने के बाद ही भण्डार में रखना चाहिए। भंडारण के लिए तैयार करें लकड़ी और तख्ते का मंचअनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से 20 से 25 सेमी की ऊंचाई पर बांस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार करना चाहिए, जो दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो। बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली स्थान रखना फायदेमंद होता है। गोदाम में पक्षियों एवं चूहों के आने-जाने के रास्ते को बंद कर देना चाहिए। अनाजों व दालों का भंडारणकुछ पारंपरिक अन्न भंडारण के तरीके जैसे आनाजों व दालों के कड़वा तेल लगाना, राख मिलाना, नीम, लहसुन व करंज के पत्ते कोठी में बिछाना, सूखे हुए लहसुन के डंठल रखना आदि। अनुसंधानों द्वारा यह पाया गया कि परंपरागत तरीके से आनाज व दालों में 10-20 प्रतिशत तक राख मिलाने से वो ख़राब नहीं होते पर आवश्यक है कि राख को छानकर व सुखा कर ही डाला जाय। राख की रगड़ खाकर कीड़े मर जाते और दानों के बीच की जगह जहां हवा हो सकती है, वहां राख आ जाने से हवा नहीं रहती। इस प्रकार राख मिलाना लाभप्रद होता है। भंडारण करने से पहले यह सावधानियां जरूरी
भंडारण गृह में न हो सीलनभण्डारण के लिए वैसे भण्डार गृह का चयन करना चाहिए, जहां सीलन (नमी) न हो एवं चूहों से अन्न का बचाव किया जा सके। भण्डार-गृह हवादार हो एवं जरूरत पड़ने पर वायुरूद्ध भी किया जा सके। भण्डार से पूर्व पक्का भण्डार गृह एवं धातु की कोठियों को साफ-सुथरा कर लेना चाहिए एवं कीटमुक्त करने के लिए मेलाथियान 50 प्रतिशत का पानी में 1:100 में बने घोल को दीवारों एवं फर्श पर प्रति एक सौ वर्ग मीटर में तीन लेयर घोल की दर से छिड़काव करना चाहिए। बोरियों में अनाज भर कर रखने के पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक खौलते पानी में डाल देना चाहिए। इसके बाद धूप में अच्छी तरह सूखा देना चाहिए अथवा छिड़काव के लिए बने मालाथियान 50 प्रतिशत के घोल में बोरियों को डुबाकर फिर बाहर निकालकर सुखा लेना चाहिए। ठीक से सूख जाने के बाद ही उसमें अनाज भरना चाहिए। This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org). अनाज का वैज्ञानिक भण्डारणअनाज का वैज्ञानिक भण्डारण – अनाज का उचित भण्डारण ना करने के कारण कुल पैदावार का 10-12 प्रतिशत कीड़े, चूहे व अन्य जीव जन्तु व नमी द्वारा नष्ट होता है। इस प्रकार प्रति वर्ष देश को लगभग 7000 करोड़ रूपये की लागत से भी ज्यादा का नुकसान सहन करना पड़ता है। घरों में आज भी किसान साधारणतया पुराने भण्डारण तरीकों, बर्तन एवं उपरकरणों का प्रयोग करते है जिससे अनाज खराब होता है। अधिक नमी वाले अनाज का भंडारण करने से अनाज में कीड़े जल्दी व तेजी से पनपते हैं। कीड़ों, चूहों तथा नमी द्वारा खाया व खराब किया अनाज न तो खाने के और न ही बेचने के योग्य रहता है तथा उस की पौष्टिकता व गुणवता भी नष्ट हो जाती हैं। इसलिए अनाज का सदा वैज्ञानिक ढंग से भण्डारित करें ताकि भण्डार से होने वाले नुक्सान से बचाया जा सके। अनाज कैसे नष्ट/खराब होता है
ये कीड़े कहां रहते है?प्राय: कीड़े बहुत ही छोटे-छोटे होते है व इनका रंग भी अनाज तथा बोरियों से मिलता जुलता है। यदि इन्हें ध्यान से न देखा जाये तो यह आसानी से दिखाई नही पड़ते। उनके छुपे रहने के भी कई स्रोत है।
भण्डारण में कीड़ों की रोकथाम
सावधानी
अनाज को निकालने के बाद निम्नलिखित क्रमानुसार ही घर में सुरक्षित रखना/ भण्डारण करें
अनाज का भंडार कहाँ किया जाता है?प्रत्येक घर में चार या उससे ज़्यादा कमरे हैं, जिनमें से कुछ संभवतः भंडारण के काम आते होंगे।
फसल भंडारण कैसे किया जाता है?कार्य में लगना पड़ता है और दुगुना श्रम करने को बाध्य होती है। अतः यह आवश्यक है कि सुरक्षित अन्न भंडारण का तरीका अपनाया जाए। अनाज में संक्रमण होने के कारण अनाज में संक्रमण व खराब होने के चार मुख्य कारण होते है : नमी, कीट, चूहे और भंडारण के पात्र या बोरे ।
भंडार क्या है भंडारण के प्रकार?भंडारण के प्रकार. निजी भण्डार- व्यापारी या विनिर्माता अपने माल के संग्रहण के लिए स्वयं भण्डारगृह रखते हैं और उसका संचालन करते है तो ऐसे भण्डारगृह निजी भण्डारगृह कहलाते हैं ।. सार्वजनिक भण्डार- यह एक स्वतंत्र इकाई होती हैं जिसमें किराया चुका कर कोई भी व्यक्ति अपने माल को इन भण्डार गृहों में रख सकता हैं।. अनाज का भंडारण क्यों किया जाता है?लखनऊ। फसलों की कटाई के बाद सबसे जरूरी काम अनाज भंडारण का होता है। अनाज के सुरक्षित भंडारण के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की जरूरत होती है, जिससे अनाज को लंबे समय तक चूहे, कीटों, नमी, फफूंद आदि से बचाया जा सके। भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 15 प्रतिशत तक अनाज नमी, दीमक, घुन, बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है।
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