इस लेख में हम अनुस्वार ,अनुनासिक, विसर्ग और पंचमाक्षर के बारे में जानेंगे . In this artcle we will learn about anusawr ,anunasik ,visarg and panchamakshar. Show
अयोगवाह किसे कहतेहैं?अयोगवाह:-अनुस्वार(ं ) और विसर्ग (ः)को अयोगवाह कहते हैं अयोगवाह को हम अगर तोड़कर लिखें तो ये इस तरह से लिख सकते हैं If we break the word ayogwah, we can write it this way अ+योग+वाह अ-नहीं no, योग-जुड़ना add ,वाह-वहन करना to bear
अयोगवाह कितने होते हैं? How many are ayogwah?
anuswar kise kehte hain?
अनुस्वार का प्रयोग वास्तव में अनुस्वार का प्रयोग शब्द के आरंभ में न आकर मध्य या अंत में होता है। उच्चारण में इसके विभिन्न रूप होते हैं परंतु लेखन में इसे वर्ण पर लगने वाले बिंदु के द्वारा ही प्रकट किया जाता
है। शब्द में अनुस्वार की स्थिति- शब्द के मध्य में अनुस्वार विभिन्न स्थितियों में हो सकता हैThe position of the anuswar in the word - The anuswar in the middle of the word can be in different situations 1.पंचमाक्षर वर्णों के स्थान परअनुस्वार का प्रयोगIn place of the fifth letter(i).यदि 'क' वर्ग के पहले चार वर्णों के पहले 'क' वर्ग का ही स्वर रहित पंचमाक्षर (ङ) आता है तो (ङ) की जगह अनुस्वार का प्रयोग होता है। If the vowel-less fifth letter(ङ), before any of the first 4 characters of the 'क' class, then use anuswar instead of a letter(ङ). (ii)'च' वर्ग के पहले चार वर्णों के साथ अगर उसी वर्ग का स्वर रहित पंचमाक्षर (ञ) आता है तो उसकी जगह अनुस्वार का प्रयोग होता है। If any of the first four letters of the 'च' class, comes after the vowel-less panchamakshar (ञ), then anuswar is used instead of a letter (ञ). (iii)अगर 'ट' वर्ग के पहले 4 वर्णों के साथ 'ट' वर्ग का ही स्वर रहित पंचमाक्षर ण आता है तो ण की जगह अनुस्वार का उपयोग करते हैं use the anuswar instead of 'ण', If any of the first four letters of the 'ट' class comes after the vowel-less fifth letter 'ण'. (iv)'त' वर्ग के स्वर रहित पंचमाक्षर 'न' के पहले अगर इसी वर्ग के पहले चार अक्षरों में से कोई भी वर्ण आता है तो 'न' की जगह अनुस्वार का प्रयोग करते हैं। If any of the first four letters of the 'त' class comes after the fifth letter 'न', then instead of 'न', use the anuswar. (v)'प' वर्ग के पहले 4 अक्षरों के साथ अगर इसी वर्ग का स्वर रहित पंचमाक्षर 'म' आता है तो उसकी जगह अनुस्वार का प्रयोग होता है। use the anuswar instead of 'म', If any of the first four letters of the 'प' class comes after the vowel-less fifth letter 'म'. 2. यदि किसी शब्द में पंचमाक्षर दो बार आए या द्वित्व रूप में आए तो पंचमाक्षर अनुस्वार में परिवर्तित नहीं होगा जैसे example-प्रसन्न happy,अन्य other, सम्मेलन conference को प्रसनं, अयं,समेंलन रूप में नहीं लिखा जाता है । 3.यदि स्वर रहित पंचमाक्षर के बाद किसी अन्य वर्ग का पंचमाक्षर आता है तो स्वर रहित पंचमाक्षर अपने मूल रूप में ही रहता है If any Panchamakshar comes after the vowel-less Panchamakshar, then the vowel-less Panchamakshar remains in its original form. वाङ् मय literature , उन्मुख oriented, चिन्मय intellectual आदि। 4.अंग्रेजी, उर्दू भाषा से ग्रहण किए हुए विदेशी शब्दों में आधे वर्ण या अनुस्वार के बदले नासिक व्यंजन को पूरा लिखा जाता है। In the foreign words adopted from English, Urdu language, the Nasal consonant is written in full instead of half a letter or anuswar. example-तनखाह salary,कमसिन delicate 5.यदि स्वर रहित पंचमाक्षर य, व और ह से पहले आता है तो वहाँ अनुस्वार का प्रयोग नहीं होता, स्वर रहित पंचमाक्षर ही आता है If the vowel-less Panchamakshar comes before य, व and ह, then there anuswar is not used, the only vowel -less Panchamakshar comes. जैसे-पुण्य good work,अन्य other, समन्वय, कन्हैया name , तुम्हारा yours, कुम्हार potter आदि । 6.जिस वर्ण पर अनुस्वार लगा होता है, उसका अगला व्यंजन र,ल,श,स में से कोई होगा तो अनुस्वार, अनुस्वार ही बना रहता है। वह किसी भी आधे व्यंजन में परिवर्तित नहीं होता the letter which has aanuswar, if any of its next consonant is र,ल,श,स ,then the anuswar remains the anuswar. It does not turn into any half consonant. जैसे-वंश dynasty,हंस swan,कंस kans,मुंशी accountant 7.सम् उपसर्ग के बाद अगर अंतःस्थ या उष्म व्यंजन आए तो निश्चित रूप से स्वर रहित म(म् )के स्थान पर अनुस्वार ही आएगा If the semi-vowel or thermal consonant comes after the सम् prefix, then there will surely be an anuswar in place of the vowel-less म(म् ). जैसे सम् + सार=
संसार world,सम्+वाद =संवाद conversation, 8.शब्द के अंत में अनुस्वार की स्थिति -कई बार शब्द के अंत में स्वर रहित म (म्) होने पर ,उसे भी अनुस्वार के रूप में लिखा जाता है। Position of Anusvara at the end of the word - Many times when there is a vowel-less म (म्) at the end of the word, it is also written as Anuswar. अनुनासिक किसे कहते हैं ?
अनुनासिक anunasik wordsअँ-अँग्रेजी English ,हँसना laugh, गँवार I'll breed, फँसना stuck आँ-आँगन courtyard, जाँच investigation ,चाँद moon. चिड़ियाँ birds,पाँव leg, कुआँ well इँ- खिंचाई pulled up, सिंचाई irrigation , सिंघाड़ा water chestnut ईँ-ईंट brick ,खींचना pull ,छींकना sneezing, कहीं somewhere ,नहीं no उँ-मुँह mouth, उँगली finger, धुँधला blurred, ऊँ-पूँछ tail, ऊँचाई height, सूँघना smell ,गूँज echo, पूँजी capital एँ-में in , फेंकना throw ,सेंकना भाषाएँ languages, माताएँ mothers ऐँ- मैं I,कैंची scissors, सैंतीस 37 ओँ- गोंद glue ,ओंठ lips , चोंच beak औँ- पौंछा mop ,रौंदना trample on ,चौंकना shocked अनुस्वार और अनुनासिक में अंतरविसर्ग किसे कहते हैं ?विसर्ग-- अः वर्ण को कहते हैं। इसका लिपि चिन्ह (ः) है। इस चिह्न में एक बिंदु के नीचे दूसरी बिंदु लगाकर प्रदर्शित किया जाता है।
पंचमाक्षर किसे कहते हैं ?
अनुस्वार क्या है उदाहरण सहित समझाइए?अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इससे अक्सर ं जैसी ध्वनि नाक के द्वारा निकाली जाती है, अतः इसे नसिक या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी म (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि।
अनुस्वार का मतलब क्या होता है?अनुस्वार का अर्थ होता है, स्वर के बाद आने वाला। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो स्वर के बाद आने वाला व्यंजन अनुस्वार कहलाता है। अनुस्वार की ध्वनि नाक से निकलती है।
अनुस्वार वाले शब्द कौन कौन से हैं?अनुस्वार के 10 शब्द।
गिल्लू – काँव-काँव, उँगली, काँच, बूँदें, रोएँ, पूँछ, काँच, झाँकते। स्मृति- बूँदा-बाँदी, गाँव, आँगन, कँप-कँपी, बाँध, साँप, कुएँ, पाँच, फुँकार, फूँ-फूँ, दाँत। कल्लू कुम्हार की उनाकोटी- झाँका, मुँहजोर, उँड़ेल, बाँस, सँभाले, धँसकर।
अनुनासिक शब्द कौन सा है?अनुनासिक स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में मुख के साथ-साथ नासिका (नाक) की भी सहायता लेनी पड़ती है,अर्थात् जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है वे अनुनासिक कहलाते हैं। हँसना, आँख, ऊँट, मैं, हैं, सरसों, परसों आदि में चन्द्रबिन्दु या केवल बिन्दु आया है वह अनुनासिक है।
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