एक्जिमा त्वचा के शोथ की वजह से होता है और इससे त्वचा में खुजली होती है और त्वचा शुष्क हो जाती है। आश्चार्यजनक रूप से, शिशुओं को भी एक्जिमा हो सकता है, जो दो महीने की आयु में भी शुरू हो सकता है। एक्जिमा का प्रभावी रूप से उपचार किया जा सकता है और इसलिए, अधिकांश बच्चे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। लेकिन एक्जिमा से पीड़ित कुछ बच्चों में यह वयस्क होने तक बना रहता है अथवा उन्हें अन्य ऐटोपिक (एलर्जी संबंधी) बीमारियां हो जाती हैं जैसे एलर्जी और अस्थमा। Show एक्जिमा के लक्षण त्वचा पर लाल, कठोर चक्कते एक्जिमा के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। तत्पश्चात् यह शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकते हैं लेकिन यह आमतौर त्वचा की परत, घुटनों के पीछे और नैपी लगाने के स्थान पर विकसित होते हैं। शिशुओं में, एक्जिमा आमतौर पर गाल, गले की त्वचा और अंगों के जोड़ों में पाया जाता है। शुरुआत में, गलती से इसे हीट रैश समझा जा सकता है। एक्जिमा से त्वचा बहुत अधिक शुष्क और संवेदनशील हो जाती है जिससे आपके शिशु का मिजाज चिड़चिड़ा हो सकता है, वह प्रभावित क्षेत्र को अक्सर खुजलाने का प्रयास कर सकता है। आमतौर पर, एक्जिमा अलग-अलग गंभीरता के साथ आता-जाता रहता है, और यह कई कारकों पर निर्भर करता है। एक्जिमा के कारण
किसप्रकारकेलोगोंकोएक्जिमाहोनेकी संभावनाअधिकहोतीहै? सामान्य से अधिक शुष्क और संवेदनशील त्वचा वाले शिशु। यदि परिवार में ऐटोपिक अस्वस्थता जैसे कि अस्थमा, एक्जिमा और अलर्जी होने का इतिहास रहा है, तो शिशु को एक्जिमा होने की संभावना 50% से अधिक है। उपचार मृदु टॉपिकल स्टेरॉइड जैसे कि हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम, जो बिना डॉक्टर की पर्ची के बेची जाती है, एक्जिमा के उपचार में प्रभावी हो सकती है। यद्यपि स्टेरॉइड क्रीम सूजन को कम करती है और प्रभावित क्षेत्र में खुजली में आराम पहुंचाती है, इसका संयम से इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि अधिक इस्तेमाल से त्वचा पतली हो सकती है। यह सलाह दी जाती है कि 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम का इस्तेमाल न करें। इसलिए, केवल डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही इसे इस्तेमाल करें। एक्जिमा अपेक्षाकृत अधिक गंभीर स्थिति में होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक दे सकता है। प्रभावित क्षेत्र में खुजली की अनुभूति में आराम और राहत पहुंचाने के लिए खाने के लिए हिस्टमीन रोधी गोलियां दी जा सकती हैं। निवारण 1) अपने बच्चे को शांत रखने के लिए उसे दिन में एक बार गुनगुने पानी से स्नान कराएं लेकिन बहुत अधिक गर्म पानी का इस्तेमाल न करने के प्रति सावधान रहें क्योंकि उच्च तापमान से एक्जिमा बढ़ सकता है। स्नान की अवधि 10 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। 2) अपने शिशु के लिए मृदु (हल्के), बिना सुगंध वाले, हाइपोएलर्जिक टॉयलेटरीज का इस्तेमाल करें। ओटमील-आधारित बाथ लोशन आपके शिशु की त्वचा की खुजली को राहत पहुंचाने में मदद कर सकता है। 3) स्नान के बाद बच्चे को तौलिए से पोंछ। तौलिए को रगड़ने से घर्षण उत्पन्न होगा और इससे एक्जिमा बदतर हो जाएगा। सुनिश्चित करें कि त्वचा के परत पूरी तरह से सूखी हो। 4) अपने शिशु की त्वचा को अच्छी तरह से नम रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि त्वचा निर्जलित हो जाती है। प्रभावी परिणाम के लिए पेट्रोलियम जैली युक्त मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें और मॉश्चराइजर को स्नान के तत्काल बाद इस्तेमाल किया जाना सबसे अच्छा होता है क्योंकि उस समय त्वचा गीली होती है और वह अधिकतम अवशोषण करती है। 5) अपने बच्चे को ढीले, आरामदेह सूती कपड़े पहनाएं ताकि चैफिंग द्वारा कम से कम खुजली हो। अपने शिशु के नए कपड़ों को इस्तेमाल करने से पहले एक बार धो लें। 6) अपने बच्चे के नाखूनों को काटकर और घिस कर रखें क्योंकि शिशु ददोरे को खुजलाते समय स्वयं को खरोंच लेते हैं। 7) अपने बच्चें को सुलाते समय ठंडे और आरामदेह कपड़े पहनाएं। ऊनी कंबल और रजाइयों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, विशेषकर उच्च आर्द्रता वाले भूमध्य रेखाएं देशों में। 8) अपने बच्चे के बेडरूम और खेलने के स्थान को साफ-सुथरा रखें अपने बच्चे के बिस्तर को नियमित रूप से धूप में रखें। यदि आपके पास कोई पालतू जानवर है, तो सावधान रहें क्योंकि उनकी रूसी और धूल कण एक्जिमा को आसानी से शुरू कर सकते हैं। अपने शिशु के पास रूई से भरे खिलौने और कालीन रखने से बचें क्योंकि इनमें धूल और मिट्टी आसानी से घुस जाती है। 9) तापमान में एकदम बदलाव करने से बचें क्योंकि इससे एक्जिमा की स्थिति बदतर हो सकती है। अत: अपने शिशु को अचानक गर्म से ठंडे तापमान में और ठंडे से गर्म तापमान में न ले जाएं। आपकोडॉक्टरकेपासजानेकीआवश्यकता कबहोतीहै? यदि आपके शिशु की त्वचा पपड़ीदार बन जाती है और आपके शिशुको ददोरेहैं साथ में मवाद से भरी हुई फुंसियां हैं, तो इसका अभिप्राय है कि यह एक्जिमा की गंभीर स्थिति है और आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता है। अपने शिशु को ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचाएं जिन्हें मुंह के छाले हैं (जिन्हें ओरल हर्पीज भी कहा जाता है) या खुला घाव है। बच्चों के शरीर में खुजली होने पर क्या करें?आप नारियल के तेल से मालिश कर सकते हैं. गर्मी में खुजली होने पर बच्चे को ऐसी क्रीम लगाएं जिसमें मेंथॉल, कैलेम्लाइन या एलोवेरा हो. 3-घमौरियां- गर्मी में बच्चों को पसीने से घमौरियां हो जाती हैं. ऐसे में बच्चों को शरीर पर लाल दानें निकल आते हैं.
खुजली को कैसे दूर करे?नीम के एंटी बैक्टीरियल गुण खुजली को कम करते हैं.. हल्दी (Turmeric). एलोवेरा (Aloe Vera). लौंग का तेल (Clove Oil) नारियल का तेल (Coconut Oil) शरीर पर नारियल का तेल लगाने पर खुजली में आराम मिलता है. इसके साथ ही नारियल का तेल लगाने पर आपको ठंडक भी महसूस होगी. अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है.. बच्चों के शरीर पर लाल चकत्ते क्यों होते हैं?अर्तिकारिया (Urticaria) (हाइव्स के नाम से भी जाना जाता है), यह तब होता है जब आपका शिशु उस पदार्थ के संपर्क में आ जाए जिससे उसे एलर्जी है, इससे उसकी त्वचा पर लाल, खुजलीदार चकत्ते विकसित हो जाते हैं। ऐसा उनकी त्वचा पर हिस्टामाइन (histamine) नामक पदार्थ के पैदा होने पर होता है।
छोटे बच्चों को एलर्जी हो तो क्या करें?अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को एलर्जी है, तो तुरंत किसी डॉक्टर की सलाह लें। हालाँकि अगर आप अपने बच्चे के लक्षणों पर गौर कर लेंगे तो आप डॉक्टर को सही जानकारी दे पाएंगे। इससे आप अपने बच्चों की एलर्जी पर बेहतर तरीके से काबू कर पाएँगे।
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