भारत अमेरिका संबंधों का संक्षेप में वर्णन कीजिए - bhaarat amerika sambandhon ka sankshep mein varnan keejie

नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के साथ एक बार फ‍िर चर्चा भारत-अमेरिका संबंधों पर केंद्रित हो गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि शीत युद्ध के बाद दोनों देश कब निकट आए। आखिर वह कौन से पड़ाव है, करार है, ज‍िससे दोनों देश एक दूसरे के निकट आए। आज अमेरिका को भारत की जरूरत क्‍यों पड़ी। दरअसल, शीत युद्ध की समाप्ति के बाद भारत में उदारीकरण की प्रक्रिया ने तेजी से गति पकड़ी। भारत की लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था और बड़े बाजार ने दुनिया को आकर्षित किया। इसके अलावा अब अमेरिका की सामरिक चुनौतियों का स्‍वरूप बदला है। चीन की इंडो पैसिफ‍िक और दक्षिण चीन सागर में बढ़ते दखल ने अमेरिका की चिंता बढ़ाई है। चीन अमेरिका के लिए एक नई आर्थिक और सामरकि चुनौती पेश कर रहा है। ऐसे में अमेरिका को भारतीय गठजोड़ खूब रास आ रहा है। दोनों देश निरंतर एक दूसरे के निकट आ रहे हैं। आइए जानते हैं दोनों देशों के निकटता के प्रमुख पड़ाव।

भारत अमेरिका संबंधों का संक्षेप में वर्णन कीजिए - bhaarat amerika sambandhon ka sankshep mein varnan keejie

Year Ender 2022: विश्व भर में सुर्खियां बनीं दुनिया की ये सात घटनाएं, तालिबान राज भी है शामिल

यह भी पढ़ें

1- वर्ष 2000 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति क्लिंटन का नई दिल्‍ली दौरा

प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग की बुनियाद काफी पुरानी है। उन्‍होंने कहा कि 1990 के दशक के अंत में दोनों देश एक दूसरे के निकट आए। इस दशक में तत्‍कालीन भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह और अमेरिकी राजनयिक स्‍ट्रोब टालबाट के बीच रक्षा सहयोग को लेकर वार्ता हुई थी। दोनों नेताओं के बीच संवाद के बाद ही वर्ष 2000 में अमेरिका के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन ने नई दिल्‍ली का दौरा किया था। उन्‍होंने कहा कि हालांकि, इसकी बुनियाद वर्ष 1984 से 1989 के मध्‍य पड़ी। उस वक्‍त दोनों देशों ने रक्षा तकनीक में सहयोग के संबंध विकसित करने की कोशिश की थी।

भारत अमेरिका संबंधों का संक्षेप में वर्णन कीजिए - bhaarat amerika sambandhon ka sankshep mein varnan keejie

NASA: 40 हजार किमी प्रति घंटा की रफ्तार से लौटा ओरियन, नासा के आर्टमिस ल्यूनर प्रोग्राम का पहला चरण पूरा

यह भी पढ़ें

2- वर्ष 2002 में भारत-अमेरिका के बीच हुआ अहम करार

उन्‍होंने कहा कि इस कड़ी में वर्ष 2002 में भारत के तत्‍कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस का अमेरिका का दौरा काफी अहम रहा। इस दौरे में भारत और अमेरिका के बीच एक अहम करार हुआ था। दोनों देशों के बीच तकनीकी संबंधी जानकारी का आदान-प्रदान पर करार हुआ था। दोनों देशों के बीच इस करार के तहत तकनीक संबंधी जानकारी को गोपनीय रखने की शर्त भी शामिल थी। इस संधि की बुनियाद पर आगे चलकर भारत को अमेरिका से हथ‍ियार खरीदने में आसानी हुई।

3- मोदी के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध हुए प्रगाढ़

वर्ष 2014 में भारत और अमेरिका के संबंधों को एक नई गति मिली। आम चुनाव के बाद यूपीए सरकार सत्‍ता से बाहर हुई। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। उस वक्‍त अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्‍टन कार्टर थे। मोदी के कार्यकाल में वर्ष 2016 भारत और अमेरिका के बीच संसाधनों के आदान-प्रदान का समझौता हुआ। भारत और अमेरिका की लंबी वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच सामरिक साझीदारी कायम हुई। इसके बाद दोनों देश एक दूसरे के सैन्‍य संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश एक दूसरे के जहाजों और विमानों को ईंधन की आपूर्ति या अन्‍य जरूरी सामान मुहैया कराना था। मार्च, 2016 में रायसीना डायलाग के दौरान अमेरिका की पैसिफ‍िक कमान के प्रमुख एडमिरल हैरी हैरिस ने दोनों देशों से अपील की थी कि उन्‍हें अपने संबंधों पर ऊंचाई पर ले जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अब समय आ गया है जब दोनों देशों को दक्षिण चीन सागर में आपसी तालमेल से गश्‍त लगाना चाहिए।

4- वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच संचार सुरक्षा समझौता

इसके बाद यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच संचार सुरक्षा समझौता हुआ। इसके बाद भारत ने अमेरिका के अन्‍य रक्षा सहयोगी देशों की श्रेणी हासिल कर ली। इस करार के बाद अमेरिका भारत को गोपनीय संदेश वाले उपकरण मुहैया करा सकता है। इन उपकरणों के माध्‍यम से भारत शांति या युद्ध के समय अपने बड़े सैन्‍य अफसरों और अमेरिका के सैन्‍य अफसरों के मध्‍य सुरक्षित गोप‍नीय संवाद कर सकता है। असल में ये समझौता दोनों देशों के बीच विश्‍वास मजबूत करने की एक कड़ी थी। इसके आधार पर भारत और अमेरिका अपने रिश्‍तों के भविष्‍य की इमारत खड़ी कर सके। इससे दोनों देश एक दूसरे के निकट आए। हालांकि, यह समझौता दोनों देशों के लिए बाध्‍यकारी नहीं है।

5- फरवरी, 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ऐतिहासिक यात्रा

फरवरी, 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊर्जा मिली थी। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद, हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया था। भारत और अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के संबंधों को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी बताया था।

6- भारतीय अमेरिकी लोगों की अग्रणी भूमिका

उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों में भारतीय अमेरिकी लोगों की अग्रणी भूमिका रही है। अमेरिका की राजनीति में भारतीय अमेरिकी लोगों की प्रभावशाली भूमिका रही है। वह एक महत्‍वपूर्ण वोट बैंक के रूप में उभर कर सामने आए हैं। अमेरिका में उनकी बड़ी आबादी के अलावा वह काफी शिक्षित और बेहद अमीर हैं। इस वक्‍त 50 लाख से ऊपर भारतीय अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ हैं। भारतीय अमेरिकी पैरवी का ध्‍यान भारत की समस्याओं की ओर झुका है। अप्रवासन कानून के संबंध में, भारतीय प्रवासियों ने यू.एस की 1965 अप्रवासन नीति में भारतीयों के लिए अप्रवासन कानूनों के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं की प्रशंसा करके भारतीय अमेरिकी लोगों की राजनीतिक भागीदारी पर प्रकाश डाला था। इसके बाद अमेरिकी राजनीति में भारतीय अमे‍रिकी का प्रभाव बढ़ रहा है।

भारत अमेरिका संबंध कैसे थे?

भारत-अमेरिका संबंध द्विपक्षीय सहयोग साझा करते हैं। यह व्यापक-आधारित और बहु-क्षेत्रीय है, जिसमें व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, उच्च-प्रौद्योगिकी, असैनिक परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग, स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य शामिल हैं।

भारत अमेरिका संबंधों की शुरुआत कब हुई?

पहली बार 2005 में शुरू की गई इस बाद की पहल ने अमेरिकी अप्रसार नीति के तीन दशकों को उलट दिया। इसके अलावा 2005 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग के विस्तार के लक्ष्य के साथ दस वर्षीय रक्षा ढांचा समझौते पर हस्ताक्षर किए।

अमेरिका का दूसरा नाम क्या है?

अमेरिका के संयुक्त राज्य (अंग्रेज़ी: United States of America), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (सं॰रा॰; अंग्रेज़ी: United States या US) या अमेरिका कहा जाता हैं, उत्तरी अमेरिका में स्थित एक देश हैं, यह 50 राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र से मिलकर बना हैं।

भारत और अमेरिका एक दूसरे के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत की अर्थव्यवस्था का अनुमानित विकास, जनसंख्या का बढ़ता आकार, मध्यवर्ग का उदय, तथा इसकी जमीन का शहरीकरण, आने वाले वर्षों में इसके सतत और कुल विकास के लिए भारत की ऊर्जा जरूरतें महत्वपूर्ण हैं। भारत से व्यापक ऊर्जा भागीदारी पेश करने के लिए अमेरिका का विशेष स्थान है।